सभाजीत सिंह ने शिक्षा के बाजारीकरण के खिलाफ लंबे समय तक आंदोलन चलाया है और शिक्षा के अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों के दाखिले को ले कर छेड़े गए आंदोलन पर कई सामाजिक संगठनों ने उन्हें सम्मानित भी किया है.

जावड़ेकर की ‘मैं हूं न’

दिल्ली. अरविंद केजरीवाल के चुनावी वादों और ऐलानों से भारतीय जनता पार्टी में खलबली मची हुई है. इस से उन की आपसी खींचतान भी सामने आ रही है. बौखलाहट में नेता अलगअलग बयान दे रहे हैं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल का एक कार्यक्रम तक रद्द करा दिया गया.

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इसी सिलसिले में बुधवार, 28 अगस्त को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की तरफ से नए बने प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘मैं सब संभाल लूंगा.’

यह कहना जितना आसान लग रहा है उतना ही करना मुश्किल होगा, क्योंकि फिलहाल भाजपा अरविंद केजरीवाल के तोहफों वाले सियासी गणित में फंस कर रह गई है.

‘इंदिरा कैंटीन’ के बहाने

बैंगलुरु. कांग्रेस के सिद्धारमैया ने 15 अगस्त, 2017 को ‘इंदिरा कैंटीन’ योजना चलाई थी और आज बैंगलुरु में 173 ‘इंदिरा कैंटीन’ और 18 ‘मोबाइल इंदिरा कैंटीन’ काम कर रही हैं जिन में 5 रुपए में नाश्ता और 10 रुपए में दोपहर और रात का खाना मिलता है.

कांग्रेस सरकार गई तो अब इस योजना पर बंद होने के काले बादल मंडराने लगे हैं जबकि 28 अगस्त को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा

कि राज्य सरकार की ‘इंदिरा कैंटीन’ बंद करने की कोई योजना नहीं है लेकिन वे उस के काम करने के तरीके की जांच कराना चाहते हैं.

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