पिछले कुछ साल से कांग्रेस पार्टी में भीतरी कलह कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने तो ठान ही लिया था कि वह देश को ‘कांग्रेस मुक्त’ कर देगी.

इस मुहिम में खुद बहुत से कांग्रेसियों ने मानो भाजपा का साथ दिया और वे पार्टी छोड़ कर भाजपा के अलावा दूसरे दलों में जाते दिखाई दिए.

बड़े दिग्गज तो छोडि़ए, छोटे सिपहसालार भी कांग्रेस को डूबता जहाज समझ कर चूहे की तरह भागे. एक बानगी देखिए...

आदरणीय राहुल गांधीजी,

मेरे लिए आप सर्वोच्च हैं, मेरी कर्तव्यनिष्ठा पार्टी के लिए एक कार्यकर्ता के तौर पर सदैव बरकरार रहेगी.

पर, मैं मुंबई युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

आप का आज्ञाकारी

सूरज सिंह ठाकुर

यह एक चिट्ठी है, जो सूरज सिंह ठाकुर ने राहुल गांधी के नाम लिखी है. अब ये सूरज सिंह ठाकुर कौन हैं, जो एक तरफ तो राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रति आज्ञाकारी और कर्तव्यनिष्ठ बनते हैं और दूसरी तरफ पद से इस्तीफा भी दे देते हैं?

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मुंबई युवा कांग्रेस का नाम तो आप ने सुना ही होगा. उस में अध्यक्ष पद को ले कर मचे झगड़े और गुटबाजी का नतीजा यह हुआ कि मंगलवार, 24 अगस्त, 2021 की देर शाम युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद का ऐलान होना था और हुआ भी, पर जैसे ही विधायक रह चुके बाबा सिद्दीकी के बेटे और बांद्रा (पूर्व) से कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी को युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, तो सूरज सिंह ठाकुर ने विद्रोह का बिगुल बजा कर राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया. वजह, वे भी इस अध्यक्ष पद के दावेदार थे.

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