छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणी संकट में दिख रहे हैं. यह संयोग है या फिर कोई षड्यंत्र की एक सप्ताह में छह: हाथी मृत पाए गए हैं. जिनमें एक हाथी "गणेश" नाम का है जो देशभर में बहुचर्चित है. गणेश पर देश की प्रतिष्ठित पत्रिका मनोहर कहानियां ने सितंबर 2019 में एक लंबी रिपोर्ट प्रकाशित की थी और बताया था कि किस तरह रायगढ़ के धर्मजयगढ़ में एक ही परिवार के 4 लोगों को गणेश हाथी ने मार डाला था. छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़ जिला में लगभग 18 लोगों को गणेश हाथी ने हलाक कर डाला.
युवा गणेश के बारे में कहा जा सकता है कि वह सही मायने में एक स्वतंत्र वन्य प्राणी था, जिसने जो भी गलती से भी उसके सामने आ गया उसे अपने रास्ते से हटा दिया. और तो और वन विभाग के लाख प्रयासों के बावजूद वह वन विभाग के काबू में कभी नहीं आया. गणेश हाथी ने वन विभाग के द्वारा पैरों में डाली गई मोटी मोटी जंजीर तोड़ डाली. ऐसा शक्तिशाली युवा गणेश विगत दिनों रहस्यमय ढंग से मर जाता है तो प्रश्न उठना लाजमी है कि आखिर गणेश की मृत्यु क्यों और कैसे हो गई? यह मामला दबा ही रह जाता अगर कुछ वन्य प्राणी अधिकारों के लिए लड़ने वाले संवेदनशील लोग हल्ला बोल नहीं करते. अब स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने गणेश हाथी को लेकर सवाल उठाया है, जिससे भूपेश सरकार हाशिए में आ गई है .
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नेता प्रतिपक्ष कौशिक आए सामने
‘गणेश’ हाथी की संदेहास्पद मौत पर छत्तीसगढ़ की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है, ‘यह मरा नहीं, मारा गया है, वन अमले ने लिया है बदला’
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