भाजपा का झंडा भले ही हरा, सफेद और केसरिया रंग से मिल कर तैयार हुआ हो पर अब भाजपा के हर कार्यक्रम में केसरिया रंग सब पर भारी पड़ गया है. कार्यकर्ता से लेकर नेता तक इस रंग में रंगे नजर आने लगे हैं. केसरिया रंग अब भाजपा की नजर में ‘भगवा रंग’ कहा जाने लगा है. भगवा रंग के बढ़ते चलन का सबसे बड़ा कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भगवा रंग के कपड़े पहनना है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा की 2 दिन की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में साइंटिफिक कंन्वेशन सेंटर में पूरा भगवा रंग दिखाई दिया. भाजपा के अपने झंडे से अधिक पूरा केसरिया रंग ही छाया हुआ था.

पार्टी के प्रमुख नेता और कार्यकर्ता भगवा रंग की ड्रेस में थे. जो भगवा ड्रेस में नहीं थे वह भगवा गमछा या भाजपा के कमल फूल वाला गले में डाला जाने वाला गमछा पहने हुये थे. भाजपा ने सभा में आने जाने के लिये एंट्री पास बनाया था उसको पहनने के लिये भी भगवा रंग का पट्टा रखा गया था. स्टेज को सजाने में भगवा रंग का कपड़ा कई बार कम पड़ गया. नेताओं के स्वागत के लिये बुके तैयार हुआ तो उसमें भी भगवा रंग की छाप दिख रही थी.

देश के 14 राज्यों में भाजपा की अपनी और 3 राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सरकार है. पार्टी इस ताकत को और बढ़ाने की दिशा में काम करने को तैयार है. केन्द्र सरकार ने 3 साल में क्या किया और योगी सरकार ने अपने कम समय में क्या किया इसकी चर्चा खूब हुई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाकाहार को बढ़ावा देते हुए कहा कि हमारे मंत्रिमंडल में आधे से ज्यादा शाकाहारी हैं. मै खुद प्याज लहसुन नहीं खाता, हमारा स्वास्थ्य तो अच्छा है. हम किसी से कमजोर नहीं. हमारे उम्रदराज मंत्री तक सुबह 9 बजे से लेकर रात का 1-1 बजे तक काम करते हैं.

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