मजदूरों नहीं तीर्थयात्रियों की है – सरकार

एक तरफ काफी संख्या में महानगरों में लाखों मजदूर दाने दाने के लिए मुँहताज हैं. किसी हाल में वे घर आना चाहते हैं. उसे सरकार किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है. जिन नौजवानों के खून पसीने से देश भर की फैक्ट्रियाँ गुलजार रहती है. उनके हाँथों से बनाये गए उत्पादों का उपभोग सारी दुनिया के अमीर गरीब,राजा से लेकर रंक तक करते हैं.फैक्ट्रियों के मालिक इनके बल पर गुलछर्रे उड़ाते हैं.आज वे ही दाने दाने के लिए मौत के करीब पहुँच गये हैं.इन मजदूरों द्वारा जारी फोटो और वीडियो देखकर किसी भी संवेदनशील ब्यक्ति का दिल दहल जाएगा.

सरकार का ध्यान इन भूखे लाचार लोगों की तरफ नहीं है.इन मजदूरों की आवाज दिल्ली में राज कर रहे प्रधानसेवक और उनके लगुवे भगुवे तक नहीं पहुँच पा रही है.दूसरी तरफ तीर्थयात्रियों को धार्मिक स्थलों से लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का अवहेलना करते हुवे उनके घरों तक लग्जरी गाड़ियों से पहुँचाया जा रहा है.

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गुजरात के लोग किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए हरिद्वार गए थे.इसी बीच लॉक डाउन हो गया.जो जहाँ थे वहीं फँस गए लेकिन गृह मंत्री के निजी हस्तक्षेप के बाद इन यात्रियों को अपने घरों तक पहुँचाया गया.

दूसरी घटना है.काशी बनारस की जहाँ से हमारे प्रधानमंत्री जी सांसद हैं.इनके आवाज पर पूरे देश में लॉक डाउन है. लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं.जो जहाँ हैं वहीं रहें.लेकिन वाराणसी में महाराष्ट और उड़ीसा से आये एक हजार तीर्थ यात्री यहाँ फँस हुवे थे.तमिलनाडु,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश,महाराष्ट और उड़ीसा के एक हजार से अधिक यात्रियों को 25 बसों और चार क्रूजर से सुरक्षाकर्मियों संग सभी लोगों को पहुँचाया गया.

पैंतालीस सीटों पर पैंतालीस यात्री.प्रधानमंत्री जी किस सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आप करवा रहे हैं.

इन तीर्थ यात्रियों की आवाजें लोगों के कानों तक तुरन्त पहुँच गयी.जबकि ये लोग होटल और धर्मशाला में थे.जिला प्रशासन इन लोगों को खाने पीने के साथ सारी सुविधाओं का ख्याल रखे हुवे थी.जबकि मजदूर कई राज्यों में भूख से बेहाल हैं.

इन घटनाओं से स्पष्ट हो गया कि यह सरकार मेहनतकशों के लिए नहीं.तोंद फुलाये टिका लगाये जो परजीवी हैं. उनके ही हितों की बात सोंचती है.

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भाकपा माले के राष्ट्रीय नेता एवं पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि इस देश के मेहनतकश और श्रमिक वर्ग के लोगों अगर बात समझ में नहीं आयी तो अंग्रजों के गुलामी से भी बुरा हाल होने वाला है. इस कोरोना की वजह से गरीब,बेबस और लाचार लोग बेमौत मारे जायेंगे. यह सरकार पूंजीपतियों और धार्मिक ढकोसलेबाज लोगों को ही हर चीजों में प्राथमिकता देगी.

तरक्की की ओर हैं क्या

एक ओर भारत सरकार दुनिया की नजरों में अच्छी इमेज बनाने की कोशिश में लगी है, वहीं पैसों की बरबादी भी सामने आ रही है.

अस्पताल बनाने, दवा तैयार करने व डाक्टरों की भरती को ले कर सरकार ज्यादा गंभीर नहीं है, बल्कि मिसाइल और मास्क, कोरोना किट खरीदने में लगी है. इस की कानोंकान किसी को खबर नहीं है. जब खबर उजागर होती है तो पता चलता है कि कोरोना किट के नाम पर हम ठगे गए हैं तो मास्क भी घटिया किस्म का दिया है. विपक्षी दल भी मूकदर्शक बना सरकार के साथ कदमताल कर रहा है.

एक ओर जहां कोरोना भय का माहौल है. सरकार अपनी तरफ से कुछ भी करने का वादा नहीं कर रही. इसी तरह फंसे मजदूरों को कोई राहत नहीं दे  रही. हजारों लोग जो बीच जगहों पर फंसे हुए हैं, उन को भी कोई सहूलियत नहीं दी जा रही. ये लोग अपने घर जाने को ले कर बेचैन हैं. अभी तक तो सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है इन लोगों को ले कर.

तरक्की का ढोल पीट कर यह सलाह दी गई है कि अपने घर से बाहर न जाएं. ताली बजाएं थाली पीटें, रोशनी करें. रोशनी के नाम पर तो मिनी दीवाली ही लोगों ने मना ली, पर उन बेचारों की सुध नहीं ली जो जहां फंसा हुआ है उसे उस की जगह तक पहुंचा दिया जाए.

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तरक्कीपसंद, अमनपसंद देश में ऐसी खुशहाली आएगी, सपने में भी नहीं सोचा था. जो जहां था वहीं का हो कर रह गया, ऐसा भी नहीं सोचा था. घरों में पत्नीबच्चे परेशान हैं. पता नहीं, अब कब वे माकूल दिन लौटेंगे.

ऐसा नही है कि भारत में सभी समस्याओं का खात्मा हो गया है.  आज भी कई लोग तमाम दिक्कतों को सहन कर रहे हैं. तंगहाली में जीने को मजबूर हैं. गाड़ियां चल नहीं रही हैं, बसों के पहिये रुके हुए हैं, मैट्रो बंद हैं, ऐसे में कैसे जाएं घर और कैसे लौटें काम पर…

सरकारी इंतजाम नाकाफी हैं. हर ओर यही नजारा देखा जा सकता है. ऊपर से राज्य सरकार ने भी अपने यहां ज्यादा सख्ती कर रखी है. ऐसी सख्ती भी किस काम की, लोग यों ही अपनी जान खो रहे हैं.

एक घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर की है. यहां 2 बहनों के गलेसड़े शव मिले हैं क्योंकि फ्लैट से बदबू उठ रही थी. दरवाजा खुला, तो पुलिस भी चौंकी.

हुआ यह कि किराए पर रह रहीं 2 लड़कियों के पास मकान मालिक ने पड़ोसी को किराया लेने भेजा. आसपास रह रहे लोगों ने कहा कि अंदर से बदबू आ रही है. आननफानन पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा वीभत्स था. बंद फ्लैट में 2 लड़कियों के सड़ चुके शव पड़े थे.

जानकारी के मुताबिक, बर्रा के रहने वाले राजेश दिल्ली बीएसफ में तैनात है. इन का कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र में फ्लैट है, जिस को 4 महीने पहले दोनों लड़कियों ने ओयो के माध्यम से बुक कर के किराए पर लिया था.

ये दोनों सगी बहनें थीं. मकान मालिक हर माह का किराया लेने के लिए फ्लैट में किसी न किसी को भेजते थे.

14 अप्रैल को जब उन का पड़ोसी किराया लेने पहुंचा तो उस को वहां रहने वाले लोगों ने बताया कि कुछ दिनों से फ्लैट से अजीब सी दुर्गंध आ रही है और फ्लैट में रहने वाली लड़कियां भी काफी दिनों से नहीं दिखाई पड़ी हैं.

ऐसा सुन कर इस की सूचना पुलिस को दी गई. सूचना पर पहुंची पुलिस और फॉरेन्सिक की टीम ने दरवाजा तोड़ा तो वहां का नजारा देख सभी के होश उड़ गए. दोनों बहनों के शव कमरे के फर्श पर पड़े थे और उन के गले में फंसी रस्सी कमरे में लगी खिड़की के सहारे बंधी हुई थी. दोनों के गले में एक ही रस्सी के कोने थे और शव बुरी तरह से सड़ चुके थे.

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शवों की स्थिति देख कर मामला भले ही सुसाइड का लग रहा था, लेकिन कमरे में लेटे शव और सिर्फ 2 हाथ ऊंची खिड़की से लटक कर सुसाइड नहीं हो सकता, यह भी दिख रहा था.

पुलिस ने दोनों युवतियों की पहचान करते हुए बताया कि दोनों सगी बहनें आभा शुक्ला और रेखा शुक्ला हैं. इन की मौत कैसे हुई, यह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ होगा. वहीं, फॉरेंसिक टीम ने मौके से बरामद सभी चीजों की बारीकी से जांच की. मौके से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है

वहीं दूसरी घटना भी उत्तर प्रदेश के कानपुर के ग्रामीण क्षेत्र सजेती क्षेत्र के मवई भच्छन गांव की है. यहां 10 अप्रैल की देर  रात कच्ची शराब की पार्टी हुई थी. जहरीली शराब पीने से  2 लोग मर गए, जबकि 6 बीमार हो गए. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

एसएसपी अनंत देव ने बताया कि यह तो पता नहीं चल सका कि शराब कहां से आई थी. पर, शराब बोतल में थी.

सजेती क्षेत्र के मवई भच्छन गांव में प्रधान रणधीर सचान ने 10 अप्रैल की देर रात कच्ची शराब बनाने के लिए भट्ठी चढ़वाई थी और पार्टी आयोजित की थी.

सूचना पर इन्हें नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया. हालत गंभीर होने पर सभी को इलाज के लिए कानपुर भेज दिया गया. बीमारों में रणधीर सचान भी है. मरने से में अंकित फतेहपुर के अमौली पीएचसी में फार्मासिस्ट था, वहीं अनूप पेशे से ट्रक ड्राइवर था.

तीसरी घटना ने तो वाकई आंखें खोल दी और राज्य सरकार की पोल खोल कर रख दी . केरल से एक बेहद मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर आया. अपने 65 साल के पिता को बीमार देख कर एक बेटा उन्हें अस्पताल ले जाने को सड़क पर दौड़ता दिखाई दिया.

बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस शख्स के घर से एक किलोमीटर पहले ही एक ऑटो को आगे बढ़ने से रोक दिया था. ये ऑटो मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए आया था, लेकिन जब पुलिस ने उसे रोक दिया तो बीमार बाप को वक्त पर अस्पताल पहुंचाने को उन का बेटा उन्हें गोद में ही ले कर सड़क पर दौड़ पड़ा.

यह  घटना केरल के पनलूर शहर की है. बीमार पिता को अस्पताल ले जाने के लिए उस के बेटे ने एक ऑटो को घर तक बुलाया था.

हालांकि पुलिस ने इस ऑटो को घर से एक किलोमीटर दूर की एक चेक पोस्ट पर ही रोक दिया. जब कोई और रास्ता नहीं मिला, तो इस शख्स का बेटा उसे गोद में उठा कर दौड़ पड़ा.

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सवाल यह है कि पुलिस ने आखिर बुजुर्ग बीमार को अस्पताल ले जाने की स्थिति में भी वाहनों को जाने की अनुमति क्यों नहीं दी?

सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने पुलिस के काम करने के तौरतरीकों को कठघरे में ला खड़ा किया है.

एक ओर सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आ रहा है, वहीं लोगों की सोच अभी भी दकियानूसी बातों  में उलझी हुई है और सोचने पर मजबूर करती है कि 21वीं सदी का भारत 18वीं सदी की गाथा लिख रहा है?

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सरकार अपनी तरफ से कुछ भी करने का वायदा नहीं कर रही. न सरकारी मशीनरी का वेतन रोका है, न फंसे मजदूरों को कोई राहत दे रहा है, न व्यापारियों को कर माफी की बात हो रही है, न किसानों को कुछ दिया जा रहा है. आखिर सरकार की नीति क्या  है, इस का जवाब है क्या?

ऐसे सवालों को दरकिनार करते हुए सरकार अपना ही राग अलाप रही है. वह कह रही है कि लोग काम करें, पर कैसे, बता नहीं रही. क्योंकि बसें, मैट्रो, रेलें सभी तो बन्द है. मजदूर, गरीब जिन के पास अपना साधन नहीं है, वे कैसे काम पर जा पाएंगे.

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सरकार ने काम को ले कर कुछ छूट तो दी है, पर अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए.

एक तरफ तो कह रही है कि काम करो, वहीं दूसरी तरफ आने-जाने की कोई सुविधा नहीं दे रही. फैक्ट्री में ही काम करो, वहीं रहो और सो जाओ. क्या महिलाएं इन शर्तों पर काम कर पाएंगी? वही कंपनी के मालिक भी ऐसी सोशल डिस्टेन्स की व्यवस्था कैसे कर पाएंगे?

भले ही कुछ सेक्टर में यह छूट 20 अप्रैल से दी जा रही हो, पर सरकार ने अपनी शर्तें भी जोड़ दी हैं. यानी मध्यम वर्ग और गरीब तबके की कमर को और तोड़ने का ही प्रयास किया गया है.

नई गाइडलाइन के तहत ट्रेनों में सुरक्षा से जुड़े लोग ही आजा सकेंगे. इस के अलावा घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवाओं पर रोक रहेगी. बस, रेल, मेट्रो, ऑटो, तिपहिया टैक्सी बंद रहेंगे. स्कूल, शिक्षण संस्थाएं, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे. औद्योगिक गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी. सिनेमा, जिम, माल बंद रहेंगे.

हालांकि, 20 अप्रैल से चुनिंदा जगहों पर कुछ गतिविधियों को मंजूरी मिलेगी, पर सोशल डिस्टेनसिंग बनाए रखना होगा और दफ्तर, सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकना अनिवार्य किया गया है. सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर जुर्माना लगेगा. जिले में आनेजाने व एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी रोक रहेगी.

सरकार सुविधाओं के नाम पर लोगों को टॉफ़ी पकड़ा रही है. लोगों को भी सरकारी बोली बोलने को कहा गया है इसलिए किसी राजनीतिक नेताओं के बोल नहीं फूट रहे.

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वाहवाही सुनने की आदी सरकार ने कोरोना का ऐसा माहौल पैदा कर दिया है कि हर कोई डरा सहमा घर में बंद रहने को मजबूर है.

भले ही 3 मई तक लौक डाउन है, पर इस तरह की छूट मिलने से लौक डाउन 2 कितना कामयाब हो सकेगा, यह तो 20 अप्रैल के बाद ही पता चल सकेगा.

Corona जागरूकता में भोजपुरी के दिग्गज कलाकार आये आगे

देश में कोरोना (COVID-19) एक बड़ा संकट बनता जा रहा है कोरोना संक्रमितों की संख्या में हर रोज भारी इजाफा देखा जा रहा है. इसको देखते हुए प्रधानमन्त्रीं नरेन्द्र मोदी (Naredra Modi) नें लौक डाउन को 3 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया है. लौक डाउन आगे बढ़ाने के पीछे का बस एक ही मकसद है की लोग अपने घरों से बाहर न निकलें. जिससे सोशल डिस्टेंस को बनाये रखनें में मदद मिल सके और कोरोना सक्रमण के फैलाव को रोका जा सके.

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उत्तर प्रदेश और बिहार में मजदूरों के पलायन के चलते यहाँ कोरोना संकट और भी गहरा गया है. इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ा है. यहां हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं. चूँकि यूपी और बिहार में भोजपुरी सिनेमा को खूब पसंद किया जाता है और यहाँ भोजपुरी अभिनेताओं के फैन्स की संख्या भी करोड़ों में हैं. इस दशा में भोजपुरी अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने आगे बढ़ कर अपने फैन्स के लिए एक मोटिवेशनल वीडियों बनाया है. जिससे भोजपुरी बेल्ट के लोगों को घर में रहनें और सोशल डिस्टेंस के लिए मोटीवेट किया जा सके.

 

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Ek chhota sa prayaas tha poori bhojpuri industry ko ek saath laakar desh ki janta ko corona ke khilaaf jaagruk karne ka.Hum sabhi kalakaar ekta ke saath khade hain is mushqil daur mein.Main dhanyawaad dungi sabhi kalakaaron ka jinhone apne video bytes bheje aur unka bhi jo kisi kaaran se nahi bhej paaye.Hamara prayaas hai ki sabhi log lockdown ka paalan karein aur ghar se baahar bilkul na niklein.Corona ko haraana hai,desh ko jeetana hai.Jai hind,Jai bharat. #Manoj tiwari #Dinesh Lal yadav #Ravi kishan #Pawan singh #Khesari lal yadav#Pakhi hegde #Anjana singh #Yash Mishra #Smrity sinha #Vinay Anand #Kk Goswami#Seema singh #Sadhika randhawa #Poonam Dubey #Ritu Singh #Aditya ojha #Anara gupta#Shubham Tiwari #Prem singh #bhavna barthwal #payas pandit #Nehashree #Rohit Singh Matru#CP bhatt #Deepak sinha #Glory mohanta#Sanjay bhushan #Amrish singh #gunjanpant

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इस मोटिवेशनल वीडियों को बनाने का विचार भोजपुरी अभिनेत्री गुंजन पन्त (Gunjan Pant) और अमरीश सिंह (Amrish Singh) का है. इस वीडियो को सभी भोजपुरी कलाकारों नें अपने घरों में रहते हुए अपने मोबाईल से ही शूट किया है. जिसका एडिटिंग गोविन्द दूबे ( Govind Dubey) नें किया है.
इस वीडियो में भोजपुरी के सभी दिग्गज अभिनेता और अभिनेत्री लोगों से घर में रहनें और सोशल डिस्टेंस बनाये रखने की अपील करते नजर आ रहें हैं. वीडियो की शुरुआत गुंजन पन्त ने कोरोना से जुड़े पंक्तियों से करते हुए किया है. इसके बाद प्रधानमंत्री का सन्देश शामिल किया गया है.

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इसके बाद सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) लोगों से अपील करते नजर आ रहें हैं. इस वीडियों में दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav) ‘निरहुआ’ (Nirhua) , पवन सिंह( Pawan Singh), खेसारीलाल (Khesari Lal) ,पाखी हेगड़े (Pakhi Hedge), अंजना सिंह (Anjana Singh) ,गुंजन पन्त (Gunjan Pant), अमरीश सिंह(Amrish Singh), स्मृति सिन्हा (Smriti Singha), विनय आनंद (Vinay Anand), यश कुमार (Yash Kumar), केके गोस्वामी( K.K. Goswami), सीमा सिंह( Seema Singh), सौरव कुमार( Saurav Kumar), साधिका रंधवा(sadhika Randha), रितु सिंह(Ritu Singh), पूनम दूबे(Punam Dubey), अनारा गुप्ता( Anara Gupta) , शुभम तिवारी( Shubham Tiwari), आदित्य ओझा (Aditya Ojha), प्रेम सिंह (Prem Singh), भावना बरथवाल (Bhawna Barthwal), मटरू (Mataru), सीपी भट्ट(C.P. Bhtta), दीपक सिन्हा (Deepak Singha), पायस पंडित (Payas Pandit) , नेहा श्री ( Neha Shree), ग्लोरी मोहंता Glory Mohanta), नें अपने अपने तरीके से लोगों को मोटिवेट करने का प्रयास किया है.

इस वीडियो को बनाने वाले एक्टर्स का कहना को उम्हें विश्वास की भोजपुरी बेल्ट के लोग उनकी अपील जरुर सुनेगें और बेवजह न ही अपने घरों से बाहर निकलेंगे न ही सोशल डिस्टेंस के नियमों को तोड़ेंगे.
इस वीडियो को बनाने में अपनी अहम् भूमिका निभाने वाली गुंजन पन्त नें अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए उसके कैप्शन में लिखा है “एक छोटा सा प्रयास था पूरी भोजपुरी इंडस्ट्री को एक साथ लेकर देश की जनता को कोरोना के खिलाफ जागरूक करने का. हम सभी कलाकार एकता के साथ खड़े हैं इस मुश्किल दौर में. मैं धन्यवाद दूंगी सभी कलाकारों का जिन्होंने अपने वीडियो भेजें और उनका भी जो किसी कारण से नहीं भेज पाए. हमारा प्रयास है कि सभी लोग लॉक डाउन का पालन करें और घर से बाहर बिल्कुल ना निकले. कोरोना को हराना है देश को जिताना है जय हिंद जय भारत.”

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रिलीज होते ही छा गया सपना चौधरी का ये नया गाना, देखें Video

सपना चौधरी (Sapna Choudhary) का हाल ही में एक धमाल मचाने वाला वीडियो सौंग ‘गजबन छोरी’ (Gajban Chhori) यूट्यूब पर रिलीज हुआ है. वह इस वीडियो सौंग में अपने हौट लुक्स से अपने फैन्स के ऊपर बिजलियां गिरा रहीं हैं. सपना चौधरी हरियाणा के सबसे पौपुलर सिंगर और डांसर में शुमार हैं और उनके चाहनें वालों की संख्या करोड़ों में है.

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सपना चौधरी के हरियाणवी गानों को सभी भाषाओं के लोग पंसद करते हैं. हिंदी और भोजपुरी बेल्ट में सपना चौधरी (Sapna Choudhary)  के वीडियो सौंग सबसे ज्यादा देखे और सुने जाते हैं. सपना चौधरी अपने इस नए वीडियो सौंग में वेस्टर्न लुक में नजर आ रहीं हैं जिसमें उन्होंने जबरदस्त डांस किया है. माना जा रहा है लौकडाउन पीरियड के लिहाज से सपना के इस नए गाने को सुन कर लोग अपनी बोरियत कुछ हद तक कम करनें में कामयाब होंगे.

https://www.youtube.com/watch?v=qsSQLbm9jns

सपना चौधरी के इस नए वीडियो सौंग गजबन छोरी को पी एंड एम मूवीज (P&M Movies) के म्यूजिक लेबल पर लांच किया गया है. जिसको गाया है एमडी देसी रौक (MD Desirock) और सपना चौधरी नें. इस वीडियो सौंग के निर्माता पवन चावला (Pawan Chawla) हैं और संगीत लक्ष्य (Lakshya) ने दिया है. मिक्स एंड मास्टर का काम डी चंदू (D Chandu) नें किया है. इस वीडियो सौंग के सहायक निर्देशक परविंदर सुरलिया (Parvinder Surliya) है. नए वीडियो सौंग के छायांकन की जिम्मेदारी अमित बिश्नोई (Amit Bishnoi) नें निभाई है.

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‘गज बड़ पानी नै चाली’ तोड़ चुका है रिकार्ड

इस गाने के पहले सपना चौधरी के वीडियों सौंग ‘गज बड़ पानी नै चाली’ (Gajban Pani Ne Chali) को खूब पंसद किया गया था. इस गाने को शादी – विवाह के मौके पर भी खूब बजाया गया. इस वीडियो सौंग को यूट्यूब पर 19 करोड़ से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है. सपना चौधरी ने इस हरियाणवी वीडियो सौंग पर स्‍टेज पर जबरदस्‍त डांस किया है. इसमें उन्‍होंने बेहतरीन स्‍टेप करके खूब ठुमके लगाए हैं.

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सपना चौधरी बिग बौस (Bigg Boss) में भी अपना जलवा बिखेर चुकी हैं. बिग बौस के घर में रहनें के दौरान वह खूब पौपुलर हुई थीं. सपना चौधरी के गाने टिक टौक पर भी बहुत ट्रेंड करते हैं जिसपर काफी सारे वीडियो बन चुके हैं.

Lockdown में देश बनता चाइल्ड पोर्नोग्राफी का होटस्पोट

देश में कोरोना लाकडाउन के बीच इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) की तरफ से देश के लिए शर्मनाक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में लाकडाउन के दौरान देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी में अप्रत्याशित और खतरनाक वृद्धि बताई गई है. आईसीपीएफ ने कहा कि ऑनलाइन मोनिटरिंग डेटा वेबसाइट दिखा रही है कि लाकडाउन के बाद लोगों में ‘चाइल्ड पोर्न’, ‘सैक्सी चाइल्ड’ और ‘टीन सैक्सी वीडियो’ की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. इस के साथ ही दुनिया की सब से बड़ी पोर्न वेबसाइट पोर्नहब से यह भी पता चलता है कि लाकडाउन के बाद 24 से 26 मार्च तक देश में चाइल्ड पोर्न की मांग में 95 प्रतिशत वृद्धि हुई है.

इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फण्ड ने इसे ले कर एक रिपोर्ट जारी की, जो भारत के 100 मुख्य शहरों के हालिया शोध पर है. जिस में दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकता इत्यादि शहर शामिल हैं. इस रिपोर्ट का नाम ‘चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल इन इंडिया’ है. इस के अनुसार दिसंबर 2019 के दौरान पब्लिक वेब पर 100 शहरों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री की कुल मांग 50 लाख प्रति माह थी जिस में अब अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट में हिंसक सामग्री की मांग में 200 प्रतिशत तक की वृद्धि का खुलासा किया गया है. यानी इन हिंसक सामग्री में जबरन सैक्स जैसे बच्चे का गला दबाना (चोपिंग), दर्दनाक सेक्स (ब्लीडिंग) और टॉर्चर इत्यादि आते हैं. इस रिपोर्ट में हिंसक सामग्री के बारे में बताने का मतलब भारतीय पुरुष की बच्चों के प्रति बढ़ती मानसिक दुराचार को दिखाती है साथ ही यह भी दिखाती है कि भारतीय पुरुष सामान्य पोर्नोग्राफी से संतुष्ट नहीं बल्कि हिंसक और बर्बर सामग्री की मांग करते है. यह कुरूप होती मानसिक सोच को दिखाती है.

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आईसीपीएफ ने अपनी इस रिपोर्ट में चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन की हालिया रिपोर्ट का भी जिक्र किया जिस में पता चला कि लाकडाउन के 11 दिनों के भीतर देश भर से 92000 से अधिक इमरजेंसी कॉल आई. यह कॉल्स यौन दुर्व्यवहार और हिंसा से सुरक्षा को ले कर की गई थी. ‘इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फण्ड’ की रिपोर्ट लाकडाउन अवधी के दौरान सामना किये जाने वाले अत्यधिक यौन खतरे की ओर इशारा करती है. साथ ही ‘चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल इन इंडिया’ की रिपोर्ट में बाल यौन शोषण सामग्री की बढती मांग दर्शाती है कि बच्चे लाकडाउन में यौन उत्पीड़क के निशाने पर सब से ज्यादा है. जाहिर है संभावना यह है कि उत्पीड़क और पीड़ित दोनों ही घरों में बंद है.

इस रिपोर्ट में ‘ईसीपीएटी’, ‘यूनाइटेड नेशन’ और ‘यूरोपोल’ की हालिया रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया. जिस में चाइल्ड ऑनलाइन ग्रूमिंग का जिक्र किया गया. ऑनलाइन ग्रूमिंग का मतलब इन्टरनेट में बच्चों को सोशल मीडिया में अजनबियों या जानपहचान वालों द्वारा भावनात्मक रिश्ता बना विश्वास में ले कर निजी फोटो या वीडियो की मांग करना. सोशल मीडिया में टीनेजर और बच्चों के साथ इस तरह के अपराध में भारी वृद्धि हुई है. खासकर व्हाट्सएप, फेसबुक में इस का अत्यधिक उपयोग हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार चाइल्ड पोर्न में विशेष उम्र ढूंढी जाती है. ख़ासकर ‘स्कूल गर्ल’ के कंटेंट को खोजा जाता है. इस में उम्र, क्रियाएँ तथा लोकेशन की खोज विशेष तौर पर की जाती है. इस के इतर खासतौर पर हिंसक विडियो की खोज की जाती है.

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भारत इस समय पूरी दुनिया में सब से ज्यादा पोर्न उपभोगी देश है. भारत में सामान्य 70 प्रतिशत ब्राउज़िंग पोर्न कंटेंट के लिए होती है. देश की स्थिति यह है कि अगर देश में कोई सनसनीखेज बलात्कार हो जाए तो पीड़ित महिला के नाम से वीडियो पोर्नसाईट पर ट्रेंड करने लगती है. प्रियंका रेड्डी के मामला इस का ताजा उदाहरण है. साथ ही एक हालिया रिपोर्ट में इस का एक सब से बड़ा कारण स्मार्टफोन का बढ़ता चलन है. स्मार्टफोन के कारण भारत में लाकडाउन के 3 हफ़्तों के दोरान पोर्नोग्राफी देखने में 20 परसेंट की उछाल आई है. किन्तु यह सारी रिपोर्टस भारत के लिए चिंता का विषय हैं. जाहिर है पोर्नोग्राफी एक समय के लिए किसी के लिए यौनकुंठा को निकालने का जरिया हो लेकिन इस से तरह तरह की मानसिक समस्याएं पैदा होती हैं. अपने पार्टनर के साथ अधिक अपेक्षाएं जुड़ जाती हैं. अलगाव और अवसाद जन्म लेते हैं. यौन अपराधों में बढ़ोतरी होती है. खासकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का बनना और देखना मानसिक संकीर्णता को दर्शाता है.

चाइल्ड पोर्न से जुड़ी यह रिपोर्ट खतरनाक होती स्थिति को दर्शाती है. भारत में फरवरी 2009 चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ संसद में विधेयक सफलतापूर्वक पास हुआ था. यानी चाइल्ड पोर्न को पूरी तरह से गैरकानूनी घोषित किया गया. इस में बच्चों से जुड़े पोर्न वीडियो को प्रसारित और प्रचारित करने वाले को दंड का भी प्रावधान है. जिस में चाइल्ड पोर्न ब्राउज़िंग करने पर 10 लाख तक जुर्माना और 5 साल की सजा मिल सकती है. किंतु ‘इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फण्ड’ की रिपोर्ट भारत के कमजोर आईटी एक्ट की कलह भी खोल रही है कि सब कुछ पता होते हुए भी इस में सरकार मजबूत कदम नहीं उठा पा रही.

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Corona का चक्रव्यूह, नरेन्द्र मोदी की अग्नि परीक्षा

प्रधानमंत्री दामोदरदास मोदी ने 14 अप्रैल के ऐतिहासिक दिवस पर सुबह 10 बजे कोरोना विषाणु महामारी के बरक्स देश को संबोधित किया. जैसा कि हम जानते हैं यह खबर कल से ही वायरल थी कि मंगलवार को प्रधानमंत्री देश को संबोधित करने जा रहे हैं.और इसके साथ ही बड़ी बेताबी के साथ देश की भयाकांत जनता प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को सुनने के लिए बेताबी से इंतजार कर रही थी. कुछ लोगों को यह उम्मीद थी कि देश के सर्वे सर्वा होने की फल स्वरुप नरेंद्र मोदी लोक लुभावनी घोषणाएं करेंगे , तो बहुत लोग यह अपेक्षा कर रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर प्रतीकात्मक रूप से संबोधन में उन्हें नमन करते हुए राजनीतिक “खिलंदड़ी” दिखा जाएंगे.  और अगर कहेंगे कि देश की जनता तुम डांस करो तो देश की जनता उनके कहने पर सड़कों पर नृत्य भी करने लगेगी.

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दरअसल  प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को देश की जनता को संबोधित करने में आनंद की अनुभूति होती है. क्योंकि आपके आह्वान पर देश की जनता वह सब करने लगती है जो अपने नेता या प्रधान मंत्री  के कहे पर किया जाता है. और विरोधी यह सब देख कर कहते हैं- देखो! किस तरह देश रसातल को जा रहा है. सवाल है, देश को संबोधित कर दिशा देने का और आम गरीब जनता को मजबूत संबल देने का, आज 14 अप्रैल हमारे देश के संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब अंबेडकर के जन्म दिवस पर क्या नरेंद्र मोदी का संबोधन  इन चुनौतियों पर खरा उतर  है. इन प्रश्नों का  प्रति उत्तर देना अभी जल्दबाजी होगी. क्योंकि इनका सही जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है.

नरेन्द्र मोदी का हाव भाव!

आज जब जैसे ही सुबह  के 10 बजे, देश के सभी टीवी चैनलों पर जैसे समय थम गया. थोड़ी देर में नरेंद्र दामोदरदास मोदी प्रकट हुए उनके हाव भाव बदले हुए नजर आए कोरोना विषाणु के खिलाफ संदेश देते हुए उन्होंने चेहरा ढक रखा था जिसे सबसे पहले उन्होंने हटाया और देश की जनता को संबोधित करते हुए लगभग 20 मिनट तक अपनी बात विस्तार से रखी .आज मोदी के चेहरे पर बेहद गंभीरता दिखाई दे रही थी उनके एक एक शब्द में देश की जनता के लिए दिशा देते हुए संदेश था. उन्होंने अपने इस एक तरह से ऐतिहासिक भाषण में बाबा साहब को याद करने और नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ कोरोना विषाणु पर  कई अहम बातें रखी इसमें सबसे महत्वपूर्ण था देश को आगामी 3 मई तक लाख डाउन पार्ट 2 से गुजारना होगा. जैसा कि उम्मीद थी वही हुआ 30 अप्रैल तक के लाक डाउन की अपेक्षा तो देश कर ही रहा था. जो 3 दिन और बढ़ गई. उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग की बात की. यह कहना भी नहीं भूले की उनकी सरकार ने कोरोना विषाणु के प्रसारण के  पहले ही, देश को संभालने में कोई कोताही नहीं की है .और हां अगर नरेंद्र मोदी एक्शन प्लान नहीं बनाते तो देश में कोरोना के कारण भयावह तस्वीर आज देखने को मिलती. दरअसल, देश को संबोधित करने का कोई भी मौका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं छोड़ रहे हैं और ना ही यह बताने से गुरेज कर रहे हैं कि उनकी सरकार बेहतर से बेहतर कर रही है. मगर जमीनी हकीकत तो देश की आवाम जान ही रहीं है की किस तरह लोग सड़कों पर भूखे, नंगे, बदहवास  घूम रहे हैं.

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लोगों के आंसू कौन पोछेगा?

निसंदेह देश की सरकार, चुनी हुई सरकार ऐसे विकट समय में एक गार्जियन  की भूमिका निभाती है. आज का दौर महामारी के कारण आपात काल का समय है.   भले ही  घोषित रूप से देश में इमरजेंसी लागू नहीं हुई है. मगर यह समय इमरजेंसी से आगे का  है क्योंकि आपातकाल तो अल्प  समय के लिए ही होता है. मगर यह महामारी का समय, भीषण त्रासदी का दौर है. जो कब खत्म होगा, यह देश की सरकार भी नहीं जानती. ऐसे में चुनी हुई सरकार से देश की आवाम यही अपेक्षा कर सकती है देश की जनता को किस तरह इस महा संकट से निकाल कर के आप ले जायेंगे! यह समय सरकार के लिए भी एक बहुत बड़ी चुनौती का है, ऐसा समय शताब्दी में कभी कभी आता है. इन दिनों नरेंद्र मोदी के समय काल में यह जारी है. यही कारण है कि यह मोदी के परीक्षा का भी समय है. देश की गरीब गुरबा जनता पानी और खाने के लिए अगर घंटों इंतजार करती है, लाइन लगाती है चूल्हा नहीं जलता पीने का  पानी नहीं है  तो इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ देश की चुनी हुई सरकार ही हो सकती है. ऐसे में इस चुनौती और परीक्षा की घड़ी को कैसे नरेंद्र मोदी की सरकार पार करेगी, यह  तो समय रेखांकित करेगा.

#coronavirus: हमारा कसूर क्या है साहब

एमपी में स्वास्थ महकमे के चार IAS अफसर कोरोना पौजिटिव है. भोपाल में 142 कोरोना पौजिटिव में स्वास्थ्य विभाग के ही 75 अधिकारी और कर्मचारी है.

इन बड़े IAS अफ़सरों की लापरवाही की सजा उनके नीचे के कर्मचारी और उनके परिवार वाले भुगत रहे हैं. इनमें क्लर्क, चपरासी और ड्राइवर भी हैं. यदि स्वास्थ्य विभाग के लोग इस क़दर संक्रमित नहीं होते तो भोपाल के रहवासी भी इतने सख्त लौकडाउन को  झेलने मजबूर न होते.

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कोरोना के लिए अब किसी गरीब और किसी क़ौम को दोष नहीं दिया जा सकता साहब .जब ये पढ़े लिखे अफ़सर ही कोरोना की भयावहता नहीं समझ पाए . अपने साहबजादों के‌ विदेश से लौटने की बात छिपाने वाले ये अफसर अपने मातहत अधिकारियों और घरेलू काम करने वाले नौकर चाकरों को  वायरस बाँटते रहे . अपने परिवार का पेट भरने के लिए लौकडाउन को तोड़ने वालेआम आदमी, मजदूर ,किसान और किसी कौम को जिम्मेदार ठहराने के पहले साहब यह भी सोच लो कि कसूर किसका है..

इन दिनों पुलिस छोटी छोटी जगहों पर कोरोना पीड़ितों के खिलाफ मामले दर्ज कर रही है. नरसिंहपुर जिले की चैक पोस्ट पर  एक तेरह साल के किशोर के शव वाहन को केवल इसलिए भोपाल वापस भेज दिया गया कि उस पर कोरोनावायरस के संक्रमित होने का संदेह था. एक छोटे से गांव के दलित युवक पर फेसबुक के माध्यम से कोरोना से संबंधित फर्जी पोस्ट करने पर एफ आई आर दर्ज कर ली गई .भोपाल और आगर के एक एक पत्रकार पर बीमारी फैलाने का आरोप लगाते हुए FIR हुयी है ,मगर इन अफसरों की लापरवाही पर सरकार की चुप्पी समझ से परे है.

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इस Lockdown में आखिर क्या कर रहीं हैं FIR की चंद्रमुखी चौटाला, देखें Video

सब टीवी के चर्चित शो एफ. आई. आर (FIR) की सब-इंस्पेक्टर (Sub Inspector) चन्द्रमुखी चौटाला (Chandramukhi Chautala) को आप जानते ही होंगे. इस रोल को निभानें वाली ऐक्ट्रेस कविता कौशिक (Kavita Kaushik) दर्शकों के बीच छा गई थीं. उन्होंने धारावाहिक एफ. आई. आर. (FIR) में चन्द्रमुखी चौटाला के रूप में दबंग पुलिस वाली का किरदार निभाया था. इस धारावाहिक  में उनके साथ दो हवलदार, मुलायम सिंह गु्लगुले और गोपीनाथ गंडोत्रा  के अलावा  बजरंग पांडे नाम के पुलिस इंस्पेक्टर भी थे जो सब इंस्पेक्टर चन्द्रमुखी चौटाला का अधिकारी होता है, दर्शकों को हंसाने में कामयाब रहे थे.

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इसके अलावा कविता कौशिक (Kavita Kaushik) नें धारावाहिक अरे दीवानों मुझे पहचानो, दिल क्या चाहता है, कुमकुम – एक प्यारा सा बंधन, कहानी घर घर की, रीमिक्स, तुम्हारी दिशा, नच बलिए – 3, केसर, घर एक सपना, कुटुंब में भी दमदार दमदार भूमिकाएं निभाई थी.

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अब जब देश में कोरोना के चलते लौकडाउन (Lockdown) लगा है तो लोगों ने अपनी बोरियत दूर करने के लिए अलग – अलग तरीके अपना लिए हैं. कविता कौशिक (Kavita Kaushik) उन्हीं में से एक है. वह इन दिनों अपने घर में हैं और खुद को व्यस्त रखने के लिए तमाम तरीके अपना रहीं है और अपने रूटीन से जुड़ी तस्वीरें फैंस के साथ शेयर कर रहीं हैं. इन तस्वीरों में वह अपने पति रोनित विश्वास के साथ बेहद रोमांटिक अंदाज में एक्सरसाइज करती नजर आ रहीं है. इस लौकडाउन के बीच इन्स्टाग्राम पर शेयर किये गए कुछ तस्वीरों और वीडियोज में उन्होनें अपने पति के साथ बहुत ही सेक्सी अंदाज में पोज दिए है.

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कविता कौशिक नें हाल ही में एक्सरसाइज के लिए सर्टिफिकेट भी हासिल किया है. शेयर किये गए फोटोज में वह एक योगा एक्सपर्ट के रूप में एक्सरसाइज करती  नजर आयीं. कविता कौशिक नें अलग अलग तरीके से एक्सरसाइज करते हुए का वीडियो और फोटोज शेयर किया है. किसी में वह सर के बल योगा करती नजर आ रहीं है तो किसी में वह पति के साथ योगा पोजीशन में हैं.

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हाल ही में दर्शकों नें दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत का पुनः प्रसारण की मांग की थी. जिसको लेकर कविता नें अपने विचार साझा किये थे. इसके बाद इनके ऊपर FIR कराये जाने की मांग तक होने लगी थी. उन्होंने लेकिन इन सबसे दूर कविता ने उन ट्रोलर्स को अपनी तस्वीरें शेयक कर करारा जबाब दिया है.

इन्स्टाग्राम पर शेयर किये गए कुछ तस्वीरों पर यूजर्स नें कमेन्ट भी किये और उनका मजाक भी बनाया है. योगा करने वाले वीडियो को लेकर एक यूजर नें मजे लेते हुए लिखा है “ध्यान रखियो पाँव पंखें में ना आ जाए चौटाला” वहीं एक नें लिखा है “इन्साफ की देवी चंद्रमुखी चौटाला”. एक और यूजर नें लिखा है “घर से बाहर निकलनें के जुर्म में चालान काट रहा हूं प्लीज Paytm करवा दीजिये.”

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Lockdown में लगातार अपनी हौट फोटोज शेयर कर रही हैं Sunny Leone

इस लौकडाउन (Lockdown) के बीच बौलीवुड अभिनेत्रियों में हौट और सेक्सी तस्वीरों को शेयर करनें की होड़ सी लगी हुई है. इनमें तो कुछ इतनी आगे है की हर रोज कोई न कोई फोटो शेयर करती रहती हैं. इन एक्ट्रेसेस मे सनी लियोन (Sunny Leone) और उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) का नाम सबसे ऊपर है. इन दोनों अभिनेत्रियों में तस्वीरों की शेयर करने की होड़ सी मची है.

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सोशल मीडिया पर कर रही हैं हौट फोटोज शेयर…

 

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My Saturday hang !!! 😍 12 days of #Summer 🍀 . . . Shot by @dabbooratnani | @manishadratnani @dabbooratnanistudio

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लौक डाउन के चलते सनी लियोन इन दिनों अपने पति और बच्चों के साथ अपने घर पर समय बिता रही हैं. लेकिन इन सबके बीच वह अपने हौट तस्वीरों के कलेक्शन में से चुनिन्दा तस्वीरों को अपने इन्स्टाग्राम और ट्विटर एकाउंट के जरिये अपने फैन्स के सामने ला रहीं हैं.

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मोनोकिनी पहनी आईं नजर…

उन्होंने जो लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं उनमें वह मोनोकिनी (Monokini) पहनी हुई नजर आ रही है. इसके साथ उन्होंने ईयररिंग्स, ब्रेसलेट और नुकीले हील्स भी पहन रखे हैं. इन तस्वीरों में वह पत्थरों पर लेट कर पोज देती नजर आ रहीं हैं. मोनोकिनी के साथ उन्होंने कई हौट और सेक्सी पोज दिए हैं.

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कैप्शन में लिखा ये…

शेयर किये गए इन तस्वीरों के साथ उन्होंने उसके कैप्सन में लिखा है “रविवार” “कुछ भी नहीं करने का दिन” “ओह रुको” वह “अब तो हर दिन कुछ नहीं हो रहा है” Sunday. The day to do nothing !!! Oh wait, that’s everyday now. एक्ट्रेस की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

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फैंस कर रहे हैं ऐसे कमेंट्स…

शेयर किये एक दूसरे तस्वीर में वह बिकनी में नजर आ रहीं हैं. इन तस्वीरों पर उनके फैंस दिल खोल कर कमेंट्स कर रहें हैं जैसे कि – “वास्तव में सेक्सी लग रहीं है, मैं अपना ध्यान एक पल के लिए भी नहीं हटा सकता (That’s really sexy look, I can’t divert my attention for a second even).” एक यूजर नें मजे लेने वाले अंदाज में कमेंट किया है,- “किसी संस्था से बोल के कपड़े डोनेट करो रे. 4 दिन से बेचारी को देख रहा हूं ऐसी हालत में बस रंग बदल जाता है बाकी सब ऐसा ही रहता है.” एक नें लिखा है की,- “आप बहुत खुबसूरत हो, ऐसा हूर जैसे, चांदनी रात में चांद की रौशनी जैसे फैली हुई है आप की स्माइल और आप की खूबसूरती ऐसी ही रहे यही दुआ है हमारी और आप और आगे जाये.”

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फिलहाल सनी लियोन (Sunny Leone) के फैन्स का लौकडाउन में सनी के चलते बड़े आराम से चल रहा है, क्यों की सनी हर दिन उनके लिए नायाब और चुनिन्दा तस्वीरें जो पोस्ट कर रहीं हैं.

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