उसी दिन शाम को 5 बजे पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई. इस रिपोर्ट ने पुलिस की सोच बदल दी. पता चला कि रंजीत के सिर में एक नहीं, 2 गोलियां मारी गई थीं, जो 3 टुकड़ों में बंट कर सिर में फंस गई थीं. इन में से एक गोली कनपटी पर तो दूसरी आंख में मारी गई थी. जाहिर है आत्महत्या करने वाला व्यक्ति खुद को 2 गोली कभी नहीं मार सकता.
निस्संदेह रंजीत को दोनों गोलियां किसी और ने मारी थीं. इस के बाद पुलिस ने हत्या वाली थ्योरी पर जांच करनी शुरू की. वैशाली की घुमावदार बातों से साफ लग रहा था कि अगर काल डिटेल्स न होती तो यह भी पता नहीं चलता कि रंजीत की लाश गन्ने के खेत में पड़ी है. हैरत की बात यह थी कि वैशाली ने इस घटना के बारे में अपने घर वालों को भी कुछ नहीं बताया था. यानी उस ने अपने प्रेमी की मौत की बात 9 दिन तक अपने सीने में दफन रखी थी.
ये भी पढ़ें- मनगढ़ंत अपराध का दंड
मंगलवार को पूरे दिन रंजीत की मौत को खुदकुशी बताने वाली सिविल लाइंस पुलिस ने देर रात मृतक के पिता भोपाल सिंह की तरफ से वैशाली, उस के पिता भूपेंद्र, मां गुड्डी, भाई विक्की और मुंहबोले मामा शुक्ला के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया.
मृतक के घर वाले पुलिस की अब तक की जांच से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे. रंजीत की मौत के मामले में घर वालों ने समानांतर जांच की थी, जिस ने पुलिस पड़ताल की पोल खोल कर रख दी थी. पुलिस शुरू से इस मामले को आत्महत्या मान कर चल रही थी, पुलिस ने गन्ने के उस खेत में 20-25 कदम दूर तक भी पड़ताल करना मुनासिब नहीं समझा था. बुधवार यानी 24 जून को रंजीत के घर वालों ने मामले से जुड़ी कुछ अहम चीजें ढूंढ निकाली थीं.
पुलिस ने वैशाली की बातों पर तो विश्वास किया, लेकिन रंजीत के घर वालों की बातों पर नहीं. इसलिए 24 जून की सुबह चमन सिंह, विमल और उन के पिता घर के अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने उसी गन्ने के खेत में खोजबीन शुरू की, जहां से रंजीत का शव मिला था.
खोजबीन में घटनास्थल से 20-25 कदम की दूरी पर एक थैली रखी मिली, जिस में 4 कारतूस रखे थे. उस के पास ही रंजीत का बनियान और जूते मिले.
यह जानकारी जब गांव में फैली तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. इस के बाद पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलने पर अगवानपुर पुलिस चौकी की पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने कारतूस, बनियान, जूते और हड्डियों के अवशेष सील कर दिए.
जबकि 23 जून को पुलिस ने गन्ने के खेत से रंजीत का शव बरामद किया था. लेकिन तब यह सामान बरामद नहीं हुआ था. जिस तरह मामले से जुड़ी अहम चीजें खोज निकाली गईं, उस से पुलिस पड़ताल पर गंभीर सवाल भी उठने लगे.
एएसपी दीपक भूकर के अनुसार रंजीत के घर वालों को 4 कारतूस मिले थे. कारतूस चमकीले हैं, जबकि 23 जून को मिला कारतूस इतना चमकीला नहीं था. शव की कुछ हड्डियां गायब थीं. पोस्टमार्टम में भी 10 फीसदी कम हड्डियां बताई गई थीं. कई दिनों तक शव जंगल में पड़ा होने से संभव है जानवरों ने शव खा लिया हो. इसी से कुछ हड्डियां इधरउधर हो गई हों.
पुलिस ने मामले की जांच को गंभीरता से लेते हुए वैशाली से फिर से पूछताछ करने का फैसला किया. वैशाली किसी थ्रिलर फिल्म जैसी कहानियां बना रही थी. 9 दिन प्रेमी की मौत का राज सीने में छिपाए रखने वाली वैशाली ने 24 घंटे पुलिस को छकाने के बाद फिर अपनी कहानी की स्क्रिप्ट बदल दी थी.
पुलिस ने उस से पूछताछ की तो उस ने बताया कि गन्ने के खेत में उस के पहुंचने से पहले ही रंजीत ने खुद को गोली मार ली थी. तब उस ने रंजीत के मोबाइल से उस के भाई को काल किया था. लेकिन उस ने काल रिसीव नहीं की. फिर उस ने अपनी मां को फोन किया.
उस ने बताया कि मां से उस की करीब 9 मिनट बात हुई. वह फोन पर रो रही थी, उस की मां ने काल जारी रखी और बात करतेकरते उस के पास पहुंच गई. मां उसे ले कर घर लौट आई. पुलिस जांच में अब तक यह भी सामने आ चुका था कि रंजीत की लाश गन्ने के खेत में पड़ी होने की जानकारी वैशाली के मांबाप को भी थी.
24 जून की दोपहर पुलिस ने वैशाली की मां गुड्डी को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने मांबेटी को आमनेसामने बैठा कर पूछताछ की. पता चला कि पिछले 7 साल से वैशाली के घर एक व्यक्ति शुक्ला रहता था, जो घटना के बाद से फरार है. उस का मोबाइल भी बंद था. वैशाली ने उसे मुंहबोला मामा बताया.
ये भी पढ़ें- दगाबाज दोस्त, बेवफा पत्नी
शुरू में पुलिस जांच में वैशाली के बयान और रंजीत के घर मिली उस की पर्सनल डायरी आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे थे. डायरी में रंजीत ने इस बात पर खेद प्रकट किया था कि उस का विवाह उस की मरजी के खिलाफ हो रहा है. डायरी में उस ने परिवार वालों को नसीहत दी थी कि छोटे भाई की शादी उस के मनमुताबिक करें. उस ने डायरी में अपनी एफडी छोटे भाई को देने की बात भी की थी. पुलिस ने इसी आधार पर आत्महत्या की कड़ी से कड़ी जोड़ने का प्रयास किया था.
वारदात की एकलौती चश्मदीद वैशाली ने प्रेमी रंजीत की मौत को ले कर अब तक जो दावे किए थे, उन में काफी विरोधाभास था. उस के रोजरोज बदल रहे बयानों ने पुलिस को चक्कर में डाल दिया था.
उस ने 105 घंटे में 6 बार अपने बयान बदले. हर बार उस का नया बयान सामने आ रहा था. पुलिस उस की इस स्वीकारोक्ति पर चौंकी, जब उस ने कहा कि गन्ने के खेत में उस ने खुद रंजीत को 2 गोलियां मारी थीं, क्योंकि वह उस पर शादी करने का दबाव बना रहा था.
वैशाली के साथ उस की मां ने भी कबूलते हुए कहा कि वह खुद और वैशाली का मामा शुक्ला वैशाली के साथ गए थे. चूंकि दोनों अलगअलग बिरादरी के थे, इसलिए शादी नहीं हो सकती थी. उस ने बहाने से वैशाली को गन्ने के खेत में बुलाया. वहां वैशाली ने मां और मामा के सामने ही 2 गोलियां मार कर रंजीत की हत्या कर दी.
हालांकि पुलिस सारी कडि़यों को आपस में जोड़ रही थी. पुलिस ने फरार आरोपी शुक्ला के मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवाई. उस की लोकेशन गोरखपुर की आ रही थी. पुलिस की एक टीम उस की तलाश में जुटी थी. यह जानकारी मिलने पर वह टीम गोरखपुर के लिए रवाना हो गई.
ये भी पढ़ें- मासूम किशोरी के साथ वहशीपन का नंगा नाच
दूसरी टीम वैशाली और उस की मां से लगातार पूछताछ कर रही थी. जबकि तीसरी टीम लड़की के पिता व भाई से पूछताछ में जुटी थी. चौथी टीम सबूत जुटाने में लगी थी. पुलिस को लग रहा था कि वैशाली के मामा शुक्ला की इस मामले में अहम भूमिका रही होगी.