पुलिस ने उन के कब्जे से 23 मोबाइल फोन बरामद किए थे. जांच के बाद पता चला कि बड़ी संख्या में इन के अलगअलग नाम से बैंक खाते हैं. महिलाओं के नाम से खुद के पेटीएम, वाट्सऐप और फेसबुक सहित अधिकतर प्लेटफार्म पर एकाउंट खोल रखे थे. ताकि दूसरे लोगों को विश्वास हो जाए कि ये खाते महिला के नाम से ही हैं.
इस के कुछ दिन बाद अगस्त, 2021 में राजस्थान के अलवर जिले की रामगढ़ थाना पुलिस ने भी लड़की के नाम से फरजी आईडी बना कर अश्लील चैंटिग कर लोगों को ब्लैकमेल करने और लाखों रुपए ठगने वाले शातिर गिरोह का परदाफाश कर सैक्सटौर्शन करने वाले शातिर अपराधियों इकबाल और साहिल को गिरफ्तार किया था. ये दोनों भी भरतपुर के मेवात क्षेत्र रहने वाले थे.
ठगी करने वाले लोग पहले फ्रैंडशिप लिस्ट में बड़ी चतुराई से शामिल हो जाते हैं. अगर आप पुरुष हैं तो महिला बन कर और महिला हैं तो पुरुष बन कर आप से दोस्ती की जाती है. कई बार महिला के साथ महिला और पुरुष के साथ पुरुष बन कर भी दोस्ती का जाल बिछाया जाता है.
सैक्सी बातों में फंस जाते हैं लोग
फेसबुक मैसेंजर के जरिए शुरू होने वाली बातचीत बाद में वाट्सऐप और कई बार मोबाइल पर भी होने लगती है. बातचीत के झांसे में ‘साम दाम दंड भेद’ सभी का पूरा सहारा लिया जाता है.
भावुक बातें, जरूरत से ज्यादा केयर करना, कुछ जोक्स, वीडियो और मैसेज के साथ सैक्सी बातें भी होने लगती हैं. यही नहीं, वीडियो चैट तक होने लगती है.
इस के बाद अचानक डिमांड शुरू हो जाती है. आजकल पैसा ट्रांसफर करना इतना सरल हो गया है कि लोग भावुकता में पड़ कर तुरंत पैसा भेज देते हैं. ठगों के लिए सरल बात यह है कि फेसबुक में प्रोफाइल बनाना आसान काम है. इसलिए वे सब से ज्यादा सोशल मीडिया फेसबुक प्लेटफार्म को ही ठगी के लिए इस्तेमाल करते हैं.
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रामपुर के भाजपा नेता का सैक्सटौर्शन
उसी दौरान जितेंद्र सिंह को मीडिया की सुर्खी बना एक किस्सा याद आ गया, जिस में उन्हीं की तरह उत्तर प्रदेश में रामपुर के एक भाजपा नेता को ब्लैकमेल किया गया था.
उन्हें भी कई बार दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का फरजी अधिकारी बता कर फोन
किया गया और जेल जाने डर दिखा कर धमकाया गया.
पैसे न देने पर उन का वीडियो यूट्यब पर डाल दिया गया और फिर नेताजी से कहा गया कि अगर वीडियो हटवाना चाहते हैं
तो यूट्यूब कस्टमर केयर पर बात कर लें. एक नंबर भी दिया गया, जिस पर काल करने पर कहा गया कि अगर वीडियो हटवाना चाहते हो तो यूट्यूब को प्रोसेसिंग फीस देनी पड़ेगी.
नेताजी जब ज्यादा परेशान हो गए तो उन्होंने रामपुर के एसपी से मिल कर इस बात की शिकायत की और साइबर क्राइम की टीम ने जांचपड़ताल शुरू की.
न्यूड काल कर भाजपा नेता को ब्लैकमेल करने वाला गैंग बाद में पकड़ा गया. इस गैंग के पकड़े गए 2 सदस्य आमिर और मुस्तकीम राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे, जबकि तीसरा आरोपी इमरान नेताजी के गृह जनपद रामपुर का ही रहने वाला था.
इस गैंग के लोगों से पूछताछ और जांच में पुलिस को पता चला था कि इन का नेटवर्क कई राज्यों में फैला था, जिस कारण उन्हें पकड़ना आसान काम नहीं था.
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राजस्थान से जुड़े गिरोह के तार
क्योंकि ये अपराधी जिन सिमकार्ड का इस्तेमाल करते थे, वे सिमकार्ड ओडिशा के मजदूरों के नाम पर लिए थे. जबकि काल भरतपुर से किए जा रहे थे. इसी गिरोह के कुछ लोग दिल्ली से भी फोन करते थे.
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि इस गिरोह के तार राजस्थान के भरतपुर, ओडिशा, दिल्ली और हरियाणा के मेवात से जुड़े थे. ये अपराधी अपने शिकार को कौन्फ्रैंसिंग के जरिए काल करते थे. जिस से हर बार अलगअलग लोकेशन आती थी. कभी भरतपुर तो कभी रामपुर की.
इस गैंग ने नेताजी को पैसे डालने के लिए जो बैंक खाते दिए थे, वे भी जांच करने पर फरजी दस्तावेजों से खोले पाए गए. रामपुर पुलिस शायद बीजेपी नेता के सैक्सटौर्शन करने वाले गैंग को पकड़ ही नहीं पाती. क्योंकि पुलिस 15 दिन की कोशिशों के बाद सिर्फ एक नंबर ही ट्रैस कर सकी थी.
तब पुलिस ने चालाकी खेली और नेताजी के जरिए ब्लैकमेलर्स को नकद पैसा देने का लालच दिलाया गया. नेताजी को पैसे देने के लिए रामपुर से दूर दिल्ली में पैसे देने के लिए बुलाया गया.
बस यहीं पर गैंग से चूक हो गई और पैसा लेने पहुंचे गैंग के एक सदस्य को रामपुर पुलिस ने दबोच लिया. जब गैंग के 3 लोग पकड़े गए तो पूछताछ में पता चला कि रामपुर का रहने वाला इमरान सेंट बेचने राजस्थान गया था. वहां उस की मुलाकात सैक्सटौर्शन करने वाले अपराधियों से हो गई. शार्टकट से पैसा कमाने के लालच में वह इस गैंग से जुड़ गया और इस गैंग से ट्रेनिंग ले कर रामपुर आ गया.
रामपुर आ कर वह लोगों के साथ इस तरह की ठगी करने लगा. अपने गैंग की मदद से इमरान ने बरेली, उत्तराखंड, हापुड़ और कई दूसरे जिलों में कई लोगों को अपना शिकार बनाया.
बदनामी का रहता है डर
जितेंद्र सिंह ने मीडिया की सुर्खी बने बीजेपी नेता के सैक्सटौर्शन के किस्से की खबरें समाचार पत्र में पढ़ी थीं. इसी से प्रेरित हो कर उन्होंने भी ऐसा ही साहस जुटाया था.
पहले तो उन्हें बदनामी का डर सता रहा था, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि एक बार उन्होंने रकम दे दी तो ब्लैकमेल करने वालों का साहस बढ़ जाएगा. वे फिर उन से पैसे मांगेंगे. लिहाजा उन्होंने दिल्ली पुलिस में बड़े अधिकारी के पद पर बैठे अपने दोस्त से मदद मांगी.
रुचिका नाम की लड़की और खुद को साइबर क्राइम का इंसपेक्टर बताने वाले शख्स विक्रम सिंह राठौर ने जब देखा कि उन का पासा गलत जगह पड़ गया है तो उन दोनों ने अपने फोन बंद कर दिए और फेसबुक एकाउंट को डिलीट कर दिया. जिस कारण पुलिस जितेंद्र सिंह को ब्लैकमेल करने वाले लोगों तक नहीं पहुंच पाई.
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जितेंद्र सिंह किस्मत वाले निकले कि वह थोड़ी सूझबूझ और अपनी हिम्मत के कारण बच गए क्योंकि उन के संबध एक बड़े पुलिस अधिकारी से थे.
लेकिन इन दिनों देश के अलगअलग हिस्सों खासतौर से महानगरों में सोशल मीडिया के जरिए लोगों को हनीट्रैप में फंसा कर उन से जबरन वसूली यानी सैक्सटौर्शन करने वाले गिरोह का आतंक फैला हुआ है.
इसी दौरान दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 जुलाई, 2021 को एक ऐसे बड़े सैक्सटौशन गैंग का खुलासा किया, जिस के सरगना इंजीनियर युवकयुवती थे और वे टिंडर ऐप से ग्राहकों को फंसाते थे.
अगले भाग में पढ़ें- टिंडर ऐप से भी चल रहा है सैक्सटौर्शन