एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि ‘बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.’
कोर्ट की यह टिप्पणी बताती है कि पारिवारिक झगड़ों में अब प्रेम संबंधों का जड़ में होना बढ़ गया है. इन मामलों पर सोचविचार करने पर पता चलता है कि अब प्रेमी के साथ मिल कर या अकेले पत्नी ही अपने पति की हत्या करने से हिचक नहीं रही है. ऐसी वारदातें बढ़ती जा रही हैं.
राजस्थान के अलवर जिले की एसपी डाक्टर किरण कंग सिद्दू ने बताया कि घाटोली कसबे में 23 जुलाई, 2022 की सुबह एक घर में घाटोली के ही रहने वाले नानूराम उर्फ बीरम लोधा की लाश मिली थी.
नानूराम की मां ने अपने बेटे की ही पत्नी मनोहर बाई के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था. जांचपड़ताल में सामने आया कि मनोहर बाई ने ही अपने प्रेमी राकेश पुत्र बिरधीलाल लोधा और शेर सिंह पुत्र उमराव सिंह लोधा के साथ मिल कर मारपीट कर उस का गला दबा कर हत्या कर दी थी.
पुलिस ने 24 जुलाई, 2022 को मनोहर बाई को तो गिरफ्तार कर लिया था, पर उस का प्रेमी राकेश और उस का साथी शेर सिंह फरार हो गए थे. बाद में पुलिस ने उन को भी पकड़ लिया था और दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था.
एक घटना 25 जनवरी, 2017 की है. रमीला भोई द्वारा थाना बसना में सूचना दी गई थी कि 24 जनवरी, 2017 को उस के बड़े भाई का बेटा विदेशी अपनी पत्नी दुलना और दोनों बच्चों के साथ उस के घर पर आया हुआ था.
25 जनवरी, 2017 को वह किसी काम से घर से बाहर गई थी. उसी दौरान विदेशी के दोनों बच्चे दौड़ते हुए आए और विदेशी द्वारा दुलना को परसूल से मारने की बात बताई. जब वह उन दोनों बच्चों के साथ घर पहुंची तो देखा कि विदेशी कमरे के दरवाजे पर खड़ा था और अंदर दुलना खून से लथपथ पड़ी हुई थी. रमीला ने इस की सूचना बसना थाना में दी.
पुलिस द्वारा मामले की जांचपड़ताल के बाद कोर्ट में अभियोगपत्र पेश किया गया. कोर्ट में मामले की जांचपड़ताल में विदेशी भोई को दुलना बाई की हत्या के आरोप में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 302 के तहत कुसूरवार पाया गया. जज द्वारा आरोपी विदेशी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
एक और मामले में छायाबाई का लाखन नाम के लड़के से प्रेम प्रसंग था. इस को ले कर छायाबाई और उस के पति भगवान सिंह के बीच अकसर झगड़ा होता था.
11 जून, 2020 की रात को छायाबाई ने अपने प्रेमी लाखन और एक और आरोपित अकील उर्फ अक्कू को रात में घर बुलाया. तीनों ने मिल कर भगवान सिंह के साथ मारपीट की. लोहे की छड़ और ब्लेड से वार कर उस की हत्या कर दी गई.
उसी रात भगवान सिंह की लाश को बोरे में भर कर छायाबाई अपने प्रेमी लाखन और अकील की मदद से स्कूटी से बाईपास हनुमान मंदिर के पीछे ले गई और पैट्रोल डाल कर जला दिया गया.
इस के बाद छायाबाई ने अपने पति भगवान सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट औद्योगिक थाने में दर्ज कराई. पुलिस को झूठी कहानी बताई. इस पूरे मामले में द्वितीय सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे द्वारा 3 जुलाई को फैसला सुनाते हुए आरोपी छायाबाई को आजीवन कारावास और जुर्माना लगाया गया. वहीं लाखन पुत्र बहादुर और अकील उर्फ अक्कू को भी आजीवन कारावास की सजा दी गई.
सीहोर में अपने पति की 2 प्रेमियों के साथ मिल कर हत्या करने वाली पत्नी और उस के दोनों प्रेमियों को जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरएन चंद ने मामले में आरोपी सौरभ दास, हृिदेश निवासी ऊंची ललोई, बैरसिया जिला भोपाल और शारदा बाई निवासी ग्राम जाजनखेड़ी थाना श्यामपुर (मायका ग्राम ऊंची ललोई, बैरसिया, भोपाल) को अभियोजन पक्ष के तर्कों से सहमत हो कर आरोपी सौरभ दास और हृिदेश को धारा 302, 34 भारतीय दंड संहिता में आजीवन कारावास और 5,000-5,000 रुपए के जुर्माने व धारा 120बी भारतीय दंड संहिता में आरोपी शारदा बाई को आजीवन कारावास और 5,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
मीडिया सैल के प्रभारी केदार सिंह कौरव ने बताया कि फरियादी जगदीश गौर पिता हरिप्रसाद गौर ने 14 सितंबर, 2021 को अज्ञात आरोपियों द्वारा मलखान गौर की हत्या कर देने की रिपोर्ट की थी.
फरियादी की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कर जांचपड़ताल की गई, तो पाया गया कि मृतक की पत्नी शारदा बाई के मोबाइल फोन की सिम सौरभ दास के नाम से थी, जो आरोपी सौरभ दास के मोबाइल फोन पर लगातार बात करती थी और आरोपी सौरभ दास की बात आरोपी हृिदेश गौर के मोबाइल पर लगातार हो रही थी.
सीडीआर और चैटिंग रिकौर्ड के आधार पर सौरभ दास और शारदा बाई को पुलिस कस्टडी में ले कर पूछताछ की गई, तब इन लोगों ने बताया कि शारदा बाई का पहले से ही सौरभ दास और हृिदेश गौर से प्रेम प्रसंग चल रहा था और नाजायज संबंध थे.
आरोपी ने यह भी बताया कि शारदा बाई की शादी जगदीश से कर दी गई थी, जबकि तीनों के प्रेम प्रसंग और मिलनेजुलने के चलते आरोपी शारदा बाई का उस के पहले पति जगदीश से तलाक हो गया था. इस के बाद आरोपी शारदा बाई का ग्राम जाजनखेड़ी के मलखान से नाता हुआ था. इस के बाद भी दोनों आरोपी सौरभ दास और हृिदेश से आरोपी शारदा बाई का प्रेम संबंध चलता रहा. तीनों समयसमय पर मिलतेजुलते थे.
वारदात से पहले जब आरोपी शारदा बाई अपने मायके रक्षाबंधन पर गई थी, तब उस ने आरोपी सौरभ दास और हृिदेश से कहा था कि मैं तुम लोगों से अपने पति मलखान के रहते हुए मिल नहीं सकती हूं. तुम लोगों को इसे रास्ते से हटाना होगा, तभी हम लोग अच्छे से मिल सकेंगे.
अगर तुम लोगों ने मलखान की हत्या नहीं की, तो मैं तुम्हारे नाम से आत्महत्या कर लूंगी. तब तीनों आरोपियों ने योजना बना कर मलखान को गांव के बाहर मक्के के खेत के पास बुलाया और दोनों आरोपियों हृिदेश व सौरभ दास ने कुल्हाड़ी से उस की हत्या कर दी.
आरोपियों की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी जब्त कर ली गई और सभी आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए गए. तब साइबर जांच रिपोर्ट में तीनों आरोपियों के मोबाइल से लगातार आपस में बातचीत होना पाया गया. एफएसएल रिपोर्ट के बाद कुल्हाड़ी पर इनसानी खून का होना भी पाया गया. पूरी जांचपड़ताल के बाद कोर्ट के सामने अभियोगपत्र पेश किया गया.
उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के बछरावां के तहत सेंहगो पश्चिम गांव में नौजवान की मौत से परदा उठा तो पता चला कि यह कुदरती मौत नहीं, बल्कि साजिशन हत्या थी, जिस की आरोपी कोई और नहीं, बल्कि उसी की पत्नी निकली. पुलिस ने उस औरत को हत्या के आरोप में जेल भेजा. वहीं औरत का कहना था कि मारपीट से परेशान हो कर उस ने यह कदम उठाया और कानून को अपने हाथ में ले लिया.
अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि अतुल वैवाहिक कार्यक्रमों में हलवाई का काम करता था. वह अपनी पत्नी अन्नू और 2 बच्चों के साथ अलग रहता था. अन्नू ब्यूटी पार्लर चलाती थी. 13 दिसंबर की सुबह वह शराब के नशे में चूर हो कर घर लौटा था. उस वक्त बच्चे स्कूल गए हुए थे. अतुल का अन्नू से झगड़ा हो गया. उस ने अन्नू को मारने की कोशिश की. बचाव में उस की पत्नी ने पास पड़ी पाटी उस के सिर पर दे मारी और फिर खुद ही उस का गला दबा दिया.
अतुल की हत्या करने के बाद अन्नू ने लाश को बैडरूम में ले जा कर बिस्तर पर लेटा दिया और खुद ब्यूटी पार्लर चली गई. दोपहर में जब घर वापस लौटी, तब तक बच्चे भी स्कूल से घर आ गए थे. बच्चों ने पूछा कि पापा उठ क्यों नहीं रहे हैं? इस पर अन्नू ने जवाब दिया कि काफी थके होने के चलते वे सो रहे हैं. रात में मौका मिलने पर अन्नू ने अतुल की लाश बैडरूम से बाहर निकाल कर चारदीवारी के पास डाल दी.
पहले भी कई बार अतुल नशे में आता था, तो घर के बाहर ही गिर पड़ता था. पड़ोस में रहने वाले उस के जेठ अतुल का इलाज कराने के लिए ले जाते थे. अन्नू ने सोचा कि इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा और वह कानून की नजरों से बच जाएगी. पर ऐसा हो न सका.
जोखिम लेने की ताकत बढ़ी है
पिछले कुछ सालों से औरतों में आत्मनिर्भरता बढ़ी है. ऐसे में अब उन में कानून और पुलिस के साथसाथ समाज का भी डर खत्म हो गया है. अदालतों में फैसला होने में लंबा वक्त लगता है. ऐसे में हत्या के 5-6 महीने जेल में रहने के बाद आरोपी बाहर आ जाता है और वह आराम से अपनी जिंदगी गुजारने लगता है.
पर ऐसे मामलों में घिरे लोग यह भूल जाते हैं कि आज के दौर में अपराध को छिपाना मुश्किल काम होता है. किसी न किसी वजह से अपराधी पकड़ में आ ही जाता है. अपराध करने से पहले सौ बार सोचने की जरूरत होती है. एक अपराध पूरे परिवार को खत्म कर देता है.
अगर पारिवारिक जीवन में कोई परेशानी है, तो खतरनाक कदम उठाने से पहले एकदूसरे से दूर रहने की सोचें. तलाक देने के रास्ते खुले हैं. इस के लिए हत्या जैसे बड़े अपराध करने जरूरी नहीं हैं.
अकेलापन बढ़ाता है समस्या
कुछ मामलों में जहां शादी के बाद पति बाहर रहता है और पत्नी घर पर अकेली रहती है, ऐसे में उस के करीबी संबंध दूसरे लोगों से बन जाते हैं, जो बाद में झगड़े की वजह बनते हैं. यही झगड़े हत्या की भी वजह बन जाते हैं. पत्नियों में अब हिम्मत बढ़ी है. उन को लगता है कि वे चतुराई से बच निकलेंगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है.
शादी के पहले से बने संबंध
कई वारदातें ऐसी होती हैं, जिन में औरत के शादी से पहले दूसरी जगहों पर संबंध बने होते हैं. वे परिवार के दबाव में शादी कर लेती हैं, लेकिन उन का प्रेम संबंध छूटता नहीं. ऐसे में एक जगह वह आती है, जहां पर हत्या की योजना बनने लगती है. नतीजतन, पत्नी अपने प्रेमी के साथ मिल कर वारदात को अंजाम देती है.
नशा है बड़ी वजह
पतिपत्नी के झगड़े में जो वजहें सब से बड़ी दिखती हैं, उन में पति का नशा करना सब से ऊपर होता है. नशा करने वाला पति न तो घरपरिवार की सही तरह से जिम्मेदारी उठा पाता है और न ही वह पत्नी को खुश रखता है. कई बार खुशी की तलाश में पत्नी भटक जाती है. यहीं से छोटेछोटे झगड़े मारपीट से होते हए हत्या जैसे खतरनाक हालात तक पहुंच जाते हैं.