सोशल मीडिया ने शहरों और गांवदेहात के नौजवानों के फर्क को मिटा दिया है. वे भले ही कुछ और न करें, पर मोबाइल फोन पर उंगलियां चलाने में माहिर हो गए हैं. जब से कोरोना ने पूरी धरती पर कहर ढहाया है, तब से नौजवान पीढ़ी की एक ही बड़ी समस्या रह गई है कि अच्छी नौकरी मिलती नहीं और मोबाइल का खर्चा कैसे निकालें? मतलब बहुत से नौजवान अब बेरोजगार हो गए हैं और किसी न किसी तरह अपना खर्चा निकालने के लिए वे कोई भी काम करने के लिए उतावले होने लगे हैं.

इसी बात का फायदा सोशल मीडिया पर उठाया जा रहा है और ‘वर्क फ्रोम होम’ के लुभावने इश्तिहार दे कर लोगों खासकर नौजवानों को उल्लू बनाया जा रहा है. धोखाधड़ी करने वाले बड़ी और नामचीन कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर के लोगों को चूना लगा रहे हैं.हाल ही में दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक इंटरनैशनल गिरोह का भंडाफोड़ किया था.

इस गिरोह ने वर्क फ्रोम होम का फर्जीवाड़ा कर के तकरीबन 11,000 लोगों को ठगा था.पुलिस ने बताया कि एक महिला, जो पार्टटाइम नौकरी की तलाश कर रही थी, के साथ एक लाख, 18 हजार रुपए की ठगी हुई थी. उस महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि कुछ अज्ञात स्कैमर्स ने अमेजन कंपनी में औनलाइन पार्टटाइम नौकरी देने की आड़ में उस से यह धोखाधड़ी की थी.

इस पूरे मामले पर एक बड़े पुलिस अफसर ने नौकरी ढूंढ़ने वालों को आगाह करते हुए कहा कि ये लोग वैबसाइटों को इस तरह से डिजाइन करते हैं कि वे एकदम असली अमेजन वैबसाइट की तरह दिखती हैं. इस तरह की फर्जी वैबसाइटों को इंस्टाग्राम, फेसबुक और दूसरी सोशल मीडिया वैबसाइटों पर बड़े पैमाने पर प्रमोट भी किया जाता है.

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