लेखक- मृणालिका दूबे
हैरानपरेशान विक्रम ने नीता को काल लगाया तो उस के मोबाइल की रिंग बैडरूम में ही बज उठी. नीता अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ कर गई थी.
अब तो विक्रम की हालत खराब हो गई. वह कुछ देर स्तब्ध बैठा रहा फिर लपक कर साहिल को काल करने लगा, ‘‘हैलो…हैलो साहिल, प्लीज जल्दी आओ यहां.’’
विक्रम की घबराहट महसूस कर साहिल भी बदहवास हो गया. उस ने जल्दी से कहा, ‘‘ओके, मैं बस अभी आया.’’
साहिल को देखते ही विक्रम फूटफूट कर रो पड़ा, ‘‘मेरी नीता…नीता पता नहीं कहां चली गई है यार.’’
साहिल ने सारी स्थिति का मुआयना किया. फिर सोचते हुए बोला, ‘‘देखे विक्रम, मुझे तो लगता है कि नीता तुझ से नाराज हो कर घर छोड़ कर चली गई है. तूने उस के परिवार वालों और दोस्तों से पूछताछ की?’’
हताश स्वर में विक्रम ने कहा, ‘‘मुझे तो उस के किसी रिश्तेदार के बारे में कुछ भी नहीं पता यार. उस ने बताया था कि वह अनाथ है. और नीता की तो कोई भी सहेली दोस्त नहीं था.’’
साहिल ने यह सुनते ही कहा, ‘‘कमाल है यार, ऐसे कैसे अचानक ही घर छोड़ कर चली गई नीता भाभी.’’
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विक्रम की हालत इस कदर बिगड़ गई कि साहिल को उसे दिलासा भी देते नहीं बन पा रहा था. वाचमैन से सिर्फ इतना ही पता चल सका कि नीता शाम 4 बजे एक बड़ा बैग लिए बिल्डिंग से बाहर चली गई.
रात के 9 बजने वाले थे विक्रम और साहिल सोच के सागर में डूब उतरा रहे थे कि अचानक ही विक्रम का मोबाइल बजने लगा.
उस ने जल्दी से लपक कर देखा तो उस के कलीग रोहित का काल था.
विक्रम ने बड़ी बेजारी से कहा, ‘‘हैलो.’’
उधर से रोहित की धीमी आवाज सुनाई दी, ‘‘फौरन पहुंचो इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर. मैं गेट नंबर 2 पर इंतजार कर रहा हूं.’’
विक्रम ने तुरंत कहा, ‘‘सौरी रोहित, मैं इस वक्त बड़ी परेशानी में हूं, नहीं आ सकता.’’ रोहित अब जोर देते हुए बोला, ‘‘इसी वक्त निकलो घर से, नहीं तो फिर सारी उम्र पछताते रहोगे.’’ और काल कट हो गई.
हैरान विक्रम ने साहिल को जब बताया इस बारे में तो वह भी हैरत में पड़ गया. फिर सोचते हुए कहा, ‘‘विक्रम, चल जल्दी से चलते हैं एयरपोर्ट. रोहित ने जरूर ही किसी खास वजह से वहां बुलाया है.’’
गेट के करीब बड़ा सा काउबाय हैट और गौगल्स लगाए एक सैलानी दिखा, जो विक्रम को देखते ही उस की ओर बढ़ा. विक्रम और साहिल के करीब पहुंच उस ने इशारे में उन्हें अपने पीछे आने का संकेत दिया. साहिल और विक्रम दोनों ही अचरज में डूबे उस सैलानी के पीछेपीछे चल दिए.
जल्दी ही वे सब एयरपोर्ट के अंदर लाउंज की ओर बढ़ने लगे. तभी सैलानी ने विक्रम का हाथ दबाते हुए सामने इशारा किया. विक्रम ने जैसे ही उधर देखा, उस के तो होश ही उड़ गए. सामने कुछ दूरी पर ही एक ताबूत के पास काले वस्त्रों में नीता बैठी थी.
विक्रम की आंखें फैल गईं. उस का दिमाग जैसे ब्लैंक हो गया. उस के पैरे लड़खड़ाने लगे. उस ने सहारे के लिए साहिल का कंधा थामा.
साहिल तो खुद ही सामने का नजारा देख हतप्रभ खड़ा था.
तभी सैलानी ने अपना मोबाइल निकाला और कुछ इंस्ट्रक्शन दिए. पलक झपकते ही कई पुलिसकर्मी नीता के चारों ओर पहुंच गए.
नीता हड़बड़ाती हुई उठ खड़ी हुई. उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. तभी सैलानी ने अपना हैट और गौगल्स उतार दिया.
उस का असली रूप देखते ही विक्रम और साहिल चिल्लाए, ‘‘रोहित…’’
रोहित ने मुसकराते हुए सिर हिलाया. फिर नीता के कुछ समझने से पहले ही पुलिसकर्मी उसे ताबूत सहित अरेस्ट कर पुलिस हैडक्वार्टर ले आए.
विक्रम और साहिल भी रोहित के साथ वहां पहुंच गए. विक्रम ने हैरानी से नीता का हाथ पकड़ते हुए पूछा.
‘‘नीता, क्यों छोड़ कर जा रही थी मुझे तुम? और ये सब क्या है? ये ताबूत किस का है?’’ नीता ने बस एक हिकारत भरी नजर विक्रम पर डाली और दूसरी ओर देखने लगी.
अब वहां खड़े एक सीनियर औफिसर ने कहा, ‘‘विक्रम, ये तुम्हारी बीवी नीता दरअसल कबीर की फियांसे शीना है.’’
‘‘शीनाऽऽ…’’ विक्रम चीखते हुए बोला, ‘‘यह कैसे हो सकता है सर? मैं ने पिछले महीने ही इस से शादी की है.’’
तभी एक दूसरा औफिसर बोल पड़ा, ‘‘ये नीता नहीं शीना ही है. सिंगापुर की कंपनी में 500 करोड़ का घपला कर के भाग कर इंडिया आ गई. और यहां पहचान छिपाने के लिए नीता बन कर तुम से शादी कर ली ताकि वह पुलिस और कानून की नजर में न आ सके. और कबीर के साथ उस का संपर्क आराम से बना रहे.’’
अब सीनियर औफिसर ने इशारा किया और 2 पुलिसकर्मियों ने ताबूत को खोल दिया. उस में कबीर जिंदा लेटा हुआ था. वह ताबूत खुलते ही वहां से भाग निकलने की कोशिश करते हुए चीखा, ‘‘मुझे जाने दो यहां से. तुम लोग जानते नहीं हो कि मैं क्या चीज हूं.’’
औफिसर ने मुसकराते हुए कबीर की बांह मरोड़ते हुए कहा, ‘‘हम बहुत अच्छी तरह जानते हैं कबीर कि तुम कितने बड़े फ्रौड हो. अपनी फियांसे शीना को अपनी 300 करोड़ की इंश्योरेंस पौलिसी को नौमिनेट बना कर तुम ने एक टुच्चे भ्रष्ट पुलिस वाले को अपनी योजना में मिला कर ये पूरा खेल रचा.
‘‘तुम्हें लगा था कि नकली गोली से मरने का नाटक कर तुम उस पुलिस वाले की मदद से पोस्टमार्टम का ड्रामा कर डेथ सर्टिफिकेट ले लेंगे और तुम 300 करोड़ के मालिक बन जाओगे. क्यों, सच कहा न?’’
अब कबीर चीखते हुए बोला, ‘‘हां, मैं ने ही प्लान बनाया था ये सब. शीना जब सिंगापुर से भाग कर यहां आई तो मैं ने उस से कहा कि वह विक्रम से शादी कर ले.
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ताकि वह मेरे करीब भी रह सके और हम विक्रम के जरिए अपने प्लान को अंजाम दे सकें. इसलिए एक स्ट्रगलिंग ऐक्ट्रैस निया को बुक किया ताकि वह विक्रम को मूर्ख बना कर उलझा सके. पर उस को कहां पता था कि हमारे प्लान की कामयाबी के लिए उस को मरना था.’’
‘‘पर एक गड़बड़ हो गई तुम से.’’ रोहित ने आगे बढ़ कर कहा, ‘‘जब कल रात विक्रम और साहिल उस ऐक्ट्रैस निया की गाड़ी में लिफ्ट ले कर चले तो थोड़ी देर बाद मैं भी घर जाने के लिए अपनी बाइक से निकला था. रास्ते में मैं ने देखा कि पुलिस उस गाड़ी को घेर कर सवालजवाब कर रही थी. मैं ने असलियत जानने के लिए अपनी बाइक दूर पार्क की और पैदल ही चल पड़ा.
लेकिन तभी साहिल और विक्रम गुस्से में पैदल जाते दिखे, इसलिए मैं यह सोच कर अपनी बाइक लेने चला गया कि उन्हें बाइक पर उन के घर छोड़ दूंगा. पर जब बाइक के पास पहुंच कर मैं ने पलट कर देखा तो दंग रह गया.
वह पुलिस वाला उस लड़की के गले पर चाकू से वार कर रहा था.
‘‘यह देख हालत इतनी खराब हो गई कि वहीं स्टैच्यू की तरह जम गया. जब बाइक ले कर मैं वहां पहुंचा तो लड़की मरी हुई पड़ी थी, और पुलिस जीप जा चुकी थी.’’
एक सीनियर औफिसर ने कहना शुरू किया, ‘‘मिस्टर रोहित ने जैसे ही इस बारे में हमें सूचना दी, हम समझ गए कि ये कोई बड़ा ड्रामा खेला जा रहा है.
हम ने उस भ्रष्ट औफिसर की हर बात रिकौर्ड करवाई. पर हम इस कबीर और शीना को रंगेहाथ पकड़ना चाहते थे, इसीलिए हम पूरी सतर्कता से हर कदम आगे बढ़ा रहे थे.
‘‘और जैसे ही हमें पता चला कि उस मक्कार पुलिस वाले ने कबीर की बौडी शीना उर्फ नीता को सौंप दी है तो हम शीना का पीछा करते हुए एयरपोर्ट आ गए. आज आधी रात की फ्लाइट से ये दोनों दुबई जाने वाले थे. पर अब…अब इन की पूरी जिंदगी कालकोठरी में बीतेगी.’’
तभी कुछ पुलिसकर्मी उस भ्रष्ट पुलिस औफिसर को गिरफ्तार कर के ले आए. उस ने जब कबीर और शीना को देखा तो समझ गया कि उस का खेल खत्म हो चुका है.
जल्दी ही विक्रम और साहिल दोनों रोहित के साथ पुलिस हेडक्वार्टर से निकल कर अपने घर की ओर चल पड़े.
तीनों के ही दिल में शीना उर्फ नीता की मासूम छवि घूम रही थी. किस कदर जहरीली थी ये मासूमियत.