अगर दूसरे को हमारे प्यार की कद्र न हो तो क्यों उस से प्यार की भीख मांगी जाए. अपनेआप को गिराना भला कहां की समझदारी है. जिंदगी का यह फलसफा बूआ को शायद समझ में आ गया था - बेशक देर से सही.