सारा के लिए कार्तिक ने किया ऐसा काम, फैंस बोले परफेक्ट बौयफ्रेंड

बौलीवुड इंडस्ट्री के सबसे चहेते एक्टर में से एक कार्तिक आर्यन आज-कल एक पर्फेक्ट बौयफ्रेंड के रूप में सामने आ रहे हैं. कार्तिक आर्यन की रयूमर्ड गर्लफ्रेंड और इस समय की खासा पौपुलर एक्ट्रेस सारा अली खान को उनके डांस क्लास के बाहर देखा गया. इन सब में सबसे खास बात ये रही कि सारा अली खान अकेली नहीं थी बल्कि कार्तिक आर्यन भी उनके साथ नजर आए. इन स्वीट कपल को देख आस-पास मौजूद जनता का ध्यान इन दोनो पर से एक सेकेंड के लिए भी ना हटा.

इस मौके की सबसे खास बात ये रही कि जैसे ही कार्तिक और सारा डांस क्लास से बाहर आए उसी समय तेज बारिश होने लगी और तुरंत कार्तिक ने अपनी छतरी खोल सारा की ओर कर दी. कार्तिक की ये हरकत सबको काफी स्वीट लगी और लगे भी क्यों ना आखिर कार्तिक और सारा अनके फैंस के इतने फेवरेट जो हैं. कार्तिक के इस अंदाज को देख ये कहना बिल्कुल गलत नही होगा कि वे सारा के प्रति काफी केयरिंग है और वे नही चाहते की सारा को कभी कोई तकलीफ हो.

 

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कार्तिक आर्यन सारा अली खान को बारिश से बचाते हुए उनको उनकी गाड़ी तक छोड़ने भी गए. सारा भी इस दौरान आम लड़कियो की तरह शरमाती हुई नजर आईं और उनके चेहरे की शर्माहट से साफ पता चल रहा था कि उनको कार्तिक का ये अंदाज काफी पसंद आ रहा है. कार्तिक आर्यन के इस हरकत से पता चलता है की वे असल जिंदगी में कितने स्वीट और केयरिंग हैं.

बता दें, सारा अली खान ने अपनी फिल्मी करियर की शुरूआत फिल्म केदारनाथ से की थी और अब तक सिर्फ दो फिल्में कर सारा ने अपनी खुद की फैन फौलोविंग इतनी बढ़ा ली है और देखते ही देखते कब वे सबकी इतनी फेवरेट बन गई किसी को पता ना चला तो वहीं दूसरी तरफ कार्तिक आर्यन ने भी काफी जल्दी अपने एक्टिंग के टैलेंट से सबका दिल जीत लिया है. खबरो की माने को कार्तिक आर्यन और सारा अली खान एक साथ इम्तियाज अली की अगली फिल्म में साथ नजर आने वाले हैं जो कि साल 2020 में 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के मौके पर रिलीज की जाएगी.

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Written By: Karan Manchanda

युवराज सिंह की एक्स भाभी ने दिखाया बोल्ड अवतार, फोटोज देख दंग रह गए फैंस

मशहूर इंडियन क्रिकेटर युवराज सिंह की भाभी आकांक्षा शर्मा आए दिन चर्चा का विषय बन ही जाती हैं. आकांक्षा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर फैंस के साथ अपनी फोटोज शेयर करती रहती हैं. जब से आकांक्षा ने बिग बौस सीजन 10 में एंट्री की थी तब से उनके फैंस को उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़े काफी राज पता चलने के साथ-साथ उनकी ज़िदगी में काफी दिलचस्पी रहने लगी थी. खबरो की माने तो हाल ही में आकांक्षा का तलाक युवराज सिंह के भाई जोरावर सिंह से हुआ था.

आकांक्षा शर्मा अक्सर अपनी बोल्ड फोटोज फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं और इसी के साथ उन्होने जोरावर सिंह के साथ हुए तलाक के बाद भी अपनी ये आदत नही बदली. बीते दिनो आकांक्षा ने अपने औफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर काफी बोल्ड फोटोज शेयर की थी जिसे देखने के बाद ये कहना बिल्कुल गलत नही होगा कि उनके तलाक का असर उन पर बिल्कुल नही पड़ा है बल्कि तलाक के बाद से वे अपने आप को काफी फ्री महसूस कर रही हैं.

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”The higher I get, the lesser they get me.”

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आकांक्षा शर्मा की ये फोटोज देखते हुए साफ जाहिर होता है कि वे अब अपनी लाइफ खुलकर एंजौय कर रही हैं और वे फिलहाल अपना वेकेशन मना कर वापस मुंबई लौटी हैं. उनकी ये हौट और बोल्ड फोटोज देख फैंस काफी खुश हुए और साथ ही इन फोटोज पर जमकर लाइक और कमैंट किए. फैंस को उनका ये ग्लैमरस अंदाज काफी पसंद आया है और ये कहना भी गलत नही होगा कि आकांक्षा अपने फैंस को इम्प्रेस करना अच्छे से जानती हैं.

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बता दें, आकांक्षा शर्मा और जोरावर सिंह की शादी 1 मार्च 2014 को हुई थी और तलाक से पहले आकांक्षा ने युवराज सिंह और उनकी मां शबनम सिंह पर अक्टूबर 2017 में घरेलु हिंसा का आरोप भी लगाया था पर बाद में आकांक्षा ने अपना केस वापस ले कर उन सब से माफी भी मांगी.

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Written By: Karan Manchanda

‘दो भैसों की लड़ाई में पूरा देश चौपट हो गया’- हीरा सिंह मरकाम

साक्षात्कार – हीरा सिंह मरकाम राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सुप्रीमो हीरा सिंह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की राजनीति के एक बड़े स्तंभ कहे जाते हैं. हीरा सिंह ने शिक्षक से विधायक और अपनी पार्टी गठन करने के पश्चात समाज को एकजुट करने का अथक प्रयास किया है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इनकी गहरी पकड़ है यही कारण है कि राहुल गांधी हो या अखिलेश यादव अथवा अजीत जोगी आप से गठबंधन की अपेक्षा रखते हैं. प्रस्तुत है विश्व आदिवासी दिवस पर उनसे हुई एक विशेष बातचीत…

दादा, 80 वर्ष की उम्र में जीवन का क्या निचोड़ है, आपका क्या संदेश है…?
मेरा जन्म प्रकृति के बीच गांव में हुआ. जब हम ऊपर देखते थे तो पेड़ से फल मिल जाते थे नीचे कोरहाई के जंगल में एक घंटे मे टोकरी भर कर भरपूर कांदा- फल मिल जाता था .कहां गया सब….मैं तो कहूंगा सरकार जिसको छुती है छूत लग जाती है, कहीं कोई सफलता नहीं है . सब कुछ निजीकरण करते चले जाते हैं क्योंकि राजा की नियत न हो राजा का चरित्र न हो तो देश और अवाम का भला कैसे होगा. मै ठीक बाकी दुनिया खराब है आज का फलसफा यही है चाहे सत्ता में कोई बैठे.
हम कर रहे हैं वहीं ठीक है एक साधु ने लिखा था न ! दो भैसा की लड़ाई में चिरकुट होगे नाव ! गांव के सुम्मत के गांधी बाबा के सुम्मत के… दो भैसा के लड़ाई में…. तो दो भैसा की लड़ाई में पूरा देश चौपट हो गया .

अर्थात आपका इशारा भाजपा और कांग्रेस पार्टियों की तरफ है और राजनीतिक दल अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे…

हां इनको देश से कोई लेना देना नहीं है आप अच्छी तरह जानते हैं जिनका सिर्फ देश सेवा का लक्ष्य नहीं वह नेता रातों रात अरबपति हो जाते हैं. अमित शाह का बेटा 80 हजार से 12 हजार करोड़ रुपए कमा लेता है . आखिर कौन सा यंत्र है इनके पास. रातों-रात… और भी तो भाई हैं 80 हजार वाले जो पैसा लगा पसीना बहाते हैं तब भी उनका पैसा बढ़ता नहीं है . बाबू, अफसरों के चक्कर में ठेकेदारी कर फंस जाता है, हाथ जोड़ गिङगिडाता है.

आप राजनीति में आने से पूर्व शिक्षक थे, नौकरी की थी?
हां, मैं आठ डिपार्टमेंट संभालता था. बोरों में नोट होते थे . दस दस चपरासी होते थे. मैं कभी तनख्वाह नहीं बाटंता था, चपरासी बाटंते थे . बाबू कहते थे,- दादा! फंस जाओगे किसी दिन. मैं कहता,- मैं तो रखवार हूं पैसा तो उन्हीं का है. बेईमानी करेंगे तो फिर दूसरे दिन 11 से 4 बजे पढ़ाऊंगा. 5 बजे के बाद तनख्वाह बाटूंगा तो आधी रात को घर जाएंगे . सब समझ में आ जाएगा . तब एक नोट भी ज्यादा चला जाता तो लेकर वापिस आ जाते और कहते- ‘दादा! यह ज्यादा ले गए थे . ऐसी इमानदारी का युग था, शिक्षक बच्चों को अपने बेटे से ज्यादा चाहता था .आज तो अगर आपने बच्चों को ट्यूशन नहीं पढ़ाई तो वह बच्चा गया.

आगामी चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की क्या रणनीति होगी ?
देखो! हमने मेहनत से अपने वोटर तैयार किए हैं हम उन्हें भटकने नहीं देंगे…. आने वाले समय में जैसे ही स्वस्थ होऊंगा मैं चुनावी सभाओ मैं पहुंचूगा . मैं वोटर को अन्नदाता और श्रमवीर मानता हूं उनके सम्मान के लिए काम करूंगा.

आपने किसान की बात की… क्या आप भी खेती किसानी से जुड़े रहे हैं ?
हां,मैं सुबह 4 बजे उठ जाया करता था विधायक बनने के बाद भी मैं खेती करता था. 4 बजे सुबह नागर फांद देता था. सब्जियां लगी हुई है जिसको चाहिए ले जाए… देख कर सीखे यह आशा थी. आज तो वह स्थिति नहीं रही स्वास्थ्य साथ नहीं देता.

आप की पार्टी और आप का विजन क्या है ?
0 जल, जंगल, जमीन है गोंडवाना के अधीन . हमारा ग्रह ग्राम तिवरता (जिला कोरबा ) कोयला खदान द्वारा अधिग्रहित नहीं है मगर सबसे ज्यादा भोग रहा है पूरी सड़क पेड़ नाले खेत रास्ते दमा के पेशेंट है क्या दे रही कोयला कंपनी आवाम को. सामाजिक सहभागिता यानी सीएसआर की राशि जिलाधीश अपने पास मंगा लेता है.डिस्टिक माइनिंग फंड ( ङीएमएफ ) को मनमाना खर्च किया जा रहा…है लोग दमा, ह्रदय रोग से बीमार हो रहे हैं आसपास के सभी गांव प्रभावित हो रहे हैं. सामाजिक,राजनीतिक, सांस्कृतिक दृष्टिकोण से प्रभावित हो रहे ,युवा शराब की लत से पीड़ित हो गए, परिवार नष्ट हो रहे .

विश्व आदिवासी दिवस पर आपका आदिवासी समाज को क्या संदेश है?

पहली बात है हमअपना ‘वोट’ का महत्व समझ जाए .वोट बिके नहीं,अगर बिकेगा तो यही कहा जाएगा कि तुमने वोट दिया थोड़ी है,हमने तो तुम्हारा वोट खरीदा है इस अपमान से बच जाओ.यह शिक्षा गोंडवाना दे रही है .जहां तक केंद्र की बात है चुनाव की … क्षेत्रीय दलों का भी बड़ा महत्व है…. नरबलि नहीं होत है समय होत बलवान अर्जुन लुटे भिलनी वहीं अर्जुन वही बाण …. यही भवितव्य है.

क्षेत्रीय दलों की क्या भूमिका देखते हैं आप वर्तमान चुनावी समर में ?
देखिए ममता, नवीन,लालू,अखिलेश यादव जी मायावती सभी अपने अपने दृष्टिकोण बदले हुए हैं और चाह रहे हैं कि अरस्तू ने कहा था अगर जनता में घोर असंतोष हो जाए तो पड़ोसी देश पर हमला कर दो…जनता देश भक्ति के धारा में बह जाएगी और तुम चुनाव जीत जाओगे यही आज देश की स्थिति बनी हुई है तो 358 ईसवी पूर्व अरस्तू ने यह बता दिया था जो अभी नजर आ रहा है .

 नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों की कार्यप्रणाली आप देख रहे हैं कुछ कहेंगे…?
0 नरेंद्र मोदी जो बाण चला रहे हैं वह हृदयगाही नहीं है दरअसल दोनों के दोनों के पास प्रधानमंत्री पद की समझ, योग्यता में कमी दिखाई दे रही है. मुखिया मुख सो चाहिए खान पान को एक पाले पोसे अंग तुलसी सहित विवेक. आपको, सबको समान मानकर चलना चाहिए क्या मुसलमानों ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी उन्हें कहां बसाओगे ? देश में गृह युद्ध शुरू हो जाएगा उनमें भी देश प्रेम है या फिर सविधान बदल दो धर्मनिरपेक्षता खत्म कर दो.यह धार्मिक सोचनीय स्थिति है.

कोरबा संसदीय क्षेत्र आपका गृह जिला है यहां गोंडवाना क्या करने जा रही है ?

सांपनाथ और नागनाथ वाली स्थिति है. इसमें कुछ फर्क नहीं नाग धार्मिक भाव है. आज नरवा, गरवा, धुरवा,बाड़ी की बात हो रही है यह कहां शुरू हुआ.

भूपेश सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक काम प्रारंभ किया है कर्जा मुक्ति…
(बीच में ही कटाते हुए) … क्या किसानों को स्वावलंबी बनाया आपने ?
जो कर्ज माफ किया, 2500 रुपए क्विंटल धान का ले रहे हो, जब आगे चावल ₹70 किलो बिकेगा तब किसके ऊपर आएगा?यह प्रत्यक्ष रूप से जनता का शोषण है, हाथी के दांत दिखाने के और खाने के अलग… किसान आगे फिर लाठी गोली खाएगा… कर्मचारी तो हड़ताल करके अपना वेतन बढ़वा लेगा कर्ज़ माफी का लालीपाप है . खेत स्मार्ट हो, किसान स्मार्ट हो जाएगा गांव और देश स्मार्ट हो जाएगा.

गोंडवाना की सरकार बनती है तो वह सरकार कैसी होगी क्या कल्पना है आपकी?
0 हमारी सरकार गांव की सरकार होगी. हम आदर्श के रूप में एक गांव को मॉडल के रूप में विकसित करके दिखाएंगे की क्या जब यह गांव माडल बन सकता है तो बाकी गांव क्यों नहीं… भ्रष्टाचार. शोषणविहीन, ऋणमुक्त प्रगतिधर्मी समाज व्यवस्था यह हमारा मूल मंत्र है.जल जंगल जमीन गांव की प्रभुसत्ता होगी गांव स्वावलंबी होगा सब कुछ गांव का आज की तरह नहीं की रेत ,नाला, सड़क सब कुछ सरकार का और हम किसके हैं भई…!

सारा की कामयाबी से खुश हूं- सैफ अली खान

लेखक- आरती सक्सेना

इस के अलावा सैफ अली खान आजकल अपनी बेटी सारा अली खान को ले कर भी चर्चा में हैं जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म ‘केदारनाथ’ से तहलका मचा दिया है. सारा अली खान की कामयाबी को ले कर सैफ क्या कहते हैं? ‘तानाजी : द अनसंग वारियर’ के अलावा वे और कौनकौन सी फिल्मों में काम कर रहे हैं? ऐसे ही कई सवालों के जवाब उन्होंने एक बातचीत में दिए. पेश हैं, उस के खास अंश:

आप की वैब सीरीज ‘स्कैरेड गेम्स’ ने काफी तहलका मचाया था. इस बारे में आप क्या कहेंगे?

जब मुझे इस वैब सीरीज की कहानी के बारे में पता चला था तो मुझे यह बहुत रोचक लगी थी. सो, मैं ने इस वैब सीरीज में काम करना मंजूर कर लिया. आज जब लोग इस में मेरी ऐक्टिंग की तारीफ कर रहे हैं तो मुझे लगा कि मेरा फैसला सही था.

आप ने अपने ऐक्टिंग कैरियर में न तो कभी कोई जल्दबाजी की और न ही फिल्मों के चुनाव को ले कर कभी ढीले पड़े. इस बारे में आप क्या कहेंगे?

मैं फिल्मों के चुनाव को ले कर कोई जल्दबाजी नहीं करता हूं, क्योंकि फिल्मों में काम करना मेरा जुनून है. मैं अपने काम को ऐंजौय करना चाहता हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं जल्दबाजी में कोई फिल्म साइन करूं और फिर उसे करते वक्त पछताऊं.

आप की पिछली फिल्म ‘बाजार’ को दर्शकों द्वारा सराहा गया, लेकिन इस फिल्म ने बौक्स औफिस पर कुछ खास धमाल नहीं किया. क्यों?

मुझे लगता है कि सिर्फ बौक्स औफिस पर फिल्म कामयाब होना ही असल कामयाबी नहीं है, बल्कि मेरी नजर में वह फिल्म कामयाब है जिस की चर्चा दर्शकों के बीच हो, जो दर्शकों द्वारा सराही जाए.

फिल्म ‘बाजार’ का विषय भी ऐसा ही कुछ था जिस में सट्टे के कारोबार को हाईलाइट किया गया. शेयर मार्केट में लोग कैसे बनते हैं और कैसे डूबते हैं, यह इस फिल्म का मुख्य मुद्दा था, जो दर्शकों द्वारा सराहा गया.

क्या आप शेयर मार्केट में पैसा लगाना पसंद करते हैं?

नहीं, मैं तो सेफ गेम खेलना पसंद करता हूं. मुझे दूसरी जगह इनवैस्मैंट करना ज्यादा पसंद है बजाय शेयर बाजार में पैसा लगाने के.

आप काफी सालों बाद अजय देवगन के साथ ऐतिहासिक फिल्म ‘तानाजी : द अनसंग वारियर’ करने जा रहे हैं. इस से पहले आप ने उन के साथ फिल्म ‘ओमकारा’ की थी. इस बारे में आप क्या कहेंगे?

हां, मेरा अजय देवगन के साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा है. उन्हें फिल्मों से और फिल्म मेकिंग से प्यार है. इस फिल्म को उन्होंने बहुत दिल से बनाया है. इस में मेरा किरदार एंटी हीरो का है.

यह एक ऐतिहासिक फिल्म है जो ‘बाहुबली’ की तरह बड़े पैमाने पर बन रही है. खासतौर पर बच्चे इस फिल्म को देख कर जरूर ऐंजौय करेंगे.

आप अजय देवगन के अलावा आर. माधवन के साथ भी काफी अरसे बाद फिल्म ‘हंटर’ में नजर आएंगे. सुना है कि इस फिल्म का नाम अब बदल कर कुछ और रखा जाने वाला है. आप ने आर. माधवन के साथ साल 2001 में आई फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ काम किया था. आप को कैसा महसूस हो रहा है?

पता ही नहीं लगता कि समय कैसे तेजी से भाग रहा है. ऐसा लगता है, जैसे कल की ही बात हो. आर. माधवन और मेरी फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ काफी हिट रही थी. हमारा साथ काम करने का अनुभव भी काफी अच्छा था. आज इतने सालों के बाद जब उन से इस फिल्म के लिए मिला तो लगा ही नहीं कि हम काफी अरसे बाद दोबारा साथ काम कर रहे हैं.

फिल्म ‘हंटर’ भी एक ऐतिहासिक फिल्म है. इस फिल्म में मैं नागा साधु का किरदार निभा रहा हूं. डायरैक्टर नवदीप सिंह ने इस फिल्म को बहुत ही सलीके से बनाया है. जब आप यह फिल्म देखेंगे तो आप को इस बात का एहसास होगा.

इस फिल्म में मैं ने काफी मुश्किल स्टंट किए हैं. मैं ने तलवारबाजी की है, घुड़सवारी की है वगैरह.

नितिन कक्कड़ के डायरैक्शन में बनी फिल्म ‘जवानी जानेमन’ को आप प्रोड्यूस कर रहे हैं और उस में ऐक्टिंग भी कर रहे हैं. इस फिल्म में खास क्या है?

यह हलकीफुलकी घरेलू किस्म की रोमांटिक फिल्म है.

इन सब के अलावा आप और कौनकौन सी फिल्में कर रहे हैं?

एक फिल्म ‘गो गोवा गोन’ का सीक्वैल कर रहा हूं जिस में कुणाल खेमू और वीर दास हैं.

इस के अलावा अनुराग बसु की एक फिल्म कर रहा हूं जिस में मेरे साथ सोनाक्षी सिन्हा हीरोइन हैं. यह एक ड्रामा फिल्म है. इस फिल्म का नाम अभी नहीं रखा गया है.

अब आप ऐक्टर होने के साथसाथ प्रोड्यूसर भी हैं. ऐसे में जब आप किसी फिल्म में ऐक्टिंग करते हैं तो उस फिल्म में डायरैक्टर की दखलअंदाजी आप को पसंद आती है या आप असहज महसूस करते हैं?

नहीं, बिलकुल नहीं. मुझे कभी बुरा नहीं लगता. अगर डायरैक्टर मुझे किसी भी तरह गाइड करता है तो… बल्कि कई बार तो मुझे लगता है कि कुछ सही नहीं है तो भी मैं डायरैक्टर के काम में दखलअंदाजी नहीं करता, क्योंकि मेरा मानना है कि फिल्म बनाने में सब से मुश्किल काम डायरैक्टर का होता है. उस के दिमाग में उस वक्त क्या चल रहा है, वह हम कलाकारों को पता नहीं होता है, इसलिए जैसा डायरैक्टर साहब बोलते हैं, मैं वैसा ही काम करता हूं.

आप की बेटी सारा अली खान ने अपनी पहली ही फिल्म ‘केदारनाथ’ से दर्शकों के दिलों में जगह बना ली है. उस के बाद उन की फिल्म ‘सिंबा’ भी अच्छी चली थी. हर कोई उन की ऐक्टिंग की तारीफ कर रहा है. ऐसे में आप कितना खुश हैं?

मैं सारा का डैडी हूं तो जाहिर है कि मुझे उस की कामयाबी से खुशी होगी. सारा पहले से ही बहुत समझदार है. लिहाजा, मुझे थोड़ाबहुत तो अंदाजा था कि वह ऐक्टिंग में अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब रहेगी.

क्या आप यह चाहते थे कि सारा पहले पढ़ाई पूरी करे और उस के बाद ही फिल्मों में आए?

हां, यह सच है. मैं चाहता था कि सारा पहले अपनी पढ़ाई पूरी करे, उस के बाद ही फिल्मों में आए, क्योंकि एक बार फिल्मों से जुड़ने के बाद पढ़ाई पूरी करना बहुत मुश्किल हो जाता है.

एक हीरोइन का पिता कहलाना बतौर ऐक्टर आप के लिए कितना फायदेमंद और नुकसानदायक है?

हर मांबाप को अपने बच्चों की तरक्की पसंद होती है. सारा ने पहली ही बार में बाजी मार ली तो मुझ से ज्यादा खुशी किसी और को नहीं हो सकती.

जहां तक बतौर ऐक्टर एक हीरोइन का पिता होने का सवाल है तो अब इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. अनिल कपूर के भी बेटाबेटी ऐक्टर बन चुके हैं, पर आज भी वे ऐवरग्रीन स्टार हैं.

अमितजी, जैकी श्रौफ सब के बच्चे भी इंडस्ट्री में हैं लेकिन पिताओं के कैरियर पर कोई फर्क नहीं पड़ा. आज सब इतने फिट हैं कि उम्र आड़े नहीं आती.

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