Hug Day 2024 : बड़े काम की होती है ये प्यार की झप्पी

मुन्ना भाई एमबीबीएस’ फिल्म याद है न आप को? उस में संजय दत्त किसी अनजान और उदास इनसान को अपना बनाने के लिए उसे जादू की झप्पी देता है, फिर दो मीठे बोल से उस के दर्द को कम कर देता है. इसी झप्पी को इंगलिश में हग कहते हैं. रोमांस में डूबे कपल्स तो अपने पार्टनर को किस और हग से सराबोर करने को हमेशा तैयार रहते हैं

वैलेंटाइन वीक पर हग डे बड़ा खास होता है. यह 11 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन किया गया एक हग लव बर्ड को सुकून देने के साथसाथ उन के प्यार की गहराई को भी बढ़ा देता है.

सच तो यह है कि किसी को गले लगाना हमारी सेहत पर बहुत ज्यादा पौजिटिव असर डालता है. यह प्यार और रिलेशन जाहिर करने का बड़ा ही पावरफुल टूल है. डाक्टर भी मानते हैं कि किसी को गले लगाने से औक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है, जिसे लव हार्मोन का नाम भी दिया गया है. जब भी हम किसी के गले लगते हैं तो हमारे मन में उस के प्रति स्नेह, हमदर्दी, विश्वास और लगाव का भाव पैदा हो जाता है.

जब ऐसा होता है तो गले लगने वालों का तनाव कम हो जाता है, उन की इम्यूनिटी बढ़ जाती है, दिल को सुकून मिलता है और मूड एकदम फ्रैश हो जाता है, इसलिए हग डे पर आप अपने पार्टनर से बड़े गर्मजोशी के साथ मिलें. उसे हग करें, किस करें और अपनेपन का अहसास कराएं.

लेकिन साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान. कभी भी अपने पार्टनर को टाइट हग न करें. इस से उसे बेवजह का दर्द हो सकता है और उस का मूड उखड़ सकता है. अपनी लिमिट से आगे न बढ़ें और उतावलापन तो कतई न दिखाएं. परफ्यूम लगाएं और माउथ फ्रैशनर भी इस्तेमाल करें. हग करने के साथसाथ पार्टनर को कोई क्यूट सा गिफ्ट भी दें. हो सकता है, बदले में पार्टनर आप को टाइट हग दे दे और साथ में एक प्यारी सी किस भी.

Promise Day 2024: प्रॉमिस डे पर साथी से करें ये वादे, प्यार का रिश्ता होगा मजबूत

ओ मेरे प्यार के परवानो, उम्मीद है आप के वैलेंटाइन वीक के पहले 4 दिन बड़े अच्छे से बीते होंगे. अब थोड़ा 5वें दिन का भी जिक्र कर लेते हैं. इसे प्रॉमिस डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. मतलब, प्यार में डूबे जोड़े इस दिन एक दूसरे से प्यारमोहब्बत के कसमे वादे करते हैं, साथ जीने मरने का दम भरते हैं, सुख हो या दुख कभी एक दूसरे का साथ न छोड़ने की प्रॉमिस करते हैं.

पर कभी आप ने सोचा है कि इसी दिन को प्रॉमिस डे के रूप में क्यों मनाया जाता है? दरअसल, जब दो लोग साथ रहते हैं, तो उन में अनबन, नोकझोंक होना आम बात होती है. पर इसी का नाम तो जिंदगी है. वैलेंटाइन वीक के इस खास दिन पर लोग एक दूसरे से कुछ ऐसे वादे करते हैं, जो उन के रिश्ते को मजबूत बनाते हैं. प्रॉमिस डे हर कपल को याद दिलाता है कि आप हर तरह के हालात में एक दूसरे के साथ खड़े रहेंगे और कभी एक दूसरे का भरोसा नहीं तोड़ेंगे.

प्रॉमिस डे पर कुछ बातें हर कपल को ध्यान रखनी चाहिए. अगर वे जिंदगी भर उन बातों पर अमल करेंगे तो यही उन के लिए प्रॉमिस बन जाएंगी और उन की लाइफ में खुशियों की बहार खिल जाएगी.

हर हाल में साथ देना

कपल को एक दूसरे का हर हाल में साथ देना चाहिए, क्योंकि कई बार जिंदगी में ऐसा समय भी आता है जब कपल को एक दूसरे के सहारे की सब से ज्यादा जरूरत होती है, तो आप प्रॉमिस डे पर अपने पार्टनर से वादा कर सकते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए आप उस का हमेशा साथ देंगे और कभी भी उसे अकेला नहीं छोड़ेंगे.

रिश्ते में ईमानदारी बहुत जरूरी

कपल को एक दूसरे के प्रति ईमानदार रहना चाहिए, क्योंकि किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उस में ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है, इसलिए अपने साथी से कोई भी बात न छिपाएं. यह वादा आप दोनों के रिश्ते को और ज्यादा गहरा कर देगा.

कभी भी बात करना बंद न करें

रिश्ते में आई खामोशी बड़ी तकलीफ देती है. चाहे कुछ भी बुरा हो जाए, दुख का कितना भी बड़ा पहाड़ टूट जाए, आप कभी भी बातचीत करना बंद न करें. गुस्सा है तो बोल कर जाहिर करें, नाराजगी है तो बता दें. तो प्रॉमिस डे पर एक दूसरे से प्रॉमिस करें कि बात करना कभी भी बंद नहीं करेंगे.

पार्टनर जैसा है वैसा ही एक्सेप्ट करें

कभी भी पार्टनर को अपने मुताबिक ढालने की कोशिश न करें. वह जैसा है उसे उस की कमियों और खूबियों के साथ अपनाएं. हर इंसान अलग स्वभाव का होता है और उसे वैसा ही बने रहना अच्छा लगता है. अपने पार्टनर को उसी रूप में अपनाने का वादा करें, जैसा वह है. अगर उसे बदलने की कोशिश करेंगे तो रिश्ते में खटास पैदा होने का खतरा पैदा हो सकता है.

रिस्पेक्ट जरूर दें

कोई भी इंसान अपने साथी से रिस्पेक्ट पाने की उम्मीद रखता है. कभी भी अकेले में या सब के सामने उसे डिसरिस्पेक्ट न करें. हमेशा उस का सम्मान करें. साथी का सम्मान करना आप को बेहतर इंसान बनाएगा, तो प्रॉमिस डे पर एक दूसरे का सम्मान करने की कसम जरूर खाएं.

इस Valentine’s Day आपकी सेक्स ड्राइव में सुधार ला सकती हैं ये 11 फायदेमंद चीजें

दैनिक आहार में कुछ महत्त्वपूर्ण खाद्यपदार्थ शामिल कर आप अपने उन खास पलों के रोमांच को किस तरह बढ़ा सकते हैं, जरूर जानिए:

सामन: सामन ओमेगा-3 फैटी ऐसिड डीएचए और ईपीए का एक ज्ञात प्राकृतिक स्रोत है. इस से मस्तिष्क में डोपामाइन स्तर बढ़ने में मदद मिलती है, जिस से उत्तेजना पैदा होती है. ओमेगा-3 डोपामाइन की उत्पादन क्षमता बढ़ाता है. यह मस्तिष्क के लिए एक महत्त्वपूर्ण रसायन है, जो व्यक्ति के चरमसुख की भावना को ट्रिगर करता है.

कद्दू के बीज: कद्दू के बीज जस्ता (जिंक) का एक बड़ा स्रोत हैं, जो टेस्टोस्टेरौन को बढ़ा देते हैं. इन में आवश्यक मोनोअनसैचुरेटेड वसा भी होती है, जिस से शरीर में कोलैस्ट्रौल बनता है. यौन हारमोन को ठीक से काम करने के लिए कोलैस्ट्रौल की जरूरत पड़ती है.

बैरीज: स्ट्राबैरी, ब्लैकबैरी, नीले जामुन ये सभी प्राकृतिक मूड बूस्टर हैं. स्ट्राबैरी में पर्याप्त विटामिन सी और बी होता है. ब्लैकबैरी और नीले जामुन फाइटोकैमिकल युक्त होते हैं, जो व्यक्ति के मूड को रामांटिक बनाते हैं.

केला: केला पोटैशियम का प्राकृतिक स्रोत है. पोटैशियम एक महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व है, जो मांसपेशी संकुचन को बढ़ाता है और उन खास पलों में बहुत अहम होता है. साथ ही केला ब्रोमेलैन से समृद्ध होता है, जो टेस्टोस्टेरौन उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार होता है.

तरबूज: तरबूज में 92% पानी है, लेकिन बाकी 8% पोषक तत्त्वों से भरा होता है. तरबूज का शांत प्रभाव रक्तवाहिकाओं को शांत करता है. यह स्त्री और पुरुष दोनों के अंगों में रक्तप्रवाह सुधारता है.

लहसुन: रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाला खास आहार लहसुन ऐलिकिन समृद्ध होता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है. रात में शहद में भिगो कर रखा गया कच्चा लहसुन खाना लाभप्रद होता है.

केसर: केसर एक प्राकृतिक कामोद्दीपक है, जो स्त्रीपुरुष दोनों के लिए उन पलों का आनंद बढ़ाने में मददगार होता है. सब से महंगे मसालों में से एक माने जाने वाले केसर में क्रोकटोन नामक मिश्रण होता है, जो मस्तिष्क में उत्तेजना वाले हारमोन को ट्रिगर करते हुए इच्छा बढ़ाता है. केसर में पिको क्रोकिन रसायन होता है, जो स्पर्श के प्रति संवेदना बढ़ाता है.

लौंग: सदियों से पुरुष यौन रोग का इलाज करने के लिए हमारे देश में लौंग का उपयोग किया जाता है. यदि नियमितरूप से लौंग खाई जाए तो यौन गतिविधि में वृद्धि होती है. इस के अलावा लौंग सांस की गंध से छुटकारा दिलाने में भी मददगार है. लौंग के साथ जीरा एवं दालचीनी का सेवन और अधिक कामोद्दीपक है.

डार्क चौकलेट: डार्क चौकलेट ऐंटीऔक्सीडैंट से भरपूर होती है, जिस के चलते अधिक अनुभूति के लिए यह एक स्वादिष्ठ तरीका है. ऐंटीऔक्सीडैंट उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करते हैं और यौन आनंद बढ़ाते हैं.

पालक: पालक जैसी पत्तेदार हरी सब्जियों में जबरदस्त फौलिक ऐसिड होते हैं, जो उर्वरता और कामेच्छा बढ़ाने में मदद करते हैं.

अंडे: अंडे उच्च स्तर के प्रोटीन से भरपूर होते हैं ये स्टैमिना का स्रोत हैं. इस से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप इन्हें कैसे खाते हैं. इन का किसी भी तरह खाना ऊर्जा प्रदान करता है.

Valentine’s Day 2024: ये 17 टिप्स हैं आपके रोमांटिक पलों के एनर्जी बूस्टर

नेहा की शादी को अभी सिर्फ 5 साल ही हुए और अभी से अपने लाइफ पार्टनर के साथ रोमांस में इतनी उदासी. हालांकि उन का रिश्ता उतना पुराना नहीं हुआ जितनी उदासी उन दोनों ने ओढ़ रखी है. बेडरूम में घुसते ही उन्हें बोरियत महसूस होती है ऐसा क्या हुआ जो उन के रिलेशन में वो गरमाहट, वो रोमांस और वो प्यार नहीं रहा जो शादी के तुरंत बाद का था.

एक रिसर्च के मुताबिक मस्तिष्क में मौजूद लव केमिकल डोपामाइन, नोपाइनफ्रिन और फिलेथाइलामान कुछ सालों तक के लिए बहुत एक्टिव रहते हैं पर उम्र के साथसाथ ये कैमिकल थोड़े धीमे पड़ने लगते हैं. जब पतिपत्नी अपने रूटीन शेड्यूल में बिजी हो जाते हैं तब रिलेशन में धीरेधीरे प्रेम की मिठास और उसे पाने की ललक की रफ्तार धीमी पड़ जाती है. ऐसे समय में दोनों पार्टनर को सैक्स लाइफ में फिर से रोमांस भरने के लिए कुछ अलग और अनूठा करने की सलाह दी जाती है.

1. रिलेशन को बनाएं रोमांटिक

इस बारे में मशहूर साइकोलौजिस्ट अनुजा कपूर का कहना है कि पतिपत्नी के बिजी शेड्यूल और समय की कमी के कारण सैक्स और रोमांस करने में वो बात नहीं रही. बेडरूम में घुसते ही अपने पार्टनर के साथ वही बोरिंग टच, वही घिसीपिटी बातें, वही संतुष्टि और वही अहसास, सैक्स लाइफ का कब स्विच औफ कर देता है, पता ही नहीं चलता, पर चिंता की बात नहीं रिलेशन को रोमांटिक बनाने के लिए दोनों तरफ से पहल की जरूरत होती है. दो लोगों की थिंकिंग, फीलिंग ही किसी रिश्ते को खास बनाती है, कहते हैं न खुशियां हमारे आसपास ही होती हैं बस उसे ढूंढ़ने की जरूरत होती है, तो देर किस बात की, उम्र का कोई भी दौर हो, हर दौर में बौडी की जरूरत को समझते हुए आप अपनी सैक्सुअल लाइफ को उम्रभर रोमांटिक बनाए रखने के लिए कुछ रोमांटिक टिप्स फालो करें. क्योंकि ये ही आप की बोरिंग लाइफ में एनर्जी बूस्ट का काम करेंगे.

2. रोमांटिक पलों को खास बनाए रोमांटिक एनर्जी बूस्ट

सैक्स भी एक वर्कआउट की तरह होता है. जिस में ढेर सारी कैलोरीज बर्न होती है ऐसे में प्रत्येक महिला को 30 की उम्र के बाद ऐसे ऐनर्जी बूस्ट सप्लीमैंट्स लेने चाहिए जो आप का एनर्जी लेवल बढ़ाए इस के साथ ही एक्सरसाइज, योगा, ऐरोबिक्स आदि करें जिस से बौडी फ्लैक्सीबल बने.

3. खुद को करें ब्यूटीफाई

बढ़ती उम्र के साथ आप की बौडी में भी काफी चेंजेज आते हैं जैसे चेहरे पर फाइन लाइंस, ढलती स्किन आदि ऐसे में अपने को अपटूडेट रखने के लिए अपना ब्यूटी ट्रीटमैंट हर महीने करवाइए जिस से आप की खूबसूरती में और भी निखार आ सके और आप के पार्टनर आप की खूबसूरती में ही खो जाए.

4. फ्लर्टिंग है जरूरी

रोमांटिक पलों को खास बनाने के लिए आप को अपनी लाईफ में फ्लर्टिंग जरूर करनी चाहिए और वो भी हैल्दी फ्लर्टिंग. अब आप अपने पार्टनर के अलावा किसी और से हैल्दी फ्लर्टिंग करती हैं तो बौडी में एक्साइटमैंट और एनर्जी आती है और यही एनर्जी आप को अपने पार्टनर के साथ सैक्स के समय गुड फील कराती है कि पार्टनर के अलावा और भी कोई आप को औब्जर्व करता है जिस में, आप के लुक, ड्रेस की तारीफ या आप की पर्सनाल्टी की तारीफ भी हो सकती है, एक औरत को आप बांध नहीं सकते अगर आप किसी लड़के के साथ हैल्दी रिलेशनशिप नहीं रखेंगी तो अपने पार्टनर के साथ भी उदासीन रहेंगी.

5. पार्टनर की गर्लफ्रैंड बनें

रोमांस के समय अपने लाइफ पार्टनर की वाइफ न बन कर गर्लफ्रैंड बनने की कोशिश करें उस की आंखों में प्यार से देखें और उसे अपनी सैक्सी बातों और अदाओं से फील गुड कराना बहुत जरूरी है तभी आप अपनी सैक्स लाइफ में रोमांस का रंग भर सकती हैं.

6. ओपननैस बहुत जरूरी

अपनी सैक्स लाइफ में रोमांच भरने के लिए ओपननैस बहुत जरूरी है ऐसे समय में आप अपने पार्टनर से हर तरह की बात कर सकती हैं, उस के साथ पार्न मूवी देखें, जिस से आप अपने अंदर ऐक्साइटमेंट महसूस करें, नौनवेज जोक्स का मजा लें. हफ्ते में एक बार रोमांटिक कैंडल लाइट डिनर पर जरूर जाएं. अगर घर में लाइफ बोरिंग हो रही हो तो सैक्स और रोमांस का मजा लेने के लिए आप दोनों किसी होटल व रिसौर्ट को भी चुन सकते हैं.

7. लव एंड टच का तड़का

अपने प्यार का प्रदर्शन करने के लिए एकदूसरे को समयसमय पर टच करना, हग करना और किस करने, प्यार की थपकी देना और पब्लिक प्लेस पर हाथ पकड़ने का अहसास ही काफी रोमांटिक होता है.

8. रूम को करें डेकोरेट

रोमांस में डूबने के लिए अगर मूड नहीं बन रहा है तो कुछ सुझाव आजमाएं. सेंटेड कैंडल और फूलों से कमरा सजाए. असैंसिशयल औयल की कुछ बूंदें चादर और तकिए पर भी छिड़क सकती हैं. इस से प्यार का असर दोगुना होगा.

म्यूजिक थेरेपी से अपनी लव लाइफ को बेहतर बनाने के लिए दोनों गीतसंगीत का आनंद लं. संगीत आप के अंदर छाई उदासीनता को एनर्जी से भर देता है, रोमांटिक संगीत सेक्स और रोमांस में फील गुड साबित होता है, तनाव के स्तर को कम करता है और मन को खुश रखता है. इस से मूड क्रिएट होता है.

9. यादें संजोए

पुरानी यादों को ताजा करें पुरानी पिक्चर व विडियो देख कर, पुरानी बातों को फिर से दोहराएं. इस से आप का प्यार और गहरा होगा.

10. कैद करें प्यार के पलों को

जब आप अपने पार्टनर के साथ हों तो उस खूबसूरत अहसास को कैमरे में कैद कर अपनी व अपने पार्टनर की शानदार तस्वीरें लें. इन पलों के कुछ विडियो बनाएं और सयसमय पर इस का आनंद लें.

11. सैक्सी लांजरी का चुनाव करें

अपनी लव लाइफ को और सैक्सी बनाने के लिए ऐसी लौंजरी का चुनाव करें जो ज्यादा कौंप्लीकेटेड न हो अगर आप की लौंजरी बड़ी सरता से पाट्रनर के हाथों से उतरती तो उस रोमांचित एहसास के कहने ही क्या.

एक नैटवर्किंग साइट के सर्वे के अनुसार 100 में से 80 पुरुष अपने पार्टनर को सैक्सी लौंजरी में देखना पसंद करते हैं, कोई अपने साथी को स्विमसूट में देखना चाहता है तो कोई नैट वाली बिकनी में तो कोई केवल हाफ कप वाली लौंजरी में इस के अलावा रंग भी बहुत मैटर करता है. रेड, ब्लैक जैसे कलर पुरुषों को बहुत पसंद आते हैं तो अगली बार जब भी लौंजरी की शौपिंग पर जाएं तो उन प्यार भरे एहसासों की छवि अपने जेहन में जरूर बना लें. जब यह सैक्सी लौंजरी पहन कर आप अपने पार्टनर के सामने जाएंगी तो आप का यह रूप आप की सैक्स लाइफ को बूस्ट करेगा.

12. फुल अटैंशन दें

रोमांस के समय एकदूसरे को फुल अटैंशन देना ही एक प्यारा एहसास है. अपने पार्टनर को यह एहसास दिलाएं कि सिर्फ आप की उस का सब कुछ हो उन के अलावा आप कुछ भी नहीं. ऐसे समय पर और कोई बात न कर के सिर्फ और सिर्फ सैक्स रोमांस की बातें करें.

13. सेक्सुअल प्लेजर दें

अपने पार्टनर को रोमांस के हर पहलू को समझाएं, उसे हर पौसिबल सैक्सुअल प्लेजर दें. सैक्स के बारे में कम्यूनिकेशन करें, यह जानने के लिए कि आप की रोमांटिक बातों का आप के पार्टनर पर क्या इफैक्ट पड़ता है.

14. गेम खेलें

अपनी लाइफ में रोमांस को बरकरार रखने के लिए सैक्स गेम्स खेले पर ये मस्ती भरे और एक्साइटमैंट वाले होने चाहिए, ये गेम्स नई चीजें ट्राई करने की नर्वसनेस से पीछा छुड़ाते हैं और आप अपने पार्टनर के साथ खुल कर मजा लेते हैं.

15. लव नोट्स लिखें

अपने पाट्रनर के लिए दिल की बातें कागज पर लिखें, लव नोट्स बहुत प्रभाव डालते हैं. आप के पार्टनर ने आप के लिए कुछ लिखा है यही सोच कर आप को एक अलग सी फीलिंग्स होगी जो आप के प्यार के पलों को और रोमांटिक बनाएगी.

16. मूड को करें फ्रेश

मूड को फ्रेश करने के लिए आप सैक्सी अंदाज में चौकलेट केक एक दूसरे को खिलाएं. ये अंदाज सामान्य मूड को भी सैक्सी मूड बना देगा और आप का मूड भी फ्रेश हो जाएगा.

17. हाइजीन जरूरी

मूड को फ्रेश करने के लिए आप दोनों एकसाथ हर्बल बाथ लें, एकदूसरे की मसाज एसेंशियल औयल करें. ये ही पल खुशनुमा पल आप को और ज्यादा एक्साइटमेंट देंगे. सैक्स और रोमांस के एंजौयमेंट के लिए जरूरी है बौडी पर किस का मजा उठाने के लिए ब्रश करें, माउथवाश से क्लीन करें, महकती साफसुथरी बौडी को किस करना आप का पार्टनर कभी नहीं भूलेगा.

प्यार और रोमांस सिर्फ फिजिकल नहीं होना चाहिए. प्यार में इमोशनल फीलिंग ही रिलेशन को स्ट्रांग बनाती है और अगर इस से आप सैक्स और रोमांस का तड़का लगा देंगी तो लाइफ बनेगी स्ट्रांग से भी स्ट्रांग. तो क्यों ना इन बातों का पालन अभी से किया जाए.

Valentine’s Day 2024: ये 9 टिप्स अपनाएं, अपने खास पल यादगार बनाएं

सुखद दांपत्य जीवन का आधार सफल सैक्स ही है और सैक्स यानी सहवास की सफलता पतिपत्नी दोनों पर निर्भर करती है. विकासपुरी, दिल्ली की नेहा का मानना है कि सफल सहवास तभी मुमकिन है जब आप के पति या पार्टनर आप को और्गेज्म तक पहुंचाएं. सैक्सोलौजिस्ट डा. अशोक कहते हैं कि पतिपत्नी दोनों ही चरम सुख प्राप्त कर सकें, इस के लिए एकदूसरे के प्रति आकर्षण, प्राइवेसी और मानसिक तौर पर तैयार होना जरूरी है.

आइए, जानते हैं प्यार के मीठे पलों के लिए जरूरी कुछ टिप्स:

  1. एकदूसरे के प्रति आकर्षण

पतिपत्नी का एकदूसरे के प्रति आकर्षण ही कामोत्तेजना पैदा करता है, क्योंकि आकर्षण ही सहवास के लिए दोनों में उत्तेजना पैदा कर शरीर में स्थित सैक्स ग्रंथियों में हारमोंस के स्राव का कारण बनता है.

डा. अशोक के मुताबिक किसी महिला के शरीर से अंडाणु निकाल दिए जाएं तो उस का आकर्षण पुरुष के प्रति लगभग समाप्त हो जाता है. इसी तरह अगर पुरुष के ब्रेन के नीचे की रस प्रवाहिका ग्रंथि निकाल दी जाए तो उस के अंडकोश सूख जाते हैं. सहवास करने की इच्छा के लिए सभी यौन ग्रंथियों की सक्रियता के साथसाथ आकर्षण बेहद जरूरी है.

डा. अशोक के मुताबिक, कई स्त्रीपुरुषों में एकदूसरे के प्रति आकर्षण का अभाव होता है, तो कोईकोई पुरुष हर बार नई स्त्री के साथ सहवास करना चाहता है. उस के लिए उम्र, रंगरूप कोई माने नहीं रखता. वह बस सहवास को प्राथमिकता देता है. पतिपत्नी के बीच सैक्स सफलता की कमी ही उन की सैक्स लाइफ को कष्टमय बना देती है.

  1. बैडरूम को सैक्सी लुक दें

सैक्सी मूड बनाने के लिए बैडरूम का सैक्सी लुक होना जरूरी है. बैडरूम में फूलों वाली बैडशीट बिछाएं, साटन के परदे लगाएं और उसे रंगीन गुलाबों से सजाएं और उस में कैंडल्स जलाएं. ऐसा माहौल आप को केवल रोमांटिक ही नहीं बनाएगा, बल्कि सैक्सुअल ऐनर्जी को बढ़ाने में मददगार होगा.

  1. खुशबू से महकाएं तन

परफ्यूम की खुशबू सहवास क्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. खुशबू से महकता हुआ स्त्रीपुरुष का शरीर सैक्स इच्छा को तीव्र ही नहीं करता, बल्कि कामोत्तेजना को भी बढ़ाता है. भावनात्मक रूप से भी पतिपत्नी एकदूसरे के नजदीक आते हैं. इस से सैक्स लाइफ आनंदमयी बन जाती है.

  1. पहनें सैक्सी वस्त्र

सहवास को खास बनाने में सैक्सी वस्त्र अहम भूमिका निभाते हैं. पति को सरप्राइज देने के लिए सैक्सी इनरवियर पहनें. नाइटी भी रैड, गुलाबी, नीले रंग की चुनें. कामोत्तेजना बढ़ाने में सैक्सी वस्त्रों की अपनी अलग ही भूमिका होती है. ऐसा होने से पतिपत्नी दोनों ही चरम सुख को प्राप्त कर सकते हैं.

  1. आलिंगन भी अहम

विवाह के बाद तनमन दोनों ही मिलते हैं. यही शारीरिक स्पर्श रिश्तों को मजबूती प्रदान करता है. कभीकभी काम की अधिकता की वजह से पतिपत्नी आलिंगन, चुंबन और सहवास करने का समय ही नहीं निकाल पाते हैं. सहवास के समय आलिंगन, स्पर्श, चुंबन को महसूस कर सफल सैक्स को अंजाम दिया जा सकता है.

  1. भावनात्मक भी रहें

अकसर सैक्स क्रिया से पूर्व सुखद वातावरण बिना बनाए ही पति पत्नी से संबंध बनाने की चेष्टा करते हैं. जबकि भावनात्मक पहलू को सैक्स के दौरान और बाद में भी समझना चाहिए. पति पत्नी की आंखों में शर्म, प्यार और शब्दों में भावनात्मक प्यार ही चाहता है, तो पत्नी भी चाहती है कि पति उस के काम की प्रशंसा और सौंदर्य की सराहना करे. इस के साथसाथ दोनों एकदूसरे के यौन संबंधी स्वभाव की भिन्नता को जानते हुए भी एकदूसरे को कौपरेट करें.

  1. जल्दबाजी ठीक नहीं

डा. अशोक के मुताबिक महिलाओं में सहवास संतुष्टि को ले कर 3 प्रकार की विभिन्नताएं पाई जाती हैं:

जल्दी संतुष्ट होने वाली.

थोड़ी देर में संतुष्ट होने वाली.

देर से संतुष्ट होने वाली.

कई पति पत्नी को पूर्णरूप से सैक्स के लिए तैयार न कर के जल्दबाजी में सहवास करते हैं. जबकि उन्हें अपनी पत्नी को उस की मनोवृत्ति के अनुसार सैक्स में संतुष्ट करना चाहिए. पत्नी यदि विभिन्न रतिक्रियाओं से संतुष्ट होने वाली हो तो पति को उस पर भी ध्यान देना चाहिए.

  1. सहवास से पहले

इस के अलावा सहवास से पहले स्पर्श, आलिंगन, चुंबन, मर्दन आदि कामक्रीडाओं से उत्तेजना को चरम सीमा पर पहुंचा कर ही सहवास करना चाहिए. पूर्ण संतुष्टि के लिए पतिपत्नी को लज्जा, भय, संकोच, अशांति को त्याग कर कामक्रीडा को अंजाम देना चाहिए.

  1. तनाव न करें

सैक्स का मनमस्तिष्क से संबंध होता है. यदि मन में भय, चिंता, लोकलाज का भय हो तो कई बार प्रथम सहवास में पुरुष शीघ्रपतन का शिकार बन जाता है और थकान व तनाव की स्थिति में पतिपत्नी दोनों ही सफल सहवास करने और सैक्स का आनंद उठाने से वंचित रह जाते हैं. दांपत्य जीवन में सैक्स सुख सही तालमेल और प्रसन्न रहने से ही प्राप्त होता है.

Valentine’s Day 2024 – सच्चा प्यार : स्कूल में जब दो दिल मिले

अनुपम और शिखा दोनों इंगलिश मीडियम के सैंट जेवियर्स स्कूल में पढ़ते थे. दोनों ही उच्चमध्यवर्गीय परिवार से थे. शिखा मातापिता की इकलौती संतान थी जबकि अनुपम की एक छोटी बहन थी. धनसंपत्ति के मामले में शिखा का परिवार अनुपम के परिवार की तुलना में काफी बेहतर था. शिखा के पिता पुलिस इंस्पैक्टर थे. उन की ऊपरी आमदनी काफी थी. शहर में उन का रुतबा था. अनुपम और शिखा दोनों पहली कक्षा से ही साथ पढ़ते आए थे, इसलिए वे अच्छे दोस्त बन गए थे. दोनों के परिवारों में भी अच्छी दोस्ती थी.

शिखा सुंदर थी अनुपम देखने में काफी स्मार्ट था. उस दिन उन का 10वीं के बोर्ड का रिजल्ट आने वाला था. शिखा भी अनुपम के घर अपना रिजल्ट देखने आई. अनुपम ने अपना लैपटौप खोला और बोर्ड की वैबसाइट पर गया. कुछ ही पलों में दोनों का रिजल्ट भी पता चल गया. अनुपम को 95 प्रतिशत अंक मिले थे और शिखा को 85 प्रतिशत. दोनों अपनेअपने रिजल्ट से संतुष्ट थे. और एकदूसरे को बधाई दे रहे थे. अनुपम की मां ने दोनों का मुंह मीठा कराया.

शिखा बोली, ‘‘अब आगे क्या पढ़ना है, मैथ्स या बायोलौजी? तुम्हारे तो दोनों ही सब्जैक्ट्स में अच्छे मार्क्स हैं?’’ ‘‘मैं तो पीसीएम ही लूंगा. और तुम?’’

‘‘मैं तो आर्ट्स लूंगी, मेरा प्रशासनिक सेवा में जाने का मन है.’’ ‘‘मेरी प्रशासनिक सेवा में रुचि नहीं है. जिंदगीभर नेताओं और मंत्रियों की जीहुजूरी करनी होगी.’’

‘‘मैं तुम्हें एक सलाह दूं?’’ ‘‘हां, बोलो.’’

‘‘तुम पायलट बनो. तुम पर पायलट वाली ड्रैस बहुत सूट करेगी और तुम दोगुना स्मार्ट लगोगे. मैं भी तुम्हारे साथसाथ हवा में उड़ने लगूंगी.’’ ‘‘मेरे साथ?’’

‘‘हां, क्यों नहीं, पायलट अपनी बीवी को साथ नहीं ले जा सकते, क्या.’’ तब शिखा को ध्यान आया कि वह क्या बोल गई और शर्म के मारे वहां से भाग गई. अनुपम पुकारता रहा पर उस ने मुड़ कर पीछे नहीं देखा. थोड़ी देर में अनुपम की मां भी वहां आ गईं. वे उन दोनों की बातें सुन चुकी थीं. उन्होंने कहा, ‘‘शिखा ने अनजाने में अपने मन की बात कह डाली है. शिखा तो अच्छी लड़की है. मुझे तो पसंद है. तुम अपनी पढ़ाई पूरी कर लो. अगर तुम्हें पसंद है तो मैं उस की मां से बात करती हूं.’’

अनुपम बोला, ‘‘यह तो बाद की बात है मां, अभी तक हम सिर्फ अच्छे दोस्त हैं. पहले मुझे अपना कैरियर देखना है.’’ मां बोलीं, ‘‘शिखा ने अच्छी सलाह दी है तुम्हें. मेरा बेटा पायलट बन कर बहुत अच्छा लगेगा.’’

‘‘मम्मी, उस में बहुत ज्यादा खर्च आएगा.’’ ‘‘खर्च की चिंता मत करो, अगर तुम्हारा मन करता है तब तुम जरूर पायलट बनो अन्यथा अगर कोई और पढ़ाई करनी है तो ठीक से सोच लो. तुम्हारी रुचि जिस में हो, वही पढ़ो,’’ अनुपम के पापा ने उन की बात सुन कर कहा.

उन दिनों 21वीं सदी का प्रारंभ था. भारत के आकाशमार्ग में नईनई एयरलाइंस कंपनियां उभर कर आ रही थीं. अनुपम ने मन में सोचा कि पायलट का कैरियर भी अच्छा रहेगा. उधर अनुपम की मां ने भी शिखा की मां से बात कर शिखा के मन की बात बता दी थी. दोनों परिवार भविष्य में इस रिश्ते को अंजाम देने पर सहमत थे. एक दिन स्कूल में अनुपम ने शिखा से कहा, ‘‘मैं ने सोच लिया है कि मैं पायलट ही बनूंगा. तुम मेरे साथ उड़ने को तैयार रहना.’’

‘‘मैं तो न जाने कब से तैयार बैठी हूं,’’ शरारती अंदाज में शिखा ने कहा. ‘‘ठीक है, मेरा इंतजार करना, पर कमर्शियल पायलट बनने के बाद ही शादी करूंगा.’’

‘‘नो प्रौब्लम.’’ अब अनुपम और शिखा दोनों काफी नजदीक आ चुके थे. दोनों अपने भविष्य के सुनहरे सपने देखने लगे थे. देखतेदेखते दोनों 12वीं पास कर चुके थे. अनुपम को अच्छे कमर्शियल पायलट बनने के लिए अमेरिका के एक फ्लाइंग स्कूल जाना था.

भारत में मल्टीइंजन वायुयान और एयरबस ए-320 जैसे विमानों पर सिमुलेशन की सुविधा नहीं थी जोकि अच्छे कमर्शियल पायलट के लिए जरूरी था. इसलिए अनुपम के पापा ने गांव की जमीन बेच कर और कुछ प्रोविडैंट फंड से लोन ले कर अमेरिकन फ्लाइंग स्कूल की फीस का प्रबंध कर लिया था. अनुपम ने अमेरिका जा कर एक मान्यताप्राप्त फ्लाइंग स्कूल में ऐडमिशन लिया. शिखा ने स्थानीय कालेज में बीए में ऐडमिशन ले लिया.

अमेरिका जाने के बाद फोन और वीडियो चैट पर दोनों बातें करते. समय का पहिया अपनी गति से घूम रहा था. देखतेदेखते 3 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका था. अनुपम को कमर्शियल पायलट लाइसैंस मिल गया. शिखा को प्रशासनिक सेवा में सफलता नहीं मिली. उस ने अनुपम से कहा कि प्रशासनिक सेवा के लिए वह एक बार और कंपीट करने का प्रयास करेगी.

अनुपम ने प्राइवेट एयरलाइंस में पायलट की नौकरी जौइन की. लगभग 2 साल वह घरेलू उड़ान पर था. एकदो बार उस ने शिखा को भी अपनी फ्लाइट से सैर कराई. शिखा को कौकपिट दिखाया और कुछ विमान संचालन के बारे में बताया. शिखा को लगा कि उस का सपना पूरा होने जा रहा है. एक साल बाद अनुपम को अंतर्राष्ट्रीय वायुमार्ग पर उड़ान भरने का मौका मिला. कभी सिंगापुर, कभी हौंगकौंग तो कभी लंदन. शिखा को दूसरे वर्ष भी प्रशासनिक सेवा में सफलता नहीं मिली. इधर शिखा के परिवार वाले उस की शादी जल्दी करना चाहते थे. अनुपम ने उन से 1-2 साल का और समय मांगा. दरअसल, अनुपम के पिता उस की पढ़ाई के लिए काफी कर्ज ले चुके थे. अनुपम चाहता था कि अपनी कमाई से कुछ कर्ज उतार दे और छोटी बहन की शादी हो जाए.

वैसे तो वह प्राइवेट एयरलाइंस घरेलू वायुसेवा में देश में दूसरे स्थान पर थी पर इस कंपनी की आंतरिक स्थिति ठीक नहीं थी. 2007 में कंपनी ने दूसरी घरेलू एयरलाइंस कंपनी को खरीदा था जिस के बाद इस की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी थी. 2010 तक हालत बदतर होने लगे थे. बीचबीच में कर्मचारियों को बिना वेतन 2-2 महीने काम करना पड़ा था. उधर शिखा के पिता शादी के लिए अनुपम पर दबाव डाल रहे थे. पर बारबार अनुपम कुछ और समय मांगता ताकि पिता का बोझ कुछ हलका हो. जो कुछ अनुपम की कमाई होती, उसे वह पिता को दे देता. इसी वजह से अनुपम की बहन की शादी भी अच्छे से हो गई. उस के पिता रिटायर भी हो गए थे.

रिटायरमैंट के समय जो कुछ रकम मिली और अनुपम की ओर से मिले पैसों को मिला कर उन्होंने शहर में एक फ्लैट ले लिया. पर अभी भी फ्लैट के मालिकाना हक के लिए और रुपयों की जरूरत थी. अनुपम को कभी 2 महीने तो कभी 3 महीने पर वेतन मिलता जो फ्लैट में खर्च हो जाता. अब भी एक बड़ी रकम फ्लैट के लिए देनी थी.

एक दिन शिखा के पापा ने अपनी पत्नी से कहा, ‘‘आज अनुपम से फाइनल बात कर लेता हूं, आखिर कब तक इंतजार करूंगा और दूसरी बात, मुझे पायलट की नौकरी उतनी पसंद भी नहीं. ये लोग देशविदेश घूमते रहते हैं. इस का क्या भरोसा, कहीं किसी के साथ चक्कर न चल रहा हो.’’ अनुपम के मातापिता तो चाहते थे कि अनुपम शादी के लिए तैयार हो जाए, पर वह तैयार नहीं हुआ. उस का कहना था कि कम से कम यह घर तो अपना हो जाए, उस के बाद ही शादी होगी. इधर एयरलाइंस की हालत बद से बदतर होती गई. वर्ष 2012 में जब अनुपम घरेलू उड़ान पर था तो उस ने दर्दभरी आवाज में यात्रियों को संबोधित किया, ‘‘आज की आखिरी उड़ान में आप लोगों की सेवा करने का अवसर मिला. हम ने 2 महीने तक बिना वेतन के अपनी समझ और सामर्थ्य के अनुसार आप की सेवा की है.’’ इस के चंद दिनों बाद इस एयरलाइंस की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का लाइसैंस रद्द कर दिया गया. पायलट हो कर भी अनुपम बेकार हो गया.

शिखा के पिता ने बेटी से कहा, ‘‘बेटे, हम ने तुम्हारे लिए एक आईएएस लड़का देखा है. वे लोग तुम्हें देख चुके हैं और तुम से शादी के लिए तैयार हैं. वे कोई खास दहेज भी नहीं मांग रहे हैं वरना आजकल तो आईएएस को करोड़ डेढ़करोड़ रुपए आसानी से मिल जाता है.’’

‘‘पापा, मैं और अनुपम तो वर्षों से एकदूसरे को जानते हैं और चाहते भी हैं. यह तो उस के साथ विश्वासघात होगा. हम कुछ और इंतजार कर सकते हैं. हर किसी का समय एकसा नहीं होता. कुछ दिनों में उस की स्थिति भी अच्छी हो जाएगी, मुझे पूरा विश्वास है.’’ ‘‘हम लोग लगभग 2 साल से उसी के इंतजार में बैठे हैं, अब और समय गंवाना व्यर्थ है.’’

‘‘नहीं, एक बार मुझे अनुपम से बात करने दें.’’ शिखा ने अनुपम से मिल कर यह बात बताई. शिखा तो कोर्ट मैरिज करने को भी तैयार थी पर अनुपम को यह ठीक नहीं लगा. वह तो अनुपम का इंतजार भी करने को तैयार थी.

शिखा ने पिता से कहा, ‘‘मैं अनुपम के लिए इंतजार कर सकती हूं.’’ ‘‘मगर, मैं नहीं कर सकता और न ही लड़के वाले. इतना अच्छा लड़का मैं हाथ से नहीं निकलने दूंगा. तुम्हें इस लड़के से शादी करनी होगी.’’

उस के पिता ने शिखा की मां को बुला कर कहा, ‘‘अपनी बेटी को समझाओ वरना मैं अभी के तुम को गोली मार कर खुद को भी गोली मार दूंगा.’’ यह बोल कर उन्होंने पौकेट से पिस्तौल निकाल कर पत्नी पर तान दी. मां ने कहा, ‘‘बेटे, पापा का कहना मान ले. तुम तो इन का स्वभाव जानती हो. ये कुछ भी कर बैठेंगे.’’

शिखा को आखिरकार पिता का कहना मानना पड़ा ही शिखा अब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की पत्नी थी. उस के पास सबकुछ था, घर, बंगला, नौकरचाकर. कुछ दिनों तक तो वह थोड़ी उदास रही पर जब वह प्रैग्नैंट हुई तो उस का मन अब अपने गर्भ में पलने वाले जीव की ओर आकृष्ट हुआ.

उधर, अनुपम के लिए लगभग 1 साल का समय ठीक नहीं रहा. एक कंपनी से उसे पायलट का औफर भी मिला तो वह कंपनी उस की लाचारी का फायदा उठा कर इतना कम वेतन दे रही थी कि वह तैयार नहीं हुआ. इस के कुछ ही महीने बाद उसे सिंगापुर के एक मशहूर फ्लाइंग एकेडमी में फ्लाइट इंस्ट्रक्टर की नौकरी मिल गई. वेतन, पायलट की तुलना में कम था पर आराम की नौकरी थी. ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी थी इस नौकरी में. अनुपम सिंगापुर चला गया. इधर शिखा ने एक बेटे को जन्म दिया. देखतेदेखते एक साल और गुजर गया. अनुपम के मातापिता अब उस की शादी के लिए दबाव बना रहे थे. अनुपम ने सबकुछ अपने मातापिता पर छोड़ दिया था. उस ने बस इतना कहा कि जिस लड़की को वे पसंद करें उस से फाइनल करने से पहले वह एक बार बात करना चाहेगा. कुछ दिनों बाद अनुपम अपने एक दोस्त की शादी में भारत आया. वह दोस्त का बराती बन कर गया. जयमाला के दौरान स्टेज पर ही लड़की लड़खड़ा कर गिर पड़ी. उस का बाएं पैर का निचला हिस्सा कृत्रिम था, जो निकल पड़ा था. पूरी बरात और लड़की के यहां के मेहमान यह देख कर आश्चर्यचकित थे.

दूल्हे के पिता ने कहा, ‘‘यह शादी नहीं हो सकती. आप लोगों ने धोखा दिया है.’’

लड़की के पिता बोले, ‘‘आप को तो मैं ने बता दिया था कि लड़की का एक पैर खराब है.’’ ‘‘आप ने सिर्फ खराब कहा था. नकली पैर की बात नहीं बताई थी. यह शादी नहीं होगी और बरात वापस जाएगी.’’

तब तक लड़की का भाई भी आ कर बोला, ‘‘आप को इसीलिए डेढ़ करोड़ रुपए का दहेज दिया गया है. शादी तो आप को करनी ही होगी वरना…’’ अनुपम का दोस्त, जो दूल्हा था, ने कहा, ‘‘वरना क्या कर लेंगे. मैं जानता हूं आप मजिस्ट्रेट हैं. देखता हूं आप क्या कर लेंगे. अपनी दो नंबर की कमाई के बल पर आप जो चाहें नहीं कर सकते. आप ने नकली पैर की बात क्यों छिपाई थी. लड़की दिखाने के समय तो हम ने इस की चाल देख कर समझा कि शायद पैर में किसी खोट के चलते लंगड़ा कर चल रही है, पर इस का तो पैर ही नहीं है, अब यह शादी नहीं होगी. बरात वापस जाएगी.’’ तब तक अनुपम भी दोस्त के पास पहुंचा. उस के पीछे एक महिला गोद में बच्चे को ले कर आई. वह शिखा थी. उस ने दुलहन बनी लड़की का पैर फिक्स किया. वह शिखा से रोते हुए बोली, ‘‘भाभी, मैं कहती थी न कि मेरी शादी न करें आप लोग. मुझे बोझ समझ कर घर से दूर करना चाहा था न?’’

‘‘नहीं मुन्नी, ऐसी बात नहीं है. हम तो तुम्हारा भला सोच रहे थे.’’ शिखा इतना ही बोल पाई थी और उस की आंखों से आंसू निकलने लगे. इतने में उस की नजर अनुपम पर पड़ी तो बोली, ‘‘अनुपम, तुम यहां?’’ अनुपम ने शिखा की ओर देखा. मुन्नी और विशेष कर शिखा को रोते देख कर वह भी दुखी था. बरात वापस जाने की तैयारी में थी. दूल्हेदोस्त ने शिखा को देख कर कहा, ‘‘अरे शिखा, तुम यहां?’’

‘‘हां, यह मेरी ननद मुन्नी है.’’ ‘‘अच्छा, तो यह तुम लोगों का फैमिली बिजनैस है. तुम ने अनुपम को ठगा और अब तुम लोग मुझे उल्लू बना रहे थे. चल, अनुपम चल, अब यहां नहीं रुकना है.’’

अनुपम बोला, ‘‘तुम चलो, मैं शिखा से बात कर के आता हूं.’’

बरात लौट गई. शिखा अनुपम से बोली, ‘‘मुझे उम्मीद है, तुम मुझे गलत नहीं समझोगे और माफ कर दोगे. मैं अपने प्यार की कुर्बानी देने के लिए मजबूर थी. अगर ऐसा नहीं करती तो मैं अपनी मम्मी और पापा की मौत की जिम्मेदार होती.’’

‘‘मैं ने न तुम्हें गलत समझा है और न ही तुम्हें माफी मांगने की जरूरत है.’’ लड़की के पिता ने बरातियों से माफी मांगते हुए कहा, ‘‘आप लोग क्षमा करें, मैं बेटी के हाथ तो पीले नहीं कर सका लेकिन आप लोग कृपया भोजन कर के जाएं वरना सारा खाना व्यर्थ बरबाद जाएगा.’’

मेहमानों ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में हमारे गले के अंदर निवाला नहीं उतरेगा. बिटिया की डोली न उठ सकी इस का हमें भी काफी दुख है. हमें माफ करें.’’ तब अनुपम ने कहा, ‘‘आप की बिटिया की डोली उठेगी और मेरे घर तक जाएगी. अगर आप लोगों को ऐतराज न हो.’’

वहां मौजूद सभी लोगों की निगाहें अनुपम पर गड़ी थीं. लड़की के पिता ने झुक कर अनुपम के पैर छूने चाहे तो उस ने तुरंत उन्हें मना किया. शिखा के पति ने कहा, ‘‘मुझे शिखा ने तुम्हारे बारे में बताया था कि तुम दोनों स्कूल में अच्छे दोस्त थे. पर मैं तुम से अभी तक मिल नहीं सका था. तुम ने मेरे लिए ऐसे हीरे को छोड़ दिया.’’

मुन्नी की शादी उसी मंडप में हुई. विदा होते समय वह अपनी भाभी शिखा से बोली, ‘‘प्यार इस को कहते हैं, भाभी. आप के या आप के परिवार को अनुपम अभी भी दुखी नहीं देखना चाहते हैं.’’

Valentine’s Day 2024: प्यार असफल है तुम नहीं रक्षित

एक हार्ट केयर हौस्पिटल के शुभारंभ का आमंत्रण कार्ड कोरियर से आया था. मानसी ने पढ़ कर उसे काव्य के हाथ में दे दिया. काव्य ने उसे पढ़ना शुरू किया और अतीत में खोता चला गया…

उस ने रक्षित का दरवाजा खटखटाया. वह उस का बचपन का दोस्त था. बाद में दोनों कालेज अलगअलग होने के कारण बहुत ही मुश्किल से मिलते थे. काव्य इंजीनियरिंग कर रहा था और रक्षित डाक्टरी की पढ़ाई. आज काव्य अपने मामा के यहां शादी में अहमदाबाद आया हुआ था, तो सोचा कि अपने खास दोस्त रक्षित से मिल लूं, क्योंकि शादी का फंक्शन शाम को होना था. अभी दोपहर के 3-4 घंटे दोस्त के साथ गुजार लूं. जीभर कर मस्ती करेंगे और ढेर सारी बातें करेंगे. वह रक्षित को सरप्राइज देना चाहता था.

उस के पास रक्षित का पता था क्योंकि अभी उस ने पिछले महीने ही इसी पते पर रक्षित के बर्थडे पर गिफ्ट भेजा था. दरवाजा दो मिनट बाद खुला, उसे आश्चर्य हुआ पर उस से ज्यादा आश्चर्य रक्षित को देख कर हुआ. रक्षित की दाढ़ी बेतरतीब व बढ़ी हुई थी. आंखें धंसी हुई थीं जैसे काफी दिनों से सोया न हो. कपड़े जैसे 2-3 दिन से बदले न हों. मतलब, वह नहाया भी नहीं था. उस के शरीर से हलकीहलकी बदबू आ रही थी, फिर भी काव्य दोस्त से मिलने की खुशी में उस से लिपट गया. पर सामने से कोई खास उत्साह नहीं आया.

‘क्या बात है भाई, तबीयत तो ठीक है न,’ उसे आश्चर्य हुआ रक्षित के व्यवहार से, क्योंकि रक्षित हमेशा काव्य को देखते ही चिपक जाता था.

‘अरे काव्य, तुम यहां, चलो अंदर आओ,’ उस ने जैसे अनमने भाव से कहा. स्टूडैंट रूम की हालत वैसे ही हमेशा खराब ही होती है पर रक्षित के रूम की हालत देख कर लगता था जैसे एक साल से कमरा बंद हो. सफाई हुए महीनों हो गए हों. पूरे कमरे में जगहजगह जाले थे. किताबों पर मिट्टी जमा थी. किताबें अस्तव्यस्त यहांवहां बिखरी हुई थीं. काव्य ने पुराना कपड़ा ले कर कुरसी साफ की और बैठा. उस से पहले ही रक्षित पलंग पर बैठ चुका था जैसे थक गया हो.

काव्य अब आश्चर्य से ज्यादा दुखी व स्तब्ध था. उसे चिंता हुई कि दोस्त को क्या हो गया है? ‘‘तबीयत ठीक है न? यह क्या हालत बना रखी है खुद की व कमरे की? 2-3 बार पूछने पर उस ने जवाब नहीं दिया, तो काव्य ने कंधों को पकड़ कर पूछा तो रक्षित की आंखों से आंसू बहने लगे. कुछ कहने की जगह वह काव्य से चिपक गया, तकलीफ में जैसे बच्चा अपनी मां से चिपकता है. वह फफकफफक कर रोने लगा. काव्य को कुछ भी समझ न आया. कुछ देर तक रोने के बाद वह इतना ही बोला, ‘भाई, मैं उस के बिना जी नहीं सकता,’ उस ने सुबकते हुए कहा.

‘किस के बिना जी नहीं सकता? तू किस की बात कर रहा है?’ दोनों हाथ पकड़ कर काव्य ने प्यार से पूछा.

‘आम्या की बात कर रहा हूं.’

‘ओह तो प्यार का मामला है. मतलब गंभीर. यह उम्र ही ऐसी है. जब काव्य कालेज जा रहा था तब उस के गंभीर पापा ने उसे एकांत में पहली बार अपने पास बिठा कर इस बारे में विस्तार से बात की. अपने पापा को इस विषय पर बात करते हुए देख कर काव्य को घोर आश्चर्य हुआ था. पर जब पापा ने पूरी बात समझाई व बताई, तब उसे अपने पापा पर नाज हुआ कि उन्होंने उसे कुएं में गिरने से पहले ही बचा लिया.

‘ओह,’ काव्य ने अफसोसजनक स्वर में कहा.

‘रक्षित, तू एक काम कर. पहले नहाधो और शेविंग कर के फ्रैश हो जा. तब तक मैं पूरे कमरे की सफाई करता हूं. फिर मैं तेरी पूरी बात सुनता हूं और समझाता हूं,’ काव्य ने अपने दोस्त को अपनेपन से कहा. काव्य सफाईपसंद व अनुशासित विद्यार्थी की तरह था. रो लेने के कारण उस का मन हलका हो गया था.

‘अरे काव्य, सफाई मैं खुद ही कर दूंगा. तू तो मेहमान है.’ काव्य को ऐसा बोलते हुए रक्षित हड़बड़ा गया.

‘अरे भाई, पहले मैं तेरा दोस्त हूं. प्लीज, दोस्त की बात मान ले.’ अब दोस्त इतना प्यार और अपनेपन से कहे तो कौन दोस्त की बात न माने. काव्य ने समझ कर उसे अटैच्ड बाथरूम में भेज दिया, क्योंकि ऐसे माहौल में न तो वह ढंग से बता सकता है और न वह सुन सकता है. पहले वह फ्रैश हो जाए तो ढंग से कहेगा.

काव्य ने किताब और किताबों की शैल्फ से शुरुआत की और आधे घंटे में एक महीने का कचरा साफ कर लिया. काव्य होस्टल में सब से साफ और व्यवस्थित कमरा रखने के लिए प्रसिद्ध था.

आधे घंटे बाद जब रक्षित बाथरुम से निकला तो दोनों ही आश्चर्य में थे. रक्षित एकदम साफ और व्यवस्थित कक्ष देख कर और काव्य, रक्षित को क्लीन शेव्ड व वैलड्रैस्ड देख कर.

‘वाऊ, तुम ने इतनी देर में कमरे को होस्टल के कमरे की जगह होटल का कमरा बना दिया भाई. तेरी सफाई की आदत होस्टल में जाने के बाद भी नहीं बदली,’ रक्षित सफाई से बहुत प्रभावित हो कर बोला.

‘और तेरी क्लीन शेव्ड चेहरे में चांद जैसे दिखने की,’ चेहरे पर हाथ फेरते हुए काव्य बोला. अब रक्षित काफी रिलैक्स था.

‘भैया चाय…’ दरवाजे पर चाय वाला चाय के साथ था.

‘अरे वाह, क्या कमरा साफ किया है आप ने,’ कमरे की चारों तरफ नजर घुमाते हुए छोटू बोला तो रक्षित झेंप गया. वह रोज सुबहसुबह चाय ले कर आता है, इसलिए उसे कमरे की हालत पता थी.

‘अरे, यह मेरे दोस्त का कमाल है,’ काव्य के कार्य की तारीफ करते हुए रक्षित मुसकराते हुए बोला, ‘अरे, तुम्हें चाय लाने को किस ने बोला?’

‘मैं ने बोला. दीवार पर चाय वाले का फोन नंबर था.’

‘थैंक्यू काव्य. चाय पीने की बहुत इच्छा थी,’ रक्षित ने चाय का एक गिलास काव्य को देते हुए कहा. दोनों चुपचाप गरमागरम चाय पी रहे थे.

चाय खत्म होने के बाद काव्य बोला, ‘अब बता, क्या बात है, कौन है आम्या और पूरा माजरा क्या है?’ आम्या की बात सुन कर रक्षित फिर से मायूस हो गया, फिर से उस के चेहरे पर मायूसी आ गई. हाथ कुरसी के हत्थे से भिंच गए.

‘मैं आम्या से लगभग एक साल पहले मिला था. वह मेरी क्लासमेट लावण्या की मित्र थी. लावण्या की बर्थडे पार्टी में हम पहली बार मिले थे. हमारी मुलाकात जल्दी ही प्रेम में बदल गई. वह एमबीए कर रही थी और बहुत ही खूबसूरत थी. मैं सोच भी नहीं सकता कि कालेज में मेरी इतनी सारी लड़कियों से दोस्ती थी पर क्यों मुझे आम्या ही पसंद आई. मुझे उस से प्यार हो गया. शायद वह समय का खेल था. हम लगभग रोज ही मिलते थे. मेरी फाइनल एमबीबीएस की परीक्षा के दौरान भी मुझ में उस की दीवानगी छाई हुई थी. वह भी मेरे प्यार में डूबी हुई थी.

‘मैं अभी तक प्यारमोहब्बत को फिल्मों व कहानियों में गढ़ी गई फंतासी समझता था. जिसे काल्पनिकता दे कर लेखक बढ़ाचढ़ा कर पेश करते हैं. पर अब मेरी हालत भी वैसे ही हो गई, रांझा व मजनूं जैसी. मैं ने तो अपना पूरा जीवन उस के साथ बिताने का मन ही मन फैसला कर लिया था और आम्या की ओर से भी यही समझता था. मुझ में भी कुछ कमी नहीं थी, मुझ में एक परफैक्ट शादी के लिए पसंद करने के लिए सारे गुण थे.’

‘तो फिर क्या हुआ दोस्त?’ काव्य ने उत्सुकता से पूछा.

‘मेरी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी हो गई थी और मैं हृदयरोग विशेषज्ञ बनने के लिए आगे की तैयारी के लिए पढ़ाई कर रहा था. एक दिन उस ने मुझ से कहा, ‘सुनो, पापा तुम से मिलना चाहते हैं.’ वह खुश और उत्साहित थी.

‘क्यों?’ मुझे जिज्ञासा हुई.

‘हम दोनों की शादी के सिलसिले में,’ उस ने जैसे रहस्य खोलते हुए कहा.

‘शादी? वह भी इतनी जल्दी’ मैं ने हैरानगी से कहा.

‘मैं आम्या को चाहता था पर अभी शादी के लिए विचार भी नहीं किया था.

‘हां, मेरे दादाजी की जिद है कि मेरी व मेरी छोटी बहन की शादी जल्दी से करें,’ आम्या ने शादी की जल्दबाजी का कारण बताया और जैसी शांति से बता रही थी उस से तो ऐसा लगा कि उसे भी जल्द शादी होने में आपत्ति नहीं है.

‘अभी इतनी जल्दी यह संभव नहीं है. मेरा सपना हृदयरोग विशेषज्ञ बनने का है और मैं अपना सारा ध्यान अभी पढ़ाई में ही लगाना चाहता हूं,’ मैं ने उसे अपने सपने के बारे में और अभी शादी नहीं कर सकता हूं, यह सम?ाया. ‘उस के लिए 2-3 साल और रुक जाओ. फिर हम दोनों जिंदगीभर एकदूसरे के हो जांएगे,’ मैं ने उसे सम?ाते हुए कहा.

‘नहीं रक्षित, यह संभव नहीं है. मेरे पिता इतने साल तक रुक नहीं सकते. मेरे पीछे मेरी बहन का भी भविष्य है,’ जैसे उस ने जल्दी शादी करने का फैसला ले लिया हो.

‘मैं ने उसे बहुत समझाया. पर उस ने अपने पिता के पसंद किए हुए एनआरआई अमेरिकी से शादी कर ली और पिछले महीने अमेरिका चली गई और पीछे छोड़ गई अपनी यादें और मेरा अकेलापन. मैं सोच नहीं सकता कि आम्या मुझे छोड़ देगी. मैं दुखी हूं कि मेरा प्यार छिन गया. मैं ने उसे मरने की हद तक चाहा. काव्य, मेरा प्यार असफल हो गया. मझ में कुछ भी कमी नहीं थी. फिर भी क्यों मेरे साथ समय ने ऐसा खेल खेला.’

रक्षित फिर से रोने लगा और रोते हुए बोला, ‘बस, तभी से मुझे न भूख लगती है न प्यास. एक महीने से मैं ने एक अक्षर की भी पढ़ाई नहीं की है. मेरा अभी विशेषज्ञ प्रवेश परीक्षा का अगले महीने ही एग्जाम है. यों समझ कि मैं देवदास बन गया हूं.’ वह फिर से काव्य के कंधे पर सिर रख कर बच्चों जैसा रोने लगा.

‘देखो रक्षित, इस उम्र में प्यार करना गलत नहीं है. पर प्यार में टूट जाना गलत है. तुम्हारा जिंदगी का मकसद हमेशा ही एक अच्छा डाक्टर बनना था न कि प्रेमी. देखो, तुम ने कितना इंतजार किया. बचपन में तुम्हारे दोस्त खेलते थे, तुम खेले नहीं. तुम्हारे दोस्त फिल्म देखने जाते, तो तुम फिल्म नहीं देखते थे. तुम्हारा भी मन करता था अपने दोस्तों के साथ गपशप करने का और यहां तक कि रक्षित, तुम अपनी बहन की शादी में भी बरातियों की तरह शाम को पहुंच पाए थे, क्योंकि तुम्हारी पीएमटी परीक्षा थी. वे सारी बातें अपने प्यार में  भूल गए.

‘आम्या तो चली गई और फिर कभी वापस भी नहीं आएगी तुम्हारी जिंदगी में. और यदि आज तुम्हें आम्या ऐसी हालत में देखेगी तो तुम पर उसे प्यार नहीं आएगा, बल्कि नफरत करेगी और सोचेगी कि अच्छा हुआ कि मैं इस व्यक्ति से बच गई जो एक असफलता के कारण, जिंदगी से निराश, हताश और उदास हो गया और अपना जिंदगी का सपना ही भूल गया. क्या वह ऐसे व्यक्ति से शादी करती?

‘सोचो रक्षित, एक पल के लिए भी. एक दिल टूटने के कारण क्या तुम भविष्य में लाखों दिलों को टूटने दोगे,  इलाज करने के लिए वंचित रखोगे. इस मैडिकल कालेज में आने, इस अनजाने शहर में आने, अपना घर छोड़ने का मकसद एक लड़की का प्यार पाना था या फिर बहुत सफल व प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ बनने का था? तुम्हें वह सपना पूरा करना है जो यहां आने से पहले तुम ने देखा था.

‘रक्षित बता दो दुनिया को और अपनेआप को भी कि तुम्हारा प्यार असफल हुआ है, पर तुम नहीं और न ही तुम्हारा सपना असफल हुआ है. और यह बात तुम्हें खुद ही साबित करनी होगी,’ काव्य ने उसे समझया.

‘तुम सही कहते हो काव्य, मेरा लक्ष्य, मेरा सपना, सफल प्रेमी बनने का नहीं, एक अच्छा डाक्टर बनने का है. थैंक्यू तुम्हें दोस्त, यह सब मुझे सही समय पर याद दिलाने के लिए,’ काव्य के गले लग कर, दृढ़ता व विश्वास से रक्षित बोला.

‘‘कार्ड हाथ में ले कर कब से कहां खो गए हो?’’ मानसी ने अपने पति काव्य को झिझड़ कर पूछा, ‘‘अरे, कब तक सोचते रहोगे. कुछ तैयारी भी करोगे? कल ही रक्षित भैया के हार्ट केयर हौस्पिटल के उद्घाटन में जोधपुर जाना है,’’ मानसी ने उस से कहा तो वह मुसकरा दिया.

Valentine’s Special: प्यार और रोमांस एक ही सिक्के के दो पहलू

रोमांस का मतलब केवल प्यारमुहब्बत और दैहिक सुख ही प्राप्त करना नहीं है, बल्कि रोमांस का अर्थ है दो युवा दिलों का एकसाथ धड़कना, एकदूसरे की भावनाओं को समझना. जिस प्रेम में निष्ठा हो उस में ही रोमांस प्राप्त होता है. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए निष्ठा व प्रेम जरूरी हैं. कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य में तभी कामयाबी पाता है जब उस के मन में कुछ कर पाने की इच्छा और लगन होती है.

रोमांस यानी अपने प्यार को दिलोजान से पाने का एहसास. कोई ऐसा साथी मिले, जो प्यारी सी मीठी बातें या फिर छेड़छाड़ करे जो तनमन में स्पंदन जगा कर रोमरोम को पुलकित कर दे यानी रोमांस एक खूबसूरत एहसास भर देता है.

एक मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत सुजाता का मानना है कि रोमांस के बिना जिंदगी अधूरी होती है. मैं नहीं जानती कि रोमांस की उत्पत्ति कब और कहां से हुई, पर मैं इतना जरूर कहूंगी कि रोमांस अपने प्यार के प्रति दीवानगी को बढ़ाता है.

आकर्षण है रोमांस

एक महिला सामाजिक संगठन से जुड़ी जया की मानें तो रोमांस ऐसा आकर्षण है जो अपने प्रिय को अपनी ओर आकर्षित करता है, जो कम समय में ही अपने प्यार को सम्मोहन में जकड़ लेता है.

अकेलेपन की स्थिति में रोमांस जीवन में रंग भरने का काम करता है. एकदूसरे का सामीप्य रोमांस की संभावनाओं को और बढ़ा देता है. रोमांस के बिना लाइफ में सबकुछ अधूराअधूरा सा लगता है.

सिक्के के दो पहलू

प्रेम और रोमांस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. एक निजी स्कूल संचालिका गीता का कहना है, ‘‘रोमांस के बिना प्यार संभव ही नहीं है, क्योंकि ये दोनों ही व्यक्ति को प्यार की राह पर आगे बढ़ने को मजबूर करते हैं.

‘‘प्यार अगर मंजिल है तो रोमांस उस तक पहुंचने का रास्ता है. बिना रामांस के प्यार को परवान तक पहुंचा पाना मुश्किल होता है. रोमांस प्रेम में तभी बदलता है जब एकदूसरे के प्रति रोमांस के भाव उत्पन्न हों. हम यह कह सकते हैं कि रोमांस दो प्रेम पथिकों को एकदूसरे से जोड़ने का सरल व सुंदर माध्यम है.’’

उत्साह है जरूरी

रोमांस में उत्साह का होना बहुत जरूरी है. बिना उत्साह के इस का रसपान करना संभव नहीं है. उत्साह ही रोमांस को जोशीला बनाता है, तनमन की गहराइयों का एहसास कराता है. सुरेश और संगीता अपने रोमांस को ले कर काफी उत्साहित थे. इसीलिए आज वे दोनों रोमांस करने के बाद, अच्छे साथी बन कर एक सफल गृहस्थ बन जीवनयापन कर रहे हैं.

वास्तविक प्रेम

प्रेम और रोमांस में वास्तविकता होनी बहुत जरूरी है. प्रेम में खुशबू है और खुशबू की तरह प्रेम को भी छिपाया नहीं जा सकता. दो युवा दिल अपने बदन की खुशबू को बखूबी पहचानते हैं, महसूस करते हैं. खुशबूरूपी वास्तविकता प्यार में ताजगी बनाए रखती है. इसलिए प्रेम में वास्तविकता संजीवनी का काम करती है. फिर कहा भी जाता है कि प्रेम में अमीरीगरीबी नहीं देखी जाती.

स्पंदन का एहसास

डा. सुरेंद्र सरदाना का कहना है, ‘‘रोमांस एक एहसास है, जिस की गहराई महसूस की जा सकती है. अपने चाहने वाले के लिए जिस प्रकार दिल की धड़कनें रुकने का नाम नहीं लेतीं, ठीक उसी प्रकार प्यार में रोमांस के बिना मजा किरकिरा हो जाता है. किसी अपने चहेते, जो दिल ही दिल आप को चाहता है, उस से मिलने की इच्छा तीव्र हो जाती है. प्रिय से निगाहें मिलने पर तनमन में स्पंदन सा महसूस होता है और तब प्यार के सागर में डुबकी लगाने को मन करता है. यही तो है रोमांस आप का. रोमांस तभी आनंदित करता है, जब उस में एकदूसरे का एहसास हो.’’

कुल मिला कर यही कहा जा सकता है कि प्रेम और रोमांस एक सिक्के के दो पहलू हैं. प्रेम के बिना रोमांस अधूरा है. रोमांस दो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. रोमांस का भाव स्थायी नहीं, संचारी होता है, क्योंकि यह प्रेमियों के तनमन में संचारित होता रहता है.

प्यार न हो कम

– लड़कियां जब प्यार करती हैं तो अपने प्रेमी के सिवा कुछ सोचना नहीं चाहतीं, जबकि लड़के कुछ पर्सनल स्पेस चाहते हैं. सो, उन्हें स्पेस देती रहें. इस से आप में उन की दिलचस्पी बनी रहेगी और वे ज्यादा खुश रहेंगे.

– हर लड़का चाहता है कि उसे वह इज्जत मिले जिस के लिए वह डिजर्व करता है. यह इज्जत तब और भी खास हो जाती है जब अपने चाहने वाले से मिले. अगर आप उसे इज्जत नहीं देंगी तो वह रिश्ते को कहीं न कहीं बोझ समझने लगेगा.

– प्यार में उत्साह बनाए रखना जरूरी है. इस के लिए रोमांस के नएनए तरीके, शरारत, अदाओं को करने में कोई कसर न छोड़ें.

– अपने वर्तमान की तुलना कभी भी अतीत से न करें.

– पार्टनर से कुछ पाने की चाहत रखने के बजाय उसे कुछ देने पर ध्यान दें, चाहे वह छोटा सा गुलाब हो.

– कोई भी व्यक्ति परफैक्ट नहीं होता पर अपने पार्टनर को अपने लिए हमेशा परफैक्ट मानें.

– पार्टनर को रोमांस के मामले में सौफ्टली हैंडल करें. रोमांस करने में उसे कुछ भय है तो प्यार, मनुहार और फोरप्ले द्वारा उसे तैयार करें. तभी आप दोनों रोमांस के पलों का आनंद उठा पाएंगे.

Valentine’s Day 2024: सैक्स से पहले छेड़छाड़ है बेहद जरूरी, अपनाएं ये तरीके

प्रिया का कहना है कि उस का पति जिस्मानी रिश्ता बनाते समय बिलकुल भी छेड़छाड़ नहीं करता और न ही प्यार भरी बातें करता है. उसे तो बस अपनी तसल्ली से मतलब होता है. जब तन की आग बुझ जाती है, तो निढाल हो कर चुपचाप सो जाता है. वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पती ही रह जाती है.

कुछ इसी तरह राजेंद्र का कहना है, ‘‘जिस्मानी रिश्ता कायम करते वक्त मेरी पत्नी बिलकुल सुस्त पड़ जाती है. वह न तो इनकार करती है और न ही प्यार में पूरी तरह हिस्सेदार बनती है. न ही छेड़छाड़ होती है और न ही रूठनामनाना. नतीजतन, सैक्स में कोई मजा ही नहीं आता.’’

इसी तरह सरिता की भी शिकायत है कि उस का पति उस के कहने पर जिस्मानी रिश्ता तो कायम करता है, पर वह सुख नहीं दे पाता, जो चरम सीमा पर पहुंचाता हो. हालांकि वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है, फिर भी सरिता को ऐसा लगता है, मानो वह अपनी मंजिल पर पहुंच कर भी नहीं पहुंची. सैक्स के दौरान वह इतनी जल्दबाजी करता है, मानो कोई ट्रेन पकड़नी हो. उसे यह भी खयाल नहीं रहता कि सोते समय और भी कई राहों से गुजरना पड़ता है. मसलन छेड़छाड़, चुंबन, सहलाना वगैरह. नतीजतन, सरिता सुख भोग कर भी प्यासी ही रह जाती है.

मनोज की हालत तो सब से अलग  है. उस का कहना है, ‘‘मेरी पत्नी इतनी शरमीली है कि जिस्मानी रिश्ता ही नहीं बनाने देती. अगर मैं उस के संग जबरदस्ती करता हूं, तो वह नाराज हो जाती है. छेड़छाड़ करता हूं, तो तुनक जाती?है, मानो मैं कोई पराया मर्द हूं. समझाने पर वह कहती है कि अभी नहीं, इस के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी हुई है.’’

इसी तरह और भी अनगिनत पतिपत्नी हैं, जो एकदूसरे की दिली चाहत को बिलकुल नहीं समझते और न ही समझने की कोशिश करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि शादीशुदा जिंदगी कच्चे धागे की तरह होती है. इस में जरा सी खरोंच लग जाए, तो वह पलभर में टूट सकती है.

पतिपत्नी में छेड़छाड़ तो बहुत जरूरी है, इस के बिना तो जिंदगी में कोई रस ही नहीं, इसलिए यह जरूरी है कि पति की छेड़छाड़ का जवाब पत्नी पूरे जोश से दे और पत्नी की छेड़छाड़ का जवाब पति भी दोगुने मजे से दे. इस से जिंदगी में हमेशा नएपन का एहसास होता है.

अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने के दौरान या किसी दूसरे समय पर भी पति अपनी पत्नी को सहलाए और उस के जवाब में पत्नी पूरे जोश के साथ प्यार से पति के गालों को चूमते हुए अपने दांत गड़ा दे, तो उस मजे की कोई सीमा नहीं होती. पति तुरंत सैक्स सुख के सागर में डूबनेउतराने लगता है.

इसी तरह पत्नी भी अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने से पहले या उस दौरान पति से छेड़छाड़ करते हुए उस के अंगों को सहला दे, तो कुदरती बात है कि पति जोश से भर उठेगा और उस के जोश की सीमा भी बढ़ जाएगी.

कभीकभी यह सवाल भी उठता है कि क्या जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए कायम किया जाता है? क्या दिमागी सुकून से उस का कोई लेनादेना नहीं होता? क्या जिस्मानी रिश्ते के दौरान छेड़छाड़ करना जरूरी है? क्या छेड़छाड़ सैक्स सुख में बढ़ोतरी करती है? क्या छेड़छाड़ से पतिपत्नी को सच्चा सुख मिलता है?

इसी तरह और भी कई सवाल हैं, जो पतिपत्नी को बेचैन किए रहते हैं. जवाब यह है कि जिस्मानी रिश्तों के दौरान छेड़छाड़ व कुछ रोमांटिक बातें बहुत जरूरी हैं. इस के बिना तो सैक्स सुख का मजा बिलकुल अधूरा है. जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए ही नहीं, बल्कि दिमागी सुकून के लिए भी किया जाता है.

कुछ पति ऐसे होते हैं, जो पत्नी की मरजी की बिलकुल भी परवाह नहीं करते, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. पत्नी की चाहत का भी पूरा खयाल रखना चाहिए, नहीं तो आप की पत्नी जिंदगीभर तड़पती ही रह जाएगी.

कुछ औरतें बिलकुल ही सुस्त होती हैं. वे पति को अपना जिस्म सौंप कर फर्ज अदायगी कर लेती हैं. उन्हें यह भी एहसास नहीं होता कि इस तरह वे अपने पति को अपने से दूर कर रही हैं.

कुछ पति जिस्मानी रिश्ता तो कायम करते हैं और जल्दबाजी में अपनी मंजिल पर पहुंच भी जाते हैं, परंतु उन्हें इतना भी पता नहीं होता कि इस के पहले भी और कई काम होते हैं, जो उन के मजे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

कुछ औरतें शरमीली होती हैं. वे जिस्मानी रिश्तों से दूर तो होती ही हैं, छेड़छाड़ को भी बुरा मानती हैं.

अब आप ही बताइए कि ऐसे हालात में क्या पत्नी पति से और पति पत्नी से खुश रह सकता है?

नहीं न… तो फिर ऐसे हालात ही क्यों पैदा किए जाएं, जिन से पतिपत्नी एकदूसरे से नाखुश रहें?

इसलिए प्यार के सुनहरे पलों को छेड़छाड़, हंसीखुशी व रोमांटिक बातों में बिताइए, ताकि आने वाला कल आप के लिए और ज्यादा मजेदार बन जाए.

Valentine’s Day 2024: क्यों कम हाइट की लड़कियों को पसंद करते हैं लड़के, जानें 7 कारण

शादी के लिये रिश्ते करते समय लड़के-लड़की के रंग-रूप और कद-काठी पर भी ध्यान दिया जाता है. कोशिश होती है कि लड़के-लड़की के कद में अधिक अंतर न हो. लेकिन दक्षिण कोरिया में हुई एक रिसर्च के मुताबिक कद का अंतर प्यार बढ़ाता है.

7850 महिलाओं पर किए गए सर्वे में यह सामने आया कि जिन पतियों की लंबाई पत्नी की तुलना में बहुत ज्यादा होती है, वह पुरुष अच्छे पति साबित होते हैं और ऐसी बीवियां भविष्य में बहुत ही खुशहाल जीवन बिताती हैं.

हम यहां बता रहे हैं 7 कारण जिसकी वजह से पुरुष छोटे कद की महिला को पसंद करते हैं.

1-पुरुष खुद को ताकतवर महसूस करते हैं

किसी रिश्ते का सही तरह से आगे बढ़ना या न बढ़ना काफी हद तक एक-दूसरे की सोच पर निर्भर करता है. अपने से कम हाइट की महिलाओं पार्टनर को पाकर पुरुष ताकतवर मेहसूस करने लगता है. उन्हें लगता है कि वो अपने कद की वजह महिलाओं से अपनी बात आसानी से मनवा सकते हैं. ऐसे मामलों में पुरुष न चाहते हुए भी धीरे-धीरे डोमिनेटिंग नेचर के बन जाते हैं.

2-खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं

लंबे पुरुषों को लगता है कि उनकी कम कद की पार्टनर को हर वक्त उनके प्रोटेक्शन की जरूरत है जिससे वो उन्हें एक्स्ट्रा केयर और प्रोटेक्शन देते हैं. ऐसी महिला  के साथ वो किसी भी तरह से असुरक्षित महसूस नहीं करते. कई मामलों में देखा गया है कि कम हाइट की महिलाएं भले ही दिखने में ज्यादा सुंदर हों लेकिन पुरुष अपने लंबे कद की वजह से इसे बैलेंस कर देते हैं.

3-झप्पी देना लगता है अच्छा

ज्यादातर पुरुषों को कम हाइट की महिलाओं को गले लगाना अच्छा लगता है. ऐसी महिलाओं को गले लगाने से उन्हें अपनेपन का अहसास होता है जिसका मौका वो कभी नहीं चूकते.

4- महिलाओं के लंबे कद से लगता है डर

लंबी महिलाएं अपनी हर बात को लेकर बहुत ही कॉन्फिडेंट होती हैं लेकिन उनका कॉन्फिडेंस इगो और घमंड का भरा होता है. पुरुषों में भी इगो वाला नेचर देखा जा सकता है लेकिन वो इसे शो नहीं करते. इसीलिये लंबे कद वाली महिलाओं को पुरुष पसंद नहीं करते.

5-खास होती हैं छोटे कद की महिलाएं

अपने कद को अपने व्यक्तित्व की कमी मानने वाली महिलाएं कई बार इस बात से अंजान होती हैं कि उनके बाकी फीचर्स कितने अलग हैं जो दूसरों को अट्रैक्ट करने के लिए काफी हैं. सरल, मासूम और काइन्ड नेचर होने के साथ कम हाइट की महिलाएं अक्सर रोमांटिक नेचर की होती हैं.

6-करती हैं सेक्स लाइफ को एन्जॉय

पुरुषों को कम हाइट की महिलाएं इसलिए भी ज्यादा पसंद आती हैं क्योंकि वो सेक्स को अच्छे से एन्जॉय करती हैं. कम हाइट की वजह से उनका वजन भी उतना ज्यादा नहीं होता जो पुरुषों के लिए अच्छा होता है. अपनी सेक्सुअल लाइफ को एन्जॉय करने में लिए खासतौर से पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद करते हैं.

7-साथ घूमना-फिरना है आसान

पुरुषों के रोमांटिक नेचर को असल में कम हाइट की महिलाओं के साथ देखा जा सकता है. उन्हें बहुत ही अच्छा लगता है ऐसी महिलाओं को उठाकर घूमना. हनीमून ट्रिप हो या डेट वो ऐसे किसी मौके को हाथ से जाने नहीं देते.

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