वीरेंद्र के प्रति वितृष्णा के भाव मन में आ चुके थे. उस रात काम खत्म कर के जब वह पलंग पर आई तो वीरेंद्र एक फाइल देख रहा था. भावना ने कहा, ‘‘कभी अपनी बीवी के दिल की फाइल भी पढ़ लिया करो.’’
वीरेंद्र हंसते हुए बोला, ‘‘बताओ, क्या है तुम्हारे दिल में?’’
‘‘यह तो तुम भी जानते हो कि पत्नी क्या चाहती है?’’ वह बोली.
‘‘सब कुछ तो है तुम्हारे पास. खर्चे के लिए मैं पैसा भी बराबर देता हूं, जो जरूरत हो ले लो.’’ वीरेंद्र ने कहा.
‘‘मुझे जो चाहिए, उसे पैसे से नहीं खरीदा जा सकता. क्या तुम अपनी पत्नी की तारीफ में दो मीठे बोल भी नहीं कह सकते. बताओ क्या मैं सुंदर नहीं हूं?’’
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‘‘ओह तो यह बात है.’’ वीरेंद्र बोला, ‘‘कभी आईने में खुद को गौर से देखा है. 2 बच्चों की मां हो, उन का भी कुछ खयाल किया करो. तुम जैसी हो वैसी ही रहोगी, तारीफ करने से कुछ भी बदलने वाला नहीं है. अच्छा, अब बहुत रात हो गई है. चलो सो जाओ.’’
पति की बातें भावना को चुभ गईं. उस ने सोचा कि इस से अच्छा तो वह कपिल है जो उस की तारीफ करता है. धीरेधीरे कपिल उस के दिलोदिमाग पर छाने लगा. दोनों में चैटिंग तो होती ही थी दोनों ने फोन नंबर और अपना पता एकदूसरे को बता दिया. इस के बाद कभीकभी कपिल छुट्टी ले कर आगरा आने लगा. मौका देख कर वह भावना से भी मिलने लगा.
कपिल को यह बात अच्छी तरह पता चल चुकी थी कि पति और बच्चों के होते हुए भी भावना बिलकुल तनहा है. वह वीरेंद्र के साथ खुश नहीं है.
कभीकभी भावना कहती, ‘‘कपिल, यह जिंदगी एक जेल की तरह है और मैं खुद को आजीवन कारावास की सजा पाए हुए कैदी की तरह महसूस करती हूं.’’
‘‘तो फिर निकल जाओ न इस कैद से.’’ नादान कपिल ने सलाह दी.
‘‘मैं एमएससी पास हूं. कुछ कर के अपनी जिंदगी संवार सकती थी, पर पिता ने मुझे बोझ की तरह उतार फेंका. पढ़ाई के बाद कुछ भी मन का नहीं करने दिया और इस जंजाल में फंस गई. बच्चे पैदा कर के उन की आया बन जाओ और दिनरात घर के लोगों के लिए खाना पकाओ. बस, यही जिंदगी है मेरी.’’
भावना की खीझ और कुंठा उस के व्यक्तित्व को घेर रही थी और उस का नादान प्रेमी उन शोलों को हवा दे रहा था. दोनों इस बात से अनजान थे कि यदि ये शोले भड़क गए तो सब जल कर राख हो जाएगा.
भावना और कपिल के बीच नाजायज संबंध बन चुके थे. भावना खुद को कपिल की बांहों में सुरक्षित महसूस कर रही थी. वह यह भूल गई थी कि वह उम्र में कपिल से बड़ी है और विवाह जैसे बंधन को अपवित्र कर एक बड़ा गुनाह कर रही है. लेकिन कपिल के प्रति उस की दीवानगी ने उस की सोच पर परदा डाल दिया था.
धीरेधीरे वक्त गुजर रहा था और दीवानगी भरी मोहब्बत के बंधन और मजबूत हो रहे थे. भावना पति और बच्चों की परवाह किए बिना कुछ पाने की चाह में खतरनाक राह पर चली जा रही थी.
काश! वीरेंद्र ने स्थिति को संभाला होता
वीरेंद्र अभी तक इस खेल से अनजान था. बच्चों को भी कोई जानकारी नहीं थी, पर कोई भी गुनाह ज्यादा दिन तक नहीं छिप पाता. यह गुनाह भी नहीं छिप पाया.
एक दिन वीरेंद्र औफिस से कुछ जल्दी ही वापस आ गया. उस ने देखा कि कोई युवक अभीअभी उस के घर से बाहर निकला था. इस से पहले कि वह अपनी गाड़ी लौक कर के उसे पहचान पाता, वह चला गया.
वीरेंद्र ने डोरबैल बजाई तो भावना ने दरवाजा खोलते हुए कहा, ‘‘अरे तुम फिर वापस आ गए.’’
लेकिन सामने वीरेंद्र खड़ा था. पति को देखते ही भावना का चेहरा पीला पड़ गया. वीरेंद्र ने उस से पूछा, ‘‘कौन था वह?’’
‘‘कौन..? किस की बात कर रहे हो तुम?’’ वह बोली.
‘‘वही जो अभीअभी घर से निकल कर गया है.’’ वीरेंद्र ने कहा.
‘‘यह क्या कह रहे हो तुम, यहां से तो कोई नहीं निकला. तुम ने जरूर कहीं और किसी को देखा होगा. चलो आओ, चाय बनाती हूं.’’ भावना ने बात संभालते हुए कहा.
लेकिन वीरेंद्र के दिल में शक का बीज पड़ चुका था. पिछले कुछ समय से उसे पत्नी का व्यवहार परेशान कर रहा था. अंदर आ कर उस ने देखा कि मेज पर बादाम, काजू की प्लेटें रखी थीं. भावना ने वीरेंद्र की नजरों को भांप लिया. उस ने कहा, ‘‘मैं ने सोचा कि बच्चों के लिए कुछ बनाऊंगी, अभीअभी निकाले हैं. तुम खाओ, मैं चाय लाती हूं.’’ कह कर भावना किचन में चली गई.
वीरेंद्र को समस्या और उस के हल को खोजना था. पत्नी किस के साथ दोस्ती पाले हुए है, यह जानना बहुत जरूरी था. इस से पहले कि वीरेंद्र भावना का फोन चैक करता, भावना ने कपिल की दी हुई सिम फोन में से निकाल दी.
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भावना और कपिल के संबंधों की जानकारी वीरेंद्र को करीब डेढ़ साल बाद मिली, तब तक नाजायज संबंधों की बेल काफी बढ़ चुकी थी. इतना ही नहीं, बल्कि दोनों का संबंध खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका था.
इधर कपिल के पिता सूरजभान ने उस के लिए रिश्ते की तलाश शुरू कर दी, लेकिन कपिल तय कर चुका था कि भावना ही उस की हमसफर बनेगी.
एक दिन उस ने मन की बात भावना को बताई तो वह चौंकी.
‘‘ये क्या कह रहे हो तुम? मैं तुम से उम्र में बड़ी हूं और 2 बच्चों की मां भी. ऐसे में मेरे बच्चों का क्या होगा?’’
‘‘बच्चे काफी बड़े हैं. उन्हें उन का बाप देखेगा. और रही उम्र की बात तो तुम्हारी उम्र से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. तुम तलाक ले लो वीरेंद्र से.’’ कपिल ने साफ कहा.
‘‘ठीक है, मैं सोचूंगी.’’ भावना ने कहा.
इधर वीरेंद्र काफी डर गया था. क्योंकि भावना का रवैया पिछले कुछ दिनों से अच्छा नहीं था. वीरेंद्र जानता था कि वासना से पीडि़त बुद्धिहीन औरत कुछ भी कर सकती है. सुरक्षा के लिहाज से उस ने दरवाजों पर लोहे के जालीदार दरवाजे भी लगवा दिए पर वह यह भी जानता था कि खतरा कहीं बाहर नहीं बल्कि वह तो उस के घर में ही मौजूद है.
वीरेंद्र ने अपने कुछ खास परिचितों को बताया भी था कि वह इन दिनों खुद को खतरे में महसूस कर रहा है, पर खतरा कैसा है यह वह किसी को बता नहीं पाया. आखिर एक दिन वीरेंद्र को यह बात पता चल ही गई कि दिल्ली नगर निगम में काम करने वाले कपिल का उस की पत्नी के पास आनाजाना है. यह जान कर वह सन्न रह गया. समस्या को जान लेने के बाद उस का उपचार कैसे किया जाए, यह बात उस की समझ में नहीं आ रही थी.
इधर कपिल इस बात पर जोर दे रहा था कि भावना जल्द से तलाक ले ले. लेकिन भावना जानती थी कि अगर उस ने वीरेंद्र से तलाक ले लिया तो संपत्ति से हाथ धो बैठेगी. उस ने साफ कह दिया कि तलाक तो नहीं ले सकती, कुछ और सोचो.
इधर वीरेंद्र ने भी तय किया कि वह पत्नी पर नजर रखेगा. इसलिए वह जबतब अचानक घर आ जाता. पति की इस हरकत से भावना का गुस्सा बढ़ गया. आए दिन दोनों में झगड़ा होता. दोनों बच्चे सहमे हुए रहने लगे.
एक दिन वीरेंद्र ने कहा कि भावना इस बार तुम अपना बर्थडे सेलिब्रेट करना, मैं तुम्हें एक अच्छा गिफ्ट दूंगा. वीरेंद्र ने ऐसा ही किया भी. उस ने पत्नी को एक महंगा मोबाइल फोन गिफ्ट किया.
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इतना ही नहीं वीरेंद्र ने भावना के लिए कार भी खरीदी. उस ने सोचा कि शायद उस के व्यवहार से प्रभावित हो कर भावना सही रास्ते पर आ जाए और दोनों का वैवाहिक जीवन बिगड़ने से बच जाए. पर भावना पर आशिकी का नशा इतना चढ़ चुका था कि उतरने के लिए किसी बड़ी साजिश का इंतजार कर रहा था.
संदेह था वीरेंद्र की हत्या हुई
5 जनवरी, 2020 की रात 3 बजे आगरा के एस.एन. अस्पताल में 2 लोग एक व्यक्ति को जख्मी हालत में लाए. उन्होंने बताया कि वे लोग घायल को पहले साकेत कालोनी के प्रशांत अस्पताल ले गए थे. लेकिन उन्होंने भरती करने से इनकार कर दिया. तब वे उसे दिल्ली गेट स्थित पुष्पांजलि अस्पताल ले गए. लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे एस.एन. मैडिकल कालेज रैफर कर दिया गया है.