Winter Romance Special: जोशीला इश्क हर उम्र में

होली की शुरुआत कहां से हुई थी, इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि मथुरावृंदावन या फिर बरसाना से हुई होगी, लेकिन कम ही लोग उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम लेंगे.

धार्मिक किस्सेकहानियों के मुताबिक, होली मनाने की शुरुआत हरदोई से हुई थी, जिस का राजा हिरण्यकश्यप था, जो भगवान विष्णु से बैर रखता था. इसी बिना पर कहा और माना जाता है कि हरदोई का पुराना नाम हरिद्रोही था.

हिरण्यकश्यप का बेटा भक्त प्रहलाद था, जिस की होली की कहानी हर कोई जानता है. यहां का प्रहलाद कुंड होली की कहानी के लिए ही मशहूर है.

मौजूदा समय में हरदोई की गिनती यहां 400 से भी ज्यादा चावल मिलें होने के बाद भी न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि देशभर के पिछड़े जिलों में शुमार होती है. यहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा दलितपिछड़े तबकों का है, जिन में से एक जाति राठौर भी है, जो अपनेआप को राजपूत मानती है. यह और बात है कि राठौरों के पास बहुत ज्यादा जमीनजायदाद नहीं है, वे कामचलाऊ पैसे वाले हैं.

दिल का मामला

प्रहलाद की कहानी की तरह तो नहीं रहेगी, लेकिन हरदोई के लोग इस प्रेमकहानी को मुद्दत तक नहीं भुला पाएंगे, जो दिलचस्प होने के साथसाथ थोड़ी चिंतनीय भी है. यह बढ़ती उम्र के जोशीले इश्क की ताजातरीन दास्तान है.

हरदोई के लखीमपुर खीरी का एक छोटा सा गांव है सुहौना, जहां 50 साला रामनिवास राठौर रहता था. पेशे से ड्राइवर रामनिवास की जिंदगी का एक बड़ा मकसद जवान होती एकलौती बेटी चांदनी के हाथ पीले कर देना था, जिसे उस ने मां बन कर भी पाला था. अब से तकरीबन 15 साल पहले रामनिवास की बीवी की मौत हो गई थी, तब से उस की जिंदगी में एक खालीपन आ गया था.

मासूम चांदनी का मुंह देखदेख कर जी रहे इस शख्स ने दूसरी शादी नहीं की थी, क्योंकि सौतेली मां के जुल्मोसितम के कई किस्से उस ने सुन रखे थे.

रामनिवास ने लंबा वक्त बिना औरत के गुजार दिया, तो सिर्फ बेटी की खातिर जो अपनेआप में बड़ी बात है, नहीं तो आलम तो यह है कि इधर पहली बीवी की चिता की आग ठंडी नहीं होती और उधर मर्द ?ाट से बैंड, बाजा और बरात के साथ दूसरी बीवी ले आता है.

इस काम में समाज और नातेरिश्तेदार न केवल उस की मदद करते हैं, बल्कि औरत के होने के फायदे और जरूरत भी गिनाते हुए एक तरह से उकसाते रहते हैं. लेकिन रामनिवास ने किसी की सलाह पर कान नहीं दिए और अकेला ही चांदनी की परवरिश करता रहा.

बेटी के बालिग होते ही घरवर की तलाश शुरू हो गई, जो इसी साल मई महीने में खत्म भी हो गई. मुबारकपुर गांव के आशाराम राठौर का बेटा शिवम रामनिवास को चांदनी के लिए ठीक लगा. बातचीत शुरू हुई और रिश्ता तय भी हो गया.

आशाराम राठौर राजमिस्त्री था, जिस की आमदनी भी ठीकठाक थी और लड़के पर कोई खास घरेलू जिम्मेदारी भी नहीं थी, सो रामनिवास को लगा कि चांदनी इस घर में रानी की तरह रहेगी. बात पक्की हुई और 29 मई, 2023 को दोनों की शादी भी हो गई.

रिश्ते और लेनदेन समेत शादी से ताल्लुक रखती कई बातों को निभाने के लिए रामनिवास को बारबार मुबारकपुर जाना पड़ता था, जहां समधी आशाराम कम और समधिन आशारानी ज्यादा मिलती थी, क्योंकि आशाराम को अपने काम के सिलसिले में अकसर बाहर रहना पड़ता था.

शादी के बाद भी रामनिवास राठौर का आनाजाना बेटी की ससुराल लगा रहा, तो लोगों ने यही सोचा कि बेटी के बिना अकेले बाप का दिल नहीं लगता होगा. आखिर मां का प्यार भी तो उसी ने दिया है, इसलिए चला आता होगा बेटी को देखने, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी.

रामनिवास का दिल अपनी 45 साला समधिन आशारानी पर ही आ गया था जो देखने में काफी शोख और स्मार्ट थी और बनठन कर रहती थी. सालों से औरत और उस के प्यार समेत जिस्म को भी तरस रहे रामनिवास का दिल अपने

काबू में नहीं रहा और दीनदुनिया, नातेरिश्तेदारी और ऊंचनीच सब भूलभाल कर एक दिन वह आशारानी से अपने प्यार का इजहार कर बैठा.

आग तो इधर भी लगी थी

प्यार का इजहार तो खानापूरी भर थी, क्योंकि आशारानी की हालत भी रामनिवास की हालत से कम जुदा नहीं थी. वह खुद भी अपने समधी को दिल दे बैठी थी. दोनों घंटों बैठ कर न जाने क्याक्या बतियाते रहते थे. अपने दिल का हाल कमउम्र प्रेमियों की तरह सुनाते और सुनते रहते थे. इस से उन के इश्क में और जोश भरता जा रहा था.

इसी जोश में कब वे मन के साथसाथ तन से भी एक हो गए, इस का उन्हें भी पता नहीं चला. लेकिन यह एहसास दोनों को हो गया था कि अब वे एकदूजे के बगैर नहीं रह सकते.

रामनिवास राठौर का तो समझ आता है कि उस का हाल बेहाल इसलिए था कि पत्नी की मौत के बाद कोई औरत उस की न केवल जिंदगी में, बल्कि दिल तक भी शिद्दत से आई थी, लेकिन आशारानी के बारे में इतना ही सोचा और कहा जा सकता है कि पति की अनदेखी ने उसे तनहा सा कर दिया था.

रामनिवास के जिंदगी में आते ही उस के अंदर की जवान लड़की फिर जिंदा हो गई थी और प्यार में भी पड़ गई थी. जब वे दोनों हर लिहाज से एक हो गए, तो आगे की प्लानिंग भी बनाने लगे, जिस में रोड़े ही रोड़े थे.

नातेरिश्ते, समाज, बेटा, बहू, पति, बेटी, दामाद इन सब की अनदेखी कर प्यार की मंजिल शादी तक पहुंच जाना दोनों के लिए आसान नहीं था. हां, इतना जरूर उन्हें सम?ा आ गया था कि प्यार के आगे सबकुछ बेकार है और यों चोरीछिपे से मिलना ज्यादा नहीं चलना, क्योंकि उन की बढ़ती नजदीकियां, मेलमुलाकातें और खिलते चेहरे लोगों को चुभने लगे थे, उंगलियां भी उठने लगी थीं.

ये उठती उंगलियां तो वे मरोड़ नहीं सकते थे. लिहाजा, दोनों ने इन की पहुंच से बहुत दूर जाने का फैसला यह सोचते हुए ले लिया कि अब हम अपनी नई जिंदगी शुरू करेंगे. जिसे जो सोचना हो  सोचे और जिसे जो करना हो करे.

यही फैसला वे कमउम्र जोशीले प्रेमी भी करते हैं, जिन का प्यार घर, परिवार, समाज और दुनिया को रास नहीं आता, पर इस मामले में बात इस माने में अलग थी कि सवाल दोनों की औलादों का भी था, जिस का जवाब इन्होंने यही निकाला कि कहां दुनियाभर की औलादें इश्क में पड़ने के बाद मांबाप की इज्जत का खयाल करती हैं या दुनियाजमाने का लिहाज करती हैं, तो हम क्यों करें.

23 सितंबर, 2023 इस तारीख को दोनों चोरीछिपे, लेकिन पूरा प्लान बना कर बस से दिल्ली भाग गए और वहां रहने लगे. रामनिवास अपनी जमापूंजी साथ लाया था, तो आशारानी भी जेवर साथ ले गई थी. ठीक वैसे ही जैसे हिंदी फिल्मों में दिखाया जाता है कि लड़की आशिक के साथ घर से भागने से पहले जेवर और कपड़ेलत्ते भी समेट ले जाती है.

दोनों साथ भागे हैं, यह अंदाजा किसी को नहीं था, लेकिन इन के बीच प्यार का चक्कर चल रहा है यह बात कइयों को मालूम थी. जबतब दोनों गांवों में चटकारे ले कर इस लवस्टोरी की चर्चा भी होती रहती थी.

आशाराम ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई, लेकिन बाद में उसे मालूम हुआ कि 23 सितंबर से ही समधी रामनिवास भी गायब हैं, तो इस जोशीले इश्क का राज खुला, जिसे दबाए रखने के अलावा किसी के पास कोई और रास्ता नहीं था.

हालांकि रामनिवास के भी 23 सितंबर से गायब होने की खबर आशाराम ने पुलिस को दे दी थी और पुलिस दोनों को ढूंढ़ने में जुट गई थी.

22 अक्तूबर, 2023 इस दिन पुलिस को खबर मिली कि शाहजहांपुरसीतापुर रेलवे ट्रैक पर 2 लाशें पड़ी हैं. जांच में दोनों के नाम और पहचान मोबाइल फोन और आधारकार्ड के जरीए उजागर हुए, तो इस इश्क की दास्तान भी खुल कर सामने आ गई. यह मान लिया गया कि ये दोनों बदनामी से डर गए थे, इसलिए इन्होंने रेल से कट कर खुदकुशी कर ली. बात एक हद तक सच भी थी, लेकिन पूरा सच शायद ही कभी लोगों को समझ आए.

रामनिवास और आशारानी

17 अक्तूबर, 2023 को दिल्ली से वापस आ गए थे. इस के बाद 4 दिन क्याक्या हुआ, इस का अंदाजा यही लगाया गया कि परिवार और समाज ने इन के इश्क पर रजामंदी की मुहर नहीं लगाई, जिस से इन का जोश हवा हो गया और कोई रास्ता न देख दोनों ने साथ मरने की खाई कसम निभा ली.

दोनों चाहते तो साथ जीने का वादा भी निभा सकते थे, लेकिन इस के लिए हिम्मत उन के पास नहीं बची थी, क्योंकि ये समाज के नियम बदल कर जीना चाहते थे. हालांकि दिल्ली में दोनों ने शानदार एक महीना साथ गुजारा और खूब और जानदार प्यार एकदूसरे को किया, पर जब पैसे खत्म होने लगे और सब्र टूटने लगा, तो वापसी ही इन्हें बेहतर रास्ता लगा.

समाज एक बार फिर जीत गया और प्यार हार गया, यह कहते हुए इस कहानी का खात्मा करना अधूरी बात होगी, जिस में प्यार नाम के जज्बे का बारीकी से जिक्र नहीं होगा.

जज्बा भी और जोश भी

आमतौर पर माना यह जाता है कि जोशीला इश्क कमउम्र के कुंआरे लड़कालड़की ही करते हैं, लेकिन रामनिवास और आशारानी जैसे प्रेमी इस सोच को तोड़ देते हैं, जिन से समाज और धर्म के बनाए नियमों और कायदेकानूनों पर अमल करने की उम्मीद जिम्मेदारी की हद तक की जाती है.

‘न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन…’ गाने की तर्ज पर इन का बेपरवाह इश्क भी अपनी मंजिल की तरफ बढ़ता है, लेकिन बीच में दुनिया और उस के उसूल आ जाते हैं तो ये भी नौजवान प्रेमियों की तरह एकसाथ फांसी के

फंदे पर ल जाते हैं, ट्रेन की पटरियों के नीचे बिछ जाते हैं या फिर जहर खा कर एकदूसरे की बांहों में दम तोड़ देते हैं. यह इश्क भी जोश से लबरेज होता है, जिस के लिए तन से तन का मिलन  ही सबकुछ नहीं होता. ये भी एकदूसरे के मन में हमेशा के लिए समा जाना चाहते हैं. प्यार की नई इबारत लिखते ये प्रेमी खुद फना हो जाते हैं और एक मिसाल छोड़ जाते हैं कि कब प्यार के बारे में लोग दरियादिली दिखाते हुए उसे मंजूरी देंगे और जब जवाब हमेशा की तरह न में मिलता है, तो हताश और निराश नाकाम प्रेमी दुनिया ही छोड़ने का रिवाज निभा जाते हैं. शायद ही नहीं, बल्कि तय है कि इन के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.

हरदोई के नाम के मुताबिक रामनिवास और आशारानी ने द्रोह तो किया था, लेकिन हरि से नहीं, बल्कि हर उस दस्तूर के खिलाफ किया था, जो इन के रास्ते में ब्रेकर बन कर खड़ा था. इन के जज्बे और जोश को कोई सलाम करे न करे, लेकिन नजरअंदाज करने की हालत में भी नहीं कहा जा सकता.

Winter Romance Special: कंडोम है तो प्यार है

तकरीबन हर किसी के साथ कभी न कभी यह जरूर हुआ होगा कि अगर कोई गाना हम सुबह गुनगुनाने लगते हैं, तो फिर सारा दिन बेवजह उसे कहीं भी, कभी भी गाने लग जाते हैं. फिर वह गाना दर्द भरा हो या रोमांटिक. हंसीमजाक से लबरेज हो या फूहड़ ही सही.

एक दिन यही 23 साल की नई ब्याहता बिंदिया के साथ हुआ. दिसंबर महीने में दिल्ली के संजय कुमार के साथ उस की शादी हुई थी. हनीमून पीरियड की खुमारी चल रही थी. सुबहसुबह रेडियो पर हिंदी फिल्म ‘राजा बाबू’ का गाना ‘सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे, जाड़े में बलमा प्यारा लगे…’ सुन लिया.

बस, फिर क्या था. बिंदिया पूरे घर में यही गाना गुनगुनाती फिरती रही. बीच में सासससुर का ध्यान आ जाता, तो शरमा कर आवाज थोड़ी मंदी कर लेती, पर रात तक उस की जबान पर यही गाना चढ़ा रहा.

रात को बिंदिया के बलमा संजय कुमार घर आए, तो बिंदिया के गाने को ‘न्योता’ सम?ा कर ठिठुरती रात में उलटे पैर कैमिस्ट की दुकान पर जा पहुंचे और खुशबूदार कंडोम का एक बड़ा पैकेट खरीद लिया. फिर रातभर बलमा ने अपनी बिंदिया को साबित कर दिया कि जाड़े में बलमा क्यों प्यारा लगता है. खुशबूदार कंडोम ने उन दोनों की वह रात महका दी थी.

बिंदिया और संजय तो शादीशुदा हैं, पर अब तो शादी से पहले भी प्रेमीप्रेमिका में सैक्स होना कोई बड़ी बात नहीं है. लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े तो धड़ल्ले से जिस्मानी रिश्ता बनाते हैं, पर अनचाहे पेट से बचने के लिए वे कंडोम का इस्तेमाल बिंदास हो कर करते हैं. चूंकि सर्दियों में बिस्तर की रजाई में प्यार की गरमाहट ज्यादा महसूस होती है, तो कंडोम की खपत भी बढ़ जाती है.

दुनियाभर में प्यार करने वाले कंडोम का इस्तेमाल करने से झिझकते नहीं हैं. जरमन औनलाइन प्लेटफार्म स्टेटिस्टा के एक सर्वे के मुताबिक, साल 2021 में कंडोम के इस्तेमाल में ब्राजील सब से आगे था, जिस के लिए कहा जाता था कि वहां 65 फीसदी लोग कंडोम का इस्तेमाल कर रहे थे. इस के बाद दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों का नाम शामिल था.

वैसे, चीन में सब से ज्यादा कंडोम बिकते हैं. यूरोमौनिटर के मुताबिक, साल 2020 में चीन में तकरीबन 2.3 बिलियन यूनिट कंडोम बेचे गए थे. अमेरिका की एक मार्केटिंग रिसर्च कंपनी एसी नीलसन के मुताबिक, भारत में कंडोम का बाजार साल 2020 में तकरीबन 180 मिलियन डौलर का था. ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत में कंडोम की बिक्री में भी इजाफा हुआ है.

भारत में कंडोम की बिक्री बढ़ने की एक वजह और भी है कि अब कैमिस्ट पर खुशबूदार, डौटेड, पतलेमोटे यानी तरहतरह के कंडोम बिकते दिख जाते हैं. इन में से खुशबूदार और डौटेड कंडोम का बाजार ज्यादा गरम रहता है और सर्दियों में प्यार करने वाले जोड़े ‘रबड़ के इस साथी’ पर पूरा भरोसा जताते हैं.

वैसे तो भारत में सरकारी अस्पतालों या डिस्पैंसरी वगैरह में साधारण कंडोम मुफ्त में भी मिल जाता है, पर ब्रांडेड कंडोम के छोटे पैकेट 10 रुपए से लेकर 50-60 रुपए तक में मिल जाते हैं. ब्रांड के हिसाब से कीमत कमज्यादा हो सकती है. पर कंडोम की कीमत पर मत जाइए, यह जो प्यार का लुत्फ बढ़ा देता है, उस बात को दिमाग में बिठा लीजिए. यह कई तरह की सैक्स बीमारियों जैसे एचआईवी, एड्स, सिफलिस, इंफैक्शन वगैरह से तो बचाता ही है, बच्चा न हो इस में भी प्यार के दौरान दीवार बन कर अड़ जाता है, बस थोड़ी सी सावधानी बरतनी पड़ती है.

इतना ही नहीं, कंडोम का फायदा या खासीयत है कि यह कई प्रकार के फ्लेवर और अलगअलग बनावट का होता है जैसे रिब्ड कंडोम. इस की बाहरी सतह पर उभरी हुई धारियां होती हैं, जो जोश को बढ़ाता है. ऐसे ही कई तरह के अलग तरह के कंडोम हैं, जिन की अपनीअपनी क्वालिटी है.

कंडोम की यह पतली रबड़ पार्टनर के बीच दिलचस्पी बढ़ाने का काम करती है. जैसे कंडोम पार्टनर को एकदूसरे के प्रति संतुष्ट करता है और उन खास यादगार को बनाने में मदद करता है.

कंडोम के बारे में हम आप के कान में एक बात बताना चाहते हैं कि इस को कैमिस्ट से खरीदने के लिए डाक्टर के परचे की जरूरत नहीं पड़ती है. दुकान पर जाइए, शान से कंडोम मांगिए, जेब में रखिए और सीधा अपने पार्टनर के पहलू में जा बैठिए.

और हां, आप के पार्टनर को कैसा कंडोम पसंद है, यह जरूर जान लीजिए. फिर बिस्तर पर प्यार का मजा उठाइए. अच्छा बलमा बनना है कि नहीं?

फंदे पर लटकी मोहब्बत

कानपुर शहर से 30 किलोमीटर दूर बेला-बिधूना मार्ग पर एक गांव है-कंजती. कंजती गांव कानपुर देहात जनपद के चौबेपुर थाना अंतर्गत आता है. इसी गांव में रहने वाले सुनील की बेटी सोनी शिवली में स्थित ताराचंद्र इंटर कालेज में पढ़ती थी. इस कालेज में लड़केलड़कियां साथ पढ़ते थे. सोनी के साथ उसी की कक्षा में शिववीर भी पढ़ता था.

शिववीर धनपत का बेटा था. वह सोनी के घर के पास ही रहता था. शिववीर पढ़ने में होशियार था. जब वह 8वीं कक्षा में पढ़ता था, तभी उस की दोस्ती सोनी से हो गई थी. गंभीर प्रवृत्ति का शिववीर सोनी को इतना अच्छा लगता था कि उस का दिल चाहता था कि हर घड़ी वह उसी के साथ रहे. शायद उस का यही लगाव जल्दी ही प्यार में बदल गया. शिववीर को भी सोनी अच्छी लगती थी. वैसे तो क्लास में और भी लड़कियां थीं, लेकिन शिववीर को सोनी सब से अलग दिखती थी.

जैसे ही दोनों को लगा कि वे एकदूसरे से प्यार करने लगे हैं, अन्य प्रेमियों की तरह उन्होंने भी साथ जीनेमरने की कसमें खा लीं. उसी बीच एक दिन सोनी के पिता ने उसे बुला कर कहा, ‘‘पता चला है कि तू किसी जाटव के लड़के के साथ घूमतीफिरती है. तुझे पता नहीं कि हम यादव हैं. यादव और जाटव का कोई जोड़ नहीं, इसलिए तू उस से दूर ही रह.’’

पिता की बातें सुन कर सोनी सन्न रह गई. जाति की बात तो उस ने सोची ही नहीं थी. बस, शिववीर उसे अच्छा लगता था, इसलिए वह उसे प्यार करने लगी थी. अब उस की समझ में आया कि प्यार भी जाति पूछ कर किया जाता है. वह सोच में पड़ गई कि अब क्या होगा.

अगले रोज शिववीर कालेज में मिला तो उस ने उसे पिता की चेतावनी के बारे में बताया. शिववीर ने उसे समझाते हुए कहा, ‘‘प्यार करने वालों की राह आसान नहीं होती सोनी. हमें मजबूत बनना होगा. तभी हमें मंजिल मिलेगी.’’

सोनी को लगा कि शिववीर सब संभाल लेगा. लेकिन 8वीं पास करतेकरते सोनी और शिववीर के प्यार की चर्चा गांव वालों तक पहुंच गई थी. इस के बाद गांव वाले सुनील से कहने लगे कि वह अपनी बेटी पर नजर रखें, वरना वह नाक कटा कर रहेगी.

सुनील को लगा कि गांव वाले सच कह रहे हैं, इसलिए उस ने सोनी की पढ़ाई पर रोक लगा दी. जबकि शिववीर पढ़ता रहा. सुनील का सोचना था कि शिववीर से अलग हो कर सोनी उसे भूल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. दोनों लगातार मिलते रहे. जब इस बात की जानकारी सुनील को हुई तो उसे गहरा आघात लगा. उस ने बेटी को डांटा कि अगर उस ने उस जाटव के लड़के से मिलना नहीं छोड़ा, तो सख्त रुख अपनाना पड़ेगा.

 

गांव में सुनील की बेटी की आशिकी चर्चा का विषय बनती जा रही थी. लेकिन सुनील को ही नहीं, पूरे गांव को चिंता थी कि अगर यादव की बेटी जाटव के साथ भाग गई, तो उन की बिरादरी पर कलंक लग जाएगा. सुनील पर गांव वालों का दबाव बढ़ने लगा कि वह अपनी बेटी को संभाले.

सोनी को जब पता चला कि उसे शिववीर से दूर करने की साजिश रची जा रही है तो वह घबरा गई. लेकिन उस के इरादे कमजोर नहीं पड़े. उस ने तय कर लिया कि कुछ भी हो, वह किसी भी कीमत पर शिववीर को नहीं छोड़ेगी.

इस के बाद वह बागी होती गई. एक दिन उस ने अपनी मां संतोषी से खुल कर कह दिया, ‘‘आखिर क्या कमी है शिववीर में? दिखने में भी अच्छा है. पढ़ाई में भी ठीक है. सब से बड़ी बात तो यह है कि वह मुझे प्यार करता है.’’

बेटी की बात सुन कर संतोषी सन्न रह गई. उसे लगता था कि अभी बेटी छोटी है. डांटनेफटकारने से रास्ते घर आ जाएगी. लेकिन बेटी तो बहुत आगे निकल चुकी थी. तब मां ने सोनी को डांटा, ‘‘एक जाटव के लड़के के साथ तेरी शादी कभी नहीं हो सकती. समाज में रहने के लिए उस के नियमों को मानना पड़ता है.’’

लेकिन सोनी ने तय कर लिया था कि वह किसी की नहीं मानेगी. वह वही करेगी जो उस का दिल चाहता है. दूसरी ओर शिववीर के पिता धनपत को पता नहीं था कि वह यादव की बेटी से प्यार करता है. लेकिन जब इस बात की जानकारी उन्हें हुई तो उन्होंने उसे समझाया कि वह जो कुछ कर रहा है, वह ठीक नहीं है.

आज भी समाज में ऊंचनीच की दीवार कायम है. अगर किसी ने उस दीवार को तोड़ने की कोशिश की है तो उस के साथ बुरा ही हुआ है.

धनपत बेटे के लिए परेशान रहने लगा था, उसे डर था कि यादव जाति के लोग उसे कोई नुकसान न पहुंचा दें. उसे शिववीर के सिर पर खतरा मंडराता नजर आया तो वह उस पर नजर रखने लगा. ऐसे में सोनी ने जब शिववीर से पूछा कि उस ने भविष्य के बारे में क्या सोचा है तो उस ने कहा, ‘‘हम समाज की बेडि़यों से बंधे हैं. अगर यह समाज हमें साथ जीने नहीं देगा तो हमें साथ मरने से तो नहीं रोक सकता.’’

‘‘मरने की बात कहां से आ गई शिववीर? मैं अभी जीना चाहती हूं, वह भी तुम्हारे साथ.’’ सोनी बोली.

शिववीर ने उसे समझाया कि जीना तो वह भी चाहता है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. तब सोनी ने कहा, ‘‘चलो, हम घर छोड़ कर भाग चलते हैं.’’

तभी शिववीर ने कहा, ‘‘नहीं, ऐसा करने से दोनों के घर बरबाद हो जाएंगे. हम अपनी खुशियों के लिए अपने घर वालों की खुशियां नहीं छीन सकते. सोनी, हमारे सामने जो हालात हैं, उन्हें देख कर यही लगता है कि अब हमारे सामने एक ही रास्ता है कि हम मर कर सभी को दिखा दें कि हमारा प्यार सच्चा था. हमें मिलने से कोई नहीं रोक सका.’’

इधर सोनी पर घर वालों की बंदिशें इतनी बढ़ चुकी थीं कि वह परेशान रहने लगी थी. एक दिन उस ने शिववीर को फोन कर के बताया, ‘‘शिव, मुझे तो लगता है कि हम कभी नहीं मिल पाएंगे. क्योंकि घर वाले मेरी शादी की बात कर रहे हैं.’’

शिववीर ने सोचा कि अब उसे कोई निर्णय ले ही लेना चाहिए. समाज की पाबंदियों की वजह से जीवन के प्रति उस की उदासीनता बढ़ रही थी. उस के पास न तो ऐसे कोई साधन थे और न ही हिम्मत कि वह अपनी प्रेमिका को कहीं दूर ले जा कर अपना आशियाना बसा ले.

ऐसे में उस के सामने एक ही रास्ता था कि वह प्रेमिका के साथ मौत को गले लगा ले. ताकि इस जहान में न सही, उस जहान में तो मिल सके. वहां उन्हें रोकने के लिए न तो समाज होगा और न ही ऊंचनीच की कोई दीवार.

एक शाम गांव के बाहर रवि के बगीचे में दोनों का आमनासामना हुआ. बातचीत के दौरान सोनी ने पूछा, ‘‘शिववीर, क्या सोचा है तुम ने? क्योंकि अब मैं बंदिशों से परेशान हो गई हूं. घर वाले मुझ से काफी नाराज हैं.’’

‘‘सोनी, हम ने साथ जीनेमरने की कसमें खाई थीं. अब तक हमारी समझ में यह आ गया है कि हम साथसाथ जी नहीं सकते. लेकिन हम साथसाथ इस जालिम दुनिया को अलविदा तो कर ही सकते हैं.’’

‘‘शिववीर, मैं ने तुम्हें जीवन भर साथ निभाने का वचन दिया है, इसलिए पीछे नहीं हटूंगी. लेकिन मेरी इच्छा है कि मैं सुहागन हो कर मरूं. अगर हम ने इस जन्म में शादी नहीं की तो अगले जन्म में भी साथ नहीं रह सकेंगे.’’

शिववीर ने उस का हाथ पकड़ कर कहा, ‘‘तुम जैसा चाहती हो, वैसा ही होगा. मरने से पहले हम शादी कर लेंगे.’’

इधर परेशान सुनील ने अपनी बेटी सोनी की शादी बिल्हौर थाना क्षेत्र के धंसी निवादा रहने वाले मेवाराम यादव के बेटे अमर के साथ तय कर दी. 20 मार्च को तिलक और 30 मार्च, 2021 को शादी की तारीख भी तय हो गई. इस के बाद वह शादी की तैयारी में जुट गया.

सोनी को अपनी शादी की बाबत पता चला तो वह परेशान हो उठी. उस ने शादी तय होने और 30 मार्च को बारात आने की जानकारी शिववीर को दी तो वह भी परेशान हो उठा. उस ने सोनी को समझाया भी. लेकिन सोनी ने साफ कह दिया कि वह दुलहन तो बनेगी, लेकिन किसी और की नहीं, केवल अपने मन के मीत की.

सुनील बेटी की शादी धूमधाम से करना चाहता था. घर में खुशी का माहौल था. घर में नातेरिश्तेदारों का आना शुरू हो गया था. मंडप भी गड़ गया था और मंडप के नीचे मंगल गीत गाए जाने लगे थे. सोनी की काया को निखारने के लिए उस के शरीर पर उबटन लगाया जाने लगा था.

28 मार्च, 2021 को होली का त्यौहार था. रात 10 बजे होली जलाई गई. रात 12 बजे जब घर के लोग सो गए तो सोनी ने शिववीर को फोन किया और पूरी तैयारी के साथ उसे गांव के बाहर शीतला देवी के मंदिर पर मिलने को कहा.

उसी रात शिववीर घर से निकल कर शीतला देवी मंदिर पहुंच गया, जहां सोनी उस का इंतजार कर रही थी. रात में ही उन्होंने मां शीतला को साक्षी मान कर मंदिर में शादी कर ली. शिववीर ने सोनी की मांग भर कर उसे पत्नी बना लिया.

रात भर दोनों एकदूसरे की बांहों में समाए रहे. रात का अंधेरा और तारे उन की मोहब्बत के गवाह बने.

सुबह 4 बजे शिववीर ने कहा, ‘‘सोनी, अब हमें लंबे सफर पर चलना होगा.’’

इस के बाद सोनी और शिववीर कमल कटियार के खेत पहुंचे. खेत के किनारे नीम का पेड़ था. इस पेड़ पर दोनों चढ़ गए. सामान को उन्होंने 2 शाखाओं के बीच रखा, फिर रस्सी का फंदा गले में डाल कर दोनों झूल गए. कुछ देर में ही उन के प्राणपखेरू उड़ गए.

सुबह 7 बजे कंजती गांव का आशू कटियार दिशामैदान को गया तो उस ने नीम के पेड़ पर रस्सी के सहारे प्रेमी युगल को लटकते देखा. वह भाग कर गांव आया और गांव वालों को जानकारी दी. इस के बाद तो कंजती गांव में सनसनी फैल गई. कुछ ही देर में वहां भीड़ जुट गई.

सुनील की बेटी सोनी तथा धनपत का बेटा शिववीर भी अपनेअपने घर से नदारद थे. उन का माथा ठनका. सुनील अपनी पत्नी संतोषी के साथ घटनास्थल पहुंचा. वहां अपनी बेटी सोनी को फांसी के फंदे पर झूलता देख कर वह दहाड़ मार कर रो पड़ा. धनपत भी बेटे की मौत पर आंसू बहाने लगा.

इसी बीच गांव के प्रधान राजेश ने प्रेमी युगल द्वारा जीवनलीला समाप्त करने की सूचना थाना चौबेपुर पुलिस को दे दी. सूचना पाते ही थानाप्रभारी कृष्णमोहन राय पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया.

मृतका सोनी और मृतक शिववीर कंजती गांव के ही रहने वाले थे. सोनी करीब 21 वर्ष की थी, जबकि शिववीर 22 वर्ष का था. सोनी की मांग में सिंदूर था. देखने से ऐसा लग रहा था कि मरने के पहले दोनों ने शादी कर ली थी.

थानाप्रभारी कृष्णमोहन राय अभी निरीक्षण कर ही रहे थे कि यादव और जाटव बिरादरी के लोगों में कहासुनी होने लगी. तनाव बढ़ता देख श्री राय ने सूचना पुलिस अधिकारियों को दी. सूचना पा कर एसपी (देहात) केशव कुमार चौधरी तथा डीएसपी संदीप सिंह वहां आ गए.

पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तथा दोनों पक्षों के लोगों को समझा कर शांत किया. इस के बाद उन्होंने फंदे पर लटके दोनों शवों को नीचे उतरवाया. उन्होंने मृतकों के घर वालों से पूछताछ की.

मृतक शिववीर की जामातलाशी ली गई तो उस की जेब से मोबाइल फोन, पैन कार्ड, आधार कार्ड, डेबिट कार्ड तथा 597 रुपए मिले. इस के अलावा पेड़ की डाल पर चुनरी, गमछा, मोबाइल फोन, हाथ घड़ी, 2 जींस, पेड़ के नीचे लेडीज चप्पलें तथा पानी की बोतल मिली. पुलिस ने बरामद सामान को सुरक्षित किया तथा दोनों शवों को पोस्टमार्टम हाउस माती भिजवा दिया.

थाना चौबेपुर पुलिस ने प्रेमी युगल आत्महत्या प्रकरण को जीडी में दर्ज तो किया, लेकिन दोनों की मृत्यु होने से उन्होंने इस प्रकरण की फाइल बंद कर दी. बेटी के गलत कदम से सुनील का सिर झुक गया था. यादव समाज का तिरस्कार उसे भारी पड़ रहा था.

उम्र के हर पड़ाव पर लें सेक्स का मजा

शादी के बाद सेक्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको एक दूसरे के घर पर छिप-छिपकर अजीबोगरीब समय पर जाने की या खामोशी से और्गेज्म पाने की जरूरत नहीं होती. हालांकि छुपकर किए जानेवाले सेक्स से रोमांचक कुछ और हो ही नहीं सकता, लेकिन कई बार सेक्स करने का मन होने पर उचित जगह की कमी अच्छे हार्मोन्स को व्यर्थ कर सकती है. यदि आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने के लिए लोगों की मदद पर आश्रित हैं तो यहां हम बता रहे हैं कि एक खुशनुमा शादी के बाद किन चीजों की उम्मीद करें.

1. शादी की रात

आपने न अपनी शादी में सफेद गाउन पहना और ऐसा भी नहीं है कि आप पहली बार सेक्स करने जा रही हैं. लेकिन तब भी शादी की रात तो शादी की रात होती है. यह बतौर पति-पत्नी आपकी पहली रात है और इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने पति के शरीर के हर निशान, तिल और टैटू से परिचित हैं. शादी का सर्टिफिकेट पाने के बाद बतौर विवाहित जोड़ा सेक्स करने का अपना अलग मजा होता है. हर पुरुष की कल्पना होती है, अपनी दुल्हन के साथ उसके सफेद गाउन या लाल रंग की साड़ी में सेक्स करना. चाहे आप शादी के दिन कितनी ही थकी हुई क्यों न हो, आप अपने जोश पर काबू नहीं पा सकती हैं.

2. हनीमून

क्या क्रुगर नेशनल पार्क, दक्षिण अफ्रीका के पास किसी टेंट में मिशनरी मुद्रा में संबंध बनाना भी अलहदा हो सकता है? शर्तिया अलग होगा. लेकिन हम आपको नोट्स बनाने के लिए नहीं कह रहे हैं. बस कुछ खुशनुमा हार्मोन्स जो आपके दिमाग पर छाए हुए हैं उन्हें अपना काम करने दें. टूर गाइड की बकबक के बीच कुछ किस चुरा लें, टूर ग्रुप से अलग हो जाएं, अफ्रीका की धूप में कुछ यादें बनाएं और सुनसान जगहों की तलाश कर वहां प्यार की नई दास्तां लिखें.

3. हमने एक दिन सेक्स नहीं किया

आपकी रोजमर्रा की जिंदगी अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन एक दिन औफिस के लिए कैब पकड़ते वक्त अचानक ही आपने महसूस किया कि आपने आज सेक्स नहीं किया. आप ख़ुद से वादा करती हैं कि आगे से ऐसा कभी नहीं होगा और पिछली रात की भूल को सुधारने के लिए औफिस के लंच समय का इस्तेमाल करती हैं. अपने पति को फोन करती हैं और दोपहर के रोमांस के लिए किसी करीब होटल में एक कमरा बुक करती हैं.

4. जब हो व्यस्तता

यह वह समय है जब आपकी टु-डू लिस्ट कुछ इस तरह की होती है: प्रिया का संगीत, सास को एयरपोर्ट छोड़ना, टपकते हुए बेसिन के नल को ठीक कराना, सेक्स, छुट्टियों के लिए टिकट्स बुक करना. आपने एक निश्चित दिनचर्या बना ली है, जिसमें सेक्स के लिए एक निश्चित समय, जैसे-सप्ताह में दो बार या दिन में एक बार तय कर लिया है! आपको मालूम होता है कि आप वास्तव में कब सेक्स करनेवाली हैं.

5. प्रेग्नेंसी के दौरान

सेक्स करना कोई भूलता नहीं. निस्संदेह गर्भवती महिलाएं भी नहीं. हो सकता है आप मां बननेवाली हों, लेकिन अचानक ही आपके हार्मोन्स आपको पुराने रोमांचपूर्ण दिनों को फिर से जीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. आपके पति नहीं समझ पाते कि अचानक आपको क्या हो गया है, लेकिन वे आपकी सेक्स करने की इच्छा से इतने खुश हैं कि वे आपको हमेशा गर्भवती रखना चाहते हैं. वे फुटबौल भी नहीं देख रहे, केवल एक नादान मुस्कान के साथ यहां-वहां घूम रहे हैं. क्रुगर की यादों में.

6. जब ढर्रे पर चले दिनचर्या

सुबह उठते ही आप अपने मुंह पर कुछ गीला महसूस करती हैं और आपको पता लगता है कि आप जो सोच रही हैं यह वह नहीं है. आपके कुत्ते को आपका सुबह का चेहरा पसंद आया और उसने खुद को आपके दो बच्चों, सॉफ़्ट टौय और मखमली चादर के बीच फिट बिठा लिया है. आपके पति जो कुछ ही देर पहले आपसे एक हाथ दूर लेटे थे, अब हौल के काउच पर खर्राटे ले रहे हैं. आपके बच्चे इस बात का सबूत हैं कि आप दोनों के बीच कभी गर्मजोशीभरा सेक्स हुआ करता था. लेकिन आप बहुत ज्यादा निश्चिंत नहीं हो सकतीं.

7. नीरसता को कहें अलविदा

रूखे दिन काफी लंबे खिंच गए हैं और आपने इसे खत्म करने का निश्चय कर लिया है. आप औफिस के प्रसाधन गृह में जाती हैं और अपने फोन पर एनएसफडब्ल्यू (नौट सेफ फौर वर्क) पेज पर जाती हैं और अपनी कल्पनाओं के लिए जल्दी-जल्दी देखती हैं. क्या आप केवल ट्रेंच कोट और हील्स में अपने पति के औफिस अचानक मिलने के लिए पहुंच सकती हैं? या उनके घर आने के बाद सरप्राइज की योजना बना सकती हैं? या दोनों? अपने बच्चों को उस दोस्त के यहां सोने के लिए कहें, जिसपर आपकी मदद उधार हो, तुरंत सलून जाएं, नई लॉन्जरी, खाने की अपनी पसंदीदा चीजें खरीदें. हम मानते हैं कि नीरस दिनों के बाद सेक्स करना आपातकालीन जरूरत है. क्या आपका बहाना समय की कमी है? या शरीर में आए बदलाव आपको हतोत्सिहित कर रहे हैं? विश्वास करें, आप अब भी तैयार हैं. इन सभी कारणों को भूल जाएं और इस दूरी को मिटाने के लिए सेक्स के लिए तैयार हो जाएं. सेक्स के बाद साथ में लिपटकर सोने का मजा ही कुछ और होता है.

8. अब भी वक्त है

जब आप दोनों ही सही फौर्म में हों तो आपको क्रोशिया पकड़ने और उन्हें क्रौसवर्ड हल करके समय बिताने की तरूरत क्या है? यदि आपको यह करना ही है तो उनके साथ नटखट क्रौसवर्ड खेलें और रोमांचपूर्ण अंदाज में क्रोशिया थामें. उम्र के चौथे, पांचवे और छठें दशक में रसिक न होने का कोई कारण नहीं है. खुद को आजाद छोड़ दें, रोकने की कोशिश न करें.

प्यार में जरूरी है किसिंग

संसार भर के सारे चिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और दार्शनिकों का यह मानना है कि एक प्यारभरा किस दिल को फिर से जवान बना देता है और 2 लोगों के बीच की दूरियों को मिटा देता है. प्यार  में मिठास घोलनी है तो किस करना भी जरूरी है. यदि किसी उदास मन को एक पल का स्नेहिल प्यारभरा किस दिया जाए तो यह उस की मनोदशा को भी सुधार सकता है. एक अध्ययन में कहा गया है, जो युगल नियमित रूप से एकदूसरे को प्यार से किस कर अपना प्रेम जाहिर करते हैं. वे औरों से अधिक आत्मविश्वास से भरे रहते हैं. इस के अलावा स्वास्थ्य की दृष्टि से भी किस का बहुत महत्त्व है. चुंबन युवा होने का प्रतीक है, इसी कारण प्यार को सशक्त बनाने में इस की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है.

यों किसिंग करना तो एक क्षणिक घटना है पर इस का स्रोत कोई निरंतर बहता प्रेम  झरना है जो 2 जीवों के साथ  झर झर कर बह रहा है. कुछ पलों के बाद जब किस करने का यह दस्तूर पूरा हो जाता है तब भी वह प्रेम तो वहां रह ही जाता है जैसे हवा कभी खिले फूल को छू कर गुजर जाती है तो आगे जाने पर भी उस की बदलीबदली महक में वह फूल देर तक रहता है. किस करने के बाद भी जो बचा रह जाएगा वह है अनुभूति. यह एहसास सर्वव्यापी है.

प्रेम को सम झने के लिए जरूरी है किस को सम झना. भंवरे का हौले से फूल को छू लेना, हवा का समंदर की सतह चूम कर लहर पैदा करना, बूंद का धरा को अभिवादन और धरा का बूंद को अपने आंचल में जगह देना यह सब इतने सुंदर प्रतीक हैं कि प्रेमिल नजरें रखने वाले इन्हें न केवल देख सकते बल्कि महसूस भी कर सकते हैं.

मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि कुछ सैकंड ही सही, लवेबल किस के लेनदेन के दौरान जब आप की आंखें बंद होती हैं तो उस अंधकार में आप के सभी अनुभव और ज्यादा गहरे हो जाते हैं क्योंकि बंद आंखों से यह संपूर्ण अनुभव और बढ़ जाता है. आंखें बंद कर के जोड़े खुद के ज्यादा करीब आ जाते हैं. बंद आंखों से एकाग्रता बढ़ जाती है, दूसरी चीजों में ध्यान नहीं बंटता. खुली आंखों की अपेक्षा बंद आंखों में आप अपने प्रेमी की आंतरिक ऊर्जा के थोड़े ज्यादा नजदीक होते हैं. व्यक्ति अगर लिप किस करता है तो निश्चित है कि अब उस से आगे भी वह जाएगा. तो किस एक शुरुआत होती है और आंखें बंद कर दोनों व्यक्ति आगे का इमेजिनेशन कर रहे होते हैं. अगर आंखें बंद न हों तो यह कन्फर्म है कि उस पल का कोई मजा नहीं ले सकता.

किसिंग केवल प्रेम करने की कला नहीं, बल्कि यह विशुद्ध विज्ञान भी है. एक किस के दौरान शरीर की लगभग डेढ़ सौ मांसपेशियां सक्रिय होती हैं. तो, किस एक तरह का व्यायाम भी है. इस संदर्भ में कितने ही शोध हुए हैं. उन में ये बातें सामने आईं कि जिन के दांपत्य जीवन में नियमित किस की जगह होती है वे दूसरों के मुकाबले ज्यादा खुश व सेहतमंद रहते हैं. ऐसे प्रेमी जोड़े तनाव से भी बचे रहते हैं. यह तो सिद्ध हो चुका है कि किस करने से दिमाग में तनाव के लिए जिम्मेदार कोरटिसोल हार्मोन कम होता है और सिरोटोनिन का स्तर बढ़ता है. यह थकान को दूर करता है. यों किस का मतलब समर्पण है, फिर भी इस के कई दूसरे फायदे भी हैं :

1. मिलती है आंतरिक खुशी

प्यार में किस करने से रक्तप्रवाह अच्छा हो जाता है. साथ ही, यह अच्छा महसूस कराने वाले हार्मोन इंडोर्फिन को बढ़ाता है. इस से प्रेमी कुछ ही पलों के बाद अच्छा महसूस करने लगते हैं. यह एक स्ट्रैस बस्टर है. अपने पार्टनर को बांहों में भरें और उन्हें प्यार से किस करें, देखिए आप का तनाव कैसे गायब होता है.

2. स्वस्थ रहने के लिए जरूरी

यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इस से आप का शरीर आसानी से संक्रमण की चपेट में नहीं आता. किस करने से दांतों में होने वाली कैविटी भी धीरेधीरे ठीक हो जाती है क्योंकि किस के दौरान मुंह की लार तेजी से बनती है जो दांतों की कैविटी को ठीक करती है.

3. प्यार के हार्मोन को बढ़ाए   

किस करने से शरीर में प्यार के लिए जरूरी माने जाने वाला हार्मोन औक्सिटोसिन के स्तर में इजाफा होता है. इस के अलावा इस से शरीर में होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है. किस के दौरान आप के मुंह में बनने वाली लार से दर्द को कम करने वाली एनस्थिटिक मिलती है. वहीं आप को आनंद प्रदान करने वाला डोपेमाइन तत्त्व भी सक्रिय हो जाता है.

4. रिश्ते में नजदीकियां

किस प्यार करने वालों को एकदूसरे के करीब लाती है और आपसी नजदीकियां बढ़ने लगती हैं. यह दोनों के रिश्ते को भी बहुत गहरा व मजबूत बनाता है और दोनों के बीच की हर तरह की दूरी को कम करता है.

हिंदी फिल्मों में तो किस करना छाया हुआ है. मिसाल के तौर पर, गीतों के ये मुखड़े कि-

‘‘तेरे चुंबन में च्यवनप्राश है…’’

‘‘जुम्मा चुम्मा दे दे…’’

‘‘होंठों से छू लो तुम…’’

‘‘छू लेने दो नाजुक होंठों को…’’

‘‘एक चुम्मा तू हम को उधार दे दे…’’

सौ फीसदी सच ही है कि हर किस अश्लील नहीं होता. यह प्रेम प्रदर्शित करने का  खूबसूरत माध्यम है. कई बार तो सार्वजनिक रूप से लिया गया स्नेहिल किस भी अशिष्ट नहीं होता.

5. सहज किस एक अनोखी खुशी

किसी अच्छी और सुहाती सी बात पर अचानक गाल या माथे पर लिया और दिया किस माहौल को खुशनुमा बना देता है.

6. परंपरा के लिए किया गया किस

संसारभर के अनगिनत आदिवासी समाजों में ऐसी प्रथा है जहां पर युवक को सब के सामने अपनी मंगेतर को किस करना होता है. अगर यह अभद्रता होती तो अनगिनत कबीले इस को आज तक क्यों निभाते? बस्तर के आदिवासी इलाके में जा कर देखिए और जानिए कि युवकयुवतियों में किस एक अभिव्यक्ति है. वहां अश्लील और ओछापन कहीं नहीं दिखता. बस, एक स्नेहिल अभिवादन किस के माध्यम से प्रकट किया जाता है.

7. भावनात्मक लगाव

किसी रिश्ते की शुरुआत करने के लिए आप माथे पर एक किस कर सकते हैं. किसी से दोस्ती होने पर ही इस तरह से प्रेम अभिव्यक्त किया जाता है. यह किस सच्चे रिश्ते के प्रति प्रेमी जोड़ों की अच्छी भावनाओं को दिखाता है.

8. हाथों पर किस

साथी के हाथ की हथेली के पीछे वाले हिस्से पर किस करना बेहद ही खास होता है. यह आपसी रिश्ते में छिपी इंटीमेसी को दिखाता है.

9. गालों पर किस 

गालों पर किसिंग मतलब है कि सामने वाला आप से बेहद प्यार करता है. अभिभावक भी अपने बच्चों को इस तरह से किस कर के अपने स्नेह की अंतरंगता व रिश्तों की गर्माहट को दिखाते हैं. पतिपत्नी के बीच यह किस रोमांस को बढ़ा देता है.

10. बंद आंखों पर किस

एकदूसरे की बंद आंखों पर किसिंग असुरक्षा से मुक्ति दिला कर सच्चा भरोसा उत्पन्न करता है. अपने प्यार को जताने का यह एक बेहद ही कारगर तरीका है. मां भी तो अकसर अपने बच्चों के सो जाने पर उन को इस तरह चूमा करती है.

11. प्यार जाहिर करने का बेहतरीन तरीका

जिंदगी रिचार्ज करता हुआ किस  कहता है कि मुबारक हो प्यार और जुड़ाव. किस करना जरूरी है क्योंकि इस से प्यार करने वालों का रिश्ता मजबूत होता है. किस केवल दो होंठों का ही मिलन नहीं बल्कि यह दो दिलों का मिलन है.

इन 7 टिप्स से जाने कुछ ऐसे काम, कि बन जाए आप की शाम

यह बहुत पुराना सवाल है. आप जो चाहती हैं, उसे कैसे पाएं? और वो भी इस तरह कि वे यह सोचने पर मजबूर हो जाएं कि ये तो उनका ही विचार था. यही तो हम बता रहे हैं.

मोमबत्तियां जली हुई हैं, हवा में इत्र की सौम्य गंध पसरी है, बिस्तर पर सिल्क की चादर बिछी है और आप गाउन उतार रही हैं. ‘‘ओह! सौरी,’’ वे दरवाजे की ओर मुंह कर हकलाते हुए कहते हैं,‘‘तुम कपड़े बदल रही हो. मैं बाद में आता हूं.’’ आप सही समझ रही हैं, उन्हें लुभाने में आप असफल हो गई हैं.

क्या आप चाहती हैं कि वे यह सोचें कि आप जो चाहती हैं, उसे आप नहीं, बल्कि वे चाहते हैं और जो आपकी योजना है, वह वास्तव में उनकी है. और यह भी कि वह आपसे ज़्यादा चालाक हैं? पीढ़ी दर पीढ़ी महिलाओं ने यह सच्चाई महसूस कर ली है और अपनी रणनीतियों को बेहतरीन परिणाम पाने के लिए बदल लिया है. अब वे ध्यान रखती हैं कि हमें जो चाहिए और जब चाहिए, हमारा साथी ठीक तभी और वैसा ही करे.

ऐसा करने के लिए हमें इस पूरी प्रक्रिया को संजीदगी से संभालना होता है. फिर चाहे बात शुरुआत की हो, पहला क़दम बढ़ाने की, अच्छी से अच्छी या बुरी से बुरी हो. जब आपकी इच्छा हो, लेकिन वह आगे न बढ़ रहे हों तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं?

  1. किसने की पहल?

शोध आश्चर्यजनक रूप से बताते हैं कि रोमैंटिक मिलाप में 90 प्रतिशत बार तो महिलाएं ही पहल करती हैं-लेकिन जैसे आप सोच रही हैं, वैसे नहीं. महिलाएं अपनी आंखों, चेहरे और शरीर से हल्के संकेत देंगी. और बदलाव की प्रक्रिया तो यही कहती है कि जो सोता है, वह खोता है. जो पुरुष इन संकेतों को अच्छी तरह समझ पाते हैं, वे पहल करते हुए पहला कदम बढ़ाते हैं.

दुर्भाग्यवश, बहुत सारे पुरुष इन हल्के इशारों को समझ नहीं पाते, बायोलौजी के कारण. पुरुषों में १० से २० गुना ज्यादा टेस्टोस्टेरौन होता है, जो उन्हें संकेतों को गलत ढंग से समझाता है. और सच कहें तो इसमें महिलाओं का भी हाथ है: वे विरोधाभासी संकेत देते हैं. जो असमंजस पैदा करते हैं, वे हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं और आपको झल्लाहट होती है. तो आप इसे रोकने के लिए क्या कर सकती हैं? बहुत कुछ.

2. पहला कदम : मादक नजरें

उन भूरी आंखों को दांव पर लगाएं और हो सकता है कि वे आपके हो जाएं. जरनल औफ रिसर्च इन पर्सनैलिटी के एक अध्ययन के मुताबिक दो मिनट तक एकटक एक-दूसरे की आंखों में देखने से प्यार के जुनून का एहसास बढ़ जाता है. यदि आप अजनबी हैं तो लगभग तीन सेकेंड्स उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए काफी है. एक बार आप दोनों की नजरें मिल गईं तो वे आपको बार-बार पलटकर देखेंगे कि आप उन्हें अब भी देख रही हैं या नहीं. और उन्हें यह जताने के लिए कि आप उनमें रुचि ले रही हैं, ऐसा तीन बार कर सकती हैं. आपको क्या लगता है ‘एक नज़र में प्यार’ कहावत यूं ही बन गई है?

3. दूसरा कदम : शारीरिक हावभाव

मुस्कान से शुरुआत करें; यदि आप अब भी आश्वस्त नहीं हैं तो आधी मुस्कान दें. हम पर विश्वास करें, वह आधी मुस्कान भी, रहस्मयी निगाहों के साथ आपके मन की पूरी बात कह सकती है. कैनेडियन रिसर्चर्स द्वारा साल 2011 में 1000 से ज्यादा पुरुषों पर किए गए एक अध्ययन में पुरुषों ने कहा कि वे मुस्कुराती हुई महिलाओं की तस्वीरों की ओर ज़्यादा आकर्षित होते हैं.

पौश्चर पर ध्यान दें, शरीर सीधा रखें, कटावों को उभरने दें और पैरों को क्रौस कर लें. ये अदा तो हम महिलाओं को सदियों से आती है. अगर आप खड़ी हैं तो कुछ ऐसे खड़ी हों कि आपके फिगर की सुंदरता बढ़ी हुई नज़र आए. बहुत महिलाएं फ्लर्ट करते हुए सिर को टेढ़ा कर लेती हैं, ताकि सुडौल गर्दन साफ नज़र आए, अपने आउटफिट से छेड़खानी करती हैं, बालों से खेलती हैं, यहां तक कि अपने होंठों को जीभ से छूती हैं.

4. तीसरा कदम : स्पर्श सब कह देता है

साल 2007 के सोशल इन्फलुएंस के अध्ययन के अनुसार तीन प्रकार के स्पर्श होते हैं. एक होता है हल्का, ‘दोस्ताना’ स्पर्श, शुरुआत करनेवालों के लिए या जब आप उस व्यक्ति को नहीं जानतीं. दूसरा होता है ‘स्वीकार्य-अस्वीकार्य’ स्पर्श; करीब-करीब आकस्मिक स्पर्श, तुम बहुत मजाकिया हो, ओह! क्या तुम वर्कआउट करते हो कहते हुए कलाई, कंधे और पीठ पर हाथ लगाना. और अंतत: ‘न्यूक्लियर’ स्पर्श. जहां आप उनके माथे से बालों को हल्के-से पीछे करती हैं. या दोनों के हाथों को एक साथ जोड़ती हैं. या अपना सिर उनके कंधे पर रखती हैं या उनकी हथेली पर कोई आकार बनाती हैं.

5. कुछ काम नहीं आ रहा? इन्हें आजमाएं

यदि इनमें से कुछ भी काम नहीं कर रहा और आप अब भी उनके हाथों में हाथ डालकर बैठी हैं तो समय आ गया है अपनी कोशिशों को एक कदम आगे ले जाने का. अबला नारी की तरह लड़खड़ाएं और सहारा पाने के लिए उन्हें पकड़ लें. हां, हम जानते हैं कि यह हमें उनके सामने झुका देगा, पर मन की इच्छा तो पूरी हो जाएगी…

सबसे बेहतर है उनकी गोद में गिर जाएं. या हौरर मूवी शुरू करें और कांपते हुए उनसे सट जाएं. जब भी उनसे मिले उन्हें लंबे समय तक के लिए गले लगाएं. हेलो और थैंक यू कहने के लिए किस करें. यह चुंबन जितना हल्का हो, बेहतर होगा. यदि आप आश्वस्त नहीं हैं तो उनके गालों पर किस करें; यह निश्चित रूप से उन्हें बाक़ी जगहों पर किस करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

6. निश्चित तौर पर कारगर

नकल करना: यह क्लासिक फार्मूला असफल नहीं होगा. उनकी गतिविधियों को हूबहू दोहराएं, फिर चाहे वे आपके हाथ छू रहे हों या पैर क्रौस कर रहे हों.

7. सुरक्षित कदम

डांस करना! चाहे उनके साथ या फिर अकेले ही. उन्हें एक सेक्सी शो दिखाएं या कामुक साल्सा मूव्स, जैसे-हिप-टू-हिप, चेस्ट-टू-चेस्ट में उन्हें शामिल करें. और उन्हें अपना नियंत्रण खोने दें.

शादी के बाद हसबैंड-वाइफ पूरे करे ये वादे, मजबूत बनेगा रिश्ता

शादी एक बहुत खूबसूरत रिश्ता है. जिसे जितना सच्चाई और प्यार के साथ निभाया जाएं वो रिश्ता उतना ही ज्यादा खूबसूरत बनता चला जाता है. इसलिए पति पत्नी के लिए कुछ ऐसी बातें है जो उन्हे शादी के बाद जरूर निभानी चाहिएं. इससे आपका रिश्ता भी स्ट्रौंग बनेगा और प्यार भी बना रहेगा.

शादी के बाद वैसे तो हस्बैंड और वाइफ के बीच कुछ भी प्राइवेट नहीं रहता है, लेकिन इसके बावजूद हर इंसान का एक प्राइवेट स्पेस होता है. ये एक ऐसा दायरा है जिसे कभी नहीं लांघना चाहिए. पति या पत्नी की कुछ बातें प्राइवेट हो सकती हैं, जैसे दोस्तों के राज, माता पिता या भाई बहनों का रिश्ता. ऐसे में बेवजह आपको उनके रिश्तों के बीच में नहीं आना चाहिए.

एक दूसरे के प्रोफेशन की रिस्पेक्ट करना

हो सकता है कि दुनिया की नजर में आपके लाइफ पार्टनर के प्रोफेशन की कोई खास अहमियत न हो, लेकिन इसकी वजह से आप उनका मजाक नहीं उड़ा सकते. किसी भी काम को छोटा समझना बड़ी भूल होती है. शादी के बाद आपके लिए जरूरी है कि अपने लाइफ पार्टनर के काम को कम न समझते हुए उन्हें बेहतर होने का अहसास दिलाएं.

एक-दूसरे की बात को सुनना

भले ही आपके लाइफ पार्टनर की बातें कितनी भी अजीब और गैरजरूरी क्यों न लगे, ये जरूरी है कि आप उनकी बातों को गौर से सुनें ताकी उनको ये अहसास हो कि कम से कम उनकी केयर करने वाला इस दुनिया में कोई तो है.

सपने पूरे करने में मदद करना

हर इंसान की जिंदगी का एक मकसद होता है. शादी के बाद वो उम्मीद करता है कि उसे लाइफ पार्टनर की तरफ से सपने पूरे करने में फुल सपोर्ट मिले, ऐसा न होने पर रिश्तों में दरार पड़ना लाजमी है. अगर आप उनकी फाइनेंशियल हेल्प नहीं कर सकते तो कम से कम मानसिक तौर पर समर्थन जरूर करें.

क्वालिटी टाइम स्पेंड करना

आजकल लाइफ काफी बिजी हो चुकी है, करियर और फ्यूचर को संवारने की कोशिश में हस्बैंड और वाइफ को एक दूसरे के लिए मुकम्मल वक्त नहीं मिल पाता. इसके बावजूद कपल को क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए और इसके लिए शेड्यूल को मैनेज करना जरूरी है.

सेक्स और प्यार!

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए. कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

आपकी सेक्स लाइफ खराब कर रहा है टीवी, जानें कैसे

दिनभर के काम के बाद सबसे आरामदेह होता है मैड मेन के क्रेडिट्स पर आंखे गड़ाना और फिर अपने बिस्तर के आगोश में समा जाना. यदि आप अकेली हैं तो ऐसा करना बिल्कुल सही है, लेकिन यदि आप अपने पार्टनर के साथ हैं और फिर भी उनसे बात करने के बजाय डेरेक ऐंड मेरेडिथ देखना पसंद करती हैं तो ये चिंता की बात है.

केवल एक आप ही नहीं हैं, जिसके अच्छे-भले सेक्शुअल जीवन में, दोस्त समझे जानेवाले बुद्धू बक्से ने सेंध लगा दी है. इटली में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, ऐसे जोड़े जिनके बेडरूम में टीवी है, उनके बीच सेक्शुअल संबंधों की संख्या, ऐसे जोड़े की तुलना में जिनके बेडरूम में टीवी नहीं है, आधी होती है.

मुंबई के सेक्शुअल मेडिसिन कंसल्टेंट राज ब्रह्मभट्ट इस अध्ययन का समर्थन करते हैं. ‘‘बेडरूम में टीवी आपके सेक्शुअल जीवन को बर्बाद कर देता है,’’ वे आगे बताते हैं,‘‘इन दिनों घर के हर कमरे में टीवी होना फैशन बन गया है. लेकिन इसका विपरीत परिणाम ये है कि कई कपल्स सेक्स के लिए समय निकालने के बजाय सीरियल देखना पसंद करते हैं.’’

सेक्स विनाशक

‘‘मैं अपना पसंदीदा टीवी सीरियल, लिविंग रूम के बजाय आराम से अपने बेडरूम में देखना पसंद करूंगी,’’ कहना है पीआर एग्जेक्यूटिव रितिका साहनी, का. ‘‘पर समस्या ये है कि मेरे और मेरे पति के पसंदीदा प्रोग्राम अलग-अलग हैं. जब तक मैं अपना सीरियल देखकर सोने के लिए तैयार होती हूं, वे अपने प्रोग्राम्स, खबरें या ऐक्शन मूवीज देखना शुरू कर देते हैं. सेक्स का तो नंबर ही नहीं आ पाता.’’

एक तर्क ये हो सकता है कि रिमोट उठाकर टीवी को बंद करने की ही देर है कि अंतरंग पल जिए जा सकते हैं, लेकिन ये इतना आसान नहीं है. ‘‘कई बार कोई सेक्सी फिल्म देखने के बाद हम निजी पल जीने के मूड में आ जाते हैं,’’ ये बताते हुए मीडिया प्रोफेशनल तनिका बसक कहती हैं, ‘‘पर अधिकतर समय हम न्यूज देखते हैं और इसे देखकर निजता की कोई भावना नहीं उभरती.’’

रचनात्मक तरीके

राज बताते हैं, ‘‘मेरे बहुत-से पेशेंट्स बेडरूम से टीवी हटाने के मेरे सुझाव का विरोध करते हैं. पर ये महसूस करना ज़रूरी है कि एल्कोहल की ही तरह टीवी देखने से इच्छाएं तो बढ़ती हैं, लेकिन सक्रियता कम हो जाती है. अत: इसे लिविंग रूम में रखें, ताकि आप इसे अन्य परिजनों के साथ ही देखें. आप इसे देखने के समय में कटौती करने से भी शुरू कर सकते हैं. यदि आप रोज छह घंटे टीवी देखती हैं तो इसे तीन घंटों तक सीमित कर दें. और ये समय ऐसा रखें कि आप दोनों को दाम्पत्य जीवन के सहज पलों को साथ बिताने का पूरा समय मिले.’’

ये कठिन ज़रूर है, पर पूरी तरह संभव है. अपने सेक्शुअल संबंधों की गर्माहट को पुनर्जीवित करें. फिर आपको ख़ुद ही महसूस होने लगेगा कि वास्तविक जीवन का यह एपिसोड टीवी सीरियल्स के एपिसोड से कहीं ज्यादा अच्छा अनुभव है.

मैं अपने दोस्त की बहन से प्यार करता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल का लड़का हूं. मेरी स्टडीज पूरी हो गई है, मैं अपने परिवार को भी बहुत चाहता हूं अब जाकर मुझे एक लड़की पसंद आई है जिससे मैं प्यार करता हूं. लेकिन प्रौब्लम ये है कि वो मेरी दोस्त की बहन है. मैं अपने दोस्त की बहन को पसंद करता हूं और शादी भी करना चाहता हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

अगर आपको अपनी बहन की दोस्त अच्छी लगती है और आप उससे प्यार करते है तो ये अच्छी बात है. इसमे कोई बुराई नहीं है. आप अपने दोस्त से रिश्ता ओर मजूबत बना सकते है. साथ ही, उसके घरवालों का दिल जीत लें. इससे आपकी दोस्ती रिश्तेदारी में बदलेंगी. लेकिन, इसके लिए आपको कुछ बातें फोलो करने की जरूरत है.

पहले तो आप अपने दोस्त से इस बारे में बताएं और उनके विचारों को जानें की वो कैसा सोचते है इस बारे में. अगर वे इस बारें में पौजीटिव सोच रखते है तो आप इस बात को आगे बढ़ा सकते है. आप अपने दोस्त के साथ ईमानदारी से बनं रहे. सिर्फ ईमानदारी से बात करें. ताकि भविष्य में कोई गलतफहमी न हो.

इसके अलावा आप उसके इमोशन का भी ध्यान रखे. उसके इमोशनस का मजाक न बनाएं. यह जांचे कि वह स्वभाव में अच्छी है और लंबे वक्त तक आपका साथ देंगी. इस बात का भी पता लगाएं कि उसका कोई दोस्त, भाई, पिता आप पर भारी न पड़ जाएं. अगर प्यार को रिश्तेदारी में बदलना चाहते है तो इस बात पर भी गौर करें कि फाइनेंशियली स्ट्रौंग बनों.

अक्सर दोस्त की बहन आपको भी अपने भाई की तरह मानने लगती हो या अगर आपको सहेली के भाई से प्यार है, तो हो सकता है कि वह आपको बहन की तरह ट्रीट करती हो. इसलिए आपको अपने दिल की बात बतानी होंगी. ताकि दोस्त को बाद में पता चले तो वह ये न समझें कि आपने उन्हे धोखा दिया है. इसलिए समय रहते आपको अपनी फिलीग्स शेयर करनी है.

इस तरह के रिलेशनशिप में सबसे जरूरी है कि दोस्ती के बीच प्यार न आए. इसके साथ ही प्यार और दोस्ती के बीच तालमेल बैठा कर चलें.

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