क्या आपको पता है, सेक्स के ये हेल्थ बेनिफिट

कश्वी, 27, लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं. कश्वी को पुणे में रह रहे अपने बौयफ्रेंड से मिलने का मौका हर वीकऐंड तो नहीं मिलता, लेकिन जब भी वह उससे मिलने पुणे जाती हैं, उसके बाद वाले दिनों में वह खुद को ज्यादा प्रोडक्टिव और खुश पाती हैं. क्या यह उनके साथ बिताए गए अच्छे समय की वजह से होता है? “बिल्कुल यही वजह है,” उसका कहना है,“लेकिन इसकी वजह सेक्स भी है. यह इतना सुकूनदेह है कि मैं बिना किसी ग्लानि के कह सकती हूं कि मुझे इसकी जरूरत है.”

प्लास वन में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि दो सप्ताह तक प्रतिदिन इंटरकोर्स करने पर हिप्पोकैम्पस में सेल का विकास बढ़ जाता है. यह दिमाग का वह हिस्सा है, जो तनाव को नियंत्रण में रखता है. अतः आप जब किसी दोस्त को तनाव में या बौस को चिड़चिड़ा व्यवहार करते हुए देख मजाक में कहती हैं कि इन्हें एक मदभरी रात की जरूरत है तो असल में आप बिल्कुल सही कह रही होती हैं.

कितना सुकूनदेह है

“अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में प्रोफेशनल और निजी समस्याओं का सामना करते-करते चिड़चिड़ापन और थकावट होना लाजमी है,” कहती हैं कश्वी. वे आगे कहती हैं,“मेरा बौयफ्रेंड शौन* और मैं या तो एक-दूसरे पर गुस्सा उतार सकते हैं या फिर सेहतमंद ढंग से इसे निपटा सकते हैं, जो कि हम करते हैं. और इसके बाद मुझे एहसास होता है कि सारी चीजों पर मेरा नियंत्रण है.”

केईएम हौस्पिटल व सेठ गोवर्धनदास सुंदरदास मेडिकल कौलेज, मुंबई के सेक्शुअल डिपार्टमेंट के हेड व चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डौक्टर प्रकाश कोठारी के अनुसार, “नियमित रूप से इंटरकोर्स करने से सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर और कौर्टिसोल (वह हार्मोन जो आमतौर पर तनाव बढ़ने पर रिलीज़ होता है) का स्तर कम होता है. जो लोग ज्यादा सेक्स करते हैं वे चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते समय कम तनाव में आते हैं.”

सही तरीके से करना

“सेक्स पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग ढंग से काम करता है,” कहते हैं डॉ कोठारी. “अक्सर पुरुष यह समझ ही नहीं पाते कि पार्टनर को तृप्ति मिली भी है या नहीं, वहीं ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत ज़्यादा है, जो ऑर्गैज़्म को पहचान ही नहीं पातीं. यह निराशा को जन्म देता है.” वे आगे जोड़ते हैं, “इसे करने का एक सेहतमंद रास्ता यह है कि इंटरकोर्स से पहले, उस वक्त या उसके बाद बातचीत करते रहना. सेक्स या किसी अन्य प्रकार का स्पर्श जैसे चुंबन या दुलार करने से ऑक्सिटोसिन यानी ‘प्यार का हार्मोन’ रिलीज होता है. यही है जो आपको सेक्स के तुरंत बाद लिपटने के लिए उत्सुक करता है,” कहते हैं डॉ कोठारी.

कश्वी और शौन दोनों एक-दूसरे को बताते हैं कि दरअसल, क्या चाहिएः गंदी बातों से लेकर ढेर सारे दुलार तक. “यदि आप फीडबैक दें या स्वीकार नहीं कर सकते तो आपको ऐक्ट के समय बहुत सतर्क रहना होगा,” कहती हैं वे.

रिलैक्स महसूस करें

हालांकि एक तनावभरे दिन के बाद सेक्स के बजाय टीवी देखते हुए या सोते हुए समय बिताना ज्यादा महत्वपूर्ण लग सकता है, पर दरअसल सेक्स आपको ज्यादा सुकून देगा. रात को समय न हो तो सुबह या लंच के समय सेक्स करें, इससे आप अपने दिन को और अच्छी तरह बिता सकती हैं और यहां तक कि आपको रात में गहरी नींद भी आएगी. “जब महिला ऑर्गैज़्म पाती है तो उनका शरीर प्रोलैक्टिन हार्मोन रिलीज़ करता है, जो उन्हें रिलैक्स करता है और नींद लाने में सहायक होता है,” कहते हैं डॉ कोठारी.

लेकिन ऐसे दिनों में जब आप बहुत ही थकी हुई हों तो अपने थके हुए दिमाग और शरीर को आप कैसे मनाएंगी? शौन और कश्वी रिलैक्सिंग रिचुअल्स जैसे एक साथ नहाना या फिर मसाज करते हुए सेक्स की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं.

जानें, इन वजहों से देते हैं आप एक-दूसरे को धोखा!

अमेरिकी लेखिका पेगी वौगैन अपनी किताब दि मोनोगैमी मिथ में अनुमान लगाती हैं कि तकरीबन 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के दौरान कभी-न-कभी अपने साथी को धोखा देते हैं. और अक्सर इसका कारण सेक्स नहीं होता.

बेवफाई रिश्तों में कुछ समय से चली आ रही समस्या का लक्षण है; ऐसे प्रेम-संबंधों की शुरुआत बेवजह या फिर इसलिए नहीं होती कोई व्यक्ति ‘बुरा इंसान’ है. लोग रिश्ते में किसी कमी के चलते बेवफाई करते हैं – स्नेह की कमी, ध्यान की कमी, सेक्स या आदर की कमी या फिर भावनात्मक जुड़ाव की कमी. अत: यदि अब आप कभी किसी को बेवफाई करते पाएं तो ये न सोचें कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हम वे कारण बता रहे हैं.

वे सुरक्षित नहीं महसूस करते:

यदि आप लगातार किसी बात को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं तो समझिए कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है. वफादारी के पनपने के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी के बीच प्यार और भरोसे का सतत प्रवाह बना रहे. ‘‘वैवाहिक रिश्तों में इन भावनाओं का होना अनमोल है और बहुत जरूरी भी. इससे सुनिश्चित होता है कि पति-पत्नी खुश और संतुष्ट हैं,’’ यह कहना है कोलकाता के साइकियाट्रिस्ट व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ सिलादित्य रे का.

उनके पास बातचीत के लिए कुछ नहीं है:

जब मेरे पति की और मेरी मुलाक़ात हुई थी, तब हम दोनों हौस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करते थे,’’ यह बताते हुए रिलेशनशिप एग्जेक्यूटिव प्रिया नायर, 29, कहती हैं,‘‘कुछ समय बाद मैंने वह इंडस्ट्री छोड़ दी और जनसंपर्क के क्षेत्र में आ गई. सालभर बाद तो हमारे पास एक-दूसरे से जुड़ने और बातचीत के लिए कोई साझा मुद्दा ही नहीं बचा था. थोड़े समय बाद हम दोनों को कुछ ऐसी गतिविधियों की जरूरत महसूस होने लगी, जिनका आनंद हम साथ-साथ उठा सकें. फिर हमने दौड़ने की अपनी रुचि पर ध्यान देना शुरू किया. हम एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते, साथ-साथ मैराथन की तैयारी करते और इस बारे में चर्चा करते. इससे हमारी सेहत में भी सुधार आया और परस्पर रिश्ते में भी.’’

वे नाराज हैं, पर इसे छुपा रहे हैं:

यदि आपके बीच लड़ाई के दौरान अक्सर वे आपको ‘इमोशनल’ और आप उन्हें ‘संवेदनहीन’ कहती हैं तो साफ है कि आप दोनों एक-दूसरे की बात नहीं सुन रहे हैं. ऐसी टिप्पणियों से बचें और आरोप लगाने के बजाय एक-दूसरे से अपने एहसासात बांटें.

डॉ रे सलाह देते हैं,‘‘यदि उनकी किसी बात से आप आहत हो रही हैं तो उन्हें बताएं, पर इसका तरीका सही रखें. नकारात्मक भावनात्मक आवेग को बाहर निकालने का सेहतमंद रास्ता ढूंढ़ें. ये आपके वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक है.’’

उनके संकेतों को नजरअंदाज़ किया जा रहा है:

हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं, जिनका सम्मान करना आप दोनों के लिए ज़रूरी है. आपको शायद ये अच्छा नहीं लगता हो कि आपके पति अब भी अपनी पूर्व-प्रेमिका से बातचीत करते हैं, पर वे इस बारे में आपको अक्सर संकेत देते रहते हैं.

डॉ रे कहते हैं कि इस तरह की सांकेतिक सीमाओं को समझना चाहिए और इनका आदर भी करना चाहिए. यदि आप इन अनकहे नियमों को तोड़ते हैं तो आपका साथी अपनी वफादारी को संदेह की दृष्टि से देखना शुरू कर सकता है और बेवफाई की संभावना बढ़ जाती है.

अपने व्यवहार में खुलापन लाइए. यदि आपको कोई आकर्षक लगता है तो इस बारे में बात कीजिए, क्योंकि यदि आप छिपाएंगी तो आपके इरादों को नेक नहीं कहा जा सकता.

उन्हें सेक्स की जरूरत है:

‘‘यदि आपके सेक्शुअल संबंध सेहतमंद नहीं है तो जाहिर है, आपका साथी यह सुख कहीं और से पाने का प्रयास करेगा,’’ कहना है डा. रे का. अपने सेक्स जीवन पर ध्यान दीजिए और यदि ये आपके, आपके साथी के या फिर आप दोनों के लिए संतुष्टिदायक नहीं है तो इस समस्या का समाधान ढूंढि़ए. इस मामले में मूक दर्शक मत बनिए, बल्कि किसी काउंसलर की मदद लीजिए.

सेक्स समस्याएं: महिला और पुरुष को झेलनी पड़ती हैं ये परेशानियां

स्वस्थ सेक्स का आपकी जीवनशैली से गहरा रिश्ता होता है. आज के समय में तनाव भरी जीवनशैली के कारण सेक्स समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. अगर आप तनाव में हैं तो जाहिर है आप सेक्स का आनंद नही ले सकते और इसका आपके रिश्तों पर भी नकारात्मक असर पड़ने लगता है.

वैसे भारत में सेक्स समस्या बढ़ने की मुख्य वजह है लोगों में सेक्स के प्रति जागरूकता की कमी. लोग डॉक्टर व काउंसलर से सेक्स समस्याओं के बारे में खुल कर बात करने में संकोच करते हैं. महिलाओं और पुरुषों में कुछ सामान्य सेक्स समस्याएं होती हैं जिनसे लोग आमतौर पर ग्रस्त रहते हैं.

-यहां हम आपको बता रहे हैं सेक्स संबंधी 10 समस्याएं.

1. पुरुषों की सेक्स समस्याएं

  • पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही semen (वीर्य) निकल जाना आदि पुरूषों में आम सेक्स समस्याएं हैं.
  • पुरूषों का स्त्री के सामने आते ही घबरा जाना, semen निकल जाना इत्यादि सेक्स समस्याओं के तहत ही आता है. इस समस्या की वजह से अक़्सर पुरूष स्त्री से दूर-दूर भागने लगते हैं और अपनी बीमारी को छिपाने की कोशिश करते हैं.
  • पुरुष के semen में शुक्राणु होते हैं. ये शुक्राणु ही गर्भ धारण के लिये जिम्मेदार होते हैं. semen में इन शुक्राणुओं की संख्या कम होने से महिला गर्भवति नहीं हो पाती. शुक्राणु की कमी को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं जो पुरूषों में होने वाली एक गंभीर सेक्स समस्या है.
  • कई पुरूषों के semen में शुक्राणुओं ही नहीं होते, इस स्थिति को एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है. इस समस्या के होने पर पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं. यह भी पुरूषों के लिए एक गंभीर सेक्स समस्या है.
  • पुरूषों में उम्र के बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का स्तर कम हो जाता है और इसके कारण सेक्स इच्छा में कमी भी हो जाती है.

2. महिलाओं की सेक्स समस्याएं

  • महिलाओं को सबसे अधिक शिकायत यौनेच्छा की कमी होती है. कई महिलाओं की सेक्स करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं होती. उनकी सेक्स भावना बिल्कुल खत्म हो चुकी होती है जो कि एक गंभीर सेक्स समस्या है. कई बार ये स्थिति मेनोपोज के बाद आती है लेकिन कई महिलाओं में मेनोपोज से पहले ही सेक्स के प्रति इच्छा ख़त्म हो जाती है.
  • योनि से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज युवावस्था की महिलाओं के लिए भी आम समस्या हो गई है. सामान्य भाषा में इसे सफेद पानी यानी ल्यूकोरिया कहा जाता है.
  • कई कारणों से महिलाओं को योनि में itching (खुजली) होने लगती है. इसके कई कारण होते हैं जैसे इन्फेक्शन, ठीक से सफाई न होना, रोज़ाना कब्ज रहना. इसके अलवा संभोग करने वाले व्यक्ति के यौनांगों में इन्फेक्शन से भी ये समस्या हो जाती है.
  • कई बार प्यूबिक हेयर्स की ठीक से सफाई न करने से उसमें मौजूद कीटाणु योनि मार्ग में चले जाते हैं जिससे योनि गर्भाशय संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसीलिये यौनांगों की ठीक तरह से सफाई बेहद ज़रुरी है.
  • कई बार स्तनों में दर्द होने पर लड़कियां इसे आम बीमारी समझ कर लापरवा‍ही करती हैं लेकिन ये दर्द बढ़कर स्तन कैंसर का रूप भी ले सकता है. इसीलिए किसी भी तरह के बड़े ख़तरे को टालने के लिए जरूरी है डॉक्टर की सही समय पर सलाह लेना.

मैं एक लड़की से प्यार करता हूं पर 2 साल बाद उस की शादी होने वाली है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 19 साल का हूं और एक लड़की से प्यार करता हूं, पर 2 साल बाद उस की शादी होने वाली है. मैं उस के बिना नहीं जी सकता. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
आप के पास 2 साल हैं. आप इन 2 सालों में खुद को उस लड़की से शादी करने लायक बना सकते हैं. आप कोई अच्छी सी नौकरी करने के बाद उस लड़की के माता पिता से शादी की बात कर सकते हैं. आप दोनों का प्यार देख कर घर वाले भी राजी हो जाएंगे.

सेक्स के बारे में बात करने से चाहे आप कितना भी कतराएं, यकीन मानिए इसमें डूब जाने जितना मज़ा किसी और में नहीं. फिर चाहे आप बौयफ्रेंड के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हों या फिर शादी के बाद की पहली रात हो, यह एहसास बहुत खास होता है. लेकिन पहली बार की घबराहट भी उतनी ही होती है, जितना की उत्साह.

दोस्तों के बीच टौयलेट जोक्स और लूज टौक करने में आप अव्वल हैं. फिल्म हो या टीवी, बेड सीन्स देखने में बड़ा मजा आता है. मगर जब खुदकी बारी आई तो टांय टांय फिस्स. आप तो कागज की शेर निकलीं. इतना घबराएंगी तो जीत कैसे हासिल होगी. सेक्स है कोई रौकेट सांइस नहीं. आइए जानते हैं कि वो कौन सी 10 बातें हैं, जिनका ध्यान पहली बार सेक्स करते समय जरूर रखना चाहिए.

कम्फर्टेबल हों तभी बढ़ें आगे

पहला मिलन हमेशा रहता है याद यह जुमला बहुतों से सुना होगा और इससे जुड़ी कई कहानियां भी. कहानियों पर न जाएं. व्यावहारिक होकर सोचें कि क्या वाकई पहली बार सेक्स करना इतना रोमांचित करने वाला होता है! बेशक हो सकता है बशर्ते, पूरी तैयारी के साथ यह कदम उठाया जाए. जब कान्फिडेंट होंगी तभी इसका आनंद ले पाएंगी. क्या मैं इसके लिए तैयार हूं? यह सवाल उतना ही अहम है, जितना आपका सांस लेना. बौयफ्रेंड हो या पति, सोच समझकर, कम्फर्टेबल होने पर ही आगे बढ़ें.

महकी महकी हों आप

चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डा. प्रकाश कोठारी की सलाह है, “साथ तभी महकेगा जब आप खुशबू से सराबोर होंगे. कोई अच्छी फ्रेगरैंस लगाएं, क्योंकि सुगंध का आपके मन मस्तिष्क पर बहुत असर पड़ता है. किसी को परफ्यूम पसंद आता है, तो किसी को शरीर की गंध उत्तेजित करती है.” खूशबू आप दोनों को एक दूसरे की ओर आकर्षित करने के साथ साथ एक दूसरे के सामने सहज भी बनाएगी.

उत्साह पर तनाव हावी न होने दें

क्या पहली बार में दर्द होगा? डा. कोठारी के मुताबिक़, यह एक मिथक है. पहली बार की उत्सुकता और घबराहट इतनी ज्यादा होती है कि हल्की सी छुअन भी हमारे पूरे शरीर में सिहरन पैदा कर देती है. क्या होगा, क्या नहीं, इस घबराहट में हमारे नर्व्स भी तनाव में आ जाते हैं. दूसरा हम अपने प्राइवेट पार्ट्स को भी कसकर बंद कर लेते हैं, क्योंकि हम सहज नहीं होते. इसलिए प्रवेश करने में काफी दिक्कत होती है. और हम मान बैठते हैं कि पहली बार में दर्द होता है. आप जितनी ज्यादा सहज और तनाव मुक्त रहेंगी, उतना ज्यादा बेहतर होगा आपका अनुभव.

आर्गैज्म की राह न ताकें

हो सकता है पहली बार में आपको आर्गैज्म न मिले, तो घबराएं नहीं. क्योंकि शुरुआत में हमें पता ही नहीं होता, कि किस तरह से हमें आर्गैज्म मिलेगा. अलग अलग पोजिशन्स ट्राई करें. कई शोध तो यह भी कहते हैं कि लड़कियों को इंटरकोर्स से पूरा सुख या आर्गैज्म मिलता ही नहीं है. इसकी परवाह न करें, केवल उस पल का आनंद उठाएं.

ड्रेसिंग का भी रखें ख्याल

कपड़ों की भी अहम भूमिका होती है. इसलिए अपने पार्टनर की पसंद का या आकर्षक ड्रेसिंग ज़रूर करें. खुदको मेंटेन रखें, ताकि आप कान्फिडेंट महसूस कर सकें. यह बात लड़कों पर भी लागू होती है. दाढ़ी मूंछ ट्रिम करना न भूलें. किस करते समय सोचिए आपकी पार्टनर का क्या हाल होगा? सेक्सी कपड़े पहनने का मतलब यह नहीं कि कुछ ऐसा पहन लें, जिसमें आप सहज ही न हों. ज्यादा मेकअप करने से भी बचें.

बातचीत है सेक्स की पहली सीढ़ी

जी हां, बातचीत. इसे सेक्स का चार अक्षरों का पर्यायवाची कहा जाता है. यानी बातचीत से ही सेक्स की शुरुआत होती है. इसे संभोग यूं ही नहीं कहा जाता. संभोग यानी सम भोग. जहां दोनों मिलकर इसका बराबर आनंद उठाते हैं. जहां कोई एक्स्पर्ट या नौसिखिया नहीं है. पहली बार सेक्स कर रहे हैं, इसलिए घबराहट थोड़ी होगी. बात करें, धीरे धीरे हिचक कम होगी. बातों बातों में एक दूसरे का हाथ पकड़ लें. धीरे धीरे फोरप्ले की ओर बढ़ें. हो सकता है शुरुआत करने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सेक्स कोई अछूता विषय नहीं है. यह आपकी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा है, यह बात भूले नहीं. हो सके तो एक दो दिन पहले से ही सेक्स के बारे में बातें करना शुरू कर दें. सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को बताएं कि शरीर के किस हिस्से में आप सबसे ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं और उनसे भी यही सवाल करें.

फोरप्ले है अहम

यह समझ लें, जो मज़ा सफ़र में है, वो मंजिल में नहीं. जल्दबाजी की तो आप चोटिल भी हो सकती हैं, इसलिए अपने प्राइवेट पार्ट में नैचुरल लूब्रिकेशन आने दें. और यह तभी संभव है जब आप और आपका पार्टनर फोरप्ले को खुलकर एन्जौय कर पाएंगे. फोरप्ले जितना लंबा चलेगा आप उतना कम्फर्टेबल महसूस करते जाएंगे. दरअस्ल, स्पर्श से हमारे मस्तिष्क में औक्सिटोसिन नामक हार्मोन रिलीज़ होता है. इसे रिलीज़ होने दें और फोरप्ले से सेक्स की शुरुआत करें.

कंडोम पहनना न भूलें

एक दूसरे में खोने का अर्थ यह नहीं कि आप लापरवाही करें. माना कि पहली बार करने की हड़बड़ाहट में यह ग़लती सबसे आम है. लेकिन यह गलती जोखिम भरी है. महिलाओं के लिए विशेष कंडोम बनाए गए हैं. मेडिकल स्टोर्स में यह उपलब्ध हैं. पहले से ही प्रैक्टिस करें, ताकि उस दिन आपका मजा किरकिरा न हो. यदि आपकी बजाय आपका पार्टनर प्रोटेक्शन इस्तेमाल करनेवाले हैं, तो उन्हें याद दिलाना न भूलें.

बाहरी लूब्रिकेशन से गुरेज न करें

पहली बार में घबराहट की वजह से कई बार लूब्रिकेशन ठीक तरह से नहीं निकलता. इसलिए आप कृत्रिम लूब्रिकेशन्स का विकल्प चुन सकती हैं. पेट्रोलियम जेली से लेकर नारियल तेल तक ऐसे कई सुरक्षित विकल्प हैं, जो आपके घर में आसानी से उपलब्ध होंगे. इसके अलावा बाजार में भी कई तरह के लूब्रिकेंट्स हैं, जिन्हें आप खरीद सकती हैं.

सेफ्टी का रखें ध्यान

सुरक्षा बहुत जरूरी है. ऐसी जगह ढूंढ़ें, जो पूरी तरह सेफ हो. यदि शादी से पहले सेक्स के बारे में सोच रही हैं तो किसी होटल या दोस्त के घर न जाएं. पार्टनर या आपका घर सबसे सुरक्षित जगह है. यदि आप जगह को लेकर असहज रहेंगी, तो आपका पूरा ध्यान सेक्स पर नहीं होगा. डर आपको सफल भी नहीं होने देगा. बेडरूम में कैंडल्स हों तो कहना ही क्या. फूलों से घर को महकाएं, ताकि सहजता बढ़े.

पहली बार इन पोजिशन्स को आज़माएं

मिशनरीः यह सबसे बुनियादी और आसानी से की जा सकनेवाली  पोजिशन है.

साइड बाय साइड पोजिशनः इस  पोजिशन में पुरुष को आसानी से प्रवेश करने का मौका मिलेगा और आप भी कम्फर्टेबल रहेंगी.

गर्ल औन टौपः यदि आप सहज हों, तो इस पोजिशन को भी चुन सकती हैं. यह पोजिशन आपके पार्टनर को जल्दी उत्तेजित महसूस कराएगी और नियंत्रण भी आपके हाथों में होगा.

 

 

 

लड़कियों की इज्जत पर भारी प्यार

एकसाथ 2 लोगों से प्यार होना बड़ी बात नहीं है. प्यार… दुनिया का सब से खूबसूरत शब्द है. जब यह होता है तो सबकुछ सुंदर और अच्छा लगने लगता है. और जब नहीं होता तो सबकुछ हो कर भी दुनिया उदास व बेरंग नजर आती है. यह स्थिति प्यार होने और न होने की है, लेकिन तब क्या होगा जब 2 लोगों से एकसाथ प्यार हो जाए और दोनों में से आप किसी से अलग नहीं होना चाहें? इस सवाल को सुन कर आप के मन में सवाल आया होगा कि क्या 2 लोगों से एकसाथ प्यार होना मुमकिन है? तो इस का जवाब हां है.

आज के दौर में लव ट्राएंगल के किस्से काफी बढ़ गए हैं. पिछले कुछ सालों में लव ट्राएंगल की लोकप्रियता बढ़ी है. यह तब होता है जब आप अपने वर्तमान पार्टनर से खुश नहीं होते और प्यार व इमोशनली सपोर्ट के लिए किसी और को खोजने लगते हैं. ऐसी स्थिति में आकर्षण होना लाजिमी है. जब यह होता है तो लव ट्राएंगल कहा जाता है, लेकिन इसी ट्राएंगल में लड़कियां बुरी तरह फंस जाती हैं.

कुछ दिनों पहले रोहतक में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उस के बाद उस की निर्ममता से जो हत्या हुई, उस की जैसेजैसे परतें खुल रही हैं वे बहुत ही भयानक हैं. बलात्कारी और हत्यारे कोई और नहीं बल्कि लड़की का पुराना प्रेमी और उस के दोस्त ही हैं, जिन्होंने सोनीपत से जबरदस्ती उस का अपहरण किया. उस के बाद उस के साथ सामूहिक बलात्कार, फिर उस की निर्ममता से हत्या कर दी.

उस के हर अंग को बुरी तरह से कुचल दिया. उस के बाद उस की बौडी को झाडि़यों में फेंक दिया. जहां उस को कुत्ते खाते रहे. लड़की को ईंट से बुरी तरह कुचला गया, उस को गाड़ी से भी कुचला गया. उस के गुप्तांग में लोहे की छड़ घुसेड़ दी गई. यह अमानवीयता की हद है. अब वह लड़का कहता है कि वह उस लड़की से बहुत प्यार करता था. उस से शादी करना चाहता था, लेकिन जब लड़की ने शादी से मना कर दिया तो उस ने ऐसा किया.

प्यार का जादू

ऐसा जरूरी नहीं कि जिसे हम प्यार करें वह भी बदले में हमें प्यार दे. हम जिसे प्यार करते हैं अगर  वह भी हमें प्यार करे तो वे दोनों लव कपल कहलाते हैं, पर ऐसा न हुआ तो इसे हम एकतरफा प्यार कहते हैं. दिल टूटना, सपने टूटना आदि एकतरफा प्यार की निशानियां हैं.

संसार में ऐसा कोई नहीं जो प्यार के जादू से वंचित हो. प्यार एक नशे की तरह है जिस के बिना जिंदगी संभव नहीं. प्यार का जादू सिर चढ़ कर बोलता है और हां, प्यार का नाम सुनते ही न जाने हमारे दिल को क्या हो जाता है कि वह बीते हुए कल की तरफ या फिर आने वाले कल को  हसीन पलों में संजोए रखता है.

आज आप उम्र के उस कगार पर खड़े हैं जब प्यार का नशा अपनेआप ही चढ़ जाता है. जी हां, 16 साल की उम्र ऐसी ही होती है. कोई भी अनजान अपना सा लगने लगता है, जिस को सिर्फ देख कर ही दिल को सुकून मिलता है.

लड़कों के साथ ऐसा कई बार होता है. वे जिस लड़की को पसंद करते हैं वह उन के बारे में वैसा नहीं सोचती है. जिस के कारण वह उन के प्यार को स्वीकार नहीं कर पाती है और लड़कों को उस की न का सामना करना पड़ता है. ऐसे में लड़कों के लिए इस स्थिति का सामना करना मुश्किल हो जाता है. कई बार वे कुछ गलत कदम भी उठा लेते हैं जो दोनों के लिए बहुत नुकसानदेह हो जाता है. ऐसे में लड़कों व लड़कियों दोनों को संयम से काम लेना चाहिए.

न सुनने के लिए भी रहें तैयार

आप जब किसी से अपने दिल की बात कहते हैं तो ‘हां’ की उम्मीद के साथसाथ उस की ‘न’ सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. जब आप ने उसे अपनी भावनाओं के बारे में बता दिया तो आप का इजहार करने का काम खत्म हो गया. अब इस के आगे आप कुछ नहीं कर सकते. आप को हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना होगा कि अगर सामने वाला आप के प्यार को अस्वीकार भी कर देगा तो आप टूटेंगे नहीं.

आप किसी से प्यार करते हैं तो इस में बुराई नहीं है, लेकिन अपने प्यार का नकारात्मक प्रभाव अपनी पढ़ाई या कैरियर पर न पड़ने दें. यह आप के जीवन को बरबाद कर देगा. किसी के इनकार के बाद भी आप के जीवन में बहुतकुछ है जिसे आप पा सकते हैं. उस में आप की कोई गलती नहीं थी, इसलिए जितनी जल्दी हो सके उसे भूल जाएं, क्योंकि वह आप के बिना ज्यादा खुश है. वह आप को नहीं चाहती.

अगर आप उस की ‘न’ सुनने के बावजूद उस पर अपना प्यार थोपेंगे तो यह उस की भी खुशियां छीन लेगा. इसलिए उस के रास्ते से हट जाएं इस में ही आप दोनों खुश रहेंगे.

सही कदम उठाएं

किसी के बहकावे में आ कर कोई भी गलत कदम न उठाएं. इस से आप को कुछ हासिल नहीं होने वाला. इस से लोग आप पर हंसेंगे. आप के जीवन पर भी इस का बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए इस घनचक्कर से निकलने की कोशिश करें. प्यार के अलावा भी आप के जीवन में बहुतकुछ है. इन सब को भुलाने के लिए खुद को काम में, पढ़ाई में या दोस्तों के साथ व्यस्त रखें.

समय हर जख्म को भर देता है. कुछ समय के बाद आप जिंदगी में नई शुरुआत कर पाएंगे. जिसे आप पसंद करते हैं उस के प्रति अपने मन में कोई मैल न रखें, न ही उस से बदला लेने की सोचें और न ही उस की जिंदगी को बरबाद करने की कोशिश करें.

अकसर लड़के प्यार में ‘न’ सुनने के तुरंत बाद किसी से भी प्यार करने के चक्कर में पड़ जाते हैं. यह पूरी तरह से भावुकता में लिया गया गलत फैसला है. ऐसे में खुद को थोड़ा समय दें और सोचसमझ कर किसी नए रिश्ते की शुरुआत करें.

सिर्फ इसलिए क्योंकि आप को अपना प्यार नहीं मिला, आप भी किसी और के साथ ऐसा करें, यह ठीक नहीं है. असल जिंदगी में फिल्मी तरीके न अपनाएं क्योंकि फिल्मों की कहानी काल्पनिक होती है जो जिंदगी की वास्तविकता से हमेशा मेल नहीं खाती है. गम दूर करने के नाम पर कभी नशे का सहारा न लें. यह आप की जिंदगी को बरबाद कर देगा.

त्रिकोणीय प्रेम से रहें दूर

दिल पर किसी का वश नहीं चलता. यह बहुत चंचल है, लेकिन कभीकभी यह चंचलता हमें ऐसी मुसीबत में डाल देती है जिसे हम जान कर भी अनदेखा कर देते हैं. त्रिकोणीय प्रेम का एक कारण यह भी होता है कि जब आप का अपने रिश्ते पर से भरोसा उठ जाता है और आप एक नए रिश्ते में बंधने की कोशिश करते हैं, जब ऐसे मुश्किल हालात सामने होते हैं तो यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि यह प्यार है या महज आकर्षण.

प्यार एक भावनात्मक रिश्ता

कोई कैसे अपने भावनात्मक रिश्तों के साथ खिलवाड़ कर सकता है. ऐसे ही रिश्तों की वजह से आज हमारे देश में लिवइन रिलेशन बढ़ता जा रहा है. सदियों से चली आ रही परंपराओं के अनुसार भी यह गलत है, क्योंकि एक रिश्ते के होते हुए दूसरा रिश्ता बनाना गुनाह है. भारत में इस तरह की परंपरा कभी नहीं रही, लेकिन अब यह हो रहा है. जिसे झुठलाया नहीं जा सकता.

यह मुमकिन है कि हम एक समय में 2 लोगों के प्रति एकजैसी भावनाएं महसूस करें, लेकिन जिंदगी भर दोनों रिश्तों का एकसाथ निभा पाना मुश्किल है. समय रहते अगर इसे सुलझाया नहीं गया तो आगे जा कर आप एक बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं. दरअसल, त्रिकोणीय प्रेम केवल एक आकर्षण के अलावा और कुछ भी नहीं है. इसलिए इस के चक्कर में न ही फंसे तो ज्यादा अच्छा है.

सोच बदलने की जरूरत

सवाल यह है कि अगर मामूली सा भी लड़के को किसी लड़की से कभी प्यार हो जाता है तो वह बलात्कार तो दूर की बात है, उस की मरजी के बिना उस को छूता भी नहीं है. हत्या करना तो दूर, उस को खरोंच भी नहीं आने देना चाहता. क्या कोई सच्चा प्रेमी अपनी प्रेमिका के साथ ऐसा करेगा. चाहे वह एकतरफा ही प्यार क्यों न हो, वह ऐसा कभी भी नहीं करेगा. अगर कोई भी सिरफिरा प्रेमी ऐसा करता है तो वह मानसिक रूप से बीमार है. उस का इलाज तो मनोचिकित्सक ही कर सकता है.

लेकिन ऐसी घटनाएं दिनोदिन क्यों बढ़ रही हैं, इस के पीछे कारण क्या है. इस का सब से बड़ा बुनियादी कारण है पुरुषवादी सोच जो महिला को दोयम दर्जे का मानती है. जो मानती है कि महिला पुरुष से कमजोर है, महिला का रक्षक पुरुष होता है, महिला को पतिव्रता होना चाहिए, महिला को पुरुष की सत्ता के अधीन रहना चाहिए, महिला को घर में चूल्हेचौके तक सीमित रहना चाहिए, बाहर निकलेगी तो ये घटनाएं होंगी ही.

पिछले दिनों राष्ट्रीय पार्टी के एक नेता ने बयान भी दिया था कि गाड़ी बाजार में आएगी तो ऐक्सीडैंट तो होगा ही. इसलिए तो 70 साल आजादी के बाद भी लड़कियां अपने को गुलाम महसूस कर रही हैं. इसी सोच को आज बदलने की जरूरत है.

प्यार की आखिरी मंजिल

यही प्रश्न हर प्रेमी से है, क्या प्यार की आखिरी मंजिल शादी है? अगर किसी कारण से शादी न हो तो आप उसे मार देंगे? आप उस से सामूहिक बलात्कार करेंगे? आप उस के चेहरे पर तेजाब डाल देंगे? अगर प्यार की आखिरी मंजिल सिर्फ शादी है तो आप उस से प्यार नहीं करते बल्कि उस पर कब्जा जमाना चाहते हैं. उसे आप अपना गुलाम बनाना चाहते हैं. उस पर आप अपना एकाधिकार चाहते हैं. वह किस से बात करे, कहां बैठे, कहां जाए, क्या खाए, क्या पहने, ये सब आप तय करना चाहते हैं.

यह प्यार नहीं गुलामी है. अगर वह आप की गुलामी का विरोध करे, आप के एकाधिकार का विरोध करे तो आप उस को सजा दोगे.

यह आप की दबंगई नहीं तो और क्या है. क्या अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेना अपराध है? इस में रूढि़वादी मातापिता भी साथ नहीं देते. अब तो हालात ये हैं कि अगर किसी लड़की ने प्यार करने की गलती की तो उस का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं रह जाता. उस का अपने दिमाग पर भी कोई अधिकार नहीं रहता. अगर वह अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेगी तो उस को इस की सजा भुगतनी पड़ेगी. यह सजा कभी मांबाप की तरफ से तो कभी प्रेमी की तरफ से मिलेगी. इसलिए अब प्रेम करना भी जान को जोखिम में डालना है.

प्यार का मतलब जानें

आज के युवक की नजर में प्यार का मतलब है कि वह लड़की सिर्फ उस के लिए बनी है. उस पर सिर्फ उन का हक है. उस को वह अच्छी लगती है. उस का चेहरा देखे बिना नींद नहीं आती है. उस का चेहरा दुनिया में सब से सुंदर है, लेकिन उस बेहतरीन जिस्म को, चेहरे को जब वह हासिल नहीं कर पाता तो वह उसे चाकू से गोद देता है, चेहरे को तेजाब से जला देता और उस के गुप्तांग में लोहे की छड़ घुसेड़ देता है.

ऐसा कैसे करते हैं युवक, कोई भी अपने सब से प्यारे व करीबी इंसान को ऐसे कैसे नष्ट कर सकता है. इस का मतलब वे प्यार नहीं करते. यह प्यार नहीं हवस है. आप प्यार करते समय तो एकदूसरे के लिए चांदतारे तोड़ने की बात करते हो, लेकिन लड़की ने एक इनकार क्या किया आप ने चांदतारों की जगह लड़की के शरीर को ही ईंटों से तोड़ दिया, गाड़ी से कुचल दिया.

वाह, क्या यही प्यार है. जिस ने आप को उस चर्मसुख की अनुभूति करवाई तुम ने उसी को लोहे की छड़ से गोद दिया. क्या किसी भी लड़की के इनकार की इतनी भयंकर सजा हो सकती है. अगर यही सजा वह लड़की तुम्हें दे तो कैसा रहेगा.

मेरी पत्नी मेरे पास आने से मना करती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 30 साल का हूं. मेरी शादी को 10 साल हो चुके हैं और मेरे 3 बच्चे भी हैं. मेरी पत्नी मायके में ही रहती है और मेरे पास आने से मना करती है. अगर मैं उस से तलाक मांगता हूं तो वह मना कर देती है. इस समस्या का क्या हल हो सकता है?

जवाब

यह सच है कि आप की पत्नी आप के साथ ज्यादती कर  रही है. अच्छा होगा कि आप तलाक के लिए अदालत का सहारा लें. शादी के 10 साल बाद पत्नी के मायके में रहने की जिद गले नहीं उतरती है. आप उस के घर वालों से भी बात करें कि वह क्यों आप के साथ नहीं रहना चाहती है और वे क्यों बेटी की गृहस्थी बरबाद कर रहे?हैं. आप उस की घर वापसी के  लिए भी मुकदमा दायर कर सकते हैं. सवाल बच्चों के भविष्य का भी है.

शादी से पहले मुझे एक लड़की से प्यार था, उसके मुताबिक मैं उसकी बेटी का बाप हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी शादी हो चुकी है. शादी से 6 साल पहले मुझे एक लड़की से प्यार था. उस लड़की की भी शादी हो चुकी है, फिर भी हम दोनों अभी भी एकदूसरे को चाहते हैं. उस लड़की की एक बेटी भी है. उस के मुताबिक उस की बेटी का बाप मैं हूं. मैं क्या करूं?

जवाब
आप अपनी प्रेमिका को समझा दें कि अगर बेटी आप की है, तो भी उस का खुलासा करने से नुकसान ही होगा. उस का पति उसे अपनी औलाद समझता रहे, इसी में भलाई है. इस खुलासे से आप की बीवी और प्रेमिका के पति को काफी तकलीफ होगी. लिहाजा, इसे राज ही रखें. हो सके तो प्रेमिका से कम से कम मिलें.

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बड़े काम की है सेक्सटिंग की कला

हम टेबल पर, बिस्तर पर, वौशरूम में, सार्वजनिक जगहों पर, मूवी थिएटर में, डिनर टेबल के नीचे सभी जगह तो करते हैं… शरारतभरी बात है ना? पर हम फोन के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं. भई, जब तकनीक आपके पास है तो इसका इस्तेमाल दिलों को वाइब्रेट करने के लिए क्यों न किया जाए? और एक समय हम उस जगह भी तो जाते थे-जब सेक्सटिंग को साइबर सेक्स के नाम से जाना जाता था, वो अस्त-व्यस्त से चैट रूम्स, जहां लोग औनलाइन बड़े ही व्यस्त नजर आते थे-तब हम एज/सेक्स/लोकेशन की भाषा में बात करते थे.

हमें लगता है कि सेक्सटिंग कूल है, क्योंकि लोग इसे बार-बार पढ़ना चाहते हैं. पर सच्चाई ये भी है कि ये आसान और बहुत सुविधाजनक भी है. हम आपको इस कला के कुछ सामान्य नियमों का पालन करने कहेंगे.

साथी को जानें

क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्सटिंग कर रही हैं, जिसे जानती हैं और जिसपर भरोसा कर सकती हैं? तो थम्स अप, आगे बढ़ने के लिए. यदि आप उसे नहीं जानती हैं तो सावधानीपूर्वक आगे बढ़ें. व्यक्तिगत जानकारियां न दें और तस्वीरें भेजने से बचें. टेलेग्राम जैसे ऐप का इस्तेमाल करें, जो आपके और उनके, दोनों ही ओर के सेक्स्ट को ‘सेव’ ना करने का विकल्प देता है.

चैट-अप लाइन तय करें

रियल लाइफ के लिए पिक-अप लाइन्स होती हैं तो आपके औनलाइन वर्जन के लिए चैट-अप लाइन क्यों न हो? ऐसी लाइन का चुनाव करें, जो आपके लिए सही हो, जो सेक्स्ट-स्टार्टर की तरह काम करे. सामनेवाले व्यक्ति की इसपर मिली प्रतिक्रिया आपको बताएगी कि आपको रोमांटिक गीत गाने हैं या अपने लिए किसी दूसरे चौकलेट केक की तलाश करनी है. हां, यदि वे रात 11 बजे के बाद आपके साथ सेक्सटिंग कर रहे हैं तो फिर चाहे जो भी बातें हो रही हों-आप उनकी नजरों में आ चुकी हैं.

स्पष्ट रहें

केवल लिखे हुए शब्दों के माध्यम से आपको अस्पष्ट व सांकेतिक और स्पष्ट व ग्रैफिक होने की पतली-सी रेखा के बीच अंतर रखना है. थंब रूल ये है कि जितना हौट आपका ऐक्शन होगा, उतना ही मुश्किल होगा सेक्सटिंग को समाप्त कर पाना. आपका सेक्स-टेंशन ऐसा होना चाहिए, जो उन्हें फोन से चिपके रहने पर मजबूर कर दे. यहां इमोजीज का इस्तेमाल न करें. शब्द और वाक्य यहां आपके दोस्त बनेंगे, इमोजीज पर्याप्त नहीं हैं.

अजीबोगरीब अब्रीविएशन्स से बचें

कुछ अब्रीविएशन्स आपकी बातों को अंदाजा तो दे देते हैं, लेकिन लोगों को पसंद नहीं आते. प्रसन्नता जैसे मनोभावों को जताना कठिन होता है, पर एलओएल या एलएमओज से बचें.

वैज्ञानिकता न बघारें

अपने नारीत्व का विवरण देने के लिए क्लीनिकल टर्म्स का इस्तेमाल करने से बचें.

सेक्सटिंग के आंकड़े

33% युवा वयस्क (20-26) कभी न कभी सेक्स्ट भेज चुके होते हैं. जुलाई 2011 में हुए एक सर्वे में सामने आया कि सोशल नेटवर्किंग और डेटिंग साइट्स पर मौजूद दो तिहाई महिलाओं ने कभी न कभी सेक्स्ट किया है, इनकी तुलना में यहां मौजूद केवल आधे पुरुषों ने ही सेक्स्ट किया है.

महिलाएं (48%), पुरुषों (45%) से ज़्यादा सेक्स्ट करती हैं, कुछ सर्वेज़ का कहना है. महिलाओं की तुलना में पुरुष सेक्सटिंग की पहल ज़्यादा करते हैं. आंकड़े बताते हैं कि 60% सेक्स्ट उस साथी को भेजे जाते हैं, जिसके साथ महिला/पुरुष रिश्ते में हैं और 33% संभावित बॉयफ्रेंड्स या गर्लफ्रेंड्स को.

6 टिप्स: छोटे घर में कैसे बढ़ाएं भाई-बहन का प्यार

परिवार एक एकल इकाई है, जहां पेरैंट्स और बच्चे एकसाथ रहते हैं. इन्हें प्रेम, करुणा, आनंद और शांति का भाव एकसूत्र में बांधता है. यही उन्हें जुड़ाव का एहसास प्रदान करता है. उन्हें मूल्यों की जानकारी बचपन से ही दी जाती है, जिस का पालन उन्हें ताउम्र करना पड़ता है. जो बच्चे संयुक्त परिवार के स्वस्थ और समरसतापूर्ण रिश्ते की अहमियत समझते हैं, वे काफी हद तक एकसाथ रहने में कामयाब हो जाते हैं.

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साथ रहने के फायदे

बच्चों के साथ जुड़ाव और बेहतरीन समय बिताने से हंसीठिठोली, लाड़प्यार और मनोरंजक गतिविधियों की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस से न सिर्फ सुहानी यादें जन्म लेती हैं बल्कि एक स्वस्थ पारिवारिक विरासत का निर्माण भी होता है.

इस का मतलब यह नहीं है कि हमेशा ही सबकुछ ठीक रहता है. एक से अधिक बच्चों वाले घर में भाईबहनों का प्यार और उन की प्रतिद्वंद्विता स्वाभाविक है. कई बार स्थितियां मातापिता को उलझन में डाल देती हैं और वे अपने स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं तथा घर में शांतिपूर्ण स्थिति का माहौल बनाते हैं.

कम जगह में आपसी प्यार बढ़ाने के खास टिप्स बता रही हैं शैमफोर्ड फ्यूचरिस्टिक स्कूल की फाउंडर डायरैक्टर मीनल अरोड़ा :

व्यक्तिगत स्वतंत्रता की व्यवस्था :

प्रत्येक बच्चे के लिए एक कमरे में व्यक्तिगत आजादी का प्रबंध करने से उन में व्यक्तिगत जुड़ाव की भावना का संचार होता है. प्रत्येक बच्चे के सामान यानी खिलौनों को उस के नाम से अलग रखें और उस की अनुमति के बिना कोई छू न सके. बच्चों में स्वामित्व की भावना परिवार से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है जिस से अनेक सकारात्मक परिवर्तन होते हैं. कमरे को शेयर करने के विचार को दोनों के बीच आकर्षक बनाएं.

नकारात्मक स्थितियों से बचाएं बच्चों को :

भाईबहनों में दृष्टिकोण के अंतर के कारण आपस में झगड़े होते हैं. इस के कारण वे कुंठा को टालने में कठिनाई महसूस करते हैं और किसी भी स्थिति में नियंत्रण स्थापित करने के लिए झगड़ते रहते हैं, आप अपने बच्चों को ऐसे समय इस स्थिति से दूर रहने के लिए गाइड करें.

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हमें अपने बच्चों को झगड़े की स्थिति को पहचानने में सहायता करनी चाहिए और इसे शुरू होने के पहले ही समाप्त करने के तरीके बताने चाहिए.

व्यक्तिगत सम्मान की शिक्षा दें :

प्रत्येक व्यक्ति का अपना खुद का शारीरिक और भावनात्मक स्थान होता है, जिस की एक सीमा होती है, उस का सभी द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए. बच्चों को समर्थन दे कर उन की सीमाओं को मजबूत करें.

उन्हें दूसरे बच्चों की दिनचर्या और जीवनशैली का सम्मान करने की शिक्षा भी दें. यदि दोनों भाईबहन पहले से निर्धारित सीमाओं से संतुष्ट हैं तो उन के बीच पारस्परिक सौहार्द बना रहता है.

क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करें :

कभी ऐसा भी समय आता है, जब एक बच्चा दूसरे बच्चे की किसी चीज को नुकसान पहुंचा देता है या उस से जबरन ले लेता है. ऐसे में पेरैंट्स को चाहिए कि जिस बच्चे की चीज ली गई है उस बच्चे की भावनाओं का खयाल कर उस के लिए नई वस्तु का प्रबंध करें और गलत काम करने वाले बच्चे को उस की गलती का एहसास करवाएं.

इस से परिवार में अनुशासन और ईमानदारी सुनिश्चित होगी. इस से भाईबहनों को भी यह एहसास होता है कि पेरैंट्स उन का खयाल रखते हैं और घर में न्याय की महत्ता बरकरार है.

चरित्र निर्माण में सहयोग :

एकदूसरे के नजदीक रहने से दूसरे के आचारव्यवहार पर निगरानी बनी रहती है. किसी की अवांछनीय गतिविधि पर अंकुश लगा रहता है. यानी कि बच्चा चरित्रवान बना रहता है. किसी समस्या के समय दूसरे उस का साथ देते हैं. दूसरी और, सामूहिक दबाव भी पड़ता है और बच्चा गलत कार्य नहीं कर पाता. अत: मौरल विकास अच्छा होता है.

बच्चे की जागरूकता की प्रशंसा करें :

यदि कोई बच्चा समस्या के समाधान की पहल करता है और नकारात्मक स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश करता है तो उस की प्रशंसा करें.

समस्या के समाधान के सकारात्मक नजरिए को सम्मान प्रदान करें, क्योंकि इस से उस का बेहतर विकास होगा और वह परिपक्वता की दिशा में आगे बढ़ेगा. प्रोत्साहन मिलने से हम अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं.

इस से बच्चों को अपनी उपलब्धियों पर गर्व का एहसास होगा और वे इस स्वभाव को दीर्घकालिक रूप से आगे बढ़ाएंगे. हमेशा बच्चे द्वारा नकारात्मक स्थिति में सकारात्मक समाधान तलाशने के प्रयास की प्रशंसा करें.

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याद रखें इन नुस्खों को अपना कर आप अपने बच्चों को संभालने में आसानी महसूस करेंगे. भाईबहन एकदूसरे के पहले मित्र और साझीदार होते हैं, जो एक सुंदर व स्वस्थ समरसता को साझा करते हैं, इस से कम जगह में भी पूरा परिवार खुशीखुशी जीवन व्यतीत कर सकता है.

प्यार की झूठी कसमें

लेखिका- किरण बाला

‘‘तुम्हारी कसम, मैं तुम से दिल से प्यार करता हूं. तुम्हारे बगैर एक पल भी नहीं रह सकता. यकीन न हो तो तुम्हारे कहने पर अपनी जान भी दे सकता हूं.’’

विशाल और नेहा के बीच कुछ समय से अफेयर चल रहा था. पहले वे लुकछिप कर मिलते थे. फिर उन के बीच फिजिकल रिलेशन भी बनने लगे. नेहा ने कईर् बार उस से कहा कि यदि तुम मुझ से प्यार करते हो तो घर आ कर मेरे पापा या भैया से बात क्यों नहीं करते?

विशाल यह कह कर बात टाल देता कि शीघ्र ही वह आ कर उस के परिजनों से बात करेगा. इसी बीच उसे पता चला कि विशाल ने किसी अन्य लड़की से सगाई कर ली.

नेहा के पैरोंतले जमीन खिसक गई. जो विशाल कल तक प्यार की कसमें खाते नहीं थकता था, वह उसे इस तरह धोखा दे देगा, यह उस ने सपने में भी न सोचा था.

विशाल को फोन कर नेहा ने व्यंग्य किया, ‘‘सगाई की बहुतबहुत बधाई.’’

‘‘नेहा, तुम मेरी मजबूरी समझो. पेरैंट्स के दबाव की वजह से मुझे रिश्ता स्वीकारना पड़ा. मुझे माफ कर देना.’’ ऐसा कह कर विशाल ने पल्ला  झाड़ लिया.

प्रेमी द्वारा प्यार की  झूठी कसमें खाने और फिर उस के मुकर जाने से नेहा का प्यार पर से विश्वास उठ गया.

यह तो एक उदाहरण मात्र है. विशाल की भांति ऐसे कई लड़के हैं जो प्रेम का नाटक करने में माहिर हैं और  झूठी कसमें खा कर लड़की के जज्बातों से खेलते हैं. उन के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और जब वे प्रैग्नैंट हो जाती हैं तो उन का अबौर्शन करा देते हैं या उन की कोख में पल रहे बच्चे को अपना मानने से इनकार कर देते हैं. उन से शादी करना तो दूर, दूध में मक्खी की भांति उन्हें बाहर निकाल फेंकते हैं.

आमतौर पर लड़कियां भोली होती हैं. वे अपने प्रेमियों पर भरोसा कर लेती हैं. जब प्रेमी प्यार की कसमें खाता है तो उस पर अविश्वास करने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता. लेकिन जब प्रेमी के मन में पहले से ही दुर्भावना हो तो उसे प्रेमिका को धोखा देते देर नहीं लगती. वक्त पर वह पाला बदल लेता है और प्रेमिका देखती रह जाती है.

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उन प्रेमियों की कमी नहीं है जो आसमान से चांदतारे तोड़ कर लाने की कसमें खाते हैं, लेकिन क्या आज तक कोई भी प्रेमी अपनी यह कसम पूरी कर सका है?

प्रेमिका को रिझाने के लिए या अपने प्यार का यकीन दिलाने के लिए प्रेमी अपनी जान देने की बात करते हैं, लेकिन क्या प्रेमियों ने अपनी जान दे कर अपनी कसम को पूरा किया है? जाहिर है ये कसमें छलावा मात्र हैं.

जो सच्चे प्रेमी होते हैं वे किसी तरह की कसमें नहीं खाते और न ही उन्हें इस की जरूरत होती है. ये तो उन कथित प्रेमियों के हथकंडे हैं जो लड़कियों को एक भोग वस्तु सम झते हैं, इस से ज्यादा कुछ नहीं. इसलिए उन का शारीरिक और मानसिक शोषण करने में उन्हें जरा भी लाजशर्म नहीं आती.

आप का प्रेमी सच्चा है या  झूठा, इस का परीक्षण आप कई स्तरों पर कर सकती हैं. जो सच्चा प्यार करता है वह कभी भी आप से शरीर की मांग नहीं करेगा. अन्य शब्दों में, शारीरिक संबंध के लिए न तो बाध्य करेगा, न इस के लिए उकसाएगा. बल्कि यदि आप आगे हो कर इस की पहल करती हैं तो वह सख्ती से रोकेगा. उस की नजर में शादी के पूर्व शारीरिक संबंध बनाना ठीक नहीं.

सच्चा प्रेमी शारीरिक संबंधों के लिए शादी तक इंतजार करेगा. इस के विपरीत, प्रेम का नाटक करने वाला येनकेन प्रकारेण आप से शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करेगा. शादी करने का वादा कर के संबंध बनाने हेतु विवश कर देगा. वह तरहतरह की झूठी कसमें खा कर आप को यकीन दिला देगा ताकि आप शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने के लिए सहमति दे दें. लेकिन वह आप से शादी कभी करेगा ही नहीं. उस का इरादा तो शुरू से ही धोखा देना होता है.

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सच्चा प्रेमी सुखदुख में साथ देने की कसमें खाता नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर हाजिर होता है. जबकि  झूठे प्रेमी विपत्ति की घड़ी का बहाना बना कर कन्नी काट लेते हैं क्योंकि उन्हें उस के सुखदुख से कोई वास्ता नहीं होता.

हर लड़की को इस बात की सम झ होनी चाहिए कि वह सच्चे और  झूठे प्रेमी में अंतर कर सके. कसमें तो होती ही तोड़ने के लिए हैं. इसलिए उन पर यकीन न करें. एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि शादी से पूर्व अपना शरीर उस के हवाले न करें. सच्चा प्रेमी आप के कहने पर आप के परिजनों से मिलेगा. जबकि  झूठा प्रेमी परिजनों से मिलने का वादा तो करेगा लेकिन मिलेगा कभी नहीं. इसलिए सावधान रहें,  झूठे प्रेमी और उन की  झूठी कसमों से.

यंगिस्तान में तेजी से पनपता लव-सेक्स और धोखे का सिलसिला!

युवा पीढ़ी का नया जोश कब जग जाएगा यह कोई नहीं जानता, प्यार मुहब्बत के दौरान अगर इसी तरह का नयापन कों युवाओ उतेजित करे तों प्यार में थोडा सा इमोशन का तड़का लगा कर आप से शुरू होने वाला प्यार का अंत तू पर होता है.  सरल भाषा में कहे तो लव, सेक्स और धोखा का सिलसिला यंगिस्तान में खूब पनप रहा है. यह समस्या केवल युवाओ में ही नहीं पनप रही है, बल्कि  नवविवाहित जोड़ियां भी इस दलदल में धसते जा रहे हैं.

रिया शर्मा बहुत खुश थी अपनी जिन्दगी से, वह एक इंटीरियर डिजाईनर है और उनकी शादी कों 3 साल हो गये है. नेहा के पति (राकेश) एक विजनेस मैन है.  इन दोनों का जीवन मस्ती से कट रही थी कि अचानक एक दिन इनके घर में भूचाल आ गया . हुआ यूं  कि एक रात राकेश घर आते ही रिया से बोला  ‘मै  तुम्हारी दोस्त (शिल्पा) से प्यार करता हूं और ये सब पिछले एक साल से चल  रहा है.  ‘ राकेश की आंखे लाल हो रही थी और  उसके सामने खाड़ी रिया कुछ बोलने का हिम्मत नहीं कर पा रही थी, उसने आगे बोला  ‘मुझे इसके लिए कोई शर्मिंदगी नही है.’ यह सुनकर रिया की आंखे भर आई और उस वक्त तो वह कुछ नहीं बोली , लेकिन हर पल इस रिश्ते में दूरी बनती चली गयी. इस पुरे वाकये पर रिया बताती है कि यह सब सुनने के बाद उसका मन  उदास हो गया और अजीब सा दर्द महसूस होने लगा. छह महीनों तक हम साथ रहे लेकिन फिर तलाक के रास्ते को मैंने सही मानते हुए राकेश से दूर जाने का फैसला किया.

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रिया की तरह कई महिलाओ कों यही समस्या है कि शादी के बाद उनके पति प्यार के इस रिश्ते मे धोखा देते है . कई महिलाओ का मानना  है कि  शादी के बाद अगर एक बार भी आपसी खिंचातानी होती है, तो इसका फायदा उनके पति उठाते हैं और शादीशुदा होने के बाद भी गर्लफ्रेंड बनाने से नहीं चुकते है. संबंधो के बीच दूरियां और लव, सेक्स, धोखा के इस खेल कों समझना थोडा मुश्किल जरुर है, लेकिन नामुमकिन नहीं.

डौक्टर प्रीति रावत एक विशेषज्ञ (विवाह सलाहकार ) है,  इन मामलों के बारे में वह कहती है कि यह इन्सान के व्यवहार पर निर्भर करता है कि शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ उचित संबंध बरकरार रखे. इससे किसी को पाबन्दी नहीं है कि वह एक ही शादी करे, अगर पहली पत्नी विवाह के लिए हामी भर्ती है तों आपकी जोड़ी में एक नया चेहरा जुड़ जाएगा .

विवाह की नीव सच्चाई और वादों पर रखी जाती है . अगर इस बींच थोड़े से भी शक की आशंका पनपती है तों समझो आपका रिश्ता अस्थिर हो रहा है . मुंबई में रहनेवाली मधुगुप्ता (समाजसेविका) का मानना है कि अगर कोई आपने साथी के साथ धोखा करता है तों सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि किस जरुरतो के लिए उसने आपने साथी कों धोखा दिया.

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विशेषज्ञों  ओर डौक्टरों का मानना  है कि आपसी रिश्ते में दूरियां और धोखे का खेल बिना किसी कारण के नहीं होता भावुकता, नास्तिकता और कुछ खास बाते जिन पर विचार  कर इन्हें दूर किया जा सकता है . अगर आप सभी कारणों को जानने और पूरी तरह समझने के बाद संयम से अपने साथी से बात करते है , तो एक हद तक आपके बीच बनी दूरियां समाप्त होती है.

बहुत से मामलों में कोशिश ही नहीं किया जाता है कि युवा अपने बहके पार्टनर को समझा-बुझा कर पहले की तरह बना सके. लेकिन जो लोग इस तरह के मामलों में कोशिश करते  है,  उन्हें इसमें जरुर सफल मिलाती है .

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