सर्विलांस टीम ने जब अपना काम शुरू किया तो उसे लोइया गांव या आसपास के इलाके में किसी भी महिला अथवा युवती के लापता होने की जानकारी नहीं मिली. अलबत्ता यह जरूर पता चला कि लोइया गांव के ज्यादातर नौजवान पंजाब व हरियाणा के अलगअलग स्थानों पर तंत्रमंत्र झाड़फूंक और टोनेटोटके, वशीकरण का काम करते हैं.
एसएसपी के निर्देश पर सर्विलांस टीम ने एक साथ 2 तरह से विवेचना के काम को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया. टीम ने सब से पहले लोइया गांव से 13 जून से एक महीने पहले तक के उन तमाम फोन नंबरों का डं डाटा एकत्र किया जो उस वक्त वहां सक्रिय थे.
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सर्विलांस टीम ने पंडित ईश्वर चंद के खेत के आसपास से मिले मोबाइल फोनों के डंप डाटा की जांच शुरू करनी शुरू कर दी जो एक थका देने वाली प्रक्रिया थी.
इसी के साथ सर्विलांस टीम ने डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो और स्टेट क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो में दर्ज लापता युवतियों के बारे में सूचना एकत्र करनी शुरू की. लेकिन ब्यूरो से मिले कोई तथ्य शव से मेल नहीं खा रहे थे.
इस के बाद पुलिस ने यह पता लगाना शुरू किया कि इस गांव के कौनकौन से लोग दूसरे राज्यों में काम करते हैं. क्योंकि अगर मेरठ या आसपास के इलाकों की मृतक महिला होती तो अब तक उस के परिजन पुलिस से संपर्क कर चुके होते.
पुलिस ने जब इस ऐंगल पर पड़ताल शुरू की तो पता चला कि करनाल और लुधियाना भी ऐसे शहर हैं, जहां इस गांव के युवक तंत्रमंत्र और वशीकरण का काम करते हैं. पुलिस की पड़ताल जब लुधियाना तक पहुंची तो उन शहरों में महिलाओं की रिपोर्ट खंगाली गई.
आखिरकार, लुधियाना पहुंची मेरठ की सर्विलांस टीम के हाथ सफलता लग गई. पुलिस को पता चला कि लुधियाना के मोतीनगर इलाके में रहने वाली करीब 20 साल की एक युवती जिस का नाम एकता है, उस के परिवार वालों ने उस की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई है.
युवती की मिसिंग रिपोर्ट के साथ उस का फोटो भी था और उस के परिजनों का पता व फोन नंबर भी थे. पुलिस ने परिजनों से जब संपर्क साधा तो उन्हें पता चला कि उन की बेटी एकता ने तो अमन नाम के एक लड़के से शादी कर ली है.
परिजनों ने बताया कि उन की बेटी को कुछ नहीं हुआ है क्योंकि वह तो वाट्सऐप पर उन से चैटिंग करती रहती है और अपना स्टेटस भी चेंज करती रहती है.
हालांकि पुलिस निराश जरूर हो गई थी लेकिन फिर भी उस ने एकता और उस के प्रेमी अमन का मोबाइन नंबर उस के परिवार वालों से हासिल कर लिया.
मेरठ आने के बाद पुलिस ने इन दोनों नंबरों की काल डिटेल्स निकाल कर पड़ताल शुरू कर दी तो पता चला कि एकता का फोन तो कई महीनों से एक्टिव ही नहीं है. अलबत्ता उस के नंबर पर वाट्सऐप जरूर चल रहा है. जबकि अमन का जो नंबर है वह भी लुधियाना के ही किसी फरजी पते से लिया गया था. इसलिए पुलिस ने एक बार फिर लुधियाना का रुख किया.
पुलिस ने लुधियाना में उन दफ्तरों की खाक छाननी शुरू की, जहां एकता काम करती थी. पुलिस का एकता के आखिरी दफ्तर में काम करने वाली उस की एक खास सहेली प्रीति (परिवर्तित नाम) से पता चला कि एकता जब वहां काम करती थी तो वह मोतीनगर में ही दिलशाद नाम के एक तांत्रिक के यहां काम करने वाले अमन से मिलने जाती थी.
तांत्रिक दिलशाद से मिली खास जानकारी
अमन के बारे में यह सुराग मिलते ही सर्विलांस टीम की बांछें खिल गईं. बस फिर क्या था, पुलिस टीम ने दिलशाद को उठा लिया. दिलशाद से अमन के बारे में पूछा गया तो उस ने बता दिया कि उस के यहां अमन नाम का जो लड़का काम करता था, उस का असली नाम शाकेब था और वह अब उस के यहां काम नहीं करता. हां, दिलशाद ने इतना जरूर बताया कि अमन उर्फ शाकेब मेरठ के दौराला में लोइया गांव का रहने वाला है.
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इतनी जानकारी मिलते ही पुलिस टीम उछल पडी. क्योंकि जिस कातिल को वह दुनिया भर में ढूंढ रही थी, वह तो लोइया गांव में ही मौजूद था. इस के बाद का काम बहुत आसान था. दिलशाद से जो जानकारी मिली थी, उस के आधार पर पुलिस ने लोइया गांव के शाकेब के बारे में जानकारी हासिल कर ली.
20 मई, 2020 को सर्विलांस टीम ने शाकेब को उस वक्त उस के घर से उठा लिया जब वह परिवार से मिलने के लिए गांव की तरफ जा रहा था.
बाद में शाकेब ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और एकता की हत्या में सहयोग करने वाले अन्य नामों का खुलासा कर दिया. जिस के बाद पुलिस ने उसी रात को दबिश दे कर शाकेब के पिता, भाई, दोनों भाभियों और उस के दोस्त अयान को गिरफ्तार कर लिया.
उसी रात पुलिस ने काल कर के एकता के घर वालों को भेज कर एकता की हत्या और उस के कातिलों के पकड़े जाने की पूरी जानकारी दे दी. घर वाले अगले ही दिन कांगड़ा से मेरठ पहुंच गए.
पुलिस ने सभी आरोपियों को साथ में ले जा कर उन स्थानों की पहचान की, जहां एकता के शव के दूसरे अंग ठिकाने लगाए थे. पुलिस टीम ने उन जगहों की गहराई से छानबीन की, लेकिन एकता के शव के बाकी हिस्से कहीं नहीं मिले.
दरअसल वक्त इतना बीत चुका था कि शरीर के बाकी हिस्सों का मिलना अब वैसे भी नामुमकिन था. एकता के शव की सच्चाई स्थापित करने के लिए पुलिस ने उस के परिवार के लोगों के ब्लड सैंपल लिए. पुलिस ने एकता के शव के रिजर्व रखे गए अंश से फोरैंसिक जांच के बाद डीएनए कराने की प्रक्रिया शुरू की है ताकि यह साबित किया जा सके कि लोइया गांव में जो शव मिला था वह एकता का ही था.
पुलिस ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन की निशानेदही पर एकता का मोबाइल फोन, शाकेब का मोबाइल फोन, एकता के शव के टुकड़े करने में इस्तेमाल बलकटी और गड्ढा खोदने में इस्तेमाल फावड़ा बरामद कर लिया है.
आरोपियों से विस्तृत पूछताछ व जांच के बाद मामले की जांच कर रहे विवेचक ने एकता हत्याकांड के मुकदमे में सबूत मिटाने की धारा 201, 147,148 व 149 भी जोड़ दी. पुलिस ने सभी आरोपियों को मेरठ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रैट की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
एक साल पुराने इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने वाली सर्विलांस टीम को एसएसपी अजय साहनी ने 20 हजार रुपए का पुरस्कार दिया है.
जब एकता के हत्यारे को लगी गोली
एकता हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के बाद सभी आरोपियों को प्रैसवार्ता में लाया गया था, उस के बाद पुलिस शाकेब और अन्य लोगों को मैडिकल जांच के लिए अस्पताल ले कर जा रही थी.
तभी रास्ते में शाकेब ने एक सिपाही की पिस्टल छीन कर गोली चला दी. गोली लगने से सिपाही सुधीर मलिक घायल हो गया. पिस्टल ले कर भाग रहे शाकिब को पुलिस ने घेराबंदी कर भराला गांव के जंगल में घेर लिया, जहां मुठभेड़ में उस के पैर में पुलिस की 3 गोलियां लगीं.
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घायल शाकेब को ले कर पुलिस जिला अस्पताल पहुंची, जहां उस का इलाज किया गया. पुलिस का कहना है कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों के खिलाफ आवश्यक काररवाई की जा रही है.
शाकिब, उस के भाई मुशर्रत, पिता मुस्तकीम, भाभी रेशमा, इस्मत और दोस्त अयान को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस लाइन में प्रैस कौन्फ्रैंस की गई थी. वहां से सभी मुलजिमों को गाड़ी में बैठा कर दौराला थाने लाया जा रहा था. सिवाया टोलप्लाजा के पास शाकेब के परिवार ने उसे पानी पिलाने की बात कह कर गाड़ी रुकवा ली.
इसी बीच शाकेब ने सिपाही सुधीर की पिस्टल छीन ली. पुलिस पर फायरिंग करता हुआ शाकेब सिवाया के जंगल में घुस गया. शाकेब के फायर करने पर एक गोली कांस्टेबल सुधीर के सीने में लगी. उस के बाद ग्रामीणों की मदद से शाकेब का पीछा किया गया.
शाकेब की फरारी की सूचना के बाद एसपी सिटी और एसएसपी भी मौके की ओर दौड़ गए. घंटों की मशक्कत के बाद सिवाया के जंगल में शाकिब को घेर लिया. जवाबी फायरिंग में शाकिब को कई गोलियां लग गईं.
घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल लाया गया. साथ ही घायल सिपाही को भी अस्पताल में भरती करा दिया है. पुलिस ने हत्या के बाद अब शाकिब के खिलाफ हत्या की कोशिश करने के लिए भादंसं की धारा 307, 392 और 411 का मुकदमा पंजीकृत किया है. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उसे मेरठ जेल भेज दिया गया.