मैं बीवी को खुश करने के लिए ताकत की गोलियां खाता हूं, क्या ऐसा करना सही है?

सवाल
मैं 39 साल का हूं और मेरी बीवी 20 साल की है. मेरी सेहत अच्छी है, पर बीवी को पूरा मजा देने के लिए 7 दिनों में एक बार सैक्स की गोली खाता हूं. क्या यह ठीक है?

जवाब

बेवजह सेक्स की दवाएं खाना सेहत के लिए घातक होता है. 19 साल छोटी बीवी को बगैर दवा के भी खुश किया जा सकता है.

आज कल लोगों में सेक्स टाइमिंग को लेकर कई तरह की बातें होती है और इसी वजह से लोग वियाग्रा का उपयोग करते ताकि उनकी सेक्स करने पावर बढ़ जाती है. कई वैज्ञानिको और डॉक्टर्स के 30000 पुरुषों पर किये गए अध्यन के दौरान पता चला की जो पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्‍शन की समस्‍या के लिए वियाग्रा का इस्‍तेमाल करते है, उनके शरीर में मेलेनोमा का स्तर उच्‍च होता है जो कि जानलेवा होता है. लेकिन इसके एक खुराख प्रतिदिन लेने से आपको ज्यादा नुकसान तो नहीं होता है लेकिन ये आपको कई रोगों से घेर लेती है है और इसकी ली गई खुराक और आवृत्ति मेलेनोमा जोखिम से जुड़ी है.

वियाग्रा के उपयोग से आपको सेक्स करने का मज़ा तो आता ही लेकिन इसके उपयोग से आप अंधे हो सकते है क्योंकि जिन लोगों ने वियाग्रा का प्रयोग किया है रंग का अंधापन आ जाता है वियाग्रा के साइड इफेक्ट के कारण अचानक अँधा होने की नौबत आ जाती है और इससे सब कुछ धुंधला दिंख्ने लगता है और नीला और हरा रंग के बीच का अंतर रोगी को नहीं दीखता है जिससे उसे कलर ब्लाइंडनेस की समस्या हो जाती है क्योंकि वियाग्रा के सेवन आँखों की ऑप्टिक तंत्रिका में रक्त प्रवाह के अवरुद्ध हो जाता है जिससे यह अंधापन धीरे धीरे बढ़ता ही चला जाता है.

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वियाग्रा के सेवन आंखों पर ही नहीं कानों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है, वियाग्रा सेवन करके के बाद आपको खुद को आसमान में महसूस करते हो लेकिन क्या आप जानते है आसमान से गिरे और खजूर में अटके का अर्थ वो यही है की आप अपनी सेक्स टाइमिंग की समस्या को दूर कर देते है लेकिन वियाग्रा के साइड इफ़ेक्ट इतने बुरे है की यह आपको पूर्णतः बेहरा बना देता है और अचानक ही आपकी जो सुनने की शक्ति वो चली जाती है. और आप वियाग्रा के उपयोग से  आप ठीक तरह से तेज आवाज भी नहीं सुन पाते है.

सीने में दर्द में होना एक आम बात है लेकिन यदि आप वियाग्रा का सेवन कर रहे है तो यह आपके लिए काफी नुकसान दायक है और इसे पीडीइ5 इन्हिबिटर्स और नाइट्रोग्लिसरीन (दिल की समस्याओं के लिए दवाओं) का मिश्रण इसी तरह की अन्‍य दवाओं के सेवन के साथ रक्तचाप में अचानक खतरनाक गिरावट का कारण बनता है इसलिए अन्‍य दवाओं के साथ वियाग्रा को लेने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लें.और वियाग्रा आपके इरेक्‍शन के समय को बढ़ा देती है, जिससे हालत दर्दनाक हो सकती है. दुर्लभ मामलों में, इरेक्‍शन दर्दनाक और लंबे समय यानी 4 या उससे अधिक घंटे तक हो सकता है. इसलिए वियाग्रा के उपयोग को रोककर तुरंत चिकित्‍सा सहायता लें, नहीं तो यह समस्‍या स्‍थायी हो सकती है.

वियाग्रा के सेवन करने से आपको कई प्रकार की समस्याएं होती है जैसे  सांस लेने में कठिनाई और चेहरा, होंठ, जीभ, या गले की सूजन आदि जैसी कठिनाई होने पर किसी भी प्रकार की एलर्जी आपको होती है तो बिलकुल भी देर न करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ क्योंकि कुछ समस्यांए ऐसे होती है जिनका इलाज बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं हो सकता है. वियाग्रा के सेवन के बाद कई बार लोगो सेक्स करते समय चक्कर और मतली भी आने लगती है जो सिर और शरीर दोनों को ही काफी नुकसान पहुँचता है.वियाग्रा के साइड इफ़ेक्ट के कारण मर्दानगी भी ख़त्म होती है.आज कल लोगों में सेक्स टाइमिंग को लेकर कई तरह की बातें होती है और इसी वजह से लोग वियाग्रा का उपयोग करते ताकि उनकी सेक्स करने पावर बढ़ जाती है.

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क्या करें कि हम भी दूसरे दंपतियों की तरह सेक्स का आनंद ले सकें?

सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. पति की उम्र 26 साल है. हम लोगों को सेक्स का बिलकुल भी ज्ञान नहीं है. विवाह को 6 महीने हो चुके हैं बावजूद इस के हम लोग ठीक से सहवास नहीं कर पाए हैं. जब भी पति सहवास के लिए प्रवृत्त होते हैं मैं डर के मारे असहज महसूस करती हूं. पति सहवास तो करते हैं पर कहते हैं कि उन्हें लगता है कि वे बलात्कार कर रहे हैं. क्या करें कि हम भी दूसरे दंपतियों की तरह सैक्स का आनंद ले सकें?

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जवाब 

आप को विवाहितों के लिए सेक्स विषय पर कोई अच्छी पुस्तक पढ़नी चाहिए. इस से आप को जानकारी मिलेगी कि कैसे संबंध बनाएं. इस के अलावा  सहवास में प्रवृत्त होने से पहले आप दोनों को प्रेमालाप, आलिंगन, चुंबन आदि रतिक्रीड़ा करनी चाहिए. इस से कामोत्तेजना बढ़ती है. उस के बाद आप सहवास करेंगे तो आप को सुखानुभूति अवश्य होगी, बशर्ते आप अपने मन में कोई पूर्वाग्रह न रखें.

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कार में सेक्स करने से पहले जरूर जान लें ये बातें

इस में कुछ बुराई भी नहीं है, क्योंकि सेक्स जिंदगी की आम गतिविधि है. इंसान से ले कर जानवर, यहां तक कि कीड़ेमकौड़े भी सेक्स के जरीए ही अपना वजूद बढ़ाते हैं.

आज जब सेक्स को ले कर बहुत सी दकियानूसी बातों से लोग आगे निकलने लगे हैं तो सेक्स में कुछ नया ट्राई करने की इच्छा उन्हें कार जैसी जगहों में ‘गरम’ कर देती है.

कार में जगह भी कम होती है और पकड़े जाने का खतरा भी भरपूर होता है. इस के बावजूद लोगों में कार में सेक्स करने का रुझान घट नहीं रहा है.

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अमेरिका में इसी मुद्दे पर हुई एक रिसर्च में कई दिलचस्प बातें सामने आई थीं. 60 फीसदी छात्रों ने कार में सेक्स करने की बात मानी थी और तकरीबन 15 फीसदी का तो कुंआरापन भी गाड़ी में ही खत्म हुआ था. कार आमतौर पर गांवदेहात के इलाकों में खड़ी की जाती थी.

इस के अलावा ‘डेली मेल’ अखबार के मुताबिक, एक रिसर्च में सामने आया है कि ब्रिटेन के 49 फीसदी लोग गाड़ी में सेक्स करना पसंद करते हैं. लोगों को गाड़ी की पिछली सीट पर सेक्स करने में काफी अच्छा लगता है और सिर्फ यही नहीं, यह बात भी मानी गई है कि कई लोगों ने गाड़ी की पिछली सीट पर अपने पार्टनर के साथ कम से कम 4 से 5 बार सेक्स किया है.

इस के साथ ही यह खुलासा भी हुआ है कि 18 से 34 साल की उम्र के नौजवानों के बजाय 35 से 55 साल की उम्र के लोगों ने कार की पिछली सीट पर ज्यादा बार सेक्स किया है यानी पिछली सीट ही वहां भी लोगों को इस काम के लिए लुभा रही है. आगे वाली सीट के मुकाबले वहां जगह का ज्यादा होना और कुछ हद तक बिस्तर की तरह लेट सकने की सुविधा शायद इस की वजह हो.

कार में सेक्स क्यों?

इस तरह की बातें जानने के बाद यह सवाल उठना भी लाजिमी है कि आखिर कार में सेक्स करना लोगों को इतना क्यों लुभाता है? क्यों मौका मिलते ही लोग इसे ट्राई कर लेने से हिचकते नहीं हैं?

इस का जवाब सब से पहले तो ‘कुछ नया’ करने की इनसानी फितरत है. इस के अलावा पतिपत्नी, गर्लफ्रैंड जैसे जोड़ों को छोड़ दें तो समाज में बहुत से सेक्स संबंध ऐसे भी बनते हैं जिन में कोई रिश्ता या कानून आड़े आता है. ऐसे में औरों से छिप कर ‘अपना काम’ कर लेने के लिए कार बिलकुल सही जगह साबित होती.

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फिल्मों में (खासतौर पर इंटरनैट पर आने वाली पोर्न फिल्मों में) कार सेक्स के बारे में इतना कुछ दिखाया और बनाया जा चुका है कि किशोरों से ले कर अंकल टाइप लोग भी कार में अपनी फैंटेसी को सोचते रहते हैं.

खतरनाक भी है

जी हां, खासकर नौजवानों को ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि जोश में होश खोना इसी उम्र में सब से ज्यादा होता है. ऐसा ही एक मामला रूस में सामने आया था जहां 2 लोग एकदूसरे के प्यार में इतना डूब गए कि दोबारा घर नहीं पहुंच सके.

‘डेली मेल’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के इग्जेनी चेर्नोव (22 साल) अपनी गलफ्रैंड याना क्रिचकोवा के साथ समय बिताने के लिए कार में घूमने निकले थे.

जब वे वोल्गोग्राड इलाके के पास पहुंचे, वहां इग्जेनी ने कार को न्यूट्रल गियर में लगा दिया. इस के बाद वे दोनों कार की बैक सीट पर ही एक हो गए. लेकिन उस समय उन्होंने यह नहीं सोचा था कि उन का ऐसा करना उन्हें कितना भारी पड़ सकता है.

सेक्स के दौरान तेज हलचल होने की वजह से गाड़ी आगे की तरफ बढ़ती रही और झील में डूबती चली गई. वे लड़कालड़की इस दौरान गाड़ी से निकलने में नाकाम रहे.

इसी तरह की दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश के पीलीभीत इलाके में घटी थी जहां चलती कार में सेक्स करने की धुन में डूबा प्रेमी जोड़ा सामने से आते ट्रक को देखने में देरी कर गया और कार के परखच्चे उड़ गए.

उस नौजवान की तो मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि लड़की बुरी तरह घायल हो गई थी.

चश्मदीदों ने बताया कि जब लड़का और लड़की को हादसे के बाद गाड़ी से निकाला गया था तो उन के शरीर पर कमर से नीचे कपड़े नहीं थे.

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इस के अलावा लखनऊ में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब आधी रात को कार न रोकने पर पुलिस वाले ने एक जोड़े पर गोली चला दी थी, जिस में लड़के की जान चली गई थी. वहां सेक्स हो रहा था या नहीं, यह और बात है, पर पुलिस का इस तरह का एंगल, कार सेक्स में आ सकता है.

पहले से कर लें तैयारी

कहावत ‘हड़बड़ी का काम शैतान का’ बहुत पुरानी है और एकदम सटीक भी. सेक्स रोचक जरूर है, लेकिन इस के लिए सनक पालना ही खतरनाक होता है.

जानवरों तक में सेक्स का एक सीजन होता है, उसी में वे सेक्स करते हैं, फिर आप और हम तो इनसान हैं. कार में सेक्स करना हो, उस के लिए पहले से तैयार रहें. यह नहीं कि अचानक से कहीं आप को लगा कि आसपास अंधेरा है या एकांत है तो शुरू हो गए.

चाहे दुनिया का कोई भी कोना क्यों न हो, इसलिए कार सेक्स जैसी चीजों की योजना हो तो सही जगह को चुनें. अपने साथ टिशू पेपर, पानी जैसी जरूरत की चीजें रखना न भूलें.

बहुत ज्यादा जोश में न आएं क्योंकि इस से परेशानी में पड़ने का खतरा बन जाता है. याद रहे कि आप घर में नहीं हैं इसलिए पूरी सावधानी के साथ यह काम करें और लें मजा नए अनुभव का.

मेरी गर्लफ्रेंड ने दूसरे लड़के के साथ फिजिकल रिलेशन बनाएं है, मैं क्या करुं?

सवाल 

मैं 18 साल का लड़का हूं और एक 17 साल की लड़की से प्यार करता हूं. लेकिन उस लड़की का किसी और लड़के के साथ 4-5 बार जिस्मानी रिश्ता बन चुका है. वह अब अपने किए पर शर्मिंदा है और मुझे अपनाना चाहती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

अगर वह वाकई शर्मिंदा है और आप भी उसे वाकई प्यार करते हैं तो उसे अपनाना हर्ज की बात नहीं है, लेकिन पहले उसे बालिग हो जाने दें और इस दौरान अपनेआप से पूछें कि शादी के बाद अगर यह बात आप को कचोटेगी तब आप की हालत क्या होगी? इस बात की क्या गारंटी?है कि वह लड़की दोबारा उस से या किसी दूसरे से संबंध नहीं बनाएगी? हालांकि, यह अच्छी बात?है कि उस ने ईमानदारी से सबकुछ आप को बता दिया है, फिर भी जल्दबाजी में या जज्बाती हो कर कोई फैसला न लें.

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अपने ब्रेस्ट की वजह से मुझे काफी शर्मिंदगी का अहसास होता है, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 16 साल है. मेरी समस्या यह है कि मेरे ब्रेस्ट बहुत भारी है जिस कारण मुझे बहुत अनकंफर्टेबल लगता है. इस की वजह से मैं अपने दोस्तों से ज्यादा मिल भी नहीं पाती और अपनी पसंद के कपड़े भी नहीं पहन पाती. कृपया उपाय बताएं?

जवाब
आकर्षक वक्षस्थल हर युवती की चाह होती है. इन का बहुत बड़ा होना जहां अनकंफर्टेबल लगता है वहीं सौंदर्य पर भी असर पड़ता है. आकर्षक वक्षस्थल सैक्सुअली अट्रैक्शन बढ़ाता है. आप को अपने शरीर की अतिरिक्त वसा कम करने की जरूरत है साथ ही ऐरोबिक्स, जौगिंग जैसी ऐक्सरसाइज कीजिए, तेज चलना, साइकिल चलाना आदि इस से भी आप ब्रैस्ट के आकार को कम कर सकती हैं. इस से आप का सौंदर्य भी निखरेगा.

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मैंने 3 महीने पहले सेक्स किया था. कहीं मैं प्रेगनेंट तो नहीं हो जाउंगी?

सवाल
मैं 20 साल की लड़की हूं. मैंने अपने प्रेमी के साथ 3 महीने पहले सहवास किया था. उस के ठीक 2 दिन बाद मुझे माहवारी हुई थी और उस के बाद भी 2 महीने तक माहवारी हुई, लेकिन चौथे महीने माहवारी नहीं हुई. कहीं मैं पेट से तो नहीं हो गई हूं?

जवाब

हमबिस्तरी के बाद आप को 3 बार माहवारी आ चुकी है. इस का मतलब है कि आप पेट से नहीं हैं. इस बार माहवारी में देरी होने की वजह कुछ और हो सकती है. परेशान न हों, कुछ दिनों में आप को माहवारी हो जाएगी. इस उम्र में ऐसा होता रहता है. ज्यादा दिक्कत हो तो किसी माहिर डाक्टर से सलाह लें.

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बेड़ियां तोड़ती मुस्लिम लड़कियां

लेखक – जरगाम मियां, मो. अताउल्लाह

वह लड़की है सना नियाज, जो दिल्ली के जामा मसजिद इलाके की तंग गलियों में से एक गली मदरसा हुसैन बख्श में रहने वाले नियाजुद्दीन की बेटी है.नियाजुद्दीन जामा मसजिद के पास ही एक होटल ‘अल जवाहर’ में बावर्ची हैं. सना नियाज 6 भाईबहनों में चौथे नंबर पर है. उस से बड़ी 3 बहनें हैं जिन में पहले नंबर की बहन इलमा दिल्ली के जाकिर हुसैन कालेज से ग्रेजुएशन करने के बाद जामिया मिल्लिया इसलामिया यूनिवर्सिटी से फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कर रही है, वहीं दूसरे नंबर की बहन इकरा भी जाकिर हुसैन कालेज से ग्रेजुएशन के बाद उसी यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट्स में डिगरी कोर्स कर रही है, जबकि तीसरे नंबर की बहन उमेरा, जिस ने साल 2017 में 12वीं जमात पास की थी, इस समय नौर्थ कैंपस के हिंदू कालेज में बीए की छात्रा है.

सना नियाज जामा मसजिद इलाके की उन गलियों में रहती है जहां पर आज से कुछ साल पहले तक लड़कियां अपने घरों में लोकल दुकानदारों के लिए थैलियां बनाती थीं, बुक बाइंडरों के लिए किताबों के फर्मों की मुड़ाई किया करती थीं. उन के लिए स्कूली तालीम बेकार की बात समझी जाती थी.

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ऐसे इलाके के एक घर में 1-2 नहीं, बल्कि 5 लड़कियां तालीम हासिल कर रही हैं. इन में से 3 लड़कियों ने स्कूल में टौप किया है और एक लड़की सना नियाज ने तो दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजों में 97.6 फीसदी अंकों के साथ पहला मुकाम हासिल किया है.

जब मैं सना नियाज के अब्बा नियाजुद्दीन से मिला तो उन्होंने बताया कि सना और उस की अम्मी इस वक्त पहाड़ी इमली पर एक समिति के औफिस में मौजूद हैं जहां उस के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

जब मैं वहां पहुंचा तो सना के साथ उस की अम्मी और कुछ दूसरी लड़कियां भी मौजूद थीं. उन लड़कियों ने भी 12वीं जमात में अच्छे नंबर हासिल किए थे और वे सारी लड़कियां भी जामा मसजिद के सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर 3 की छात्राएं थीं. यह उर्दू मीडियम स्कूल है.

सना नियाज के मुताबिक, उस ने अपनी बड़ी बहनों की परंपरा को ही आगे बढ़ाया है. उस की बड़ी बहनें भी पढ़ाईलिखाई में अच्छी हैं और उस ने भी सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर 3, जामा मसजिद से पढ़ाई की है.

सना नियाज का सपना है कि उसे सैंट स्टीफन कालेज में दाखिला मिल जाए और वहीं से ग्रेजुएशन करने के बाद सिविल सर्विस के इम्तिहान में कामयाबी पाने की कोशिश की जाए.

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वहीं दूसरी ओर सना नियाज की अम्मी असमा परवीन का कहना है, ‘‘आज से 18-20 साल पहले जब मैं ने अपनी बेटियों को पढ़ाने का फैसला किया था तब आसपड़ोस के लोगों ने इस बात पर एतराज जताया था, मगर मैं ने उन पर ध्यान नहीं दिया था क्योंकि मेरे शौहर ने मुझे इस बारे में आजादी दे दी थी कि मैं जिस तरह चाहूं अपनी लड़कियों की परवरिश करूं.’’

नियाजुद्दीन की कम आमदनी में 6 बच्चों की पढ़ाई के साथ घर का खर्च चलाना मुश्किल काम था. मगर सना की अम्मी असमा परवीन का कहना है कि उन्होंने अपने इरादे को अमलीजामा पहनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की. इसी का नतीजा है कि आज उन की बेटियां बेहतर तालीम ले रही हैं.

अपनी इस कामयाबी में सना नियाज अपने स्कूल की प्रिंसिपल नीलम सचदेवा को भी श्रेय देती है. उस के मुताबिक, प्रिंसिपल मैडम का बरताव सख्त टीचर का न हो कर एक अच्छे दोस्त जैसा रहा है जिस से स्कूल में पढ़ने का माहौल बना रहता है.

सना नियाज की ख्वाहिश है कि समाज की हर लड़की पढ़ीलिखी हो, जिस से कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो कर एक अच्छे समाज को बना सके.

सना नियाज के साथसाथ जब 12वीं जमात की दूसरी लड़कियों से बात की गई तो उन में से ज्यादातर ने कहा कि उन का पढ़ने का मकसद टीचर बनना है.

एक लड़की का कहना था कि उस की मां की ख्वाहिश है कि वह पढ़लिख कर टीचर बने इसलिए वह टीचर बनना चाहती है जबकि एक और लड़की का कहना था कि वे 4 बहनें हैं और उस की बाकी बहनें भी चाहती थीं कि वे टीचर बनें मगर किसी वजह से वे टीचर नहीं बन सकीं, इसलिए अब वह खुद टीचर बन कर उन सब का ख्वाब पूरा करेगी.

सना नियाज की कामयाबी सिर्फ एक लड़की की कामयाबी नहीं है. यह कामयाबी एक इशारा है कि आज का यह समाज भी तेजी से बदल रहा है जिस को पिछड़ा और परंपराओं की चारदीवारी में कैद बताया जाता रहा है.

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मुसलिमों के पसमांदा समाज में भी औरतें आज तेजी से आगे बढ़ रही हैं. आज वे किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहती हैं. उन के अंदर भी कुछ करने का जज्बा उफान पर है.

सना नियाज के अलावा भी हमें जितनी लड़कियां मिलीं, वे सब मिडिल क्लास परिवारों से ताल्लुक रखती थीं. मगर सना में और उन बाकी लड़कियों में एक बात अलग थी, वह यह कि सना के अलावा सब बुरका पहने हुए थीं.

शायद यही फर्क था कि जहां सना सिविल सर्विस का इम्तिहान दे कर समाज की तरक्की के लिए काम करना चाहती है तो बाकी की सारी लड़कियों की जिंदगी का मकसद टीचर बनना है.

सना नियाज चाहती है कि वह भी उसी तरह अपने समाज की दूसरी लड़कियों के काम आ सके, जिस तरह उस की अम्मी हर समय इलाके की लड़कियों की तालीम के लिए जद्दोजेहद करती रहती हैं.

सना नियाज की अम्मी असमा परवीन चाहती हैं कि कोई भी लड़की बगैर तालीम के नहीं रहे. इस के लिए वे इलाके के लोगों को समझाती रहती हैं. अगर कोई यह कहता है कि वह अपनी लड़की को तालीम नहीं दिलाएगा तो वे उस को समझाने की कोशिश करती हैं.

सना नियाज की भी यही ख्वाहिश है कि वह जिंदगी में एक ऐसा मुकाम हासिल करे, जिस से वह समाज की तरक्की में हिस्सा ले सके.

मेरा पढ़ाई में बिलकुल मन नहीं लग रहा है. क्या करूं?

सवाल 

मैं बीए की छात्रा हूं. पिछले 2 वर्षों से मेरा झुकाव एक लड़के की तरफ है. अपने दिल की बात उस से कहने में डरती हूं. ऐसे में मेरे दिमाग में बस उस लड़के की तस्वीर घूमती है. मेरा पढ़ाई में बिलकुल मन नहीं लग रहा है. क्या करूं?

जवाब 

आप की उम्र पढ़लिख कर भविष्य संवारने की है. इसलिए इन सब चक्करों से अपना मन हटा कर अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान दें. अभी सारा जीवन आप के सामने पड़ा है. यदि पढ़लिख कर आप अपना भविष्य संवार लेती हैं तो जीवन में और भी अच्छे लड़के मिलेंगे.

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एक सवाल-‘घरेलू हिंसा के कारण’

ससुराल स्वर्ग या अभिशाप… ?

मेरा एक सवाल समाज से ,घर और परिवार से क्या एक स्त्री को ससुराल भेजने के लिए ही पैदा किया जाता है ? अपनी बेटी को अचानक से एक अंजान घर में भेज दिया जाता है ,जहां उससे ये कहा जाता है कि अब तुम इस घर की बहू हो इस घर को संभालो तुम्हारी जिम्मेदारी बढ़ गई है. इतना ही नहीं वो  स्त्री सारे काम सीख जाती है,उस घर को अपना बना लेती है.लेकिन उस वक्त क्या जब उस देवी समान स्त्री को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है. कभी दहेज के रूप में ये हिंसा उसके सामने आती है तो कभी बेटे को जन्म न दे पाने के कारण ये हिंसा उसके साथ होती है.

एक माता-पिता अपनी बेटी को बड़े अरमानों के साथ ससुराल भेजते हैं और साथ उसकी सुविधा के ध्यान रखते हुए सारे सामान देते हैं और इतना ही नहीं उनकी बेटी को कोई तकलीफ न हो इसके लिए वो दहेज के नाम पर ससुराल वालों को भी कुछ समान देते हैं….लेकिन ये दहेज प्रथा आज समाज और स्त्री के लिए अभिशाप बन गई है क्योंकि यही दहेज जब कम पड़ता है और लड़के वालों की मांगे पूरी नहीं होती है तो उस स्त्री को प्रताड़ित किया जाता है. अक्सर ससुराल वाले चाहते हैं कि मेरी बहू लड़के को जन्म दे..लेकिन अगर लड़की जन्म लेती है तो उस स्त्री को फिर प्रताड़ित किया जाता है. लोग ये क्यों नहीं समझते हैं कि लड़के या लड़की का पैदा होना किसी भी मनुष्य के हाथ में नहीं है.

मैं ये नहीं कहती की हर जगह या हर  ससुराल ऐसा होता है लेकिन आज दुनिया के ऐसे बहुत से कोने हैं जहां घरेलू हिंसा जैसी वारदात होती है. आए दिन ये खबर सुनने को मिलती है कि दहेज के लालच में पति ने पत्नि को जिंदा जलाया या मारा, ससुराल वालों से तंग आकर महिला ने की खुदखुशी. 22 जून 2019 में एक खबर आई की गोवा की एक महिला ने अपने ही पति को पीट- पीट कर मार डाला क्योंकि पति पत्नी को प्रताड़ित करता था. ये खबर ये साबित करती है की इसके चलते अपराध भी बढ़ता जा रहा है. 19 मार्च 2019 में खबर आई कि अहमदाबाद में पति ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए मारा क्योंकि उसने शैम्पू के लिए पैसे मांगे थे. 22 मई 2019 की एक खबर आईपीएस ने अपनी पत्नी को 5 करोड़ रुपए दहेज के लिए पीटा.

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घरेलू हिंसा के पीड़ितों को कई बार यह पता ही नहीं होता कि वे मदद मांगने किसके पास जा सकती हैं.

  • घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिला कभी अपने डर से बाहर नहीं आ पाती है.
  • मानसिक आघात महिला को भीतर से तोड़कर रख देती है.
  • घरेलू हिंसा एक ऐसा दर्द ऐसा जख्म है जो शायद ही कोई महिला भूले.
  • मानसिक रोग की स्थिति में महिला पहुंच जाती है.
  • घरेलू हिंसा महिला की गरिमा को छिन्न-भिन्न कर देता है.

एक रिपोर्ट से पता चला कि मोरक्को में एक महिला हैं सलमा, 23 साल की सलमा 2 बच्चों की मां और शिक्षा कार्यकर्ता हैं, जो घरेलू हिंसा से पीड़ित थी कभी. उन्होंने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो सबसे पहले एक रेडियो स्टेशन के जरिए अपनी व्यथा व्यक्त की थी. यह रेडियो स्टेशन मोरक्को में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करने वाले एक अभियान से जुड़ा है, जिसका नाम है ‘मेक योर स्टोरी हर्ड’. मोरक्को में अभियान चला कर पीड़ित महिलाओं को कानूनी मदद देकर उनके हिंसक पतियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद की जा रही है. ऐसे ही कई अभियान हैं,जो भारत में भी चलाए जा रहे हैं लेकिन फिर भी घरेलू हिंसा की वारदात बढ़ती ही जा रही है.अकेले अगर भारत की बात करें तो यहां नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़े दिखाते हैं कि 15 से 49 प्रतिशत महिलाओं के साथ कभी न कभी शारीरिक हिंसा हुई थी.घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है. लेकिन फिर भी ये अपराध बढ़ते जा रहें हैं. आखिर कब तक?

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सवाल ये है कि भारत सरकार कर क्या रही है? क्या सरकार कोई कड़े कदम नहीं उठाएगी? अगर सरकार ने कुछ नहीं किया तो आने वाले समय में ससुराल सच में महिला के लिए एक घर नहीं बल्कि अभिशाप बन जाएगा….

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