सौजन्य- सत्यकथा
विजय नीरज की तलाश में जुटा तो नीरज अपने घर पर ही मिल गया लेकिन कोमल वहां नहीं मिली. इस पर उस ने नीरज से पूछा कि उस की बहन को कहां छिपा कर रखा है, बता दे नहीं तो इस का अंजाम बहुत बुरा होगा. नीरज ने उस से साफ शब्दों में कह दिया कि न तो वह कोमल के बारे में जानता है और न ही उसे कहीं छिपाया है. उस से जो बन पड़े, कर ले. वह गीदड़भभकियों से डरने वाला नहीं है. उस के बाद विजय वहां से वापस घर लौट आया.
नीरज ने विजय से झूठ बोला था. जबकि उस ने कोमल को अपने घर में ही छिपा कर रखा था. उस के घर वालों को पता था कि कोमल और नीरज एकदूसरे से प्रेम करते हैं. उन्होंने नीरज को समझाया भी था कि वह जिद छोड़ दे. लेकिन नीरज ने मांबाप की बातों को दरकिनार करते हुए कह दिया कि वह कोमल से प्यार करता है और शादी भी उसी से करेगा. आखिरकार मांबाप को बेटे के सामने झुकना पड़ा.
घर वाले जानते थे कि कोमल को ज्यादा दिनों तक छिपा कर नहीं रख सकते. एक न एक दिन भेद खुल ही जाएगा. तब मामला बिगड़ सकता है.
कोमल की सुरक्षा को देखते हुए विकासचंद ने उसे हिसार में अपने एक परिचित के घर भेज दिया. इधर विजय कोमल को ढूंढता रहा, लेकिन कोमल का कहीं पता नहीं चला. इसी तरह डेढ़ महीना बीत गया.
समाज में बदमानी के डर से उस ने जानबूझ कर कोमल के गायब होने का मुकदमा दर्ज नहीं कराया था. वह जानता था कि अगर मामला पुलिस में चला गया तो इज्जत की धज्जियां उड़ जाएंगी. इसलिए उस के घर वाले अपने हिसाब से उस की तलाश करते रहे.
आखिरकार नीरज ने कोमल से कोर्टमैरिज कर ली. डेढ़ महीने बाद नवंबर, 2020 के आखिरी हफ्ते में विजय को कहीं से भनक लगी कि कोमल नीरज के साथ उस के घर में ही रह रही है. दोनों ने चंद दिनों पहले कोर्टमैरिज भी कर ली है.
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खबर सौ फीसदी सच थी. नीरज और कोमल कोर्टमैरिज कर चुके थे और पतिपत्नी के रूप में रह रहे थे. विजय को यह बात बरदाश्त नहीं हुई. उस ने नीरज और कोमल दोनों को रास्ते से हटाने की योजना बना ली.
अपनी योजना में विजय उर्फ छोटा ने अपने ममेरे भाई पवन को भी शामिल कर लिया. पवन अपने परिवार के साथ जावा कालोनी में रहता था.
पवन अपराधी प्रवृत्ति का था. उस के खिलाफ पानीपत के कई थानों में गंभीर अपराध के मुकदमे दर्ज थे. पुलिस के लिए वह वांछित था.
बेटी के घर छोड़ कर जाने से मांबाप दुखी थे. उन्होंने उसे उस के हाल पर छोड़ दिया. उन का तर्क था कि जब बेटी ने ही उन की पगड़ी की लाज नहीं रखी तो वह उस के लिए चिंता क्यों करें. लेकिन विजय अपनी जिद पर
अड़ा था कि कोमल और नीरज ने जो भी किया है वह माफ करने लायक नहीं है. पहले वह नीरज को रास्ते से हटाएगा फिर कोमल को उस के किए की सजा देगा.
योजना बनाने के बाद विजय ने अपना काम छोड़ दिया और नीरज की निगरानी में जुट गया कि वह घर से कब निकलता है, कहांकहां जाता है, रात में नौकरी से घर कब लौटता है. डेढ़
महीने तक विजय और पवन ने नीरज की रेकी की. जब वे पूरी तरह आश्वस्त हो गए तो नए साल के पहले दिन नीरज की हत्या की योजना बनाई ताकि विकासचंद के घर की खुशियां मातम में बदल जाएं. पहली जनवरी, 2021 की रात विजय और पवन बधावा राम कालोनी की उस गली में घात लगा कर बैठ गए, जिस से नीरज अपनी बाइक से आताजाता था.
नीरज जैसे ही कालोनी के मोड़ पर पहुंचा विजय और पवन उस की बाइक के सामने आ खड़े हुए. अचानक दोनों ने धक्का दिया तो नीरज बाइक सहित नीचे गिर गया.
दोनों उस पर टूट पड़े और चाकुओं से ताबड़तोड़ प्रहार कर उस की हत्या कर दी. फिर भावना चौक गली के रास्ते भाग निकले. ज्यादा खून बहने से कुछ ही पलों में नीरज की मौत हो गई.
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विजय और पवन दोनों भाग कर राजाखेड़ी गांव की तरफ एक खेत में जा कर छिप गए. फिर दोनों ने शराब पी और नीरज की मौत का जश्न मनाया. नीरज की वजह से उन की बदनामी हो रही थी.
बदनामी का एक विकेट गिर गया था. अब कोमल को मौत के घाट उतारने की बारी थी, जिस के चलते परिवार ने खून के आंसू रोए थे.
इस से पहले कि दोनों अपने इस खतरनाक मकसद में कामयाब हो पाते, थानाप्रभारी योगेश कटियार ने 3 जनवरी, 2021 को सेक्टर-24 के एमजेआर स्कूल के पास से दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया और हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद करा दिया. विजय को नीरज की मौत का कोई अफसोस नहीं था. अफसोस इस बात का था कि कोमल जिंदा बच गई थी.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित