आपके शरीर में जमा फैट कई सेहत से जुड़ी समस्या पैदा कर सकता है इसलिए समय समय पर हमें अपनी सेहत पर ध्यान देने की जरुरत होती पर बिजी लाईफ के चलते हम ऐसा कर नहीं पाते. फैट ना सिर्फ शरीर बल्कि आपके सोचने समझने पर भी प्रभाव डालता. एक उदहारण के तौर पर समझिए तो शरीर एक इंजन है जिसे समय समय पर सफाई और औयल की जरुरत होती है.
अगर ये सफाई और समय कर औयलिंग ना हो तो इंजन ठप्प पड़ जाता हैं शरीर का फैटी, लिवर में सूजन को दर्शाता है. इससे तमाम लोग प्रभावित होते हैं. इस स्थिति में लिवर में फैट जमा होने लगता है. कई बार ज्यादा शराब के सेवन से भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है. यह तब भी हो सकता है जब आप शराब न पीते हों. हालांकि, नौन-एल्कोहौलिक फैटी लिवर रोग का शराब से कोई खास जुड़ाव नही है. इसलिए आज हम लेकर आए है कुछ टिप्स और खाने में बदलाव के फायदे जिसे अपनाकर आप भी स्वस्थ रहेंगे.
लहसुन
दुनिया भर में भोजन और प्राकृतिक उपचार के रूप में लहसुन का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है. एडवांस्ड बायोमेडिकल रिसर्च में एक अध्ययन में पाया गया कि लहसुन पाउडर की खुराक फैटी लिवर की बीमारी वाले लोगों में वसा और शरीर के वजन दोनों को कम करने में मदद कर सकती है.
ग्रीन टी
यह दावा किया जाता है कि ग्रीन टी फैटी लिवर डिजीज सहित कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार पर लाभकारी प्रभाव डालती है. शोध बताते हैं कि इस लोकप्रिय पेय को पीने से वसा के अवशोषण में बाधा उत्पन्न हो सकती है, हालांकि फैटी लिवर रोग की रोकथाम और उपचार में ग्रीन टी की प्रभावकारिता का पता लगाने के लिए अधिक काम करने की आवश्यकता होती है. कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट प्रभावी रूप से वजन घटाने में सहायता कर सकते हैं.