नसीम अंसारी कोचर

उत्तरपश्चिमी दिल्ली के शालीमार बाग के रहने वाले विकास अग्रवाल के बैंक्वेट हाल के बिजनैस में रंगत आ गई थी. बीते साल अच्छी तरह से बीते दशहरादीपावली के बाद शादियों का मौसम आ चुका था. वह खुश थे कि 2021 के लौकडाउन की कई बंदिशें हटाई जा चुकी थीं. जिस से शादियों के लिए बैंक्वेट हाल की बुकिंग तेजी से होने लगी थी.

दिसंबर 2021 की बात है. विकास अग्रवाल 17-18 दिसंबर की शादी की बुकिंग के लिए तैयारियों में लगे थे. काम बहुत था. सब कुछ शादी करवाने वाली पार्टियों के और्डर और फरमाइशों के मुताबिक करना था. बैंड वाले, कैटरिंग वाले, डीजे वाले, फोेटोवीडियो शूट वाले, घोड़ी वाले से ले कर सजावट तक में किसी भी तरह की चूक नहीं रहने देना चाहते थे.

सजावट पर तो उन का विशेष ध्यान था. वे चाहते थे कि लाइटों के अलावा सजावट में ताजे फूलों को ज्यादा से ज्यादा लगाएं. इन सब के लिए अग्रवाल ने अलगअलग डिपार्टमेंट बना रखे थे. मैनेजर ऋचा सब्बरवाल को सभी डिपार्टमेंट को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साथ ही वह डेकोरेशन का काम भी देखती थी. डेकोरेशन में कोई कमी होने पर एक पार्टी ने पैसा काट लेने की बात कही थी. इसलिए अग्रवाल अपने साथ 18 साल के बेटे किंशुक का भी सहयोग लेने लगे थे. मार्केटिंग के लिए उसे भी अपने स्टाफ के साथ भेजते थे.

विकास अग्रवाल चाहते थे कि 12वीं में पढ़ने वाला उन का बेटा धीरेधीरे उन के बिजनैस के बारे में सीखसमझ ले. यही कारण था कि मार्केटिंग वगैरह के लिए उसे भी अपने स्टाफ के साथ भेजते थे.

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