बिटकौइन के मुकाबले नई क्रिप्टोकरेंसी वनकौइन इजाद कर धोखाधड़ी करने वाली बुल्गारिया की एक संभ्रांत महिला रुजा इग्नातोवा पर चार बिलियन डालर घोटाले का आरोप है. वह दुनिया भर के दर्जनों देशों के लोगों से लाखों-करोड़ों रुपे, डौलर, यूरो या पौंड की मुद्राओं में पैसे बटोर कर फरार हो चुकी है. डिजिटल जमाने की इस ठगी के शिकार होने वालों में भारतीय भी हैं. अमेरिका समेत भारत की पुलिस को भी उसकी तलाश है.

दिल्ली के कनाट प्लेस इलाके में एक कैंटिन चलाने वाला 25 वर्षीय रामनरेश अप्रैल 2015 में बिहार से आया था. मैट्रिक पास ग्रामीण युवक को उसके ही गांव के जान-पहचान वाले की मदद से कैंटिन में हेल्पर का काम मिल गया था. वह अधिक से अधिक पैसा कमाना चाहता था. इसके लिए  किसी भी तरह का काम करने को इच्छुक था. उसे कोई भी मोटा-महीन काम करने से जरा भी संकोच नहीं था. एक दिन उसे पार्ट टाइम पैसा कमाने के बारे में जानकारी मिली. कैंटिन में अक्सर चाय पीने आने वाले एक युवक ने उसे औनलाइन मल्टी लेवल मार्केटिंग बिजनेस और क्रिप्टोक्वाइन के बारे में समझाया कि कैसे वह उसके जरिए डाॅलर में पैसे कमाकर रातोंरात अमीर बन सकता है. इसके लिए तीन तरह के स्कीमों में 4000, 6000 या फिर 8000 रुपये नगद का भुगतान कर एक मल्टीनेशनल कंपनी के वेबपोर्टल का मेंबर बनना था.

मेंबर बनते ही उसके नाम से खुले आईडी अकाउंट में क्रमशः 50, 75 या 100 डौलर आ जाने वाले थे. वह रकम तब डालर के रुपये में वैल्यू के हिसाब से जमा की गई राशि से कुछ अधिक ही  थी. उसने तुरंत दो मेंबरशिप ले ली. एक अपनी और दूसरी पत्नी के नाम आईडी बना डाले. बदले में उसे जमा की गई रकम के कमीशन के चेक भी मिल गए. उसे कंपनी के हजारों करोड़ डौलर से अधिक मल्टीनेशनल बिजनेस से जुड़े विभिन्न देशों के हजारों लोगों की मोटी आमदनी के बारे बताया गया. साथ ही समय-समय पर महंगी गाड़ियां, बाइक, फ्लैट या इलेक्टाॅनिक गजेट व घरेलू सामानों के उपहार मिलने की भी बात कही गई. यह सब उसके लिए किसी सपने से कम नहीं था. इसे पाने के लिए वह जीतोड़ मेहनत करने से पीछे नहीं हटने वाला था.

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