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उस दिन दिसंबर महीने की 28 तारीख थी. कड़ाके की ठंड थी. घना कोहरा भी छाया था. ठंड की वजह से लोग घरों में दुबके थे. मंद गति से बह रही बर्फीली पछुआ हवाएं ठंड का कुछ ज्यादा ही अहसास करा रही थीं. दोपहर बाद जब कोहरा छंटा और सूरज ने हलकी रोशनी बिखेरी तभी कुछ लोगों ने गंगा बैराज से सिंहपुर बिठूर जाने वाली रोड के किनारे झाडि़यों में एक जवान महिला का शव पड़ा देखा.

जैसेजैसे लोगों को यह जानकारी मिली, लोग वहां जुटने लगे. कुछ ही देर बाद वहां भीड़ बढ़ गई. इसी बीच किसी ने महिला का शव पड़ा होने की सूचना थाना नवाबगंज को दे दी.

सूचना प्राप्त होते ही नवाबगंज थानाप्रभारी दिलीप कुमार बिंद पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पहुंच गए. उन्होंने अज्ञात महिला का शव मिलने की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी, फिर निरीक्षण में जुट गए. मृतका का रंग गोरा, शरीर स्वस्थ तथा उम्र 28 साल के आसपास थी. वह गुलाबी रंग का सलवारकुरता पहने थी. उस के हाथों पर मेहंदी रची थी और वह पैरों में बिछिया पहने थी. उस की गरदन, पीठ और सीने पर खरोंच व रगड़ के निशान थे. उस के मुंह से शराब की दुर्गंध भी आ रही थी.

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देखने से ऐसा लग रहा था जैसे मृत्यु से पहले महिला ने शराब पी थी या फिर उसे जबरन पिलाई गई थी. उस के बाद उस की हत्या कर शव सड़क किनारे झाडि़यों में फेंक दिया गया होगा. महिला के शरीर पर कोई आभूषण नहीं था, लेकिन ऐसा लग रहा था कि उस की नाक, कान, गले से आभूषण खींचे गए थे. क्योंकि नाक, कान से खून रिस रहा था. महिला की हत्या कहीं अन्यत्र की गई थी.

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