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घटना मध्य प्रदेश के जिला झाबुआ के एक गांव कोडि़याछीतू की है. थानाप्रभारी क्षेत्र में गश्त पर निकले थे, तभी थाने से सूचना मिली कि रंभापुर के पास पिपलौदा बड़ा में एक शव मिला है. यह सूचना मिलते ही थानाप्रभारी अपनी टीम के साथ मौके के लिए रवाना हो गए.

3 और 4 जून की रात आधी से अधिक बीत चुकी थी, बिस्तर पर करवट बदलते हुए सोने की कोशिश कर रहा लकी पांचाल बारबार तकिए के नीचे रखे मोबाइल फोन की तरफ देख रहा था. उस रात वह अपनी पत्नी नीलम द्वारा दिए जाने वाले सरप्राइज का इंतजार कर रहा था.

झाबुआ में मेघनगर नाका निवासी संपन्न किसान के बेटे लकी पांचाल की शादी 5 महीने पहले गुजरात के दाहोद इलाके के कस्बे कटला में रहने वाली नीलम के साथ हुई थी. नीलम जैसी खूबसूरत पत्नी पा कर लकी एक तरफ जहां बेहद खुश था, वहीं इस बात को ले कर परेशान भी कम नहीं था कि शादी के बाद भी नीलम का मन मायके में ही ज्यादा लगता है. इसलिए वह लकी के पास कम और अपने मायके में ज्यादा रहती थी.

उस ने लकी को भी बारबार फोन करने से भी मना कर रखा था. और खुद लकी को यदाकदा ही 2-4 मिनट के लिए फोन लगाती थी. लकी के पिता जितेंद्र की मृत्यु हो जाने से घर की जिम्मेदारी उसी के सिर पर थी, इसलिए वह पत्नी के इस व्यवहार से दुखी जरूर था. लेकिन इस तरफ ध्यान देने का उस के पास ज्यादा वक्त नहीं था.

एक बार तो पत्नी की दूरी से परेशान लकी ने नीलम की बात को दरकिनार कर कटला जा कर उस से मिलने की कोशिश की. नीलम को जब पता चला कि लकी कटला आ रहा है तो वह खुद अकेली अपने मायके से चल कर आधे रास्ते में आ कर लकी से मिली और उसे साथ ले कर वापस ससुराल झाबुआ आ गई.

लकी को मतलब नीलम से था न कि ससुराल के शहर कटला से. सो वह नीलम की इस हरकत पर ध्यान दिए बिना खुशीखुशी उसे आधे रास्ते से ले कर झाबुआ वापस आ गया. लेकिन उस की यह खुशी 4 दिन ही साथ रही. पांचवें दिन मायके की याद आ रही है, कह कर वह लकी के लाख रोकने के बावजूद वापस मायके चली गई.

तभी से नीलम मायके में ही थी. 1-2 बार लकी ने उसे लिवाने के लिए कटला आने को कहा, लेकिन नीलम ने मना कर दिया. मगर 3 जुलाई, 2022 की शाम नीलम ने लकी को फोन कर के न केवल 15-20 मिनट लंबी बात की बल्कि उस ने कहा कि आज रात मेरे फोन का इंतजार करना, मैं तुम्हें सरप्राइज देने वाली हूं. इसलिए 3-4 जून की उस रात में लकी पांचाल करवटें बदलते हुए पत्नी के फोन का इंतजार कर रहा था.

आधी रात गुजर जाने पर भी जब नीलम का फोन नहीं आया तो वह निराशा के भंवर में डूब गया. तभी अचानक एक अंजान नंबर से उस के मोबाइल की घंटी बज उठी. लकी ने फोन उठाया तो उधर से नीलम की आवाज सुन कर चौंकते हुए बोला, ‘‘यह किस नंबर से फोन किया तुम ने?’’

‘‘तुम्हें फोन नंबर से मतलब है या अपनी नीलम से?’’ नीलम बोली.

‘‘अरे, मतलब तो तुम्हीं से है यार. बस ऐसे ही पूछ लिया. अब जल्दी से सरप्राइज बता दो.’’ लकी ने कहा.

‘‘तुम बताओ, मैं तुम्हें क्या सरप्राइज दे सकती हूं?’’

‘‘मुझे क्या पता, तुम्हीं बताओ.’’

‘‘तो सुनो, कल मुझे लेने कटला आ जाओ.’’

‘‘क्या?’’ नीलम की बात सुन कर लकी चौंक उठा.

‘‘हां, सच में. तुम बहुत याद आ रहे हो. कल पूरी रात तुम्हें ही याद करती रही, इसलिए सोच लिया था कि अब तुम से दूर नहीं रहना. यह बात तुम्हें शाम को भी बता सकती थी. फिर सरप्राइज का मजा खराब हो जाता. तुम्हें सरप्राइज देने के लिए ही तो दूसरे नंबर से काल किया है. बोलो, कल कितने बजे निकलोगे घर से?’’

‘‘यार कल तो खेत पर जरूरी काम है, इसलिए समय नहीं बता सकता. लेकिन आऊंगा जरूर.’’

‘‘आ ही जाना, नहीं तो सोच लो. अगर नहीं आए तो सुहागरात में तो मैं मान भी गई थी कल नहीं आए तो फिर मनाते रहना जिंदगी भर, तुम्हारी नीलम नहीं मानने वाली.’’ वह बोली.

‘‘अरे नहीं यार, ऐसा मत करना. मैं जरूर आऊंगा, तुम अपनी तैयारी रखना.’’

‘‘किस बात की तैयारी..?’’ कह कर नीलम शरारत से हंसी तो उस की बात का मतलब समझते हुए लकी बोला, ‘‘हर बात की.’’

‘‘ठीक है यार, मैं भी हर बात के लिए तैयार हूं, बस तुम आ जाओ और मुझे अपने पास ले चलो.’’

इस के बाद नीलम काफी देर तक लकी से बात करती रही. इस दौरान वह बारबार उस पर अगले दिन कटला आने का दबाव बनाती रही. लकी तो खुद चाहता था कि नीलम उस के साथ रहे. इसलिए सुबह होते ही उस ने यह खुशखबरी अपनी मां को सुना दी कि वह आज नीलम को लेने कटला जाएगा. खुद नीलम ने फोन कर के ससुराल आने की इच्छा जाहिर की है. यह सुन कर मां खुश हो गई.

4 जून, 2022 को लकी शाम लगभग 5 बजे बाइक ले कर कटला के लिए निकल पड़ा. घर से निकलते ही पत्नी के कहे अनुसार उसे फोन कर अपने झाबुआ से निकल जाने की जानकारी दी.

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