जवानी की दहलीज पर पांव रखते ही जवां दिल एक साथी की तलाश में बेचैन रहने लगता है. हरेक को एक ऐसे साथी की चाह होती है, जिस के साथ सुखदुख से भरा लंबा जीवन आराम से कट जाए. तनमन में प्रेम का ज्वारभाटा चलने लगता है. प्यार और सुरक्षा की अनुभूतियों से भरे विवाह बंधन में बंध जाने के लिए मन छटपटाने लगता है.

पहले जवां धड़कनों की यह ख्वाहिशें पूरी करने के लिए यानी उन के लिए उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढने और उन का विवाह कराने के लिए पंडित, मुल्ला होते थे या घरों में काम करने वाली धोबिनें, नाइनें, मालिनें होती थीं, जो ढूंढढूंढ कर रिश्ते लाती थीं, पर अब इस का जिम्मा उठा लिया है इंटरनेट पर मौजूद अनेक शादी साइट्स ने.

हाईटेक युग में हाईटेक युवाओं के मन की इच्छाएं इंटरनेट के माध्यम से पूरी हो रही हैं. लेकिन इंटरनेट पर बनने वाले रिश्ते कितने सुरक्षित हैं, इस की पोल रोज ही किसी न किसी तरह सामने आ रही है.
आज पढ़ीलिखी और अपने घरों से दूर नौकरी करने वाली युवा पीढ़ी अपने जीवनसाथी में अपने जैसा या अपने से ज्यादा अच्छा व्यक्तित्व, पैसा, स्टेटस, शैक्षिक योग्यताएं और संपन्नता ढूंढती है.
इस खोज में उस का सब से बड़ा मददगार है शादी डौटकौम, जीवनसाथी डौटकौम, विवाह डौटकौम, भारत मैट्रीमोनी या इन की तरह की अन्य तमाम शादी और दोस्ती की साइट्स, जहां कोई भी अपनी पसंद के व्यक्ति को दोस्ती या शादी का औफर दे सकता है.

प्रतिदिन लाखों की संख्या में युवा लड़केलड़कियां एक तय रकम दे कर इन साइट्स पर खुद को रजिस्टर करा रहे हैं. इस से इन मैरिज साइट्स का धंधा भी खूब चमक रहा है. एक बार रजिस्ट्रैशन हो जाने के बाद आप के इनबौक्स में आप की इच्छाओं के अनुरूप सैकड़ों लोगों के प्रोफाइल आने शुरू हो जाते हैं. वहां उन के फोन नंबर, फोटो, एड्रेस और अन्य जानकारी सभी कुछ होता है. फोन नंबर पर लोग संपर्क साधते हैं, मीठीमीठी प्यार भरी बातें करते हैं, एकदूसरे के बारे में जानते हैं, एकदूसरे के मन में अपने प्रति विश्वास पैदा करते हैं.

फिर मुलाकातों का सिलसिला शुरू होता है और कई बार तो मामला शादी से पहले ही काफी आगे बढ़ जाता है. कभी शादी तक पहुंच जाता है और अगर नहीं पहुंच पाता तो नुकसान बहुतेरा हो जाता है.
ऐसे ही एक बड़े नुकसान से दिल्ली की एक डाक्टर गुजरी हैं, जो एक मैरिज साइट पर आ कर न सिर्फ मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक शोषण का शिकार हुईं, बल्कि अपने 15 लाख रुपए भी गंवा बैठीं.

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्यरत युवा महिला डा. कामिनी (बदला हुआ नाम) ने जब अपना मैरिज प्रोफाइल बना कर एक मैरिज साइट पर डाला था, तब उन की कल्पनाओं में एक हैंडसम, अमीर, शिक्षित और मधुर व्यवहार वाले व्यक्ति का चित्र था. एक ऐसा जीवनसाथी जो उन को समझे, उन की कद्र करे और बेइंतहा प्यार करे.

डा. कामिनी के इनबौक्स में सैकड़ों युवकों के प्रोफाइल आए, जो उन से शादी के इच्छुक थे. कामिनी रोज ही अपने लिए उपयुक्त प्रोफाइल्स का चयन करती थीं. कुछ प्रोफाइल डिलीट कर देतीं तो कुछ सेव कर के रख लेती थीं. नौकरी और मरीजों से फुरसत पा कर वह उन सेव्ड प्रोफाइल वाले युवकों से बात करती थीं ताकि वह उन्हें समझ सकें कि वे उन के लायक हैं या नहीं. इन में से कुछ तो 2-4 बातों के बाद ही रिजेक्ट हो जाते थे, कुछ से कुछ लंबी बातचीत भी चलती थी.

मगर जिस दिन फरहान तासीर खान का प्रोफाइल उन के सामने आया और पसंद आने पर जब कामिनी की उस से बात हुई तो लगा कि उन की तलाश पूरी हो गई. उन के मन ने कहा कि बस यही वो व्यक्ति है, जिस का सपना उन्होंने अपने पति के रूप में देखा था.

बातचीत में फरहान शिष्टता और सौम्यता की प्रतिमूर्ति लगा. वह काफी हैंडसम दिखता था. अपने प्रोफाइल में उस ने लिखा था कि वह बहुत पैसे वाला है. उस के पास वीआईपी नंबर वाली बीएमडब्ल्यू कार है. उस का करोड़ों रुपए का कारोबार है और उस के आगेपीछे कोई नहीं है. सब से बड़ी बात यह कि उस की मीठी बोली और लच्छेदार बातें कामिनी के कानों में रस घोलती थीं.
चंद रोज की बातचीत में ही कामिनी पूरी तरह फरहान के मोहपाश में बंध गईं. वह सोतेजागते बस उस के ही सपने देखती थीं. सारीसारी रात उस के साथ मोबाइल फोन पर चैट करते बीत जाती थी.

फरहान कामिनी को अपनी रसभरी बातों में एक ऐसी दुनिया की सैर करवाता था, जिस की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. लंबेलंबे मीठेमीठे चुंबनों और प्यार भरी बातों के साथ विदेशों में सैरसपाटे के वादे पर कामिनी झूम जाती थी.
कामिनी को इस बात से बड़ी खुशी थी कि वह बिलकुल अकेला है. दुनिया में उस का कोई नहीं है. उस के पास अपार दौलत है और उसे एक प्यार करने वाली बीवी की तलाश है.
फरहान ने कामिनी को बताया कि उस के मातापिता का एक ऐक्सीडेंट में देहांत हो चुका है. उस के कोई भाईबहन नहीं है और पूरे कारोबार और घरसंपत्ति का वह इकलौता वारिस है. ऐसी प्रोफाइल वाले युवक के बारे में जान कर तो कोई भी लड़की खुश हो जाए.

कामिनी भी यह सुन कर बेहद खुश हुई. न सासससुर का झंझट न ननद, देवर या जेठ की किचकिच. फरहान से शादी करने के बाद तो वह किसी रानी की तरह रहेगी. डा. कामिनी ने अपनी तरफ से फरहान के प्रति प्यार जताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
ऐसे उम्दा रिश्ते को वह किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती थीं. वह तो फरहान पर ऐसी मर मिटी थीं कि उस के हर आदेश का सिर झुका कर पालन करने लगी थीं.
दोनों के बीच फोन पर बातचीत का सिलसिला कुछ दिन चला, मगर अब एकदूसरे से मिलने की इच्छाएं जोर पकड़ रही थीं. दोनों ने बाहर मिलना तय किया.
कामिनी पहली बार अपने सपनों के राजकुमार से मिलने के लिए सजधज कर घर से निकलीं. दोनों तय समय पर तय जगह पर मिले. थोड़ी झिझक थोड़ी शर्म के बाद दोनों बेतकल्लुफ भी हो गए.
फिर तो मिलनेमिलाने का सिलसिला भी चल पड़ा. वह कामिनी को अपनी वीआईपी नंबर वाली बीएमडब्लू कार में ले कर उड़ता फिरता और कामिनी अपने सपनों के शहजादे की बाहों में झूमती सातों आसमानों को पार कर उड़ती जाती, उड़ती जाती, उड़ती जाती.
फरहान ने कामिनी को अपने प्यार में पूरी तरह जकड़ लिया था. उस ने उन को इस बात का पूरा भरोसा दिला दिया था कि वही उस के जिस्म, जान, जमीन और जायदाद की मालकिन है.

कामिनी तो जैसे धन्य हो गई थी. उस की एकएक बात पर उन्हें पूरा भरोसा था. यहां तक कि जब फरहान ने अपने कारोबार में कुछ पैसा लगाने की बात कही तो बिना आगेपीछे सोचे उन्होंने उस को पैसे दे दिए.उस के बाद तो कारोबार के नाम पर धीरेधीरे फरहान ने कामिनी से 15 लाख रुपए झटक लिए. उन्होंने भी यह सोच कर पैसे दे दिए कि अंतत: तो वह उन का ही है.

लेकिन फरहान 15 लाख ले कर चंपत हो गया. कामिनी ने उसे कई फोन किए, उस के दिखाए ठिकानों पर तलाशा, मगर वह तो ऐसा गायब हुआ जैसे गधे के सिर से सींग. डा. कामिनी सातवें आसमान से सीधे औंधे मुंह जमीन पर गिरीं.आखें खुलीं, प्रेम की मृगमरीचिका से निकल कर बाहर देखा तो पता चला सब धोखा था. बहुत बड़ा छल. उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि इतनी क्वालीफाइड होने के बाद एक डाक्टर होने के बावजूद वह इतने लंबे समय तक उस के धोखे में कैसे फंसी रहीं. उस पर कभी भी उन्हें संदेह नहीं हुआ. ऐसा बेहतरीन ऐक्टर था फरहान तासीर खान.

कामिनी गुस्से की आग में जल रही थीं. उन्होंने फरहान को जेल भेजने की ठान ली और दक्षिण दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल में 26 मार्च, 2022 को उस के खिलाफ मामला दर्ज कराया.डा. कामिनी की शिकायत सुन कर साइबर क्राइम सेल के इंचार्ज अरुण कुमार वर्मा भी हैरत में पड़ गए. मगर उन्होंने कामिनी को यकीन दिलाया कि पुलिस जल्द ही फरहान तक पहुंच जाएगी. उन्होंने डा. कामिनी से वह सारी डिटेल्स ले लीं, जो फरहान से जुड़ी हुई थी या फरहान ने कभी उन को बताई थी.

दक्षिणी दिल्ली की डीसीपी बनिता मैरी जैकर ने इस केस के खुलासे के लिए एडिशनल डीसीपी हर्षवर्धन की देखरेख में एक पुलिस टीम बनाई.टीम में एसीपी (औपरेशन) राजेश कुमार, साइबर सेल इंचार्ज अरुण कुमार वर्मा, एसआई संजय सिंह, हैडकांस्टेबल धर्मेंद्र, लेडी कांस्टेबल राजू आदि को शामिल किया गया.पुलिस टीम आरोपी फरहान को तलाशने लगी. फरहान तक पहुंचने के लिए टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी. जांच के दौरान पुलिस ने मैट्रिमोनियल साइट्स, टीएसयू, बैंकों और अन्य पोर्टलों से आरोपी की डिटेल्स भी एकत्रित कर ली.

जांच शुरू हुई तो पता चला कि आरोपी फरहान तासीर खान ने जीवनसाथी डौटकौम पर एक नहीं, बल्कि अपनी कई प्रोफाइल अलगअलग फोटो से बनाई थीं. इस के अलावा उस ने कई शादी साइट्स पर भी प्रोफाइल बना रखी थीं.वह इन प्रोफाइल्स के जरिए यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, मुंबई, ओडिशा, कर्नाटक और देश के अन्य शहरों में तमाम लड़कियों के साथ बातचीत करता था.जांच में पाया गया कि वह भारत के विभिन्न शहरों की 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ संपर्क में रहा, उन से शादी के झूठे वादे किए, संबंध बनाए और पैसे ऐंठे.

आरोपी के तमाम दस्तावेजों और डिटेल्स को एकत्र कर के और डा. कामिनी से मिले फोन नंबरों को ट्रैकिंग पर डालने के बाद पुलिस टीम ने कोलकाता से फरहान तासीर खान को ट्रेस करना शुरू किया. उस तक पहुंचने में पुलिस को ज्यादा वक्त नहीं लगा.18 दिन के सर्च अभियान के बाद पुलिस ने फरहान को पहाड़गंज के एक होटल से पकड़ लिया, जहां वह किसी नई चिडि़या की तलाश में बैठा था. पुलिस ने उस के पास से एक मोबाइल फोन, 4 सिमकार्ड, बीएमडब्ल्यू कार, 9 एटीएम कार्ड और एक कलाई घड़ी भी बरामद की.

डीसीपी (दक्षिण) बनिता मैरी जैकर ने ‘मनोहर कहानियां’ को बताया कि पुलिस और साइबर सेल की छानबीन में पता चला कि फरहान तासीर खान ने कई वैवाहिक पोर्टल पर अपनी अलगअलग आईडी बना रखी थीं, जिन के माध्यम से उस ने उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, मुंबई, ओडिशा और कर्नाटक सहित अन्य राज्यों की कई महिलाओं से दोस्ती की थी.
अपनी मैरिज प्रोफाइल में फरहान ने खुद को अविवाहित बताया था और यह भी लिखा था कि उस के परिवार में उस के सिवा और कोई नहीं है. उस ने लिखा था कि उस के मातापिता की एक ऐक्सीडेंट में मृत्यु हो चुकी है और उस का कोई भाई या बहन नहीं है.

अकेला और अमीर होने का उस का लालच लड़कियों को उस की तरफ आकर्षित करता था. उस के झांसे में आ कर कई लड़कियां उस की शिकार हो गई.डीसीपी बनिता मैरी जैकर ने बताया कि फरहान वीवीआईपी पंजीकरण नंबर वाली कार से चलता था और महिलाओं को प्रभावित करने के लिए कहता था कि यह कार उस की अपनी है. जबकि वह कार उस के एक रिश्तेदार की निकली.

इस के अलावा वह एक शहर से दूसरे शहर की यात्राएं करते वक्त लड़कियों के साथ वीडियो काल करता था, ताकि वह यह दिखा सके कि वह कितना अमीर है.उस ने जिन युवतियों को अपने जाल में फंसाया था, उन को उस ने बताया कि उस की सालाना आमदनी 30 से 40 लाख रुपए है और कई बड़े शहरों में उस के मकान हैं. जबकि वह अपने पिता के साथ एक किराए के घर में रहता था.अपना रौब गालिब करने के लिए फरहान तासीर खान वीआईपी नंबर 0005 वाली बीएमडब्ल्यू कार में लड़कियों से मुलाकात करता था और फिर बातों में फंसाने के बाद अपने बिजनैस सेटअप और आगे की जरूरतों के लिए उन से पैसे ऐंठ लेता था.

वह हवाई और एसी ट्रेनों से एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करता था. वह विभिन्न शहरों के आलीशान होटलों में रुकता था. इस दौरान खुद को अमीर और अपनी आलीशान लाइफस्टाइल वाला दिखाने के लिए वह लड़कियों के साथ खूब वीडियो कालिंग करता था.
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि फरहान ने महज 12वीं तक ही पढ़ाई की थी. जबकि मैट्रिमोनियल साइट पर उस ने अपने प्रोफाइल में लिखा है कि उस ने बैचलर औफ इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई की है.
मैट्रिमोनियल साइट्स पर खुद के अविवाहित होने की बात कह कर लड़कियों को अपने जाल में फंसाने वाला फरहान शादीशुदा निकला. उस की शादी साल 2015 में हुई थी और उस की 3 साल की एक बेटी भी है. उस की एक बहन है, जो शादीशुदा है. उस का परिवार मूलरूप से स्टेशन रोड, फरिश्ता कौंप्लेक्स, तकियांपारा, ओडिशा का रहने वाला है.

पुलिस ने फरहान तासीर खान से पूछताछ करने के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

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