सौजन्य- मनोहर कहानियां
लेखक- सुनील वर्मा
बृजेश सिंह का राजनीतिक रसूख और धमक ही कहेंगे कि पिछले 12 साल में उस पर लगे सारे मुकदमे तेजी से हो रही सुनवाई के बाद हटते जा रहे हैं. ज्यादातर मामलों में उस के खिलाफ गवाही देने वाले मुकर गए या कुछ में पुलिस की कमजोर पैरवी और सबूत की कमजोरी के कारण एक के बाद एक मामले तेजी से खत्म होते जा रहे हैं.
चंद छोटे मामलों को छोड़ दें तो उस के खिलाफ चल रहे अधिकांश गंभीर और बड़े मामले अब खत्म हो चुके हैं. कुछ छोटे मामलों की सुनवाई भी अपने अंतिम चरण में है.
लेकिन इस के बावजूद बृजेश सिंह अभी जेल से बाहर नहीं आना चाहता क्योंकि मुख्तार गैंग से दुश्मनी के कारण जान का खतरा अभी भी बरकरार है.
बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी भले ही सलाखों के पीछे हों, लेकिन दोनों की दुश्मनी अभी खत्म नहीं हुई है. दोनों ही अपने भविष्य के लिए एकदूसरे का खात्मा चाहते हैं.
सन 2015 में बृजेश सिंह की एमएलसी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह और भतीजे विधायक सुशील सिंह ने आरोप लगाया था कि मुख्तार अंसारी ने सेंट्रल जेल में लंबू शर्मा नाम के व्यक्ति को भेज कर बृजेश सिंह की जेल में ही हत्या कराने की साजिश रची थी.
इस के 3 दिन पहले भी बादशाह नाम के व्यक्ति को बनारस सेंट्रल जेल में बृजेश सिंह से मिलने के लिए भेजा गया था. हालांकि इस मामले में बृजेश सिंह के परिजनों की शिकायत के बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था.
बृजेश सिंह के बारे में कहा जाता है कि सियासत में एंट्री के लिए ही उस ने खुद को दिल्ली पुलिस के हाथों गिरफ्तार करवाया था. एक अपराधी भले ही कितना भी ताकतवर और रसूख वाला क्यों न हो, लेकिन अंतत: उस का अंत बुरा ही होता है. इसीलिए बृजेश सिंह ने बहुत पहले ही माफिया से माननीय बन कर अपने जीवन को नई दिशा देने की योजना पर काम शुरू कर दिया था.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप