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नशे की हालत में होते हुए भी निखिल सौरभ को आगाह करते हुए बोला, ‘‘भाई थोड़ा संभाल कर. अगर चल गई तो हम आए 4 थे लेकिन जाएंगे 3.’’

निखिल की इस बात पर सब हंस पड़े और एकएक कर सब पिस्तौल के साथ अपनी सेल्फी लेने लगे. यह देख कर सूरज बोल पड़ा, ‘‘भाई, सेल्फी क्यों ले रहा है, हम मर गए हैं क्या फोटो खींचने के लिए.’’

यह कहते हुए सूरज ने अपनी जेब से फोन निकाला और निखिल और सौरभ की फोटो खींचने लगा. उस समय तक आशुतोष चुपचाप बैठ कर अपने दोस्तों को फोटो खींचते खिंचवाते हुए देख रहा था.

अचानक से उसे महसूस हुआ कि वो अपने दोस्तों के साथ इस खेल में कहीं पीछे न रह जाए. इसलिए वह भी अपनी जगह से उठा और सूरज के हाथों से पिस्तौल ले कर निखिल पर तान कर खड़ा हो गया.

फोटो खिंचवाने में चली गोली

आशुतोष ने इस पोज में 2-3 फोटो खिंचवाईं और उस ने सूरज के फोन में अपनी खींची हुई फोटो देखीं. वह फोटो उसे कुछ खास पसंद नहीं आईं तो उस ने सौरभ को अपना फोन जेब से निकाल कर दिया और उसे फोटो खींचने के लिए कहा.

सौरभ ने अपने दोस्त की बात न टालते हुए उस के हाथों से फोन लिया और आशुतोष और निखिल की फोटो खींचने लगा.

इस बार जब आशुतोष के हाथों में पिस्तौल थी और सौरभ के हाथों में उस का फोन तो आशुतोष ने सोचा कि क्यों न निखिल को थोड़ा डराया जाए.

यह सोच कर उस ने पिस्तौल के ट्रिगर पर उंगली रख दी, जिसे देख कर निखिल जो कि नशे की हालत में था, अचानक से होश में आ गया. उस के मुंह से निकला ही था कि, ‘‘ये क्या कर रहा है?’’ इतने में आशुतोष से ट्रिगर दब गया.

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