सौजन्य- सत्यकथा
दीपा और शौर्य की भरतपुर की सूर्या सिटी में 7 नवंबर, 2019 को मकान में स्प्रिट से आग लगा कर हत्या कर दी गई थी. दीपा और शौर्य की हत्या का आरोप डा. सुदीप, उस की पत्नी डा. सीमा और मां सुरेखा गुप्ता पर है. इस मामले में उस समय तीनों की ही गिरफ्तारी हुई थी. बाद में पिछले साल यानी 2020 में मई से अगस्त महीने के बीच अलगअलग समय पर जमानत होने पर ये तीनों जेल से बाहर आए थे.
बदला लेने की भावना से डाक्टर दंपति की हत्या किए जाने की आशंका का पता चलने पर पुलिस ने दीपा के भाईबहनों की तलाश शुरू की. इस बीच, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिए. इन फुटेज से पता चला कि डाक्टर दंपति को गोलियां मारने वाला युवक अनुज था. अनुज दीपा का भाई था.
अनुज और उस के साथ बाइक पर आए दूसरे युवक का पता लगाने के लिए पुलिस ने दीपा की बहन राधा को हिरासत में ले कर पूछताछ की. राधा ने ही डेढ़ साल पहले बहन दीपा और भांजे शौर्य की हत्या का मुकदमा पुलिस में दर्ज कराया था. राधा को फुटेज दिखाने पर पता चला कि दूसरा युवक उन का रिश्तेदार महेश है. महेश धौलपुर जिले का रहने वाला था.
दोनों हत्यारों की पहचान हो जाने पर पुलिस ने उन की तलाश शुरू कर दी. उन के भरतपुर या धौलपुर जिले के डांग इलाके में भाग जाने की संभावना थी. दोनों की तलाश में सर्च अभियान चला कर पुलिस की कई टीमें विभिन्न इलाकों में छापे मारने में जुट गईं.
भरतपुर रेंज के आईजी ने भरतपुर व धौलपुर सहित आसपास के जिलों में दोनों आरोपियों की फोटो भेज कर उन की तलाश करने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए. साइबर सेल को भी सक्रिय कर दिया गया.
भरतपुर शहर में विभिन्न मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की मौनिटरिंग वाले अभय कमांड सेंटर से तमाम कैमरों की फुटेज देखी गई, ताकि हत्यारों के भागने की सही दिशा का पता चल सके. लेकिन पुलिस को इस में कामयाबी नहीं मिली.
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दीपा के भाई अनुज का नाम सामने आने पर पुलिस ने उस की कुंडली खंगाली. पता चला कि वह भरतपुर जिले के रुदावल कस्बे में इसी साल 16 मार्च को हुई फायरिंग की घटना में भी शामिल था.
इस वारदात में बदमाशों ने 15-20 राउंड गोलियां चला कर रुदावल कस्बे मे दहशत फैलाई थी. पुलिस ने इस मामले में कुछ बदमाशों को बाद में पकड़ा था, लेकिन अनुज नहीं पकड़ा गया था. पता चला कि वह राजेश उर्फ लल्लू शूटर की गैंग का बदमाश था. राजेश का गैंग लूट और रंगदारी वसूलने के अपराध करती है. अनुज के धौलपुर के कुछ डकैतों से भी संबंध होने का पता चला.
डाक्टर दंपति की हत्या हो गई थी और उन के निजी अस्पताल में उस समय कई मरीज भरती थे. इस बात का पता चलने पर अधिकारियों ने अस्पताल के कर्मचारियों की मदद से उन सभी मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कराया. डा. सुदीप के बाहर रहने वाले एकदो नजदीकी रिश्तेदारों को फोन से सूचना दी गई.
लौकडाउन के दौरान सरेआम दिनदहाड़े डाक्टर दंपति की हत्या होने से पुलिस और सरकार पर सवाल उठने लगे. सवाल उठने का दूसरा कारण यह भी था कि डाक्टर दंपति की हत्या से करीब 17 घंटे पहले ही भरतपुर सांसद रंजीता कोली की गाड़ी पर आधी रात के समय भरतपुर जिले के हलैना इलाके में हमला किया गया था.
सरकार की किरकरी होने पर दूसरे दिन 29 मई को जयपुर से चिकित्सा राज्यमंत्री डा. सुभाष गर्ग और एडीजी (कानून व्यवस्था) सुनील दत्त भरतपुर पहुंच गए. उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली. हालात की समीक्षा कर कानून व्यवस्था की जानकारी ली.
बाद में एसपी देवेंद्र विश्नोई ने डाक्टर दंपति की हत्या के मामले में लापरवाही मानते हुए बीट कांस्टेबल और बीट प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं, चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने सुदीप और सीमा की हत्या को ले कर विवादित बात कही कि हर गलती सजा मांगती है. डाक्टर दंपति ने जो किया, उन्हें उस की सजा मिली. अब इन आरोपियों को भी मिलेगी.
दोपहर बाद पुलिस ने डा. सुदीप और डा. सीमा के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद वह घर वालों को सौंप दिए. डा. सुदीप के दोनों बच्चे नाबालिग होने और मां के कैंसर रोगी होने के कारण बाहर से आई सुदीप की बहन को शव सुपुर्द किए गए. बाद में पुलिस की मौजूदगी में दोनों शवों का एक ही चिता पर सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया.
डाक्टर दंपति के परिवार पर मंडराते खतरे को देखते हुए पुलिस ने उन के मकान और कुछ रिश्तेदारों के आवास पर पहरा लगा दिया. इस बीच, लगातार छापे मारने के बावजूद पुलिस को दूसरे दिन भी दोनों हत्यारों का सुराग नहीं मिला. पुलिस इन के रिश्तेदारों और परिचितों से पूछताछ करती रही और उन के मोबाइल ट्रेस करती रही.
तीसरे दिन 30 मई, 2021 को पुलिस ने इस मामले में भरतपुर के रहने वाले दौलत और धौलपुर जिले के रहने वाले निर्भान सिंह को गिरफ्तार कर लिया. इन में दौलत महेश का जीजा है. उसी ने महेश को वह बाइक दी थी, जिससे डाक्टर दंपति की हत्या की वारदात की गई.
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दौलत पहलवानी करता है और जमीनजायदाद या जेवर गिरवी रख कर ब्याज पर रुपए देने का काम करता है. उस के दोनों कान टूटे हुए हैं. दूसरा आरोपी निर्भान सिंह दौलत का दोस्त था.
इन से पूछताछ में पता चला कि डाक्टर दंपति की हत्या की साजिश दौलत के घर पर ही रची गई थी. इस के लिए दौलत ने महेश को कुछ दिन पहले एक बाइक दे दी थी. महेश ने यह बाइक अनुज को दे दी थी. वारदात के वक्त महेश ही बाइक चला रहा था और अनुज पीछे बैठा था.
पुलिस के लिए अनुज और महेश की गिरफ्तारी ज्यादा बड़ी बात नहीं थी. हालांकि वे दोनों बदमाश थे और अपराधियों के सारे दांवपेच के साथ पुलिस से बचने के रास्ते भी जानते थे. मुख्य बात डाक्टर दंपति की हत्या के कारण का पता लगाना था. यह बात तो सामने आ गई थी कि डा. सुदीप और डा. सीमा की हत्या बदला लेने के लिए की गई थी, लेकिन इस में तात्कालिक कारण क्या रहे?
जांचपड़ताल में डाक्टर दंपति की हत्या का कारण जनचर्चाओं के अनुसार यह उभर कर सामने आया कि डा. सुदीप की प्रेमिका दीपा और उस के बेटे शौर्य की हत्या के केस में गवाही नहीं देने या बयान से मुकरने की बात चल रही थी.
दीपा के परिवार वाले डाक्टर से एक करोड़ रुपए मांग रहे थे और डाक्टर करीब 50 लाख रुपए देने को तैयार था. इसी बात पर दोनों पक्षों में बात नहीं बन रही थी.
दीपा और उस के बेटे शौर्य की हत्या के मामले में डा. सुदीप गुप्ता की जमानत 8 मई, 2020 को और डा. सीमा गुप्ता की 5 अगस्त, 2020 को हो गई थी. डाक्टर की मां सुरेखा भी जून 2020 में जमानत होने के बाद जेल से बाहर आ गई थी. तीनों के जमानत पर छूटने के बाद इस मामले में राजीनामे की बात चल रही थी.
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इस मामले में अदालत में ट्रायल चल रहा था. मृतका दीपा की मां ओमवती, बहन राधा उर्फ राधिका और एक कांस्टेबल की गवाही के लिए सब से पहले 8 दिसंबर, 2020 की तारीख तय थी. इस के बाद इस साल जनवरी, फिर फरवरी, मार्च और 12 मई की तारीख की तय हुई थी, लेकिन इन में से किसी भी तारीख पेशी पर तीनों में से किसी की गवाही नहीं हो सकी.
दीपा के परिवार की ओर से लगातार समझौते का दबाव बनाया जा रहा था. डाक्टर दंपति भी इस केस से किसी तरह अपना पीछा छुड़ाना चाहता था. राजीनामे की बात इस पर अटकी हुई थी कि दीपा का भाई एकमुश्त रकम मांग रहा था और डा. सुदीप हर गवाही पर रकम देना चाहता था, ताकि कोई गड़बड़ न हो.
अगले भाग में पढ़ें- डा. सीमा ने दीपा और उस के बेटे को क्यों जलाया?