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सौजन्य- सत्यकथा

बात 28 मई की है. शाम के करीब पौने 5 बजे का वक्त रहा होगा. राजस्थान के भरतपुर शहर में डा. सुदीप गुप्ता अपनी पत्नी डा. सीमा गुप्ता के साथ कार से कुम्हेर गेट पर जाहरवीर मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे. रोजाना शाम को मंदिर में जा कर दर्शन करना उन की दिनचर्या में शुमार था.

गुप्ता दंपति का शहर में काली की बगीची पर श्रीराम गुप्ता मेमोरियल हौस्पिटल है. इसी हौस्पिटल के ऊपरी हिस्से में वह अपने परिवार के साथ रहते थे. परिवार में डा. सुदीप की मां सुरेखा, पत्नी डा. सीमा और 18 साल का बेटा तथा 15 साल की बेटी थी.

डाक्टर दंपति 5 मिनट पहले ही अपने हौस्पिटल से मंदिर के लिए रवाना हुए थे. कार डा. सुदीप चला रहे थे. डा. सीमा उन के साथ आगे की सीट पर बैठी हुई थी. वह घर से करीब 750 मीटर दूर ही पहुंचे थे कि सरकुलर रोड पर नीम दा गेट के पास पीछे से आए एक मोटरसाइकिल पर सवार 2 युवकों ने साइड से ओवरटेक कर अपनी बाइक उन की कार के आगे लगा दी.

सड़क के बीच बाइक रुकने से डा. सुदीप ने फुरती से कार के ब्रेक लगाए. सुदीप कुछ समझ पाते, इस से पहले ही बाइक से उतर कर दोनों युवक कार की ड्राइविंग साइड में डा. सुदीप की तरफ आए. इन में एक युवक ने लाल कपड़े से अपना मुंह ढक रखा था और दूसरे युवक ने न तो मास्क लगाया हुआ था और न ही हेलमेट पहना हुआ था.

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