वीरेंद्र की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार हमलावरों द्वारा उस पर नजदीक से 3 गोलियां दागी गई थीं, जिस में 2 सिर में फंसी हुई थीं, जबकि एक गोली सिर को भेदती हुई पार निकल गई थी.
वारदात में जुड़ा एक गैंगस्टर का नाम लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डी.के. ठाकुर ने इस वारदात को गंभीरता से ले कर मामले की गहन तहकीकात के सख्त आदेश दिए. कारण मामले में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी और रेलवे के ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या के साथ एक गैंगस्टर का नाम भी जुड़ गया था. वह गैंग बिहार के पूर्व दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन का था.
जांचपड़ताल आगे बढ़ाने के लिए लखनऊ पुलिस ने एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीम को बिहार भेज दिया. जांच टीम ने प्रारंभिक जांच में पाया कि वीरेंद्र ठाकुर को लोग गोरख ठाकुर के नाम से जानते थे. वह मूलत: पश्चिमी चंपारण में बेतिया जिले के नरकटियागंज का रहने वाला था.
लखनऊ आने से पहले वह पीडब्ल्यूडी विभाग की ठेकेदारी के धंधे में ही था. इस पेशे में उस ने अगर अच्छा पैसा कमा कर रुतबा कायम कर लिया था, तो रंजिश के चलते कई विरोधी बना लिए थे, जो दुश्मन बन चुके थे.दुश्मनी इस कदर बढ़ गई थी कि गोरख ठाकुर उर्फ वीरेंद्र ठाकुर ने साल 2012 में बिहार छोड़ दिया था. वह सपरिवार लखनऊ आ कर बस गया था. परिवार में उस की पत्नी प्रियंका ठाकुर और उन के बच्चे थे. बिहार छोड़ने के पीछे ठेके में हुए विवाद को कारण बताया जाता है.
लखनऊ में उसे बिहार के ही इकरामुद्दीन खां का सहयोग मिला. वह उस का पूर्व परिचित था. उस की मदद से पीडब्लूडी और दूसरे सरकारी विभागों का ठेका ले कर लखनऊ में काम करने लगा, किंतु नाम बदल कर वीरेंद्र ठाकुर कर लिया. इकरामुद्दीन की ही बेटी खुशबून तारा है.दरअसल, पत्नी प्रियंका के रहते हुए वीरेंद्र ने खुशबून तारा से प्रेम संबंध कायम कर लिए थे. इस की जानकारी खुशबून के पिता को भी थी.
वीरेंद्र के साथ ठेकेदरी में सहयोगी संबंध होने के कारण भी इकरामुद्दीन ने अपनी बेटी का अधिक विरोध नहीं जता पाया और न ही वीरेंद्र की मुखालफत की.
वीरेंद्र ने खुशबून तारा से विवाह रचा लिया था. इस तरह एक म्यान में 2 तलवारों जैसी स्थिति में प्रियंका और खुशबून रहने को मजबूर थीं. नतीजा आए दिन उन के बीच कलह होने लगी थी. एक तरफ पति और उस की संपत्ति पर हक जताने को ले कर घरेलू लड़ाईझगड़े आम बात थी तो दूसरी तरफ वीरेंद्र के दुश्मन भी बाहर से आक्रामक बने हुए थे.
आरोपियों की धरपकड़ के लिए एसटीएफ के एडीजी अभिताश यश ने नरकटियागंज में डेरा डाल दिया था. उन्हें जांच में पता चला कि घटना के कुछ रोज पहले वीरेंद्र और खुशबून तारा के साथ लड़ाईझगड़े से ऊब कर प्रियंका अपने बच्चों को छोड़ कर मायके (बिहार) आ गई थी. प्रियंका का पूर्व प्रेमी आया सामने
प्रियंका की जिंदगी भी कुछ कम उलझी हुई और जिल्लत भरी नहीं थी. उस का भी एक प्रेमी कमलेश उर्फ बिट्टू जायसवाल है. वह उसी के शहर का रहने वाला है. वीरेंद्र से झगड़े का दुखड़ा प्रियंका ने पूर्व प्रेमी को सुनाया और मदद मांगी.बिट्टू ने प्रियंका की समस्या का समाधान करने के लिए फिरदौस से मुलाकात करवाई, जो उन दिनों एक हत्या के मामले में फरार चल रहा था. वीरेंद्र के द्वारा आए दिन उत्पीड़न करने की जानकारी उसे पहले से थी.
फिरदौस के सिर पर शहाबुद्दीन का हाथ था. यही नहीं, वह ऐसा व्यक्ति था, जिसे वीरेंद्र की अधिकतर आदतों और गतिविधियों की जानकारी थी. यहां तक कि वीरेंद्र के मकान का मेन डोर खोलने और भीतर के पूरे लोकेशन को वह जानता था. 27 जून, 2022 की सुबह जांच टीम बिहार पहुंचने के बाद हत्या में नामजद आरोपियों की तलाश में जुट गई थी. आरोपियों की काल डिटेल्स के आधार पर सर्विलांस टीम को महत्त्वपूर्ण जानकारी मिली. यह जानकारी बिहार में डेरा डाले एसटीएफ के एडीजी को भेज दी.
उस जानकारी के आधार पर बिहार में मौजूद लखनऊ पुलिस की टीम ने मंजर इकबाल, सरफराज अहमद, कासिफ और अली हसन को गिरफ्तार कर लिया. वे सभी फिरदौस के संपर्क में रहने वाले लोग थे. हालांकि कई बार प्रियंका के घर पर दबिश के बावजूद वह पकड़ में नहीं आ पाई थी.पकड़े गए लोगों से पूछताछ में प्रियंका का भी चौंकाने वाला राज खुला. उन से ही प्रियंका से विवाह रचाने और फिर खुशबून तारा से संपर्क में आने की कहानी सामने आई. इस के अलावा फिरदौस से उस की दुश्मनी के बारे में भी कई राज खुले.
वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर के साथ प्रियंका, फिरदौस और बिट्टू की कहानी काफी घुलीमिली थी, जिस में दोस्ती और प्रेम कम कड़वाहटें, झांसेबाजी और अदावतें भरी थीं.पूछताछ में सब से बड़ा खुलासा प्रियंका को ले कर हुआ, जिस ने अपने पति वीरेंद्र की हत्या की सुपारी दी थी. तफ्तीश और अभियुक्तों से की गई पूछताछ के बाद वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की जो कहानी सामने आई, बड़ी दिलचस्प निकली—
वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर की पहचान पूर्वी चंपारण इलाके में एक अच्छे ठेकेदार की थी. वह साल 2008 से ही पीडब्लूडी के करोड़ों रुपयों के ठेके लिया करता था. उस की पहली पत्नी प्रियंका और बिट्टू जायसवाल भी नरकटियांगंज के ही रहने वाले हैं.
वीरेंद्र की फिरदौस के साथ भी दोस्ती थी. उस के साथ बरौली बिरवा में खुशबून तारा के पिता इकरामुद्दीन के यहां ठेकेदारी के सिलसिले में आताजाता रहता था. वहीं खुशबून से भी उस की मुलाकात हो जाती थी. फिरदौस दूर के रिश्ते में खुशबून का भाई लगता था.
खुद वीरेंद्र एक वांटेड अपराधी था. बिहार के विभिन्न थानों में उस के खिलाफ 23 मुकदमे दर्ज थे. यही वजह थी कि वीरेंद्र के कई सारे दुश्मन भी थे, जिस में से एक उस की पत्नी प्रियंका की शादी से भी जुड़ा था. वीरेंद्र ठाकुर ने प्रियंका से शादी भी उस के प्रेमी कमलेश जायसवाल उर्फ बिट्टू को धोखा दे कर जबरन की थी.दरअसल, प्रियंका कमलेश जायसवाल उर्फ बिट्टू से प्यार करती थी. वे दोनों साथ रहने के लिए घर से भाग कर वीरेंद्र की शरण में आए थे. यह बात साल 2011 की है.