लखनऊ में थाना कैंट के प्रभारी शिवचरण लाल यादव 25 जून, 2022 को नीलमथा इलाके में एक दिव्यांग व्यक्ति वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की सूचना पा कर चौंक गए थे. उन के चौंकने का कारण भी स्वाभाविक था, क्योंकि 42 वर्षीय वीरेंद्र और उस के परिवार की सुरक्षा में 3-3 गार्डों की तैनाती के बावजूद उस की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हत्यारों ने गार्ड समेत परिवार के सभी सदस्यों को बंधक बना दिया था.
थानाप्रभारी यादव ने इस घटना की सूचना तुरंत एसीपी अर्चना सिंह को दी और अपने सहयोगी एसआई इरशाद आलम, अख्तर अहमद, उमेश यादव और एक महिला सिपाही पूजा सिंह को साथ ले कर घटनास्थल पर पहुंच गए. कुछ समय में ही अर्चना सिंह, डीसीपी (ईस्ट) प्राची सिंह और एडिशनल डीसीपी कासिम आबिदी भी घटनास्थल पर आ गए.
जांचपड़ताल के दौरान पुलिस ने पाया कि हमलावर पुलिस जैसी वरदी पहन कर आए थे. वे हरे रंग की कैप लगाए हुए थे, जबकि चेहरे पर नकाब था.इन अधिकारियों को निरीक्षण में पता चला कि हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद घर के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों की डिजिटल वीडियो रिकौर्डर (डीवीआर) को खोल कर ले गए थे.
सभी पुलिस अधिकारियों ने आपसी विचारविमर्श के बाद हत्याकांड संबंधी कुछ बिंदुओं पर गहन तहकीकात करने का निर्णय लिया. साथ ही यह अनुमान लगाया गया कि दिव्यांग ठेकेदार की हत्या निश्चित तौर पर आपसी दुश्मनी का नतीजा है.
घटना में पुलिस का शक वीरेंद्र की पहली पत्नी पर गया,
जो उस समय वहां नहीं थी. जबकि बंधक बनाए गए परिवार के सदस्यों में उन के 3 बच्चे और वीरेंद्र की दूसरी बीवी खुशबून तारा मौजूद थी. उस ने घटना के बारे में बताया कि दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब की जब वह किचन में आई, तब किसी ने दरवाजा खटखटाया. उस वक्त घर के हाल में सोफे पर बैठे 3 में एक गार्ड ने पूछा, ‘‘कौन है?’’
‘‘पुलिस!’’ बाहर से आवाज आई, जो एक कमरे में बैठे वीरेंद्र ठाकुर ने भी सुनी. उन्होंने गार्ड से कहा, ‘‘देखो कोई पुलिस वाला है? पूछो, क्या बात है.’’‘‘जी, अभी देखता हूं.’’ कहता हुआ गार्ड दरवाजे तक जाने के लिए आगे बढ़ा और दरवाजे की कुंडी खोलने से पहले पूछा, ‘‘कहां की पुलिस हो?’’
‘‘लोकल, दरवाजा खोलो. वीरेंद्र ठाकुर से कुछ पूछताछ करनी है,’’ बाहर से
आवाज आई.गार्ड ने दरवाजा खोल दिया. दरवाजा खुलते ही हथियारों से लैस पुलिस की वरदी पहने 3 व्यक्ति घर में दनदनाते हुए घुस आए. वे चौड़ा मास्क लगाए और टोपी पहने हुए थे. चेहरा पहचानना मुश्किल था.
पुलिस वरदी में आए थे हत्यारे पुलिस वालों को आया देख खुशबून तारा तब तक किचन से बाहर बड़े हाल में आ गई थी, एक ने उन्हें दबोच कर मुंह दबा दिया. बाकी ने तुरंत असलहा निकाल कर गार्डों पर तान दिए. उन के मोबाइल छीन लिए और खुशबून तारा समेत सभी गार्डों को साथ लगे एक कमरे में बंद कर दिया.
वहां पहले से ही 2 बच्चे हर्ष व ऋषि पढ़ाई कर रहे थे. उस के बाद वे सीधे वीरेंद्र के कमरे में घुस गए. खुशबून तारा ने पुलिस को यह भी बताया कि उन के तीनों सुरक्षागार्ड भी वरदीधारी हमलावरों के सामने कुछ नहीं कर पाए.
वीरेंद्र की हत्या की खबर पा कर लल्लन ठाकुर भागेभागे घटनास्थल पर पहुंचे. इस से पहले खुशबून तारा की तहरीर पर थानाप्रभारी कैंट शिवचरन लाल यादव ने प्राथमिकी दर्ज कर ली. उस में वीरेंद्र की हत्या का आरोप उस की पहली पत्नी प्रियंका और उस के प्रेमी कमलेश उर्फ बिट्टू जायसवाल समेत बिहार के पूर्व सांसद मरहूम शहाबुद्दीन के शूटर फिरदौस पर लगाया. उन के खिलाफ भादंवि की धारा 342, 452, 302 के अंतर्गत 25 जून, 2022 को मुकदमा दर्ज किया गया.
गोलीकांड के बाद वीरेंद्र के घर में लगे 4 सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर गायब होने के कारण हमलावरों के चेहरे की पहचान नहीं हो पाई. पुलिस को सिर्फ हमले से पहले वीरेंद्र के घर के बाहर गली में 12 बजे के करीब एक कार खड़ी दिखी. कार में सवार 4 लोग गली में जाते हुए दिखे, जो कुछ देर बाद वापस लौट आए थे. उस के कुछ समय बाद ही वारदात को अंजाम दिए जाने का अनुमान लगाया गया.