बौलीवुड की चर्चित गायिका तुलसी कुमार की परवरिश संगीत के माहौल में ही हुई है. उनके पिता स्व. गुलशन कुमार मशहूर म्यूजिक कंपनी ‘‘टी सीरीज’’ के मालिक थे और अब उनका भाई भूषण कुमार टी सीरीज के कर्ताधर्ता हैं. तुलसी कुमार जब छह वर्ष की थी, तभी से उनके पिता ने उन्हें संगीत की तालीम दिलानी शुरू कर दी थी. जब वह 12 वर्ष की थी, तब उनके पिता गुलशन कुमार इस दुनिया से चले गए. पर उसके बाद उनकी मां व भाई उनके साथ खड़े रहे.

तुलसी कुमार ने 2006 में फिल्म ‘‘चुप चुप के’’ में हिमेश रेशमियां के संगीत निर्देशन में सोनू निगम के साथ ‘मौसम है बड़ा कातिल’ गाकर पाश्र्वसंगीत के क्षेत्र मंे कदम रखा था. तब से अब तक ‘हमको दीवाना कर गए’, ‘कर्ज’, ‘जय वीरू’, ‘पाठषाला’,‘रेडी’,‘दबंग 2’, ‘आशिकी 2’,,‘साहो’ व ‘बागी 3’ सहित कई फिल्मों में पाश्र्वगायन कर चुकी हैं. तो वहीं ‘राधे श्याम’,‘मैनूं इश्क दा लागा रोग’,‘तेरे नाल’,‘मैं जिस दिन भुला दूं’ सहित कई रोमांटिक सिंगल गीत भी गाए हैं.

इन दिनों वह सिंगल गीत ‘जो मुझे दीवाना कर दे’’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसके म्यूजिक वीडियो में तुलसी कुमार ने पहली बार डांस किया है.

आपको संगीत की अच्छी समझ है. संगीत की समझ के लिए कुछ लोग ट्रेनिंग, कुछ लोग घर के माहौल और कुछ लोग ईश्वर की देन मानते हैं. आप खुद क्या मानती हैं?

-मेरी राय में संगीत में पारंगत होने के लिए ट्रेनिंग, घर का माहौल और ईश्वर की देन तीनों का होना आवश्यक है. इंसान को संगीत ईश्वर की देन हो, उसके साथ ही सही ट्रेनिंग मिल जाए और इंसान सही माहौल में अपने आपको रखता है. यह सब एक कलाकार के निर्माण में काफी मददगार होता है. मेरे घर पर संगीत का माहौल सदा से रहा है. मैने बचपन से संगीत सुना है. मेरे पापा घर पर संगीत सुना करते थे. फिर चाहे वह फिल्म ‘आशिकी,‘ दिल है कि मानता नही’ हो. बचपन से संगीत सुनती आ रही हॅूं.

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