कॉलेज के दिनों में पॉकेट मनी के लिए मॉडलिंग की शुरूआत करने वाली ईशा कोप्पीकर आज की तारीख में मशहूर मॉडल, अभिनेत्री, बिजनेस वुमन व पोलीटीशियन हैं. वह सिर्फ हिंदी फिल्मों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि दक्षिण भारत की फिल्मों में भी व्यस्त हैं. इतना ही नहीं ईशा कोप्पीकर की दक्षिण भाषी कई फिल्मों का बाद में हिंदी में रीमेके हुआ, जिसमें दूसरे कलाकारों ने अभिनय किया.
प्रस्तुत है ईशा कोप्पीकर से हुई बातचीत के खास अंश....
आप अभिनेत्री, मॉडल, पोलीटीशियन, अंत्रापन्योर, पत्नी व एक बेटी की मां हैं. इन सभी रूपों का निर्वाह आप कैसे करती हैं?
-मुझे कई बार लगता है कि एक दिन में सिर्फ 24 घंटे ही क्यों होते हैं. यदि कुछ ज्यादा घंटे होते तो मैं कुछ और भी कर लेती. लेकिन हर वक्त हर काम नही किया जाता. आपने मेरे कई रोल गिना दिए. मगर हर वक्त की अपनी प्राथमिकता होती है. मेरी राय में हर औरत का मां बनना जरुरी होता है. फिर काम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. जब काम आपके दरवाजे पर दस्तक देता है, तब वह महत्वपूर्ण हो जाता है.
जहां तक राजनीति से जुड़ने का सवाल हे तो बचपन से मेरे माता पिता ने मेरे अंदर लोगों की मदद करने की आदत डाली है. तो चाहूं या न चाहूं, जब भी कोई मदद मांगने आता है, तो उसकी मदद करने की हम पूरी कोशिश करते हैं.
मदद सिर्फ आर्थिक ही नहीं होती? कई तरह की मदद होती है.इसके लिए मुझे अथॉरिटी से संपर्क करने व उनसे लोगों का काम करवाने के लिए एक राह चाहिए थी. मेरी समझ में आया कि राजनीति से जुड़कर काम करें, तो आसान हो जाता है. अथॉरिटी हर जगह मायने रखती है. इसीलिए राजनीति से जुड़ी अन्यथा राजनीति का हिस्सा न बनती. तो फिलहाल मैं भारतीय जनता पार्टी की ट्रांसपोर्ट विंग की अध्यक्ष हूं.