नेपाल में भारत की फिल्में खूब देखी जाती हैं. वहां नेपाली फिल्मों में काम करने वाले बहुत सारे कलाकार अब भोजपुरी फिल्मों में ऐक्टिंग करने लगे हैं. ऐसे में भोजपुरी फिल्मों को नेपाल में अलग बाजार मिलने लगा है. नेपाल के वीरगंज जिले की रहने वाली प्रीना तिवारी नेपाल की राजधानी काठमांडू में रहते हुए अपनी पढ़ाई के साथसाथ ऐक्टिंग भी कर रही हैं. कालेज के समय ही प्रीना तिवारी ने ‘मिस ग्लोबल इंटरनैशनल प्रतियोगिता’ में हिस्सा लिया था और ‘रनरअप’ का खिताब जीता था.

प्रीना तिवारी को मौडलिंग के बजाय ऐक्टिंग में दिलचस्पी थी, इसलिए उन्होंने नेपाली और भोजपुरी फिल्मों में काम को प्राथमिकता दी. ‘शिवचर्चा’, ‘दिलदार सजना’, ‘दुलहन हम ले जाएंगे’, ‘जय मां थावेली’, ‘टीम-4’ और ‘छोरी’ फिल्मों में अपनी अदाकारी दिखाई.

पेश हैं, प्रीना तिवारी के साथ की गई एक लंबी बातचीत के खास अंश:

नेपाली फिल्मों के साथ भोजपुरी फिल्मों का सिलसिला कैसे शुरू किया?

 नेपाल में बनने वाली फिल्मों का बाजार हिंदी और भोजपुरी फिल्मों के मुकाबले छोटा है. मुझे बचपन से ही ऐक्टिंग का शौक रहा है. मैं अपने को ऐक्टिंग के बडे़ कैनवास पर देखना चाहती थी. ऐसे में मेरे लिए जरूरी था कि हिंदी और भोजपुरी फिल्मों की तरफ कदम बढ़ाया जाए. नेपाल में दोनों ही तरह की फिल्में खूब देखी जाती हैं. हमारे दोनों ही देशों की कला और संस्कृति एकजैसी हैं. ऐसे में मुझे यहां काम करने में कोई परेशानी नहीं हुई.

क्या नेपाल में लड़कियों को परिवार वालों की तरफ से फिल्मों में काम करने का समर्थन कम मिलता है?

 नेपाल में अभी भी लड़कियों और औरतों को ले कर पुरानी सोच कायम है. इस के बाद भी बहुत सारे परिवारों में बदलाव हो रहा है. नेपाली फिल्मों में बहुत सारी लड़कियां काम कर रही हैं.

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