कामेडी सीरियल ‘भाभी जी घर पर है‘ में अलग अलग तरह के कैरेक्टर निभा रही पल्लवी कोली कभी कल्लों बनती है तो कभी एयर होस्टेस. कभी वह टीका मलखान की प्रेमिका बनती है तो कभी गंवार दिखने वाली लडकी का किरदार निभाती है. पल्लवी को देखने से यह नहीं लगता कि वह दो बच्चों की मां है. उसके अपने कैरियर की शुरूआत भोजपुरी फिल्मों और हिन्दी सीरियलो से कीं. उसको असल पहचान ‘भाभी जी घर पर है’ से मिली आज वह सेलेब्रटी बन चुकी है. इसका पूरा श्रेय वह अपने पति और सास को देती है. पल्लवी कहती है कि ‘मेरी कम उम्र में शादी हो चुकी थी. मुझे बहुत कुछ पता नहीं था. मेरी सास ने मुझे कपडे पहनना फैशन से रहना सिखाया. जब मैं शुटिंग पर रहती हूं तो मेरे बच्चो को उन्होने संभाला.

अपने बचपन के विषय में पल्लवी कहती है ‘मैं कक्षा 10 में थी तब मेरे माता पिता दोनो का एक्सीडेंट हुआ. पढने में मन नहीं लगता था. हमेशा रोती रहती थी. मैं अपने मातापिता की अकेली लडकी थी. उनके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं थी. मेरे नाना और मामा ने मुझे बाद में अपने साथ रखा. वह लोग भी मेरी हालत देखकर परेशान थे मुझे पढाई के साथ पेंटिग, सिलाई, कढाई का बहुत शौक था यह सब बंद हो गया था. मेरी हालत देखकर परिवार वालों को लगा कि इसकी शादी कर दो, फिर मेरी शादी हो गई. मुझे सास ने बहुत संभाला वह मेरी दोस्त सी बन गई.

वह कहती हैं मै हमेशा फ्रेश दिखना चाहती हूं खुश रहती हूं. आज के दौर में दर्शक अपने कलाकार को हमेशा फ्रेंश लुक में देखना पसंद करते है. मै वैसी ही दिखना पंसद करती हूं. हर तरह के फैशन के कपडे पहनती हूं, सभी से अचछा व्यवहार करती हूं, मेरे साथी कलाकार इस बात से खुश रहते हैं कि मैं घर से आती हूं, तो टिफिन लेकर आती हूं. मुझे देखकर कई लोगों को यह नहीं लगता कि मैं दो बच्चों की मां हूं. मैने खुद को फिट कर रखा है मुझे कपडो से अधिक कास्मेटिक और सैण्डल का बहुत शौक है. इसके साथ मैं आज भी पेंटिग बनाने का शैाक रखती हूं. समय मिलने पर घर परिवार का पूरा ख्याल रखती हूं. सही मायनों में मेहनत का असर दिखने लगा है. अब कई जगहों पर मुझे स्टार की तरह बुलाया जाता है. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर मै गई वहां के लोगों का स्वागत देख कर बहुत अच्छा लगा मुझे घूमने का शौक था, वह अब पूरा हो रहा है. मैं अपने दर्शको की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरी उतरना चाहती हूं.

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