शुरू से ही थिएटर में रूचि होने के बावजूद न्यूयौर्क में ‘‘लेहमेन ब्रदर्स’’ कंपनी में रिसर्च एनालिस्ट की नौकरी करते हुए न्यूयार्क में थिएटर करते रहे मुकुल चड्डा के अपने वतन के प्रति प्यार ने अंततः उन्हें भारत वापस आने पर मजबूर कर दिया. मुंबई वापस आने के मुकुल चड्डा पिछले दस वर्षों से इम्प्रा थिएटर के साथ ही फिल्मों में अभिनय करते आ रहे हैं. अब मुकुल चड्डा वेब सीरीज ‘‘द आफिस’’ में गौहर खान के साथ जगदीप चड्डा के किरदार में नजर आ रहे हैं. जो कि अमरीकन सीरीज ‘‘द आफिस’’ का भारतीय संस्करण है. ज्ञातव्य है कि यह अमरीकन सीरीज बहुत लोकप्रिय है और भारत में उसका यह दसवां अंतरराष्ट्रीयकरण है. अमरीकन वेब सीरीज ‘‘द आफिस’’ में माइकल स्कौट के किरदार को गोल्डन ग्लोब अवार्ड विजेता अमरीकन अभिनेता स्टीव कैरेल ने निभाया था.

थिएटर की तरफ रूझान होते हुए भी एमबीए कर न्यूयार्क में नौकरी करने के पीछे क्या सोच थी?

थिएटर का शौक तो स्कूल दिनों से ही था. स्कूल में भी मैंने नाटक किए, पर मुझे लगता है कि उन दिनों एक्टिंग को करियर औप्शन के रूप में बच्चे नहीं देखते थे. स्कूल कौलेज में लोग शौकिया नाटक किया करते थे, तो मैं भी नाटकों में अभिनय कर रहा था. पर मैं पढ़ाई में तेज था. पढ़ाई पर ही ज्यादा ध्यान था. शौक के चलते मैंने स्कूल व कौलेज में जमकर नाटक किया. वैसे मुझे मैथ्स पढ़ने का भी बहुत शौक था. फायनेंस में दिलचस्पी थी, तो उसी में एमबीए कर लिया. हां! जब मैं न्यूयौर्क में नौकरी कर रहा था, तो कुछ दिनों के बाद उस नौकरी में मजा नहीं आ रहा था. इसके अलावा मैं भारत वापस आना चाह रहा था. न्यूयार्क में रहते हुए हमने नौकरी के साथ साथ शनिवार व रविवार नाटक करना शुरू कर दिया. हमने अपने कुछ सहकर्मियों के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाया और पहला नाटक किया ‘हाय वदन’, जिसमें मैंने देवदत्त का किरदार निभाया था. हम हर साल एक नाटक किया करते थे. फिर जब नौकरी में यात्राएं बढ़ गयी, तो नाटक करना संभव नहीं हो पा रहा था. फिर मैंने न्यूयौर्क के एक एक्टिंग स्कूल में एक्टिंग की क्लास लेना शुरू कर दिया. फिर वहां मन उब गया, तो भारत आ गया. उस वक्त तक मैंने सोचा नहीं था कि यहां आकर क्या करना है. तो मैंने सोचा कि एक दो साल कुछ लिखता हूं, नाटकों में अभिनय करता हूं. फिर सोचूगा कि कहां नौकरी की जाए. मैंने कई लघु कहानियां लिख रखी हैं. कुछ कहानियां अभी अधूरी पड़ी हुई हैं. जब मैं अमरीका में रह रहा था, तो उस वक्त भी मैं कौफी शौप वगैरह में बैठकर कहानी लिखा करता था. कई बार तो ऐसा हुआ कि लिखने का मौका नही मिल रहा था, तो फ्रस्टेशन भी आया. मुंबई आने के बाद लगातार दो साल तक नाटकों में अभिनय करता रहा. नाटकों में अभिनय करते हुए मजा आ रहा था. थिएटर करते करते ही मुझे 2006 में एड करने के मौके मिल गए. वास्तव में मैंने एक अंग्रेजी नाटक का हिंदी अनुवाद किया था, जिसे देखने के लिए रोहन सिप्पी आए थे. वह उन दिनों अंडे पर एक एड फिल्म बना रहे थे. यह महज इत्तेफाक है कि मेरी वेब सीरीज‘‘द औफिस’’ के 6 एपीसोड उन्होंने निर्देशित किए हैं. मैने रोहन सिप्पी को याद भी दिलाया कि आपने ही मुझे पहला ब्रेक दिलाया था. उसके बाद मैने कई एड फिल्में की.

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