टोनही प्रथा का बन गया “गढ़”

छत्तीसगढ़ की सामाजिक बुराइयों में, सबसे बड़ी चुनौती है यहां की टोनही प्रथा. प्रदेश के गांवों में आज भी अक्सर किसी भी महिला को टोनही कह कर अपमानित करना, उसे नग्न करके गांव में घुमाना और सामूहिक रूप से मार डालना, आम बात है.

आज जब दुनिया विज्ञान और विकास के पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है ऐसे में छत्तीसगढ़ की यह वीभत्स सामाजिक बुराई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और ना ही इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. यही कारण है कि आए दिन महिलाओं के साथ अत्याचार शोषण का यह टोनही प्रथा का खेल  बदस्तूर चल रहा है. इस संदर्भ में जहां सरकार ने एक छोटा सा कानून बना करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है. वही सामाजिक चेतना प्रसारित करने वाले किसी व्यक्ति अथवा संस्था का नाम भी सुनाई नहीं देता. परिणाम यह है कि छत्तीसगढ़ में आए दिन महिलाओं को तंत्र मंत्र करने वाली कह कर प्रताड़ना का दौर बदस्तूर जारी है.

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हाल ही में छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर कोरबा जिसे एशिया के मानचित्र पर अंकित बताते हुए गर्व किया जाता है में एक मामला चर्चा का विषय बन गया. यहां एक व्यक्ति ने टोनही कह कर एक महिला को खूब प्रताड़ित किया और जब मामला थाने पहुंचा तो पुलिस ने भी मानो हाथ खड़े कर लिए परिणाम स्वरूप उस शख्स को एक तरह से संरक्षण मिल गया. वह पुनः महिला को प्रताड़ित करने लगा. जब मामला सुर्खियों में आया तब पुलिस को होश आया और पुलिस ने उक्त व्यक्ति को ढूंढना शुरू किया. यह एक नजीर हमें बताती है कि किस तरह छत्तीसगढ़ में तंत्र मंत्र के नाम पर महिलाओं के साथ अत्याचार की इंतेहा हो चली है और शासन-प्रशासन कुंभकर्णी नींद में है.

यह है संपूर्ण मामला

अखबारों में  यह समाचार सुर्खियां बना —

“टोनही प्रताड़ना के मामले में फरार आरोपी बैगा राम सजीवन साहू, गिरफ्तार, रिमांड पर जेल दाखिल!”

जिसमें नीचे विस्तृत रूप से बताया गया  सारा संक्षिप्त यह कि-

टोनही प्रताड़ना के मामले में 12 दिनों तक फरारी काट रहे मुख्य बैगा राम सजीवन पिता राम सहाई साहु उम्र 54 वर्ष साकिन फुलसर पुलिस चौकी कोरबी के प्रभारी प्रेमनाथ बघेल के द्वारा लगातार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। महिला को टोनही कह प्रताड़ित करने के आरोपी राम सजीवन के द्वारा अग्रिम जमानत पाने के लिए लगातार न्यायालय में आवेदन की प्रस्तुत किया गया था लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने आवेदन को खारिज कर दिया था.

तत्पश्चात आरोपी ने थक हार कर दिनांक 8 सितंबर मंगलवार को पुलिस चौकी में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया.

इस संपूर्ण घटनाक्रम को जानकर आप सहज ही अंदाज लगा सकते हैं कि छत्तीसगढ़ शासन पुलिस प्रशासन किस तरह महिलाओं के अत्याचार के संदर्भ में गंभीर है. गांव में कई तरीके से लोग महिलाओं को टोनही कह कर प्रताड़ित करते जाते हैं और पुलिस में शिकायत होने के बाद भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं करती और वह बड़े ही शान के साथ न्यायालय पहुंच जाते हैं यह तो शुक्र है कि न्यायालय में जमानत नहीं मिली अन्यथा यह घटना कहां जाकर पहुंचती आप अंदाजा लगा सकते हैं.

पुलिस इस संपूर्ण घटनाक्रम में यह बताते हुए बड़ा ही फक्र महसूस करती है और संवाददाताओं को बताती है-

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“इस मामले में पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा, के निर्देशन एवं एसडीओपी कटघोरा पंकज पटेल के मार्गदर्शन में विधिवत कार्रवाई करते हुए धारा 294, 506, 34 आईपीसी, 4, 5, 6, टोनही प्रताड़ना अधिनियम 2005 के तहत गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल दाखिल कराया गया.”

महिलाओं की यही नियति बनी

यहां यह भी आपको बताते चलें कि कोरबा जिला में इसी तरीके के अन्य  तीन प्रकरणों में भी हीला हवाली करती रही और जब पानी सर से गुजरने लगा तब जाकर पुलिस ने कार्रवाई की दरअसल पुलिस उन्हीं मामलों में दिलचस्पी लेती है जिनमें उनके पैसों का खेल होता है अन्य अन्यथा वह यह सब टालती रहती है. मामला जब सुर्ख़ियों में आता है तब पुलिस कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाती है यहां भी यही हुआ.

पूर्व के तीन टोनही प्रताड़ना के मुख्य आरोपियों को दिनांक 28 अगस्त 2020 को गिरफ्तार कर रिमांड पर  जेल दाखिल कराया गया.

इस मामले का तथ्य यह है कि   हरिनाथ साहु पिता बंधु साहु, ने स्थानीय पुलिस चौकी में सूचना दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी को उसके दो सगे भाई एवं भतीजे ने मिलकर   टोनही प्रताड़ना का आरोप लगाकर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक मंदिर में गांव के सरपंच पति एवं एक जनपद सदस्य के कहने पर टोनही होने का सच्चाई जानने एवं देखने के लिए ले जाया गया था. जिसके पश्चात पुलिस के द्वारा  कार्यवाही करते हुए राम लखन, हीरालाल, एवं अजय साहु को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील गणपति पटेल बताते हैं कि यह टोनही प्रथा को रोकने के लिए सरकार द्वारा तो टोनही अधिनियम बनाया गया है मगर इसका परिपालन जिस कठोरता से प्रशासन को कराना  चाहिए नहीं किया जा रहा वहीं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ जी.आर. पंजवानी के अनुसार देखा गया है छत्तीसगढ़ के गांव में रूढ़िवादिता हावी है वहीं दुश्मनी, वैमनस्य निकालने के लिए महिलाओं पर तंत्र मंत्र करके काला जादू फैलाने वाली टोनही का आरोप लगा  दिया जाता है.

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