कुछ लोगों की कामयाबी की दास्तान जिम की दीवारों पर चस्पां होती हैं. अब से कई साल पहले तक भारतीय जिमों में विदेशी बॉडी बिल्डरों के फोटो लगे होते थे, पर अब बहुत से कामयाब भारतीय पेशेवर बाडी बिल्डर भी जिम की दीवारों की शोभा बढ़ाते हैं.
फरीदाबाद के सैक्टर 31 में बने 'द्रोणाचार्य जिम' में ऐसे ही एक इंटरनैशनल खिलाड़ी के कारनामों से वहां की दीवारें अटी पड़ी हैं, जिस ने विदेशी धरती पर भारतीय तिरंगा शान से लहराया है. नाम है भीम सिंह और खेल है पावर लिफ्टिंग.
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अपने नाम की तरह ताकत के पावर हाउस भीम सिंह का पावर लिफ्टर बनने का सपना आसान नहीं रहा है. दिल्ली के असोला फतेहपुर बेरी गांव के गुर्जर समाज के भीम सिंह के पिता तेजपाल 2 एकड़ जमीन के मालिक हैं, किसान हैं.
अपने पावर लिफ्टर बनने के बारे में भीम सिंह ने बताया, "मेरे बड़े भाई अभय सिंह दिल्ली के सिरीफोर्ट जिम में काम करते थे. जब साल 2009 में मैं ने 12वीं जमात पास की थी, तो वे मुझे अपने जिम में ले गए थे, ताकि ट्रेनिंग ले सकूं और बाद किसी जिम में ही नौकरी मिल जाए.
"वहां मैं ने अभी 2-3 महीने की ट्रेनिंग की थी कि वहीं मेरे बड़े भाई जैसे बलविंदर आते थे, जो पावर लिफ्टिंग में कामनवैल्थ और वर्ल्ड चैंपियन हैं, के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिला. तब मुझे पावर लिफ्टिंग के बारे में कुछ नहीं पता था. चूंकि वे इसी की ट्रेनिंग करते थे, लिहाजा मैं ने भी वही सीखना शुरू कर दिया.