Top 10 Sex Tips : दिल्ली प्रैस की ‘सरस सलिल’ मगैजीन सबसे पढ़ी जानी वाली मैगजीन है. जिसमें आप कहानियों के साथ साथ कुछ ऐसे लेख भी पाएंगे. जो आपको सेक्स एजुकेशन देने का भी काम करती हैं. इस मैगजीन में सेक्स के जुड़े कई आर्टिकल है जो आपके सेक्शुअल रिलेशन बनाने में मदद करती है. तो आज हम आपको सेक्स से जुड़े कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप अपनी सेक्स लाइफ बेहतर बना सकते हैं. तो पढ़े TOP 10 SEX Tips.
1. कुछ ऐसी होती है उन पलों में आपकी सैक्स फैंटेसी
शारीरिक संबंधों में अनावश्यक सहना या अपनेआप समय गुजरने के साथ उन में तबदीली हो जाने की गुंजाइश मान कर चलना भ्रम है. यह इन संबंधों के सहज आनंद को कम करता है. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पति की आक्रामकता पसंद नहीं आती थी. लेकिन लज्जा या संकोचवश कुछ कहना अच्छा नहीं लगता था. कुछ महिलाओं का कहना है कि पति को खुद भी समझना चाहिए कि पत्नी को क्या पसंद आ रहा है, क्या नहीं. मगर इस पसंदनापसंद के निश्चित मानदंड तो हैं नहीं, जिन से कोई अपनेआप ही समझा जाए और आनंद के क्षण जल्दी और ज्यादा मिल जाएं.
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2. एकतरफा नहीं, दोनों की मंजूरी से Enjoy करें सेक्स
पार्टनर के साथ संबंध बनाना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है. लेकिन इसमें आनंद के लिए शारीरिक जुड़ाव के साथसाथ भावनात्मक लगाव होना भी बहुत जरुरी होता है तभी इसका जी भरकर मज़ा लिया जा सकता है. लेकिन कई बार पार्टनर को सेक्स के दौरान इतना अधिक दर्द महसूस होता है कि वे सेक्स से कतराने लगती है और यह पल उसके लिए खुशी देने के बजाए दर्द देने वाला एहसास बनकर रह जाता है. ऐसे में अगर आप इस पल का बिना किसी रूकावट आनंद लेना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स.
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3. मनगढ़ंत बातों के जाल में फंसा सैक्स
हाल में कहीं पढ़ा था कि इनसान के पूर्वज माने जाने वाले चिंपांजी जब आपस में मिलते थे, तब वे सैक्स कर के एकदूसरे का स्वागत करते थे. इस बात से समझा जा सकता है कि सैक्स किसी भी जीव के बहुत जरूरी होता है और इस से मिलने वाली खुशी और मजे को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
यह भी दावा किया जाता है कि हफ्ते में 2 से 3 बार सैक्स करने से इनसान की बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है. अच्छी नींद के लिए सैक्स बहुत अच्छी दवा माना जाता है. अगर वर्तमान की बात करें तो अभी इसी पल में दुनिया के 25 फीसदी लोग सैक्स के बारे में सोच रहे होंगे.
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4. छोटे घर में कैसे करें पार्टनर से प्यार, जानें यहां 
बड़े शहरों में सब से बड़ी समस्या आवास की होती है. 2 कमरों के छोटे से फ्लैट में पतिपत्नी, बच्चे और सासससुर रहते हैं. ऐसे में पतिपत्नी एकांत का नितांत अभाव महसूस करते हैं. एकांत न मिल पाने के कारण वे सैक्स संबंध नहीं बना पाते या फिर उन का भरपूर आनंद नहीं उठा पाते क्योंकि यदि संबंध बनाने का मौका मिलता है तो भी सब कुछ जल्दीजल्दी में करना पड़ता है. संबंध बनाने से पूर्व जो तैयारी यानी फोरप्ले जरूरी होता है, वे उसे नहीं कर पाते. इस स्थिति में खासकर पत्नी चरमसुख की स्थिति में नहीं पहुंच पाती है.
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5. गले पड़ने वाले आशिक से बचें ऐसे
इतना ही नहीं, वे उसे अपने साथ कहीं भी ले जा सकेंगी. इस प्रोडक्ट का नाम ‘बॉयफ्रेंड हग स्पीकर्स’ (Boyfriend Hug Speakers) है. 2 बड़ी बांहों वाले इस प्रोडक्ट की बाजुओं में ब्लूटुथ स्पीकर्स भी लगे हैं जिन को गले लगाने पर म्यूजिक बजता है. सवाल उठता है कि ऐसा नकली बौयफ्रेंड बनाने की जरूरत ही क्या है? इस का जवाब यह है कि जापान (Japan) ही नहीं, बल्कि अब हर कहीं ऐसे भावनात्मक लड़कों की कमी हो गई है जो अपनी गर्लफ्रेंड को गले लगा कर उस को राहत दे सकें. हां, गले पड़ने वाले लड़कों की कमी नहीं है.
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6. 4 टिप्स से जानें औरत की सैक्स चाह गंदी बात क्यों
समाज में स्त्रीपुरुष (Male Female) के हर क्षेत्र में समान होने का गुणगान हो रहा है, पर वैवाहिक जीवन (Married Life) में बिस्तर पर स्त्रियों की समानता शून्य है. महिलाएं जब अपनी पसंद के भोजन का मेन्यू तय नहीं कर सकतीं तो बिस्तर पर सैक्स संबंध (Sex Relation) में अपनी पसंद की बात तो बहुत दूर की है. हमारे यहां दांपत्य जीवन में सैक्स संबंध में मेन्यू क्या होगा, इस का निर्णय केवल पुरुष ही लेता है. हमारे समाज में पब्लिक प्लेस पर सैक्स, हस्तमैथुन, सैक्स में पसंद और कामोन्माद अर्थात और्गेज्म (Orgasum) आदि.
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7. सैक्स के भ्रम से निकलें युवा, नहीं तो होगा यह नुकसान 
अकसर युवा सैक्स को ले कर कई तरह की भ्रांतियों से घिरे रहते हैं. अपनी गर्लफ्रैंड से सैक्स को ले कर अपने इमैच्योर फ्रैंड्स से उलटीसीधी ऐडवाइज लेते हैं और जब उस ऐडवाइज का सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है तो शर्मिंदगी से किसी से बताने में संकोच करते हैं. यहां युवाओं को यह बात समझनी जरूरी है कि सैक्स से सिर्फ मजा ही नहीं आता बल्कि इस से सेहत का भी बड़ा गहरा संबंध है. सैक्स (Sex) और सेहत (Health) को ले कर कम उम्र के युवकों और युवतियों में ज्यादातर नकारात्मक भ्रांतियां फैली हैं.
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8. कंडोम मुसीबत नहीं दोस्त है आपका
फिल्म ‘डियर जिंदगी’ (Dear Zindagi) में शाहरुख खान ने दिमाग के डाक्टर का किरदार निभाया था और दिमागी बीमारी या परेशानी को ले कर एक बात समझाई गई कि लोग शरीर की बीमारी को तो नहीं छिपाते हैं, पर जैसे ही उन्हें पता चलता है कि घर में कोई दिमागी तौर पर बीमार है, तो उन्हें जैसे सांप सूंघ जाता है.फुसफुसाहट सी शुरू हो जाती है, जैसे दिमागी बीमारी होना जिंदगी की सब से बड़ी दुश्वारी है. अनपढ़ ही नहीं, बल्कि पढ़ेलिखे लोग भी दिमागी समस्याओं पर दिमाग खोल कर बात नहीं कर पाते हैं.
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9. अब बैडरूम में मूड औफ नहीं, लव औन होगा 
रागिनी पिछले 5 सालों से खुशहाल विवाहित जीवन (Married Life) जी रही हैं. रागिनी और गगन के प्यार की निशानी उत्सव 4 साल का है. आजकल वे कुछ बुझीबुझी लगती हैं. इस का कारण है उन की उदासीन बैडरूम लाइफ (Bedroom Life). दिन भर रागिनी घर के हर छोटेबड़े काम को मैनेज करने में बिजी रहती हैं. दोपहर से रात तक उत्सव की देखरेख में अलर्ट रहती हैं. उत्सव को सुलाने के बाद अपने बैड पर जाने से परहेज करती हुई वे उत्सव के कमरे में उस के साथ ही सो जाती हैं. इस का कारण पता चला कि हड़बड़ी वाली रोजाना की सैक्स लाइफ (Sex Life) जो रागिनी और गगन दोनों का मूड औफ कर तनाव का कारण बनती है.
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10. सिर्फ दम दिखाने के लिए नहीं होती सुहागरात!
इस रात का इंतजार हर युवा को होता है. लेकिन अगर कहा जाए कि हर किशोर को भी होता है तो भी यह कुछ गलत नहीं होगा. क्योंकि मनोविद कहते हैं 15 साल की होने के बाद लड़की और 16 साल के बाद लड़के, इस सबके बारे में कल्पनाशील ढंग से सोचने लगते हैं. सोचे भी क्यों न, आखिर इस रात को ‘गोल्डेन नाइट’ जो कहते हैं.इस रात में दो अजनबी हमेशा हमेशा के लिए एक हो जाते हैं. दो जिस्म एक जान हो जाते हैं. इस एक रात में न कोई पर्दा होता है, न दीवार. बत्तियां बुझी होती हैं, सांसें उफन रही होती हैं, फिजा में जिस्मानी गंध होती है और धीमी सी मुस्कान लाती रहे. जब भी इसका जिक्र हो तो उम्र चाहे कोई भी हो चेहरे पर एक गुलाबी आभा खिल जाए.
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