इतिहास बनाने वाले अनेक नहीं होते कोई एक होता है जो अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर जीत दर्ज करता है. ऐसा ही कुछ हुआ जिसके कारण आज तन्मय अग्रवाल का नाम बल्लेबाज के रूप में सम्मान से लिया जा रहा है. तन्मय धरमचंद अग्रवाल का जन्म 3 मई, 1995 को हुआ. ये एक भारतीय क्रिकेटर हैॆ जो हैदराबाद के लिए खेलते हैं. तन्मय एक बाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं. उन्होंने 2014 में हैदराबाद के लिए अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट और लिस्ट ए क्रिकेट दोनों की शुरुआत की थी.
रणजी ट्राफी में 26 जनवरी, 2024 के दिन अरुणाचल प्रदेश और हैदराबाद के बीच खेला गया मुकाबला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. सिर्फ एक दिन के खेल में तन्मय अग्रवाल ने धुआंधार अंदाज में गेंदबाजों की पिटाई करते हुए तिहरा शतक जमा कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया. सिर्फ 147 गेंद पर 21 छक्के और 33 चौके की मदद से तन्मय अग्रवाल नामक इस नए बल्लेबाज ने 323 रन ठोंक कर दिखा दिया कि आने वाले समय में वह देश के लिए क्या कुछ कर सकता है.
आप को बता दें कि 28 साल के तन्मय अग्रवाल का क्रिकेट की तरफ नन्ही उम्र में ही शौक पैदा हो गया था. पिता ने इन्हें क्रिकेट की तरफ प्रोत्साहित किया और देखते ही देखते तन्मय के धमाकेदार खेल का नतीजा था कि उन्होंने हैदराबाद अंडर-14 टीम में जगह बनाई.
यही नहीं, इस के बाद तन्मय अग्रवाल अंडर-16, अंडर-19, अंडर-22 और अंडर-25 टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए. दरअसल, 2014 में तन्मय को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने का मौका मिला था. अभी तक वे हैदराबाद के लिए 56 प्रथम श्रेणी मैचों में 3,500 से अधिक रन बना चुके हैं. इतना ही नहीं, वे इंडियन प्रीमियर लीग में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए साल 2017 और 2018 में टीम का हिस्सा भी बन कर अपनी चमक बिखेर चुके हैं.
महत्वपूर्ण यह है कि तन्मय अग्रवाल ने अब दक्षिण अफ्रीका के मार्को माराइस के 191 गेंद पर बनाए तिहरे शतक के रिकार्ड को 147 गेंद पर बना कर तोड़ डाला है. इसी कारनामे को वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स ने 244 गेंद पर अंजाम दिया था. एक दिन में 300 रन बना कर तन्मय अग्रवाल ने भारतीय दिग्गज वीरेंद्र सहवाग को भी पीछे छोड़ दिया. 2009 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ ब्रेबोर्न टेस्ट में एक दिन में 284 रन बनाए थे.
तन्मय अग्रवाल ने अपनी इस ऐतिहासिक पारी के बाद मीडिया से रूबरू हो कर कहा, ‘यह पूर्व नियोजित पारी नहीं थी. यह एक और सामान्य दिन था और मैं हर पारी में जिस तरह से खेलता हूं उसी तरह खेल रहा था. मैं ने इस सीजन के लिए कोई लक्ष्य नहीं तय किया था. मैं बस अच्छी बल्लेबाजी करना चाहता था. यह मानसिकता मददगार रही. अच्छा लगता है कि मेरा नाम सूची में सब से ऊपर है.
‘मैं अपने परिवार और दोस्तों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने इतने वर्षों तक मेरा समर्थन किया. बिना उन के समर्थन के यह सफलता प्राप्त करना आसान नहीं था.’