लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी का पहला भाषण ऐसा लगता है मानो भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बिजली की तरह गिरा. राहुल गांधी के भाषण की जैसी प्रतिक्रिया देशभर में आई है, वह बताती है कि राहुल गांधी का एकएक शब्द लोगों ने ध्यान से सुना और भाजपा तो मानो चारों खाने चित हो गई. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उठ खड़े हुए और उन्होंने सफाई दी.
अब भाजपा नेताओं, नरेंद्र मोदी सहित संघ ने मोरचा संभाला और कहा कि राहुल गांधी हिंदुओं को ऐसावैसा कह रहे हैं….देखिए… जबकि हकीकत यह है कि जिस ने भी राहुल गांधी का भाषण सुना है, वह जानता है कि राहुल गांधी ने भाजपा और संघ पर टिप्पणी की है और कहा कि हिंदू समाज ऐसा नहीं है मगर भरम यह फैलाया जा रहा है कि राहुल गांधी ने संपूर्ण हिंदू समाज को हिंसक कहा है जो सीधेसीधे गलत है.
दरअसल, भाजपा के काम करने का ढंग यही है कि वह बातों को तोड़मरोड़ देती है. इस का सब से बड़ा उदाहरण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में खड़े हो कर के कहना कि राहुल गांधी हिंदुओं को हिंसक कर रहे हैं, जबकि राहुल ने क्या कहा, यह साफ है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार, 1 जुलाई, 2024 को भाजपा पर देश में हिंसा, नफरत और डर फैलाने का आरोप लगाया और दावा किया, ‘ये लोग हिंदू नहीं हैं, क्योंकि 24 घंटे की हिंसा की बात करते हैं.’
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता.’
राहुल गांधी ने जब भाजपा पर यह आरोप लगाया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की बौखलाहट साफ दिखाई दी. दोनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहा है.
राहुल गांधी ने भाजपा पर युवाओं, छात्रों, किसानों, मजदूरों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अल्पसंख्यकों, मुसलमानों, सिखों एवं ईसाइयों को डराते हैं, उन पर हमला करते हैं और उन के खिलाफ नफरत फैलाते हैं, लेकिन अल्पसंख्यक इस देश के साथ हैं.
नरेंद्र मोदी सामने आए
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को हिंदू कहने वाले हर समय ‘हिंसा और नफरत फैलाने’ में लगे हैं, जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आए और कहा, “पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर बात है.” हालांकि राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया में कहा कि वे भाजपा की बात कर रहे हैं और भाजपा, नरेंद्र मोदी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरा हिंदू समाज नहीं हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सदन में कई बार भगवान शिव की एक तसवीर दिखाते हुए कहा कि वे अहिंसा और निडरता का संदेश देते हैं. सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘सभी धर्मों और हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और निडरता की बात की है. वे कहते थे कि डरो मत, डराओ मत.’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामने आया
संघ ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर की. संघ की ओर से कहा गया कि हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. विश्व हिंदू परिषद ने भी राहुल के भाषण की भर्त्सना की है. हिंदुत्व चाहे विवेकानंद का हो या गांधी का, वह सौहार्द्र व बंधुत्व का परिचायक है. हिंदुत्व के बारे में ऐसी प्रतिक्रिया ठीक नहीं है.
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी ने बहुत ही नाटकीय आक्रामकता से भरा भाषण दिया है. नेता प्रतिपक्ष के नाते शायद उन के पहले भाषण में अपनेआप को साबित करने का जोश होगा. इस दौरान वे बोल गए कि हिंदू समाज हिंसक होता है.
संघ के सुनील आंबेकर ने कहा कि संसद में जिम्मेदार लोगों द्वारा हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना दुर्भाग्यजनक है.
उन्होंने कहा कि जिस हिंदू समाज के भिक्षुक पैदल ही दुनिया का भ्रमण करते थे, अपने प्रेम से, तर्क से, करुणा से लोगों को हिंदू बनाते थे, उस समाज पर ऐसा आरोप लगाने की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
कुलमिला कर राहुल गांधी के कथन से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दोनों के हाथों के तोते उड़े हुए हैं.