रेटिंग: डेढ़ स्टार

निर्माता: यशराज फिल्मस

लेखक व निर्देशक: वरूण वी शर्मा

कलाकार: रानी मुखर्जी, सैफ अली खान, सिद्धांत चतुर्वेदी,  शारवरी वाघ, यशपाल शर्मा, पंकज त्रिपाठी

अवधि: 2 घंटे 13 मिनट

यशराज फिल्मस की 2005 में कान फिल्म ‘‘बंटी और बबली’’ ने बॉक्स आफिस पर जबरदस्त सफलता बटोरी थी- इस फिल्म में बंटी के किरदार में अभिषेक बच्चन और बबली के किरदार में रानी मुखर्जी थीं- छोटे शहर के इन बंटी और बबली की चालाकी व धुर्ततता ने दर्शकों का दिल जीत लिया था-अब 16 वर्ष बाद यशराज फिल्मस अपनी इसी फिल्म का सिक्वअल ‘‘बंटी और बबली2’’ लेकर आया है,जिसमें बबली के किरदार में रानी मुखर्जी हैं, मगर बंटी के किरदार में अभिषेक बच्चन की जगह पर

सैफ अली खान आ गए हैं. इसी के साथ नई  पीढ़ी के बंटी के किरदार में सिद्धांत चतुर्वेदी और बबली के किरदार में शारवरी वाघ हैं.  मगर सिक्वअल फिल्म ‘‘बंटी और बबली 2’’ की वजह से पुराने ब्रांड को नुकसान पहुंचाता है.

कहानीः

अब बंटी और बबली धुर्ततता छोड़कर फुरसगंज में रह रहे हैं- बंटी यानी कि राकेश त्रिवेदी ( सैफ अली खान) अब रेलवे में नौकरी कर रहे हैं-बबली यानी कि विम्मी त्रिवेदी (रानी मुखर्जी)  अब एक साधारण गृहिणी  हैं- उनका अपना एक बेटा है- अचानक एक दिन पता चलता है कि बंटी और बबली की तर्ज पर काम करने वाले कुणाल सिंह (सिद्धांत चतुर्वेदी) और सोनिया कपूर (शारवरी वाघ) नामक दो ठग पैदा हो गए हैं.

जिन्होने बंटी और बबली स्टाइल में ठगी करने के बाद लोगों के पास  पास बंटी और बबली का पुराना लेबल छोड़ देते हैं. यह दोनों कम्प्यूटर इंजीनियर हैं, मगर नाकैरी न मिलने के कारण इस काम में लग गए हैं. अब उनका मूल मंत्र ठगों और ऐश करो हो गया है. मगर ठगी के 16 वर्ष पुराने वाले तरीके  ही आजमा रहे हैं- नए बंटी  और बबली के कारनामों के चलते पुलिस विभाग  हरकत में आता है- अब दशरथ सिंह के रिटायरमेट की वजह से पुलिस अफसर जटायु सिंह (पंकज त्रिपाठी) इसकी जांच शुरू करते हैं, उन्हं लगता है कि पुराने बंटी और बबली वापस अपनी कारगुजारी दिखा रहे हैं, इसलिए, वह इन्हें पकड़ कर जेल में डाल देता है- लेकिन न, बंटी और बबली दूसरी ठगी करते हैं, तब जटायु सिंह को अहसास हो जाता है कि जिन्हे उन्होंने जिसे जेल में बंद किया है, वह निर्दोष हैं- तब वह इन्हें नए बंटी और बबली को पकड़ने की जिम्मेदारी देता है- अब चूहे बिल्ली का खेल शुरू होता है-फिर कहानी फुरसत गंज से आबू धाबी व दिल्ली तक जाती है-इस बीच जटायु सिंह की बेवकूफियां भी उजागर होती रहती ह हैं-

ये भी पढ़ें- GHKKPM: सई को किडनैप करेगा विराट के बचपन का दोस्त, आएगा ये ट्विस्ट

लेखन व निर्देशनः

इस नई सिक्वअल फिल्म से उम्मीद थी कि बंटी और बबली नए अंदाज में ठगी ,छल, धोखा देने वाला काम करेंगे पर वह तो वही 16 वर्ष पुराना तरीका ही अपनाते हुए नजर आते हैं- यह फिल्म डिजिटल युग  में बनी हैं-इ सके बंटी और बबली कम्प्यूटर इंजीनियर हैं, मगर वह इटंरनेट का उपयोग कर ठगी नहीं करते हैं- पिछली फिल्म में बंटी आ और बबली ने ताजमहल बेचा था तो  नए  बंटी और बबली ने गंगा का पानी बेच दिया. मगर नए बंटी और बबली कुछ भी नया करते हुए  नजर नहीं आते- फिल्म की सबसे बड़ी कमजारे यह है कि 16 साल पुरानी फिल्म के मसालों से पुरानी कढ़ी में उबाल लान का  असफल प्रयास किया गया है- निर्देशक वरुण वी शर्मा अपना कमाल नही दिखा पाया- ‘यशराज फिल्मस’ के आदित्य चोपड़ा ने अपने स्थापित ब्राडं को तहस नहस करने के अलावा कुछ नही किया- संवाद बहुत साधारण है- ठगी के दृ’य भी रोमाचंक या फनी नहीं है. पटकथा काफी कमजार है- इसका एक भी गाना करणप्रिय नहीं है. फिल्म की गति काफी धीमी है- होली का दृश्य भी मजा किरकिरा करता है-

अभिनय:

सैफअली खान व रानी मुखर्जी  का अभिनय औसत दर्जे का ही है-पुरानी फिल्म के अनुरूप इस फिल्म में बंटी व बबली के रूप में सैफ अली खान व रानी मुखर्जी के बीच कमिस्ट्री जम नहीं पायी है.

शारवरी वाघ महज खूबसूरत नजर आती हैं, मगर उनका अभिनय काफी कमजोर है- सिद्धांत चतुर्वेदी भी कुछ खास कमाल नही दिखा पाया  हैं-जटायु सिंह के किरदार में अभिनेता पंकज त्रिपाठी अपने आपको दोहराते हुए नजर आये हैं. यशपाल शर्मा  ने यह फिल्म क्यो की, यह समझ से परे है.

ये भी पढ़ें- GHKKPM: विराट ने पाखी को गोद में उठाया, मेकर्स हुए ट्रोल

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...