फिल्म ‘डिस्को डांसर’ से फिल्म इंडस्ट्री में एक नई डांस फौर्म ‘डिस्को और देशी का मेल’  से जवां दिलों पर राज करने वाले सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती निर्माता, सिंगर, सोशल वर्कर, उद्यमी और राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने फिल्म ‘मृगया’ से अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत की थी. वे पश्चिम बंगाल के एक मशहूर हीरो हैं, जहां वे ‘मिथुन दा’ के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने 350 से ज्यादा फिल्में की हैं, जिन में बंगला, उडि़या, भोजपुरी, तेलुगु और पंजाबी भाषा की फिल्में शामिल हैं. मार्शल आर्ट में ‘ब्लैक बेल्ट’ होने की वजह से उन्होंने ऐक्शन फिल्मों में काफी अच्छा काम किया है. वे हमेशा आगे आने वाले काम पर ज्यादा ध्यान देते हैं, इसलिए हमेशा खुश रहते हैं.

इन दिनों वे सोनी टैलीविजन पर ‘द ड्रामा कंपनी’ में बतौर जज का किरदार निभा रहे हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:

आप ने फिल्मों में हर तरह के किरदार निभाए हैं, कभी ऐसा लगा कि अब भी कुछ बाकी है?

कौमेडी मैं ने नहीं की थी, यही छूट गया था. अब मैं कर रहा हूं. कौमेडी में काम करने का मौका नहीं मिला था, लेकिन मेरी इच्छा थी.

एक कलाकार कभी भी अपने काम से संतुष्ट नहीं हो सकता, उसे हर समय नया करने की इच्छा होती है. जब इस शो का औफर आया, तो मैं ने हां कह दी. अभी थोड़ा नर्वस हूं. मेरे साथी कलाकारों ने काफी काम किया है, इसलिए मैं ज्यादा मेहनत कर रहा हूं.

उम्र के इस पड़ाव में टैलीविजन पर काम करने की इच्छा कैसे हुई?

मुझे कभी लगा नहीं कि मेरी उम्र हो गई है. मैं तो अभी भी अपनेआप को नौजवान ही समझता हूं और बहुत सारे काम करने की इच्छा रखता हूं.

टैलीविजन को कभी भी कम नहीं समझना चाहिए. आज मैं जो कुछ भी हूं, इस में टैलीविजन का बहुत बड़ा योगदान है. कई रिऐलिटी शो ने मुझे लोगों के घरघर तक पहुंचाया. ‘जैनरेशन गैप’ को टैलीविजन ने ही कम किया है.

टैलीविजन पर किसी का दिल जीतना आसान नहीं होता. काम के साथसाथ लोग इसे देखते हैं, ऐसे में उन्हें टैलीविजन से जोड़े रखना कलाकारों के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है.

इतने सालों में फिल्म इंडस्ट्री में क्या क्या बदलाव आप पाते हैं? क्या पुराने दिनों को याद करते हैं?

फिल्मों का बनना अब पूरी तरह से बदल चुका है. आज की तकनीक पहले से काफी अलग है. विचारों में भी बदलाव आया है. अभी वन लाइनर का जमाना है. पहले

3 या साढ़े 3 घंटे की फिल्में बनती थीं, अब छोटी फिल्में बनती हैं, क्योंकि किसी के पास बड़ी फिल्म देखने का समय नहीं है. आधे से ज्यादा लोग तो स्मार्टफोन और ह्वाट्सऐप पर लगे हुए हैं. काफी सारा समय लोगों का उस पर ही चला जाता है.

पुराने दिनों को ज्यादा याद नहीं करता, क्योंकि उस में कुछ अच्छे तो कुछ खराब भी थे. ज्यादा याद करूंगा, तो दुखी हो जाऊंगा.

इतने दिनों तक ऐक्टिंग से दूर रहने की वजह क्या रही?

काम न मिलने की वजह से नहीं, बल्कि मुझे जबरन दूर रहना पड़ा, क्योंकि मैं शारीरिक रूप से फिट नहीं था. अभी मुझे शरीर का ध्यान रखते हुए अच्छा काम करना है.

मैं इंडस्ट्री से न तो कहीं गया हूं और न ही इंडस्ट्री ने मुझे छोड़ा है. मुझे औफर मिलते थे, पर मैं काम नहीं कर पाया.

आप अपने फिल्मी सफर को कैसे देखते हैं?

मुझे लगा नहीं था कि मेरी फिल्म ‘डिस्को डांस’ इतनी महशूर हो जाएगी. सभी ने इसे एक डांस फौर्म बना दिया है. मैं ने सोचा नहीं था, यह होगा. प्लान कर के कई बार कुछ नहीं होता, लेकिन एक स्टाइल कभीकभी अच्छी लग जाती है और सब के दिलों में घर कर लेती है. यही मेरे साथ हुआ. उसी से मुझे कामयाबी मिली और मैं यहां तक पहुंच पाया. मैं खुश हूं कि मेरा सफर सही था और आज भी चल रहा है.

आप किस कौमेडियन को सब से ज्यादा देखना पसंद करते हैं?

चार्ली चैपलिन, लारेन ऐंड हार्डी, जानी वाकर, जगदीप, जौनी लीवर वगैरह सभी की कौमेडी मुझे बहुत पसंद है. आज के कौमेडियन में कपिल शर्मा की कौमेडी बहुत अच्छी है. कौमेडी में सही टाइमिंग और सही सैंस का होना बहुत जरूरी है.

क्या टैलीविजन में फिल्मों से ज्यादा समय देना पड़ता है?

मेरे हिसाब से नहीं, फिल्म भी समय से पैकअप नहीं कर पाती. टैलीविजन में तो पहले से ही समय तय होता है और उसी में वह पूरा हो जाता है. मुझे मुश्किल नहीं लगता. कभीकभी लगता है कि समय ज्यादा है, लेकिन मैं अपने काम के प्रति हमेशा ईमानदार रहता हूं.

आप कौन कौन सी फिल्में कर रहे हैं?

मैं फिल्म डायरैक्टर रामगोपाल वर्मा की ‘गहर’, अनिल शर्मा की ‘जीनियस’, अनूप जलोटा की फिल्म ‘साहस’ और एक कन्नड़ फिल्म भी करने वाला हूं.

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