सौरभ जोशी भारत के टौप डेली व्लौगरों में से एक है लेकिन उस के बनाए कंटैंट में ढूंढ़ने से भी कुछ काम का मिलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. हजारों की संख्या में यूथ उसे देखते हैं, ये यूथ न सिर्फ अपना समय बरबाद कर रहे हैं बल्कि अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं.

हल्द्वानी कहां है, यह किसी को पता हो या न हो पर यूथ को जरूर यह पता है कि सौरभ जोशी हल्द्वानी में रहता है. सौरभ जोशी खुद को इन्फ्लुएंसर कहता है पर उस की वीडियो में ऐसा कुछ नहीं होता जो किसी को इन्फ्लुएंस कर पाए. न तो सीखने के लिए कुछ है, न ही जानकारी लायक कुछ.

सौरभ जोशी कोई बौलीवुड स्टार, स्पोर्ट्स पर्सन या पौलिटीशियन नहीं है. वह है एक यूट्यूबर जो अपने घर की दीवारों, कंबल-रजाइयों, कपप्लेट, घर में क्या बन रहा है, क्या खा रहा है, कहां जा रहा है, उस की कार कौन सी है, कपड़े में सब्जी गिर गई, घर के सदस्य क्या कर रहे हैं जैसी फालतू बातें बताता है. बेसिकली वह अपनी दिनचर्या बताता है पर समझ से परे यह है कि इसे देखने वाले कैसे खलिहर हैं जो अपना कामधंधा छोड़ लगे रहते हैं इस की व्यूरशिप बढ़ाने में.

खुद को स्टार मानने वाला सौरभ कुछ सिखाता नहीं है बल्कि अपना डेली रूटीन दुनिया वालों को दिखाता है. वह क्या खाता है, क्या पीता है, कहां जाता है, बस यही सब कहता है उस का व्लौग.

सौरभ जोशी के व्लौग की बात करें तो उस ने 12 नवंबर, 2023 को एक व्लौग बनाया, जिस का टाइटल था ‘दीवाली गिफ्ट’.  नाम से ही पता चल रहा था कि ये पूरा व्लौग सिर्फ और सिर्फ इस विषय पर बना है कि दीवाली पर सब को क्याक्या गिफ्ट मिला. अब वह अपने रिश्तेदारों को क्या गिफ्ट दे रहा है, यह चिंता उसे करने दो, लेकिन नहीं, युवा अपने रिश्तेदारों की चिंता छोड़ लगे पड़े हैं वीडियो देखने.

व्लौग की शुरुआत में सौरभ मिठाई के डब्बे दिखाते हुए कहता है, ‘‘आज मुझे यह सब लोगों के घर देने जाना है. अभी सुबह के 9 बज रहे हैं और हम अपनी कार ले कर जा रहे हैं क्योंकि सुपरकार हर जगह नहीं जा पाएगी और रास्ते में गड्ढे भी हैं.’’ इस तरह के इन्फ्लुएंसर अपनी लग्जरी लाइफ का बखान करते नहीं थकते. वे युवाओं को अपनी महंगी कारों को दिखा कर रिझाने की कोशिश करते हैं.

इस के बाद व्लौग में उसे लोगों के घर जा कर उन्हें दीवाली की वेलविशेस और गिफ्ट देते हुए दिखाया जाता है. इस के बाद महल्ले के बच्चों को व्लौग में दिखाया जाता है. वह एक बौबी भइया नाम के एक शख्स को आईफोन गिफ्ट देता है. साथ में, स्टाफ मैंबर को दीवाली गिफ्ट देता है. उस की भी वीडियो क्लिप सौरभ अपने व्लौग में एड कर लेता है. इस के बाद घर वालों को गिफ्ट दिया जाता है. बस, यही कहता है सौरभ जोशी का व्लौग. अब इस वीडियो को कोई महाबेवकूफ ही हो जो देखे और लाइक करे. और यदि कोई फिर भी दिलचस्पी रख रहा है तो समझ जा सकता है कि कैसे अथाह बेरोजगारी में उस की मानसिक स्थिति हिली हुई है.

इसी तरह का उस का एक और व्लौग है, जिस का न सिर्फ टाइटल घटिया है बल्कि कंटैंट भी रद्दी है या कहें कंटैंट कहां है, पता नहीं. व्लौग के थंबनेल पर लिखा है, ‘यह क्या हो गया फौरचूनर को.’

इस व्लौग में वह फौरचूनर पर चढ़ी ब्लैक पीपीएफ को उतार कर उस के ओरिजिनल कलर में लाता है. पीपीएफ को पीयूष, जो कि सौरभ का छोटा भाई है और उस का चाचा का लड़का उतार रहा होता है और सौरभ व्लौग बना रहा होता है. फिर उस का चाचा भी आ जाता है. सौरभ अपने सब्सक्राइबर्स से पूछता है कि कौनकौन चाहता है कि चाचा सुपरकार चलाएं. कमैंट करो. फिर चाची और मम्मी व्लौग में आ जाती हैं. इस के बाद मम्मी से राय ली जाती है कि पीपीएफ को कितना उतारा जाए और कितना नहीं. इस के बाद कार के बारे में बताया जाता है.

अब यह कंटैंट ऐसा है कि सामान्य दिमाग वाला इंसान अपना सिर पीट ले. वीडियो के कंटैंट को समझाने के लिए या तो आप को आइंस्टीन होना पड़ेगा या बैलबुद्धि. आगे इस वीडियो में घर का सीन दिखाया जाता है, जिस में सब चाय ले कर बैठे हैं. लेकिन सौरभ के चाचा का बेटा दूध पी रहा है. सौरभ उस से पूछता है कि हम सभी शादी क्यों करते हैं? डैली व्लौगर ‘द ग्रेट सौरभ’ की बुद्धि का स्तर उस के इस सवाल से आंका जा सकता है. बच्चा जवाब देता है कि हमें किसी के साथ की जरूरत होती है, इसलिए हम शादी करते हैं. बच्चा आगे कहता है कि, ‘मैं ने यह सब यूट्यूब से सीखा है. मैं व्लौगर बनूंगा और सब का नाम रोशन करूंगा.’

इस के बाद सौरभ अपने पैट ओरियो को दिखाता है. फिर अपने डिनर की फोटो. इन सब के बाद वह कहता है, ‘मुझे बुखार है. अभी दवाई लूंगा. 2 दिनों बाद बाहर भी जाना है.’ यही था सौरभ का व्लौग. इस वीडियो पर 3 घंटे में 1,34,81,188 व्यूज थे.

आखिर, यह किस तरह का कंटैंट है जो सौरभ जोशी बना रहा है. अब इसे देख रहे युवाओं को इस पर विचार करना चाहिए कि यह कंटैंट है भी कि नहीं. क्या इस पर समय खर्च करना सही है.

सवाल यह भी कि क्या यूथ इतना फ्री बैठा है कि सौरभ या सौरभ जैसे दूसरे यूट्यूबरों के घर में उन की पर्सनल लाइफ में क्याक्या चल रहा है, लगे रहें घंटों देखने. यह भी कि सौरभ ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में क्या खा रहा है, टौयलेट कितने बजे जा रहा है, कौन सा टूथपेस्ट यूज कर रहा है, उस की गर्लफ्रैंड कौन है आदिआदि.

इस के आधे का आधा टाइम भी अगर युवा संसद में नेताओं की डिबेट में लगा लें तो देश के आधे मसले और झूठ बोल कर मलाई खा रहे नेताओं का सफाया यों ही हो जाए. उन्हें समझ आ जाएगा कि पकौड़े तलना रोजगार नहीं, बल्कि आजीविका है.

अगर यूथ इस तरह का फालतू कंटैंट देखेंगे वह भी पैसे दे कर तो अपना कैरियर क्या खाक बनाएंगे और जिन का थोड़ा बहुत कैरियर है वे भी अपने कैरियर की धज्जियां ही उड़ाएंगे.

सौमेंद्र जेना, जिन्हें यूट्यूब पर ‘सोमजैना’ के नाम से जाना जाता है, ने अपने हालिया वीडियो में से एक पर एक टिप्पणी के जवाब में अधिकांश भारतीय यूट्यूबर्स की सामग्री को ‘क्रिंज’ कहा है. उन्होंने कहा, ‘99 प्रतिशत भारतीय यूट्यूबर्स का कंटैंट घटिया है. लोगों की रुचि अच्छी नहीं है.’ सोम ने इस कमैंट का स्क्रीनशौट अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर भी शेयर किया. आगे उन्होंने कहा कि यह भारतीय यूट्यूब दृश्यों का दुखद सच है.

यह सच भी है. जैसे सौरभ अपने एक व्लौग में अपने नए घर का डिजाइन दिखाता है. इस व्लौग थंबनेल में उस ने ‘फाइनली न्यू घर का डिजाइन आया’ के नाम से बनाया. इस व्लौग में सौरभ हल्द्वानी में बनने वाले अपने नए घर का 3डी डिजाइन दिखाता है. वीडियो में दिख रहा है कि घर चारमंजिला है. इस में गेमिंगरूम है, जिस में स्लाइड कर के नीचे हौल तक जाया जा सकता है.

घर में डिजिटल लौक है. पूरे घर में लकड़ियों की सीढ़ियां हैं. घर में एक लिफ्ट भी है. इतना ही नहीं, घर में फायर बेस भी है. मतलब पूरा लग्जरी घर.

ग्राउंडफ्लोर की बात करें तों ग्राउंडफ्लोर में बैठने, पार्किंग और बच्चों के खेलने की जगह है. पहले फ्लोर पर दादादादी का रूम है. उस के बाद सब के रूम. सौरभ के रूम से पूरे घर का व्यू दिखेगा. उन के रुम में एक स्टडी टेबल भी है. यहां से वह अपने पूरे घर का व्लौग भी बना सकता है.

अब यह देखनेदिखाने में मन को सुकून दे सकता है पर इस का एक साइड इफैक्ट यह है कि सौरभ ने अपने पूरे घर की जानकारी पब्लिकली कर दी. सवाल है कि इस से क्या समाज के आपराधिक और असामाजिक तत्त्व के कान खड़े नहीं होंगे? सारी जानकारी तो उन्हें सोशल मीडिया से मिल ही गई है, अब बस उन्हें ऐक्शन लेना है.

ऐसी ही एक घटना उस के साथ पहले हो भी चुकी है, जिस में सौरभ ने व्लौग बनाया कि वह आज सपरिवार पहाड़ पर जाएगा. बस, इसी का फायदा उठा कर चोरों ने उस के घर सेंधमारी की और करीब डेढ़ लाख रुपए के गहनों की चोरी कर ली. यह घटना 22 अक्तूबर, 2022 की है.

आप का अपना डेली रूटीन पब्लिकली करना आप के लिए किस तरह आफत बन सकता है, यह आप सौरभ जोशी के साथ हुई घटना से समझ सकते हैं. अगर उस के घर में उस वक्त कोई होता तो यह घटना मर्डर में भी तबदील हो सकती थी.

हम अगर सौरभ जोशी के व्लौग को खंगाले तो हमें उस के व्लौग में ऐसेऐसे थंबनेल मिलेंगे जिन से लगेगा कि यह कोई व्लौग न हो कर किसी व्यक्ति की दिनचर्या हो.

जैसे कुछ थंबनेल हैं, ‘तबीयत खराब है, बट, मैगी खानी है’, ‘स्कूल से लेने गया पीयूष’, ‘कुणाली को सुपरकार में’, ‘कुणाली का टौय कलैक्शन’, ‘पीयूष वर्सेस कुणाली कार रेस’, ‘न्यू घर की पार्किंग’, ‘अम्मा को सुपरकार में बैठाया’, ‘हमारी दीवाली की लाइटिंग’, ‘फौरचूनर ठुक गई नई दिल्ली में’, ‘बहुत टाइम बाद गेम खेली’, ‘सुपरकार को पहाड़ पर ले गए’ वगैरहवगैरह. इन वीडियोज में कुछ भी इंटरैस्टिंग नहीं है जिस के चलते व्लौग देखा जाए. लेकिन अंधा यूथ दबा के सौरभ जोशी के व्लौग देख रहा है.

यूट्यूब अब एक ऐसा अड्डा बन गया है जहां लोग अपनी डेली लाइफ को कैमरे पर दिखाने लगे हैं, चाहे वह घर का काम करती हुई महिला हो, ट्यूशन जाता हुआ बच्चा हो, शौपिंग करती हुई लड़कियां हो, गायभैंस की खानापानी करती महिला हो या फिर घर में खाना बनाता हुआ यंग बौय. सभी को व्लौगर बनने का चस्का लगा हुआ है.

कोई भी व्यक्ति कैमरा उठाता है और बोलना चालू कर देता है- ‘‘हैलो गाईज, मैं आज अपनी बूआ के घर जा रही हूं, आप भी देखिए कि मुझे आज रास्ते में क्याक्या देखने को मिलेगा?’’ लोग भी उन के सफर में शामिल हो जाते हैं और अपना कीमती समय बेकार की चीजों में जाया कर देते हैं.

डेली व्लौग बनाने वाले लोग अपनी प्राइवेसी के साथ खेल रहे हैं. वे अपने पलपल की खबर दे रहे हैं. कहां रहते हैं, कहां जा रहे हैं, कब आएंगे, घर में कितने दरवाजे हैं, घर में कौनकौन है, कौन कब आता है, जाता है, औफिस कहां है, कौन बीमार है, कौन नहीं आदिआदि. वे अपनी पर्सनल लाइफ, फिर चाहे उन की मां, बहन और पत्नी हो, को सब के सामने ला रहे हैं और जब ट्रोल होने लगते हैं, गालियां खाने लगते हैं तो रोने भी लग जाते हैं.

कई बार व्लौगर कंप्लेन करते हैं कि व्यूअर्स उन की पर्सनल लाइफ के बारे में बुराभला कह रहे हैं. उन की फैमिली को रोस्ट कर रहे हैं. पर्सनल लाइफ को पब्लिक भी इन्हीं क्रिएटर्स ने किया है तो प्रतिक्रियास्वरूप कुछ भी आ सकता है. सो, क्रिएटर्स को इस के लिए तैयार रहना चाहिए.

सौरभ जोशी के यूट्यूब पर 23.5 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं, यानी 2 करोड़ 35 लाख के आसपास. उस ने अपने चैनल पर डेढ़ हजार के करीब व्लौग बनाए हैं. उसे इंडिया का नंबर वन डेली व्लौगर कहा जाता है पर सिर्फ नंबर के आधार पर यह पदवी दे देना सवाल छोड़ता है.

बात करें अगर सौरभ की उम्र की तो सौरभ महज 23 साल का है और उस ने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है. सौरभ एक ड्राइंग आर्टिस्ट भी है.

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