अपने समय के स्टार क्रिकेटर और भारतीय टीम के कप्तान रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन आजकल सुर्खियों में हैं, पर उन्होंने खुद कोई कारनामा नहीं किया है, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच कप्तानी को ले कर जो लड़ाई चल रही है, उस पर उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है, जिस से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी शक के दायरे में आ गया है. सब की जगहंसाई हो रही है, सो अलग.

आप को याद होगा कि यूएई में खेले गए ट्वैंटी20 वर्ल्ड कप के बीच में ही विराट कोहली ने अपनी टी20 की कप्तानी छोड़ दी थी और यह कमान रोहित शर्मा को सौंप दी गई थी. तब तक तो सबकुछ ठीक ही लग रहा था, पर बाद में विराट कोहली को जिस तरह

8 दिसंबर, 2021 को वनडे की कप्तानी से भी हटाया गया, वह अब विवादों में है. वैसे, फिलहाल विराट कोहली भारतीय टैस्ट टीम के कप्तान बने हुए हैं.

लेकिन तब मामला और ज्यादा उछला, जब खबर आई कि विराट कोहली वनडे मैचों में और रोहित शर्मा टैस्ट मैचों में खेलने से बच रहे हैं, क्योंकि वे एकदूसरे की कप्तानी में नहीं खेलना चाहते हैं.

इस खबर पर ही मोहम्मद अजहरुद्दीन ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को तकरीबन लताड़ते हुए अपने ट्वीट में लिखा था, ‘विराट कोहली ने जानकारी दी कि वे वनडे सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे, जबकि रोहित शर्मा चोट के चलते टैस्ट सीरीज में नहीं खेल पाएंगे. ब्रेक लेने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन टाइमिंग बेहतर होनी चाहिए. इस से दोनों के बीच तकरार की खबरों को और हवा मिलेगी.’

असल में यह सारी लड़ाई तब शुरू हुई थी, जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बिना किसी ठोस वजह के विराट कोहली को वनडे टीम की कप्तानी से भी हटा दिया था.

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इस मुद्दे पर विराट कोहली ने15 दिसंबर, 2021 को एक प्रैस कौंफ्रैंस में बताया कि सबकुछ पहले से ही तय हो गया था और मु?ा से कुछ पूछा ही नहीं गया. मेरे पास स्वीकार करने के अलावा कुछ नहीं बचा था.

एक सवाल का जवाब देते हुए विराट कोहली ने कहा, ‘‘टैस्ट टीम के सैलेक्शन को ले कर चीफ सैलेक्टर्स ने मु?ा से बात की थी. टैस्ट टीम सैलेक्शन के बाद 5 मुख्य चयनकर्ताओं ने मु?ो बताया कि मैं अब वनडे टीम का कप्तान नहीं हूं. इस पर मैं ने कहा… ओके. इस फैसले से पहले मु?ो कप्तानी से हटाए जाने को ले कर किसी से कोई भी बात नहीं हुई थी.’’

पर बाद में बात को संभालते हुए विराट कोहली ने यह भी कहा, ‘‘रोहित शानदार कप्तान और राहुल भाई काफी अनुभवी हैं. दोनों को मेरा सपोर्ट मिलता रहेगा. बीसीसीआई ने जो भी फैसला लिया है, वह सोचसम?ा कर ही लिया गया है.

‘‘मेरे और रोहित के बीच में कोई टकराव नहीं है. मैं हमेशा ही इस बात को क्लियर करकर के थक गया हूं. जब तक मैं क्रिकेट खेलूंगा, तब तक उस से भारतीय क्रिकेट को कोई नुकसान नहीं होने दूंगा.’’

विराट कोहली द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को लपेटे जाने के बाद बोर्ड के एक सीनियर अफसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि विराट से सितंबर में ही कप्तानी पर बात कर ली गई थी. उन्हें तभी टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने से रोकने की कोशिश हुई थी. जब वे नहीं माने तो तभी उन्हें चेतावनी दे दी गई थी कि ह्वाइट बाल क्रिकेट में टीम के 2 अलगअलग कप्तान नहीं हो सकते हैं.

याद रहे कि रोहित शर्मा को 8 दिसंबर, 2021 को भारत का वनडे और टी20 टीम का कप्तान बनाया गया था. कप्तानी पर विवाद को ले कर रोहित ने तब कहा था, ‘‘जब आप भारत के लिए क्रिकेट खेलते हो, तो आप पर हमेशा दबाव होता है. जब आप खेलते हो तो हमेशा लोग कुछ न कुछ कहेंगे. कोई पौजिटिव बातें करेगा, कोई नैगेटिव बातें करेगा. लेकिन मेरे लिए बतौर कप्तान नहीं, बल्कि एक क्रिकेटर के रूप में यह जरूरी है कि मैं अपने काम पर ध्यान दूं, न कि लोग जो कह रहे हैं उस पर. आप उस पर काबू नहीं पा सकते.

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‘‘टीम का हर खिलाड़ी इस बात को सम?ाता है कि जब हम हाई प्रोफाइल टूर्नामैंट खेलते हैं, तो बातें होती ही हैं. हमारे लिए यह जरूरी है कि अपने काम को सम?ों और वह है टीम के लिए मैच जीतना. हम जिस तरह के खेल के लिए जाने जाते हैं, वैसा खेलें. बाहर जो बातें होती हैं, उस के कोई माने नहीं हैं.

‘‘हमारे लिए अहम यह है कि एकदूसरे के बारे में हम क्या सोचते हैं. मैं ऐक्स, वाई, जैड के बारे में क्या सोचता हूं, यह अहम है. हम खिलाडि़यों के बीच एक मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं और इस तरह से हम यह रिश्ता बना पाएंगे. राहुल भाई (राहुल द्रविड़) भी इस में हमारी मदद करेंगे.’’

देखा जाए तो जब से सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बने हैं और उस के बाद राहुल द्रविड़ को भारत क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया है, तब से ही विराट कोहली और रवि शास्त्री के पर काटे गए हैं. इस टी20 वर्ल्ड कप में भारत को पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से पहले 2 अहम मुकाबले खेलने थे. भारत दोनों ही मैच हार गया था और बाद में सारे मैच जीतने के बाद भी वह सैमीफाइनल में जगह नहीं बना पाया था.

पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट कोहली ने अनुभवी औफ स्पिनर आर. अश्विन को नहीं खिलाया था, जिस का खमियाजा भारत को भुगतना पड़ा था. जबकि सौरव गांगुली ने तब कहा था कि विराट कोहली के कहने पर ही आर. अश्विन का चयन टीम में किया गया था.

हालांकि बाद के 3 मैचों में आर. अश्विन ने 6 विकेट लिए थे, इसलिए यह सवाल भी उठा कि विराट कोहली ने उन्हें पहले 2 मैच क्यों नहीं खेलने दिए? इस के बदले स्पिन गेंदबाज वरुण चक्रवर्ती को खेलने का मौका दिया था, जिन्होंने पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ एक भी विकेट नहीं लिया था.

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इस के बाद अगर हम विराट कोहली के कप्तानी के गुणों की बात करें, तो वे अग्रैसिव बहुत ज्यादा हैं, पर कभीकभार वे काफी उत्तेजित दिखाई देते हैं. वे महेंद्र सिंह धौनी जैसे कूल व शार्प कप्तान नहीं हैं और न ही रोहित शर्मा जैसे धीरगंभीर.

पिछले 2 साल की अपनी कप्तानी में विराट बल्लेबाजी पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाए हैं. हालिया न्यूजीलैंड टैस्ट सीरीज के दूसरे और आखिरी मैच में विराट ने पहली पारी में जीरो और दूसरी पारी में 36 रन बनाए थे.

विराट कोहली ने अपना आखिरी सैकड़ा 2 साल पहले बंगलादेश के खिलाफ पिंक बाल टैस्ट मैच में लगाया था. तब से ले कर अभी तक 13 टैस्ट मैचों में वे 26.04 की साधारण औसत से सिर्फ 599 रन ही बना पाए हैं. सभी फौर्मेट्स को मिला कर 57 पारियां हो गई हैं उन्हें सैंचुरी लगाए हुए.

वैसे, अब इस मसले पर लीपापोती की जा रही है और क्रिकेट से जुड़े दिग्गज यह बताने और जताने की कोशिश कर रहे हैं कि कप्तानी जाने के बाद भी विराट कोहली बतौर बल्लेबाज उतने ही आक्रामक रहेंगे, जैसी उन की इमेज है, पर रोहित शर्मा और उन की इस तनातनी से भारतीय क्रिकेट की किरकिरी तो हुई है, जिस की भरपाई तभी होगी, जब टीम में एकजुटता दिखाई देगी और वह दोबारा अपनी इमेज के मुताबिक खेल भी दिखाएगी.

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