बिहार के जिला बेगूसराय के इलाके साहेबपुर कमाल की चंदा बीबी का इश्क साल 2016 से ही राजीव कुमार से चल रहा था, जो पेशे से आटोरिकशा ड्राइवर था. दोनों पहली दफा बलिया के डिज्नीलैंड मेले में मिले थे और पहली नजर में ही एकदूसरे को दिल दे बैठे थे.
प्यार करने वाले धर्मकर्म, अमीरीगरीबी और जातपांत नहीं देखते, यह इन दोनों ने भी साबित कर दिखाया था, क्योंकि चंदा मुसलमान थी और राजीव हिंदू था. यह हकीकत सम?ाते हुए भी दोनों दिल के मारे अपने प्यार को शादी की मंजिल तक पहुंचाने के लिए कोई भी खतरा उठाने तैयार थे.
यहां तक कि दोनों अपने घर वालों से कह भी चुके थे कि अब कोई दीवार उन का रास्ता नहीं रोक सकती. तय है कि ये दोनों हर लिहाज से एकदूसरे के हो चुके थे, इसलिए घर और समाज से हार मानने को तैयार नहीं थे. इधर प्यार के दुश्मन भी मौका तलाश रहे थे कि कब इन्हें रंगे हाथ पकड़ें और इन की राह में जुदाई के कांटे बोए जाएं.
आखिर वह मौका 25 अगस्त, 2021 को मिल ही गया, जब राजीव बेसब्री से उस का इंतजार कर रही चंदा से मिलने रात को उस के घर जा पहुंचा. लेकिन इस बार चंदा के घर वाले चौकन्ने थे, जिन्होंने दोनों को प्यार करते देख लिया. बस, फिर क्या था. चंदा के घर वाले भूखे भेडियों की तरह राजीव पर टूट पड़े और उसे मारमार कर अधमरा कर दिया.
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चंदा अपने आशिक की पिटाई बरदाश्त नहीं कर पाई और उस ने जहर खा लिया. दोनों का इलाज चला, लेकिन बदनामी मुफ्त उन के हिस्से में आई. मामला चूंकि हिंदू लड़के और मुसलमान लड़की का था, इसलिए बात को दबा दिया गया.
ऐसा ही एक मामला बिहार के ही कटिहार से 14 नवंबर, 2021 को देखने में आया था. भवानीपुर का रहने वाला एक आशिक अपनी माशूका पार्वती (बदला हुआ नाम) से मिलने उस के गांव मोहना चांदपुर आदिवासी टोला जा पहुंचा.
समय वही सूरज ढलने के बाद का था. दोनों ने अभी अपनेअपने कपड़े खिसका कर सैक्स करना शुरू किया ही था कि एकाएक ही घात लगाए बैठे गांव वाले दोनों पर मधुमक्खियों की तरह टूट पड़े. उन दोनों की खासी धुनाई की गई और फिर उन्हें रातभर मवेशियों की तरह खूंटे से बांध कर रखा गया.
बाहर भी गारंटी नहीं
इन प्रेमियों की बड़ी परेशानी यह होती है कि सैक्स कहां करें. वैसे, सब से मुनासिब और महफूज जगह तो घर ही है, लेकिन वहां भी देखे और पकड़े जाने का खतरा कम नहीं. इस के अलावा सभी के घरों की बनावट ऐसी नहीं होती कि आशिक आसानी से सब से नजरें बचा कर दाखिल हो सके और इतमीनान से दोनों सैक्स कर सकें.
लेकिन खतरे बाहर भी कम नहीं हैं. भोपाल के नजदीक सीहोर की रहने वाली एक 24 साला लड़की करिश्मा (बदला हुआ नाम) की मानें, तो उसे भोपाल के बस कंडक्टर नरेश (बदला हुआ नाम) से इश्क हो गया और दोनों सैक्स करने के लिए राजी हो गए.
रजामंदी के बाद दिक्कत पेश आई जगह की, जिस के बाबत दोनों ने बस से ?ांक?ांक कर सिविल इंजीनियरों की तरह लोकेशन देखी, लेकिन हर जगह इमारतें खड़ी नजर आईं. कुछ जगहे ठीकठाक लगी, पर पकड़े जाने का डर वहां भी था.
आखिर में थकहार कर दोनों ने तय किया कि कोई सस्ता सा लौज या होटल में चला जाए, वहां कोई खतरा नहीं रहेगा.
नरेश की जानपहचान भोपाल के नजदीक के कुछ होटल वालों से थी लेकिन उन की मदद लेने में राज खुल जाने का डर था, इसलिए दोनों ने उज्जैन का रुख किया और रेलवे स्टेशन के पास एक लौज में कमरा ले लिया.
होटल के रजिस्टर में खानापूरी करने के बाद वे दोनों कमरे में पहुंचे, तो दरवाजा बंद कर एकदूसरे में गुंथ गए, क्योंकि मुद्दत से प्यारमुहब्बत और सैक्स की बातें दिन में बस में और रात में ह्वाट्सएप पर करतेकरते दोनों रातदिन सैक्स के ही सपने देखा करते थे.
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उज्जैन के लौज में यह सपना पूरा हुआ और दोनों ने जीभर कर खुद की और एकदूसरे की प्यास बु?ाई. अभी दोनों कपड़े ठीक कर के भोपाल वापस जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि फिल्मी स्टाइल में दरवाजा खटखटाया गया.
‘होगा कोई वेटर…’ यह सोचते हुए नरेश ने दरवाजा खोला तो सामने एक लेडी सबइंस्पैक्टर 2 सिपाहियों समेत खड़ी थी.
नरेश के तो होश फाख्ता हो गए, जब पुलिस वालों ने उन दोनों पर देह धंधे का इलजाम लगा डाला. जैसेतैसे मामला रफादफा हुआ, लेकिन इस में उन दोनों की जेब खाली हो गई.
गिड़गिड़ाने पर पुलिस वाली ने वापसी का किराया भर छोड़ा. इस तरह दोनों को सैक्स तकरीबन 4,000 रुपए का पड़ा.
जाएं तो जाएं कहां
तो फिर सैक्स की अपनी जरूरत पूरी करने के लिए प्रेमी जोड़े कहां जाएं? यह बहुत पेचीदा सवाल है. गांवदेहात में भी अब न पहले सी ?ाडि़यां, पेड़ और ?ारमुट हैं और न ही टीलेटोले बचे हैं. सड़कें बन जाने से वहां भी आशिक और माशूक आधा घंटे की तनहाई के लिए तरस जाते हैं.
शहर में पार्कों में भीड़ है, जहां बैठ कर प्रेमी बातें और थोड़ी छेड़छाड़ तो एकदूसरे से कर सकते हैं, लेकिन सैक्स नहीं कर सकते. पैसे वाले तो अपनी यह जरूरत दौड़ती कार में पूरी कर लेते हैं या एकांत में कहीं रोक कर कार के काले शीशे चढ़ा लेते हैं. दिक्कत कम पैसे वाले जोड़ों को ज्यादा होती है, जो बेचारे शांत और सूनी जगह के लिए तरस जाते हैं.
धर्मकर्म है एक सहारा
लेकिन प्रेमी जोड़े भी ‘तू डालडाल मैं पातपात’ वाली कहावत को अमल में लाते हुए यह ख्वाहिश पूरी कर ही लेते हैं, जिस में कभीकभी प्यार और सैक्स का दुश्मन धर्मकर्म ही उन का सहारा बनता है.
विदिशा की एक लड़की की मानें, तो उस ने पहली बार सैक्स धर्म की आड़ में ही किया था. दुर्गा ?ांकियों के दौरान उसे शाम को घर से जाने की इजाजत मिली, तो उस ने अपने बौयफ्रैंड को शहर से 3 किलोमीटर दूर बेतवा नदी के किनारे बने एक मंदिर में बुला लिया. पहले दोनों ने दर्शन किए और फिर मंदिर के नीचे जा कर ?ाडि़यों में सैक्स किया.
गुजरात का गरबा बहुत मशहूर है, जिस में नवरात्रि के दौरान लाखों नौजवान लड़केलड़की सैक्स करते हैं. इस पर हर साल खूब होहल्ला भी कट्टरवादी मचाते हैं, लेकिन इन्हें रोक नहीं पाते.
धार्मिक जलसों में इफरात से भीड़भाड़ होती है. ये प्रेमी दूर अकेले में जा कर सैक्स करते हैं और बाद में धूल ?ाड़ते फिर नाचनेगाने लगते हैं यानी धर्म के सहारे सैक्स करना महफूज है, जो सदियों से प्रेमी करते आ रहे हैं. ?ांकियों के दिनों में गुजरात में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में इफरात से कंडोम बिकते हैं.
साल 1973 में आई फिल्म ‘हीरा’ का आशा पारेख और सुनील दत्त पर फिल्माया गया एक गाना तब के नौजवानों में खूब मशहूर हुआ था. उस गाने के बोल थे, ‘मैं तु?ा से मिलने आई मंदिर जाने के बहाने…’
सहेलियों की लें मदद
बौयफ्रैंड से सैक्स करने में सहेलियों की मदद लेना ज्यादा कारगर साबित होता है. कैसे? इस का खुलासा करते हुए भोपाल की 20 साला गौरी बताती है कि उस ने अपनी सहेली खुशबू की मदद ली थी और अभी भी लेती रहती है.
खुशबू के घर जब कोई नहीं होता था, तब वह और उस का बौयफ्रैंड उस के घर पहुंच जाते थे और अंदर के कमरे में सैक्स का लुत्फ उठाते थे.
होता यह था कि जब तीनों को इतमीनान हो जाता था कि किसी ने नहीं देखा है तो खुशबू घर पर ताला लगा कर चली जाती थी और एहतियात के तौर पर ये भी अंदर से कुंडी लगा लेते थे.
फारिग हो जाने के बाद गौरी खुशबू को फोन कर देती थी. उस के आने के बाद दोनों एकएक कर निकल जाते थे. इस में खतरा कम है.
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गौरी बताती है कि क्योंकि कोई शक नहीं करता और कभी पकड़े भी गए तो आशिक को रिश्ते का भाई बता कर बचने का भी उस ने सोच रखा है. इस तरीके में जरूरी यह है कि सहेली भरोसेमंद हो और जरूरत पड़ने पर आप भी उस की इसी तरह मदद करें.
हालांकि होटल और लौज भी सहूलियत वाली जगह हैं, लेकिन इस में भी बहुत एहतियात बरतना जरूरी है. मसलन, दोनों के नाम से अलगअलग कमरे अलगअलग वक्त में लिए जाएं और फिर एक कमरे में सैक्स किया जाए. कमरे का सलीके से मुआयना भी कर लेना चाहिए कि उस में कहीं कैमरा न लगा हो.
पुलिस के खतरे से बचने के लिए नामपता सही लिखाना चाहिए और डरना नहीं चाहिए, क्योंकि पुलिस को भी यह हक नहीं कि वह ?ाठे मामले में फंसा सके. घर हो या होटल दोनों ही जगह रात के बजाय दिन में सैक्स प्लान करना कम खतरे वाला काम होता है, नहीं तो कभीकभी हालत चंदा और पार्वती जैसी भी हो सकती है.