विकास दलित था. उस का नाम विकास रखने पर गांव के दबंगों ने उस के परिवार को बहुत बड़ी सजा दी. विकास दिल्ली आ गया और यहां एक शबनम मौसी ने उसे पाला. एक दिन विकास को मैट्रो में एक खूबसूरत लड़की मिली, जो ऐसा काम करती थी, जिसे सुन कर विकास हैरान रह गया.
रोजाना सुबह औफिस के लिए मैट्रो पकड़ना और देर शाम को वापस लौटना, यही विकास की दिनचर्या थी. वह पिछले 4 साल से नोएडा में नौकरी कर रहा था. यह तो अच्छा है कि उस के औफिस से हौजखास ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए मैट्रो स्टेशन से उतर कर आटोरिकशा पकड़ कर औफिस पहुंचने में उसे बहुत ज्यादा समय नहीं लगता है.
मैट्रो में लोगों की भीड़ तो बहुत होती है, पर कोई किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता, हालचाल भी नहीं पूछता. हर कोई अपने में ही बिजी है और शायद मस्त भी है.
ज्यादातर लोग तो अपने मोबाइल में ही बिजी रहते हैं. किसी ने कानों पर ईयरफोन लगा रखा है, तो कोई किसी से मोबाइल पर बात कर रहा है. यह सब देख कर विकास को अपने गांव की याद आ गई.
विकास एक दलित परिवार में पैदा हुआ था. उस के बाबूजी बड़े लोगों के खेतों में मजदूरी करते थे और बदले में मिले पैसों से उन का घर चलता था, पर फिर भी बाबूजी और अम्मां यही चाहते थे कि विकास गांव से निकल कर शहर जा कर कुछ पढ़ाई करे और अपनी जिंदगी अच्छी तरह से बसर करे, पर उस समय 10 साल के विकास को कुछ पता नहीं था कि पढ़ाई की अहमियत क्या होती है या पढ़ाई करने के लिए क्या करना पड़ता है.
हां, इतना जरूर याद है कि गांव के लोग अकसर उस से उस के नाम का मतलब पूछा करते थे, जिस के बदले में विकास यही कहता कि ‘बाबूजी नाम धरे हैं, मुझे नहीं पता मतलबवतलब’.
पर, उस दिन गांव के एक बड़े आदमी का बेटा, जो शहर से पढ़ कर आया था, बाबूजी को गालियां देने लगा और जब बाबूजी बाहर निकले, तो उस ने पूछा कि उन्होंने अपने लड़के का नाम विकास क्यों रखा है?
बाबूजी हाथ जोड़ते हुए बोले थे, ‘‘मालिक, जब इस की मां पेट से थी, तब नेता लोग आ कर ‘विकासविकास’ चिल्लाते थे. यह नाम अच्छा लगा तो हम ने इस का नाम विकास रख दिया.’’
बाबूजी की इस बात पर उस लड़के ने अपने साथियों के साथ उन की पिटाई कर दी. विकास की अम्मां बहुत चिल्लाईं, पर उन सब ने बाबूजी को बहुत मारा था.
बाद में विकास ने जाना कि वे लोग ऊंची जाति के थे, जो एक दलित के द्वारा ऊंची जाति जैसा नाम रख लिए जाने से नाराज थे.
उस दिन के बाद से गांव में किसी ने विकास को विकास नाम से नहीं पुकारा था.
विकास को अम्मां की याद भी है. उस दिन अम्मां जंगलपानी के लिए खेत की तरफ गई थीं, पर फिर कभी वापस नहीं आई थीं.
लोगों ने बताया कि कुछ लोगों ने विकास की अम्मां के साथ गलत काम किया है. उस के बाद विकास की अम्मां कहां गई थीं, किसी को पता नहीं चला. शायद उन्होंने खुदकुशी कर ली थी.
अम्मां के साथ हुए गलत काम और उन की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने के लिए विकास के पिता थाने गए थे, पर रिपोर्ट नहीं लिखी गई. अलबत्ता, वापस आने पर गांव के दबंगों ने विकास के पिता को तब तक पीटा था, जब तक कि वे मर नहीं गए.
विकास ने यह सब अपनी आंखों से देखा था और वह इतना डर गया था कि तुरंत ही गांव से शहर जाने वाली सड़क पर नंगे पैर भागने लगा था. सिर पर सूरज चमक रहा था, पर वह तब तक भागा, जब तक भाग सकता था और फिर बेहोश हो कर सड़क पर गिर गया था.
जब विकास को होश आया, तब वह एक घर में था. एक ऐसा घर, जहां पर अजीब से दिखने वाले लोग थे. न वे मर्द जैसे दिख रहे थे और न ही औरतों की तरह दिख रहे थे. वहां की मुखिया को लोग ‘शबनम मौसी’ कह कर बुलाते थे और उन की बहुत इज्जत करते थे.
विकास को उन्होंने अपने पास रखा, पालापोसा और पढ़ायालिखाया. इस लायक बनाया कि वह बड़े शहर में जा कर नौकरी कर सके और अपनी अम्मां और बाबूजी का सपना पूरा कर सके.
विकास आज भी शबनम मौसी को फोन करता है और उन से अपना दुखदर्द बांटता है.
मैट्रो में कभीकभी ऐसा हो जाता है कि रोजाना चढ़ने वाले लोग आप को और आप उन को पहचानने लगते हैं. भले ही एकदूसरे से बोलचाल न हो, पर एक अनकहा रिश्ता तो कायम हो ही जाता है.
पिछले एक हफ्ते से विकास देख रहा था कि एक खूबसूरत सी मौडर्न लड़की उसे अकसर मैट्रो में दिख जाती है, जो एक जगह से चढ़ती तो है, पर उस के उतरने का स्टेशन कभी फिक्स नहीं रहता. कभी वह कहीं उतरती है, तो कभी कहीं और.
आज भी वह लड़की मैट्रो के अंदर आई और तीर की तरह विकास के पास पहुंच गई. दोनों चुपचाप खड़े रहे. अगले स्टेशन पर जब बैठने की जगह बनी, तो विकास ने इशारे से उसे बैठ जाने को कहा.
‘‘थैंक यू वैरी मच,’’ उस लड़की ने बैठते हुए कहा और कुछ देर बाद अपने नाश्ते का टिफिन विकास की तरफ बढ़ा दिया. उस में कुछ कटलेट और सौस था.
विकास ने भी बेतकल्लुफी से एक टुकड़ा उठा लिया. हालांकि वह नाश्ता कर के आया था, पर लड़की के उस की तरफ टिफिन बढ़ाने में इतना प्यार झलक रहा था कि वह मना न कर सका था.
‘‘बहुत टैस्टी है. थैंक यू,’’ विकास बोला, तो बदले में वह लड़की सिर्फ मुसकरा भर दी.
इस के बाद विकास ने लड़की के चेहरे पर एक भरपूर नजर डाली. कितनी खूबसूरत थी वह. गोरा रंग, होंठ थोड़े से मोटे, पर गुलाबी चमक लिए हुए और सुराहीदार गरदन, जिस पर बाईं तरफ एक काला तिल था, जो उस की गरदन को और खूबसूरत बना रहा था.
तभी लड़की का मोबाइल बजा. वह शांत हो कर किसी से बात करने लगी और फिर अगले स्टेशन पर ही वह लड़की उतर गई.
विकास को लगा कि जाते समय वह लड़की मुसकराएगी या कुछ बोलेगी, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था, बल्कि लड़की जब उतरी तो उस के चेहरे पर हलका सा तनाव था और जबड़े भी भिंचे हुए थे.
अगले 2 दिन तक वह लड़की मैट्रो में नजर नहीं आई. विकास को उस की कमी तो नहीं खल रही थी, पर अगर उस लड़की का नाम और मोबाइल नंबर उसे पता होता, तो फोन कर के उस का हालचाल ही पूछ लेता.
एक दिन की बात है, जब प्लेटफार्म पर ही वह लड़की विकास को दिख गई. विकास उस से बातचीत करने को बेताब था, वह लपक कर उस के पास पहुंच गया.
‘‘हैलो… तुम कहां थीं इतने दिन? बीमार थीं क्या?’’ विकास एकसाथ सबकुछ जान लेना चाहता था, पर इतने सारे सवालों के बदले में लड़की ने सिर्फ एक हलकी सी मुसकराहट के साथ उसे बताया कि वह किसी काम में बिजी थी.
‘‘क्या काम करती हो तुम? कहां है तुम्हारा औफिस और तुम ने अभी तक अपना नाम क्यों नहीं बताया?’’ विकास ने सब पूछ डाला, जिस के बदले में लड़की ने सिर्फ इतना जवाब दिया, ‘‘मेरा नाम मोनालिसा है और मेरा औफिस… यों सम?ा लो कि मैं औनलाइन काम करती हूं.’’
अब दोनों की मुलाकात हुए तकरीबन 2 महीने हो गए थे और इन 2 महीनों में विकास समझ चुका था कि उसे मोनालिसा से प्यार है, पर वह अपने बारे में कुछ और बातें साझ नहीं कर रही है, जैसे वह कहां काम करती है? कहां रहती है? उस के मांबाप कहां रहते हैं? आदि.
पर, अब विकास इन सवालों के जवाब अपने ढंग से जान कर रहेगा और उस ने यही किया. हर दिन की तरह विकास मोनालिसा से आज भी मैट्रो में मिला. मोनालिसा ने उसे नाश्ता खिलाया.
कुछ देर बाद जब मोनालिसा के मोबाइल पर फोन आया, तब वह मैट्रो से उतर कर जाने लगी.
विकास ने आज पहले से ही ठान रखा था कि वह मोनालिसा का औफिस देख कर रहेगा. वह मोनालिसा की नजर बचा कर उस का पीछा करने लगा.
मोनालिसा मैट्रो स्टेशन से बाहर निकल कर एक छाया वाली जगह पर रुक गई और फिर किसी से मोबाइल पर बात करने लगी. तकरीबन 20 मिनट के बाद वहां पर एक काले रंग की शानदार कार रुकी और मोनालिसा उस में बैठ गई.
इतनी शानदार कार में मोनालिसा को बैठते देख विकास को भी थोड़ा अचरज लगा, पर उस ने सोचा कि हो सकता है कि औफिस के किसी साथी की कार में मोनालिसा ने लिफ्ट मांग ली हो, पर अगले दिन जब मोनालिसा मैट्रो से किसी और स्टेशन पर उतर गई, तब विकास को थोड़ा शक हुआ कि किसी भी इनसान का औफिस किसी एक तय जगह पर होता है, पर मोनालिसा तो अलगअलग जगह पर उतरती है. यह कैसा काम? यह कैसा औफिस?
विकास आज भी उस का पीछा कर रहा था. पर, आज मोनालिसा किसी शानदार कार में नहीं, बल्कि एक टैक्सी में बैठ कर कहीं गई.
विकास की बेचैनी अब और भी बढ़ गई थी. उस ने तुरंत ही मोनालिसा को फोन लगाया, पर मोनालिसा ने फोन काट दिया. विकास महसूस कर रहा था कि उसे प्यार हो गया है और अब वह जल्द से जल्द शादी के बंधन में बंध जाना चाहता था, पर मोनालिसा और उस का राज गहराता जा रहा था.
रात के 9 बजे विकास ने एक बार फिर मोनालिसा को फोन लगाया, तो मोनालिसा ने उसे लड़खड़ाती आवाज में बताया कि उस ने इस समय एक महंगी वाली शराब पी हुई है, इसलिए वह उस से बात नहीं कर सकती. वह कल मैट्रो में उस से बात करेगी.
मोनालिसा शराब पीती है… पर, शराब तो आजकल सभी मौडर्न लड़कियां पीती हैं और वैसे भी विकास शराब को बुरा नहीं समझता था.
अगली सुबह जब मोनालिसा विकास से मिली, तो उस की आंखें गुलाबी हो रही थीं. यह शायद थकान के चलते था या नशे का खुमार अभी भी बाकी था.
आज वे दोनों ही एकसाथ एक ही प्लेटफार्म पर उतर गए और खाली पड़ी बैंच पर जा कर बात करने लगे.
थोड़ी देर की बातचीत के बाद मोनालिसा का कौफी पीने का मन करने लगा, इसलिए वे दोनों एक रैस्टोरैंट में गए, जहां पर कोने में खाली पड़ी टेबल पर बैठ गए.
विकास ने सीधेसीधे सवाल दागा, ‘‘मैं तुम से प्यार करता हूं और तुम से शादी करना चाहता हूं. क्या तुम शादी करोगी मुझ से?’’
मोनालिसा विकास का यह सवाल सुन कर सन्न रह गई, पर फिर उस ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘काश, मैं शादी कर सकती.’’
‘‘क्यों नहीं कर सकती? ’’ विकास ने पूछा.
‘‘तुम अभी मेरे बारे में कुछ नहीं जानते विकास, क्योंकि अगर जानते होते तो मुझे शादी का प्रस्ताव कभी न देते.’’
‘‘तो बताओ न अपने बारे में… कुछ बताती क्यों नहीं?’’ विकास ने तकरीबन चीखते हुए कहा.
मोनालिसा ने विकास की आंखों में देखते हुए बताना शुरू किया, ‘‘तो जान लो विकास कि मैं अपनी जिंदगी चलाने के लिए जिस्म का धंधा करती हूं… और इतना ही नहीं, मुझे एड्स भी है… बोलो, अब शादी करोगे मुझ से?’’
मोनालिसा का यह जवाब सुन कर विकास के हाथपैर सुन्न से होने लगे, उस की जबान सूख गई. इतनी खूबसूरत लड़की धंधेवाली कैसे हो सकती है? और उस के बाद यह एड्स जैसी जानलेवा बीमारी… कैसे हुआ यह सब?
‘‘क्या हुआ? मेरे बारे में जान कर तुम चुप क्यों हो गए? शादी करने का नशा कहां काफूर हो गया?’’ मोनालिसा ताना मारने वाले लहजे में कह रही थी.
विकास चुप रहा और तकरीबन 2 मिनट की चुप्पी के बाद उस ने बोलना शुरू किया, ‘‘पर, रोजीरोटी के लिए और भी बहुतकुछ किया जा सकता था. तुम ने जिस्म बेचना क्यों शुरू कर दिया?’’
इस सवाल के बदले मोनालिसा ने विकास को बताया कि उस के बौयफ्रैंड ने मोनालिसा के साथ रेप किया था, जिस से उसे एड्स हो गया था. उस के बाद जिंदगी में ज्यादा कुछ बाकी नहीं रह गया था, बस वह मर्दों से बदला लेना चाहती थी और उसे यही तरीका समझ आया.
मोनालिसा की बात सुन कर विकास ने बोलना शुरू किया, ‘‘मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम शराब पीती हो या तुम्हें किसी मजबूरी के चलते अपना जिस्म बेचना पड़ रहा है और तुम अलगअलग लोगों के साथ सोती हो. तुम ने अपने बारे में यह सब बता कर ईमानदारी दिखाई है.
‘‘अगर तुम न बताती तो मैं कभी नहीं जान पाता. और फिर आजकल शहर तो शहर, गांव में भी सैक्स संबंध बनाना आम होता जा रहा है. मुझ प्यार है तुम से और सच्चा प्यार यह सब नहीं देखता.’’
‘‘पर, तुम ने मेरी बीमारी के बारे में नहीं सुना क्या?’’ मोनालिसा बोली.
‘‘सुना भी और समझ भी कि तुम किसी और की गलती के चलते इस बीमारी से संक्रमित हो गई हो, पर लगता है कि तुम ने मेरे प्यार को पहचाना नहीं. सच्चा प्यार सिर्फ एकदूसरे के जिस्म को भोगते रहने का नाम नहीं है, बल्कि प्यार तो आशिक की कुरबानी मांगता है. अगर तुम से शादी करने के बाद मुझे एड्स हो भी जाता है तो क्या हुआ… हम साथ जी न सकेंगे तो कोई बात नहीं, एकसाथ मर तो सकेंगे.’’
विकास मानो आगे भी बहुतकुछ कहना चाह रहा था, पर उस की इतनी बातें मोनालिसा को यह यकीन दिलाने के लिए काफी थीं कि विकास उस से बहुत प्यार करता है.
मोनालिसा की जिंदगी में बहुत से ऐसे मर्द आ चुके थे, जिन्होंने उस से शादी का वादा तो किया था, पर उस की बीमारी के बारे में जान कर उस से दूर हो गए थे.
विकास और मोनालिसा की पिछली जिंदगी दुख से भरी हुई थी, जिस में कड़वापन तो था, पर प्यार के लिए जगह नही थी. आज दोनों के खालीपन को प्यार ने लबालब भर दिया था.
मोनालिसा जानती थी कि भायानक बीमारी के चलते वह ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाएगी. एक दिन वह गुमनामी में मर जाएगी, पर अब मरने से पहले वह जीभर कर जी लेना चाहती थी अपने प्यार विकास के साथ.
मोनालिसा ने विकास पर नजर दौड़ाई, जो शबनम मौसी को फोन लगा कर अपने प्यार के बारे में बता रहा था.
एक मैट्रो मोनालिसा के सामने से तेजी से गुजर रही थी और यह देख उस के मुंह से बरबस ही निकल पड़ा, ‘‘थैंक यू मैट्रो.’’