नीलम आज भी उसी सुनसान जगह पर उसी बिजली के खंभे के नीचे खड़ी थी, जहां वह अकसर ग्राहकों की राह देखती थी.
रात के तकरीबन 12 बज रहे थे और वह पिछले एक घंटे से यहां खड़ी थी. ऐसा कम ही होता था कि वह यहां आती और उसे कोई ग्राहक नहीं मिलता था.
शायद उस के ग्राहकों को भी यह बात मालूम हो गई थी कि वह यहीं मिलेगी. जिस ग्राहक को उस की जरूरत होती, वह उसे यहीं से उठा लेता था.
नीलम के ग्राहकों में सब तरह के लोग थे, कार वाले भी और बिना कार वाले भी. जिन के पास अपनी कोई गाड़ी नहीं होती थी, उन के लिए नीलम खुद गाड़ी का इंतजाम करती थी.
ऐसे ग्राहकों के लिए वह अजीत नाम के अपने एक जानपहचान वाले टैक्सी ड्राइवर की मदद लेती थी, जो उस के एक फोन पर उस की बताई गई जगह पर पहुंच जाता था.
नीलम खूबसूरत चेहरे और भरेभरे बदन की 26 साला लड़की थी. वह पिछले 5 साल से इस धंधे में लगी हुई थी. शुरूशुरू में उसे यह धंधा रास नहीं आया था, पर धीरेधीरे वह इस में रमती चली गई थी.
नीलम ने अपनी कलाई पर बंधी घड़ी पर एक नजर डाली, फिर अपने चारों ओर देखा. कहीं कोई हलचल नहीं थी. उसे लगा कि शायद आज उसे निराश लौटना पड़ेगा कि तभी दूर उसे किसी गाड़ी की हैडलाइट की रोशनी दिखाई पड़ी.
गाड़ी नीलम के पास आ कर रुकी और उस का पिछला दरवाजा खुला. अगले ही पल कोई भारी चीज उस से बाहर सड़क पर फेंकी गई और फिर कार तेजी से आगे बढ़ गई.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप