एक सुबह सोनम की मां महेश साहब के घर काम करने चली गई थी. बापू भी घर से दूर एक साइट पर मजदूरी करने चले गए थे. उस के बापू का 2-3 दिन बाद ही घर लौटना मुमकिन था.
मौका देख कर सोनम रवि के साथ घर से भाग गई. सोनम के पास एक बैग था, जिस में उस के कपड़े थे. रवि ने भी एक बैग में अपने कपड़े रख लिए थे.
बस तेजी से मुजफ्फरपुर की ओर भागी जा रही थी.
‘‘वहां पहुंचते ही हम मंदिर में जा कर शादी कर लेंगे. उस के बाद होटल में ठहरेंगे,’’ रवि ने कहा.
सोनम ने मुसकरा कर अपनी सहमति दे दी.
बस 2 घंटे बाद मुजफ्फरपुर पहुंच गई. रिकशे वाले ने उन्हें मंदिर तक पहुंचा दिया. सोनम ने नया सलवारसूट पहना था. उस की मांग रवि ने भर दी. मंदिर के पुजारी को रवि ने
501 रुपए की दक्षिणा दे दी. शादी का नाटक महज आधे घंटे में पूरा हो गया.
सोनम रवि की दुलहन बन गई थी. रवि और सोनम एक सस्ते से होटल में ठहरे थे. रात हो गई थी. आज रवि और सोनम की सुहागरात थी.
रवि के लिए सुहागरात तो एक बहाना था. सोनम का जिस्म पाने के लिए उस ने इतनी तरकीब लगाई थी. अब वह घड़ी आ गई थी. सोनम इसे सच्चा प्यार समझ रही थी.
सोनम पलंग पर बैठी थी. रवि ने उस के कपड़े उतार दिए. वह शरमा कर रवि की बांहों में सिमट गई. उस ने सोनम को बिछावन पर लिटा दिया और सैक्स करने लगा. हैवान ने उस की इज्जत पलभर में लूट ली थी.
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