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Writer- मीनू विश्वास

मारिया ने डाक्टर का शुक्रिया करते हुए फोन रख दिया. फिर उसे कई सवालों ने घेर लिया. पूरी रात यही सोचती रही कि न्यूयौर्क में ऐसा क्या हुआ होगा जो मार्गरेट की ऐसी हालत हो गई... सोचतेसोचते अचानक खयाल आया कि जब मार्गरेट सैकंड ईयर में थी तब वीडियो चैट के दौरान उस ने अपनी एक सहेली से भी बात करवाई थी, जो अमेरिकन थी. शायद एमिली नाम था. तब शायद उस समय उस का नंबर भी लिया था. उसे यह भी याद आया कि पिछले साल मार्गरेट ने कभी वीडियो चैट नहीं किया. अकसर फोन पर ही बातें करती थी. ये सब सोचतेसोचते कब उसकी आंख लगी और कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला.

सुबह उठते ही सब से पहले मारिया ने एमिला का नंबर तलाशना शुरू किया. एक पुरानी डायरी में वह नंबर लिखा करती थी. उस में एमिली का नंबर लिखा मिल गया. इसी बीच डाक्टर की अपौइंटमैंट का समय हो गया. अत: मारिया ने एमिली को शाम को फोन लगाना उचित समझा, क्योंकि अमेरिका में तब रात होती है जब भारत में दिन होता है.

बड़ी मुश्किल से मार्गरेट तैयार हुई डाक्टर से मिलने को और वह भी यह कह कर कि मारिया को कुछ डिसकस करना है स्वयं के विषय में. डाक्टर अमन ने पहले ही डाक्टर राजन को पूरा ब्योरा दे दिया था.

मारिया जब डाक्टर मुखर्जी के रूम में मार्गरेट के संग दाखिल हुई तब डाक्टर राजन ऐसे मिले जैसे वह मारिया को पहले से जानते हों, ‘‘हैलो मारिया, कैसी हैं आप और अगर मैं गलती नहीं कर रहा तो यह आप बड़ी बेटी है मार्गरेट... एम आई राइट?’’ मारिया ने हां में सिर हिला दिया. बातोंबातों में डाक्टर ने बहुत सी जानकारी निकाल ली मार्गरेट के विषय में और उस के हावभाव, आचरण से यह साबित हो ही रहा था कि वह किसी तनाव से ग्रस्त है. यों ही मजाक करते हुए पहले मारिया का ब्लडप्रैशर लिया, फिर बाद में हंसते हुए कहा कि चलो मार्गरेट आज तुम्हारा भी बीपी चैक कर लिया जाए...

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