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Writer- मीनू विश्वास

इन सब बातों को सुनने के बाद मारिया ने यह तय किया कि उसे रूथ को उस की गलतियों की सजा अवश्य दिलवानी है. मारिया ने एमिली से रूथ का पता जानने की इच्छा जताई तो एमिली ने बताया कि रूथ भी होस्टल में ही रहता था. उस के पास उस का पता नहीं है. एक संभावना थी शायद कालेज से पता मिल जाए पर उस के लिए कुछ जुगत लगानी होगी, क्योंकि अधिकतर कालेजों में पर्सनल डिटेल्स देना रूल्स के खिलाफ माना जाता है.

‘‘लड़ाई तो बस अभी शुरू ही हुई है,’’ मारिया ने एक लंबी सांस छोड़ते हुए कहा. उस ने हाथ जोड़ कर एमिली से रूथ का पता निकलवाने का आग्रह किया. एमिली ने मारिया को धैर्य बंधाते हुए कहा, ‘‘मैं पूरी कोशिश करूंगी... आप चिंता न करें.’’

एमिली को दिल से शुक्रिया कहते हुए मारिया ने उसे अपने गले से लगा लिया. फिर कहा, ‘‘तुम्हारी मदद की आवश्यकता मुझे आगे भी इस लड़ाई में पड़ती रहेगी. आशा करती हूं तुम मेरी हैल्प अवश्य करोगी.’’ एमिली ने दुख में सराबोर हो कहा, ‘‘एनी टाइम यू कैन कौल मी.’’

मारिया भारी मन से वहां से रुखसत हुई. वह यही सोच रही थी कि कैसे मार्गरेट ने इतनी तकलीफों का सामना किया होगा और अब सारी बातें जानने के बाद मार्गरेट के बदले और बेहाल स्वास्थ्य का कारण भी पता था. मारिया का मन तो कर रहा था कि रूथ बस कहीं से मिल जाए और वह उसे सरे बाजार नंगा कर बीच चौराहे में गोली मार दे. उस के भीतर गुस्से का ज्वालामुखी फट चुका था. इस ज्वालामुखी के शांत होने का सिर्फ एक ही उपाय था कि वह उसे सलाखों के पीछे देखे. पर यह इतना आसान भी नहीं था. मार्गरेट एक प्रवासी थी न्यूयौर्क में. इस रास्ते को तय करना बेहद मुश्किलों से भरा था, पर मारिया अब इन मुश्किलों से लड़ने के लिए स्वयं को तैयार कर चुकी थी.

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